Pratirodh Kya Hai : दोस्तों आज हम आप को प्रतिरोध के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने प्रतिरोध क्या है, प्रतिरोध का मात्रक, प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक इत्यादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। Show अक्सर कक्षा 9,10,11,12 के विद्यार्तियो को प्रतिरोध के बारे पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Pratirodh Kise Kahate Hain लिखा है। Table of Contents
Pratirodh Kya Hai In Hindiप्रतिरोध क्या है :- किसी चालक का वह गुणधर्म जो चालक में विद्युत धारा प्रवाह का अवरोध करता है विद्युत प्रतिरोध कहलाता है। इसे R से प्रदर्शित करते हैं। विद्युत धारा के प्रवाह में मुक्त इलेक्ट्रॉन अपनी गति में आयनों से टक्कर करते हैं तथा परमाणुओं से भी टक्कर करते हैं इस प्रकार मुक्त इलेक्ट्रॉनों की गति में अवरोध उत्पन्न होता है यही विद्युत प्रतिरोध है। ऐसी प्रतिरोध जिनको कुछ वांछित मान का बनाया जाता है प्रतिरोध कहलाता है। किसी चालक पर आरोपित विभवांतर और उस में प्रवाहित है विद्युत धारा के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहते हैं। अर्थात R=V/I Pratirodh Ka Matrakप्रतिरोध का मात्रक :- प्रतिरोध का SI मात्रक ओम(चिन्ह Ω) है। प्रतिरोध का विमीय सूत्र [ML²T⁻³A⁻²] है। Pratirodh Ko Prabhavit Karne Wale Karakप्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक : – प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले निम्न कारक हैं। 1. लंबाई पर : –लंबे तार का प्रतिरोध अधिक तथा छोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लंबाई l के अनुक्रमानुपाती होता है। R ∝ l 2. क्षेत्रफल : – पतले तार का प्रतिरोध अधिक तथा मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध R उसके क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाति होता है। R ∝1/A 3. पदार्थ की प्रकृति पर : – किसी चालक का प्रतिरोध R उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात यदि किसी चालक में इलेक्ट्रॉन की संख्या अधिक है, तो प्रतिरोध कम होगा। R∝1/n 4. ताप पर : – किसी चालक का प्रतिरोध श्रान्तिकाल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। ताप बढ़ाने पर श्रान्तिकाल का मान घट जाता है। और प्रतिरोध अधिक हो जाता है अतः ताप बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है। यह भी पढ़ें – विभवांतर किसे कहते है | विभवांतर का मात्रक | Vibhavantar Kise Kahate Hain विभव किसे कहते है | मात्रक | स्थिर विद्युत विभव | Vibhav Kise Kahate Hain विभवमापी क्या है | विभवमापी का सिद्धांत | अनुप्रयोग | Vibhav Mapi Kya Hai हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Pratirodh Kya Hai आपको पसंद आयी होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उससे प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को उसका विद्युत प्रतिरोध (electrical resistannce) कहते हैं।इसे ओह्म में मापा जाता है। इसकी प्रतिलोमीय मात्रा है विद्युत चालकता, जिसकी इकाई है साइमन्स। R=VI{\displaystyle R={\frac {V}{I}}}जहां R वस्तु का प्रतिरोध है, जो ओह्म में मापा गया है, J·s/C2के तुल्यV वस्तु का विभवांतर है, जिसे वोल्ट में मापा जाता हैं।I वस्तु से होकर जाने वाली विद्युत धारा है, एम्पीय़र में मापी गयी।बहुत सारी वस्तुओं में, प्रतिरोध विद्युत धारा या विभवांतर पर निर्भर नहीं होता, यानी उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है। भिन्न-भिन्न V-I वैशिष्ट्य, जो अलग-अलग प्रतिरोध के सूचक हैं समान धारा घनत्व मानते हुए, किसी वस्तु का विद्युत प्रतिरोध, उसकी भौतिक ज्यामिति (लम्बाई, क्षेत्रफल आदि) और वस्तु जिस पदार्थ से बना है उसकी प्रतिरोधकता का फलन है। R=l⋅ρA{\displaystyle R={l\cdot \rho \over A}\,}जहाँ l उसकी लम्बाई हैA अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल है, औरρ वस्तु की प्रतिरोधकता हैइसकी खोज जार्ज ओह्म ने सन 1820 ई. में की। [1], विद्युत प्रतिरोध यांत्रिक घर्षण के कुछ कुछ समतुल्य है। इसकी SI इकाई है ओह्म (चिन्ह Ω) prtrodh=volt/ampiyer प्रतिरोध क्या है इसका एस आई मात्रक क्या होता है?Solution : यदि किसी बंद परिपथ के संयोजित चालक में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाये तो उसके सिरों के मध्य विभवान्तर और प्रवाहित धारा के सामर्थ्य में एक निश्चित अनुपात होता है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। प्रतिरोध का S.I. मात्रक ओम `(Omega)` होता है।
प्रतिरोध क्या है इसका सूत्र एवं मात्रक लिखे?प्रतिरोध का मात्रक
इसका मात्रक वोल्ट/ऐम्पियर अथवा ओम होता है जिसे ग्रीक अक्षर Ω ओमेगा से व्यक्त किया जाता है। यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभवान्तर लगाने पर चालक में 1 एंपियर धारा बहने लगे तो उसका प्रतिरोध ओम होता है।
प्रतिरोधकता से आप क्या समझते हैं?प्रतिरोधकता किसी पदार्थ का वह गुण है जो यह दर्शाता है की वह कितनी तीव्रता से धारा के प्रवाह का विरोध करेगा। प्रतिरोधकता को ही पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध (specific electrical resistance) भी कहते है। प्रतिरोधकता का मात्रक Ω. m होता है तथा विमा M 1L 3T -3A -2 है।
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