मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है हिंदी में? - mishrit arthavyavastha kya hai hindee mein?

एक मिश्रित अर्थव्यवस्था एक ऐसी अर्थव्य्वस्था है जो अलग-अलग मार्केट एवं आर्थिक योजनाओं का मिश्र्ण है, जिस्में निजी क्षेत्र और राज्य अर्थ्व्य्वस्था का निर्देशन करते हैं; या फिर एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिस्में सार्वजनिक स्वामित्व तथा निजी स्वामित्व का मिश्रण हो; या जिस्में आर्थिक हस्तक्षेपवाद का मिश्रण मुक्त मार्केटों के सहित हो। अधिकांश मिश्रित अर्थव्यवस्था मार्केट अर्थव्यवस्था हैं जो प्रबल विनियामक निरीक्षण एवं सार्वजनिक वस्तुओं का सरकारी प्रावधान के आधार पर चलते हैं। सामान्य तौर पर मिश्रित अर्थव्यवस्था उत्पादन के साधनों के निजी स्वामित्व की विशेषता है,आर्थिक समन्वय के लिए मार्केटों का प्रभुत्व, लाभ प्राप्ति करने वाले उद्यम एवं पूंजी का संचय आर्थिक गतिविधियों के सबसे महत्त्वपूर्ण संचालक शक्ति हैं। लेकिन एक मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के विपरीत, सरकार समाज कल्याण को बढ़ावा देने की हस्तक्षेप करने में एक भूमिका निभा रहा है के साथ साथ आर्थिक विवशता और वित्तीय संकट और बेरोजगारी की ओर पूंजीवाद की प्रवृत्ति प्रतिक्रिया करने के लिए डिज़ाइन किया गया राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के माध्यम से अर्थव्यवस्था पर अप्रत्यक्ष व्यापक आर्थिक प्रभाव भी कर रहा है। एक आर्थिक आदर्श के रूप में,मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं जैसे कि सोशल डेमोक्रेट या क्रिश्चियन डेमोक्रेट के रूप में विभिन्न राजनीतिक दलों। आम तौर पर सेंटर-लेफ्ट और सेंटर-राईट के लोगों के द्वारा समर्थित हैं। समर्थकों मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं को एक समझौते के रूप में समझते हैं राज्य समाजवाद और मुक्त मार्केटों के बीच में जिसका भी बेहतर प्रभाव है। .

1 संबंध: अर्थव्यवस्था।

अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों का व्यवहारिक कार्य रूप है। .

मिश्रित अर्थव्यवस्था में सरकारी तथा निजी दोनों क्षेत्र एक साथ कार्य करते है। सरकारी क्षेत्र सरकार के संचालन व प्रबन्ध में ही रहता है तथा निजी क्षेत्र भी सरकार के द्वारा नियंत्रित होता है। निजी क्षेत्र सार्वजनिक हित के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता। इस प्रकार मिश्रित अर्थव्यवस्था उत्पादन व अन्य आर्थिक गतिविधियों का समाजीकरण तथा पूर्ण आर्थिक स्वतन्त्रता में आस्था वाली विचारधाराओं का संयोजन है।

Contents

  • मिश्रित अर्थव्यवस्था
    • परिभाषाएं
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं
    • 1. लोक व निजी क्षेत्र का विभाजन
    • 2. सार्वजनिक व निजी क्षेत्र का एक साथ विकास
    • 3. लोकहित
    • 4. राजकीय नियंत्रण
    • 5. उद्योगों का वर्गीकरण
    • 6. विभिन्न क्षेत्रों का अस्तित्व
    • 7. आर्थिक नियोजन
    • 8. अन्य विशेषताएं

मिश्रित अर्थव्यवस्था

मिश्रित अर्थव्यवस्था मे पूँजीवाद व समाजवाद दोनों की विशेषतायें पायी जाती हैं। अर्थव्यवस्था में पूँजीवाद व समाजवाद के मध्य का मार्ग अपनाया जाता है। इसका उद्देश्य मानवीय कल्याण को बढ़ाना होता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था मे पूँजीवाद व समाजवाद दोनों की विशेषतायें पायी जाती हैं। अर्थव्यवस्था में पूँजीवाद व समाजवाद के मध्य का मार्ग अपनाया जाता है। इसका उद्देश्य मानवीय कल्याण को बढ़ाना होता है।

मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है हिंदी में? - mishrit arthavyavastha kya hai hindee mein?
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परिभाषाएं

