मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव NCERT प्रश्नोत्तरप्रश्न 1. Show प्रश्न 2. स्विस चीज (Swiss cheese) में पाये जाने वाले बड़े-बड़े छिद्र प्रोपिओनिबैक्टीरियम शारमैनाई नामक जीवाणु द्वारा अधिक मात्रा में उत्पन्न CO2, के कारण होते हैं। रॉक्यूफोर्ट चीज़ एक विशेष प्रकार के कवक पेनीसीलियम रॉक्वीफोर्टी (Penicillium roqueforti) की सहायता से तैयार किया जाता है। इस प्रकार के पनीर में विशिष्ट सुगंध होती है।। प्रश्न 3. इन जीवाणुओं में लैक्टोबैसीलस एसीडोफिलस (Lactobacillus acidphilous), लै.लैक्टिस (L. Lactis) व स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस (Streptococcus lactis) होते हैं। ये जीवाणु लैक्टिक अम्ल का उत्पादन करते हैं जो 45° से कम तापक्रम पर दुग्ध प्रोटीन को स्कंदित तथा आंशिक रूप से बचा देते हैं । आरंभ में दही को थोड़ी मात्रा में जामन (निवेश द्रव्य) के रूप में हल्के गर्म दूध में मिलायी जाती है। इस जामन में असंख्य लैक्टिक एसिड जीवाणु होते हैं जो उपयुक्त ताप पर कई गुना वृद्धि करते हैं जिसके फलस्वरूप दूध दही में परिवर्तित हो जाता है। यही नहीं इसमें Vit. B12 की मात्रा बढ़ने से पोषण संबंधी गुणवत्ता में भी सुधार आता है। दध से दही बनते समय लैक्टोबेसीलसलैक्टोज शर्करा को किण्वित कर लैक्टिक अम्ल में बदलते हैं तो स्ट्रेप्टोकोकस कैसीन प्रोटीन (दुग्ध प्रोटीन) को स्कंदित करते हैं। हल्के गर्म दूध में जामन डालने के पश्चात् लगभग 5 घण्टे में दही का निर्माण हो जाता है। प्रश्न 4. प्रश्न 5. पेनिसिलीन की खोज के बाद अनेक प्रतिजैविक जैसे टेट्रासाइक्लिन, कैनामाइसिन, नियोमाइसीन, ल्यूकोमाइसीन आदि को पृथक किया जा चुका है। इनका प्रयोग जीवाणु, कवक, विषाणु तथा अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। प्लेग, काली खाँसी, डिफ्थीरिया (गलघोंटू) लेप्रोसी (कुष्ठ रोग) जैसे भयानक रोग जिनसे संसार के लाखों लोग मरे हैं, इसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक ने हमारी क्षमता में वृद्धि किया तथा एक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है। प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. इस प्रकार के संबंधों से पादप को अनेक लाभ होते हैं जैसे मूलवातोढ़ (root born), रोगजनक के प्रति प्रतिरोधकता, लवणता तथा सूखे के प्रति सहनशीलता एवं विकास प्रदर्शित करते हैं। . सायनोबैक्टीरिया स्वपोषित सूक्ष्मजीव है जो जलीय तथा स्थलीय वायुमण्डल में विस्तृत रूप से पाये जाते हैं। इनमें बहुत-से जीव वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत करते हैं, जैसे- एनाबीना, नॉस्टॉक, ऑसिलेटोरिया आदि । नील-हरित शैवाल या सायनोबैक्टीरिया महत्वपूर्ण जैव उर्वरक हैं। ये मृदा में कार्बनिक पदार्थों को बढ़ाते हैं जिससे मृदा की उर्वरता बढ़ती है। वर्तमान में किसान इन्हीं जैव उर्वरकों का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। प्रश्न 11. दिए गए जल के तीन नमूनों में से नदी के जल का बी. ओ. डी. । (अ) 20mg/L है, अनुपचारित वाहित मल-जल का बी. ओ. डी.। सही लेबल इस प्रकार है (अ) नदी का जल (स्वच्छ
जल)। प्रश्न 12. प्रश्न 13. जिससे अब विश्वास होने लगा है कि सूक्ष्मजीव आहार के रूप में स्वीकार्य हो जायेंगे। सूक्ष्मजीवी स्पाइरूलाइना में प्रोटीन, खनिज, वसा, कार्बोहाइड्रेट तथा विटामिन प्रचुर मात्रा में विद्यमान हैं । इसका उपयोग पर्यावरणीय प्रदूषण को भी कम करता है । सूक्ष्मजीव जैसे मिथाइलोफिलस मिथाइलोट्रोपस की वृद्धि तथा बायोमास उत्पादन की उच्च दर से संभावित 25 टन तक प्रोटीन उत्पन्न कर सकते हैं। (2) मृदा-जैव उर्वरक एक प्रकार के जीव है, जो मृदा की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाते हैं । जैव उर्वरकों का मुख्य स्रोत जीवाणु, कवक तथा सायनोबैक्टीरिया होते हैं । लेग्यूमिनस पादपों की जड़ों पर स्थित ग्रंथियों का निर्माण राइजोबियम के सहजीवी संबंध द्वारा होता है। यह जीवाणु वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत कर कार्बनिक रूप में परिवर्तित कर देते हैं । पादप इसका उपयोग पोषकों के रूप में करते हैं। यह भी वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर कर सकते हैं। इस प्रकार मृदा में नाइट्रोजन अवयव बढ़ जाते हैं। प्रश्न 14. प्रश्न 15. मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरमानव कल्याण में सूक्ष्मजीव वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए 1. जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत सूक्ष्म जीवों (आँखों से न दिखने वाले) का अध्ययन करते हैं, ………… कहलाता है।
3. सही जोड़ी बनाइये I. ‘A’- ‘B’ 1. पेनिसिलिन – (a) पे. सिट्रिनम II. ‘A’ – ‘B’ 1. विटामिन प्रोड्यूसर – (a) ऐस्परजिलस III. ‘A’ – ‘B’ 1. पेनिसिलिन – (a) स्ट्रेप्टोमाइसिस वेनक्यूली प्रश्न 4.
मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न
16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
(4) नाइट्रोजन स्थिरीकरण-कई कवक जैसे-रोडोटुरुला (Rodotounula) नाइट्रोजन स्थिरीकरण द्वारा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। प्रश्न 4. सामूहिक रूप से इन जीवाणुओं को मीथेनोजेन (Methanogens) कहते हैं। इनमें सामान्य जीवाणु मीथेनोबैक्टीरिया है। पशुओं के मल को गोबर कहते हैं। जिसमें ये जीवाणु प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं, जो गोबर गैस (Gobar gas) अथवा बायो गैस (Biogas) का उत्पादन करते हैं। बायो गैस संयंत्र अथवा गोबर गैस संयंत्र एक बड़ा टैंक होता है जिसकी गहराई 10-15 फीट होती है, इस टैंक में अपशिष्ट संग्रहीत एवं गोबर की स्लरी (Slurry) भरी जाती है। स्लरी के ऊपर एक सचल ढक्कन रखा जाता है। जिसे गैस होल्डर (Gas holder) कहते हैं। सूक्ष्मजीवी सक्रियता के कारण अथवा मीथेनोजेन (Methanogenes) बैक्टीरिया की उपस्थिति में रासायनिक अभिक्रियाओं के फलस्वरूप गैस का निर्माण होता है। जिसके फलस्वरूप ढक्कन अर्थात् गैस होल्डर ऊपर की ओर उठ जाता है। बायो गैस संयंत्र में एक निकास होता है जिसकी सहायता से पाइप के द्वारा घरों में गैस की पूर्ति की जाती है। उपयोग में ली गई स्लरी दूसरे विकास द्वार से बाहर निकाल दी जाती है। इसका उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है | भारत में बायो गैस उत्पादन प्रौद्योगिकी को विकसित करने में निम्न का प्रमुख योगदान रहा है-
MP Board Class 12th Biology Solutions1 पनीर क्या है इसे किस प्रकार तैयार किया जाता है?पनीर (Cheese) घी निकाले हुए, अथवा पूर्ण दूध में यदि कोई अम्ल (जैसे नींबू का रस) मिला दिया जाय, या बछड़े के पेट से प्राप्त होने वाले रेनेठ नामक पदार्थ को दूध में डाल दिया जाय, तो दूध जम जाता है। इस क्रिया में छेना (केसीन) दूध के जल वाले भाग से अलग हो जाता है।
पनीर क्या है इसका संगठन बताइए?पनीर के पोषण मान एवं संगठन (Nutritive Value and Composition of Paneer): पनीर निर्माण में दूध में उपस्थित कुल वसा तथा प्रोटीन का 90% भाग पनीर में आ जाता है । साथ ही लगभग 50% मात्रा में दूध से खनिज तथा विटामिन भी पनीर में आते हैं जबकि 10% वसा व प्रोटीन एवं 50% खनिज व विटामिन व्हे में चले जाते हैं ।
पनीर में क्या क्या पाया जाता है?पनीर में वसा, कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य विटामिन और खनिज होते हैं (14)। वहीं शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। प्रोटीन शरीर को न सिर्फ ऊर्जा देता है, बल्कि मांसपेशियों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है (2)। वहीं, पनीर को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है (1)।
क्या पनीर और चीज़ एक ही है?सबसे बेसिक अंतर जो चीज़ और पनीर में होता है वो ये कि चीज़ इलास्टिक टेक्सचर का होता है और गर्म करते ही लिक्विड जैसा पिघल जाता है और पनीर गर्म करने के बाद भी सॉलिड स्टेट में ही रहता है। हालांकि, आप दोनों को ही फ्राई कर सकते हैं, बेक कर सकते हैं, रोस्ट कर सकते हैं, लेकिन दोनों के एंड प्रोडक्ट में अंतर आएगा।
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