उपसर्ग शब्द , उपसर्ग किसे कहते हैं उदाहरण , उपसर्ग ट्रिक , हिन्दी में उपसर्ग कितने है , प्रत्यय किसे कहते हैं , उपसर्ग किसे कहते हैं in Hindi , उपसर्ग किसे कहते हैं Class 9 , उपसर्ग के 50 उदाहरण , Show उपसर्ग क्या है 1) अव्यवस्था शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 2) आगमन शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 3) प्रख्यात शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 4) प्रत्युत्पन्नमति शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 5) बेइंसाफी शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 6)अपवाद शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 7) पराजय शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 8) प्रभाव शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 9) संस्कार शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 10) पुरोहित शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं यह भी पढ़े :प्रत्यय क्या है11) अवनत शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 12) विज्ञान शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 13) चिरायु शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 14) सुयोग शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 15) अत्यधिक शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 16) निर्वाह शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 17) उपकार शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 18) सुजन शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 19) सुगम शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं 20) सुपात्र शब्द में उपसर्ग क्या होता हैं Follow Our Social Media Join Our What's App GroupDownload Mobile AppJoin Our Telegram ChannelFollow Google NewsSubscribe Our YouTube ChannelJoin Our Facebook GroupFollow On Instagram Follow On Twitter लेकिन, उपसर्ग अक्षरों का समूह होते हुए भी स्वतंत्र नहीं है और न स्वतंत्ररूप से उसका प्रयोग ही होता है। जब तक किसी शब्द के साथ उपसर्ग की संगति नहीं बैठती, तब तक उपसर्ग अर्थवान् नहीं होता।संस्कृत में शब्दों के पहले लगने वाले कुछ निश्चित शब्दांशों को ही उपसर्ग कहते हैं और शेष को अव्यय। हिंदी में इस तरह का कोई अंतर नहीं है। हिंदी भाषा में ’उपसर्ग’ की योजना व्यापक अर्थ में हुई है। उपसर्गों की संख्याहिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं, वे संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के हैं। इन भाषाओं से प्राप्त उपसर्गों की संख्या इस तरह निश्चित की गई है: संस्कृत उपसर्ग – 19 हिंदी उपसर्ग – 10 उर्दू उपसर्ग – 12 इनमें से प्रत्येक इस प्रकार है – संस्कृत-हिंदी उपसर्गउपसर्गअर्थशब्दरूपअतिअधिक, ऊपर, उस पारअतिकाल, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यंत, अत्याचार, अत्युक्ति, अतिव्याप्ति, निभीतर, नीचे, अतिरिक्तनिदर्शन, निकृष्ट, निपात, नियुक्त, निवास, निरूपण, निमग्न, निवारण, निम्न, निषेध, निरोध, निदान, निबंध इत्यादि।निर्-निस्बाहर, निषेध, रहितनिर्वास , निराकरण, निर्भय, निरपराध, निर्वाह, निर्दोष, निर्जीव, नीरोग, निर्मल इत्यादि।पराउलटा, अनादर, नाशपराजय, पराक्रम, पराभव, परामर्श, पराभूत इत्यादि।परिआसपास, चारों ओर, पूर्ण, अतिशय, त्यागपरिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि, परिपूर्ण, परिवर्तन, परिणय, पर्याप्त, परिशीलन, परिदोष, परिदर्शन, परिचय इत्यादि।प्रअधिक, आगे, ऊपर, यशप्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसार, प्रस्थान, प्रलय, प्रमाण, प्रसन्न, प्रसिद्धि प्रताप, प्रपंच इत्यादि।प्रतिविरोध, बराबरी, प्रत्येक, परिवर्तनप्रतिक्षण, प्रतिध्वनि, प्रतिनिधि, प्रतिकार, प्रत्येक, प्रतिदान, प्रतिकूल, प्रतिवादी, प्रत्यक्ष, प्रत्युपकार इत्यादि।विभिन्नता, हीनता, असमानता, विशेषता विकास, विज्ञान, विदेश, विधवा, विवाद, विशेष, विस्मरण, विराम, विभाग,विकार, विमुख, विनय, विभिन्न, विनाश, इत्यादि।सम्पूर्णता, संयोगसंकल्प, संग्रह, संतोष, संन्यास, संयोग, संस्कार, संरक्षण, संहार, सम्मेलन, संस्कृत, सम्मुख, संग्राम, संसर्ग इत्यादि। 1 उपसर्ग क्या है?उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। उदाहरण: प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय।
उपसर्ग शब्द कौन कौन से हैं?हिन्दी के उपसर्ग. अ– अभाव, निषेध – अछूता, अथाह, अटल. अन– अभाव, निषेध – अनमोल, अनबन, अनपढ़. कु– बुरा – कुचाल, कुचैला, कुचक्र. दु– कम, बुरा – दुबला, दुलारा, दुधारू. नि– कमी – निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा. औ– हीन, निषेध – औगुन, औघर, औसर, औसान. भर– पूरा – भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार. सु– अच्छा – सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल. उपसर्ग शब्द कैसे बनाते हैं?उपसर्ग और प्रत्यय क्या होते हैं? शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
शब्दों में उपसर्ग कैसे लगाएं?उपसर्ग शब्द-निर्माण में बड़ा ही सहायक होता है।. शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना। जैसे- प्र + बल = प्रबल अनु + शासन = अनुशासन. शब्द के अर्थ को उलट देना। जैसे- अ + सत्य = असत्य अप + यश = अपयश. शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।. |