इसे विभिन्न विद्वानों द्वारा अग्रवत परिभाषित किया गया है –

मिश्रित अर्थव्यवस्था की पूर्व धारणाओं में से एक धारणा यह है कि मिश्रित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत उत्पादन एवं उपभोग से सम्बद्ध मुख्य निर्णयों को प्रभावित करने में निजी संस्थानों को स्वतन्त्र पूँजीवादी व्यवस्था के अधीन प्राप्त स्वतन्त्रता से कम स्वतन्त्रता प्राप्त होती है तथा सार्वजनिक उद्योग सरकार के कठोर नियंत्रण से मुक्त होते हैं।

जे. डब्ल्यू. ग्रोव के अनुसार

मिश्रित अर्थव्यवस्था को निजी और सरकारी स्वामित्व या नियंत्रित उपक्रमों की एक मिली-जुली व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें व्यावसायिक क्रिया अनेक व्यावसायिक स्वरूपों अथवा अवस्थाओं द्वारा संचालित की जाती है न कि केवल एक के द्वारा।

मुण्ड एवं रोनाल्ड वोल्फ के शब्दों में

उत्पत्ति के साधनों का समाजीकरण आर्थिक शान्ति के लिए आवश्यक है और जितना शीघ्र यह हो जाता है उतना ही उत्तम है।

ए. सी. पीगू के अनुसार

मिश्रित अर्थव्यवस्था, एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था है जिसमें समुदाय के सभी वर्गों के आर्थिक कल्याण के संवर्धन के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र को विशेष भूमिकाएँ दी जाती है।

जे. डी. खत्री के अनुसार

इस प्रकार मिश्रित अर्थव्यवस्था पूँजीवाद एवं समाजवाद का मिला-जुला रूप है। इस प्रणाली के अन्तर्गत कुछ उपक्रमों पर सरकार का स्वामित्व एवं प्रबन्ध होता है तथा कुछ पर निजी उपक्रमों का स्वामित्व व नियंत्रण होता है। सरकार सार्वजनिक सेवाएं देती हैं जबकि उपभोक्ता माल उद्योगों पर निजी उपक्रमों का स्वामित्व होता है। कुछ उद्योगों में सरकारी व निजी उद्योग सहयोग करते हैं। सरकार निजी उद्योगों पर निगरानी रखती है।

वर्तमान अर्थव्यवस्था के सफल संचालन हेतु मिश्रित अर्थव्यवस्था से ठीक माना जाता है क्योंकि इस अर्थव्यवस्था में सरकार द्वारा विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का आवंटन विभिन्न क्षेत्रों में उनके महत्व, प्रभाव, क्षेत्र कल्याणकारी तत्व शोषणकारी तत्व के आधार पर किया जाता है ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग समाज के कल्याण हेतु किया जा सके। मिश्रित अर्थव्यवस्था उदार अर्थव्यवस्था का रूप ले लेती है जिसमें मानवीय मूल्यों आर्थिक विकास व समाज कल्याण को एकीकृत किया जाता है।

मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं

  1. लोक व निजी क्षेत्र का विभाजन – मिश्रित अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र का स्पष्ट व निश्चित विभाजन होता है। ये दोनों क्षेत्र एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करते हैं।
  2. सार्वजनिक व निजी क्षेत्र का एक साथ विकास – समग्र आर्थिक विकास हेतु सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों की भूमिकाओं को परिभाषित करना तथा इनका साथ-साथ विकास करना मिश्रित अर्थव्यवस्था का आवश्यक लक्षण है।
  3. लोकहित – मिश्रित अर्थव्यवस्था लोकहित को सर्वोच्च वरीयता दी जाती है। इस प्रकार निजी क्षेत्र को नियंत्रित व निर्देशित करती है।
  4. राजकीय नियंत्रण – राजकीय अर्थव्यवस्था में सरकार द्वारा नियंत्रण हेतु अनेक विधियों, नियमों, नीतियों को तय किया जाता है तथा यह प्रयास किया जाता है। कि निजी क्षेत्र राष्ट्रीय लक्ष्यों की पूर्ति में सहयोग करे।
  5. उद्योगों का वर्गीकरण – मिश्रित अर्थव्यवस्था में उद्योगों का अग्रवत बाँटा जाता है –
    1. कुछ विशिष्ट माल एवं सेवाये सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों द्वारा उत्पादित की जाती है। जबकि कुछ माल व सेवाएं निजी क्षेत्र के लिए आरक्षित होती हैं।
    2. कुछ क्षेत्र सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के लिए होते हैं।
    3. कुछ विशिष्ट माल एवं सेवाओं हेतु संयुक्त क्षेत्र में उद्योग स्थापित किये जाते हैं।
  6. विभिन्न क्षेत्रों का अस्तित्व – मिश्रित अर्थव्यवस्था का यह महत्वपूर्ण लक्षण है कि इसमें विभिन्न क्षेत्र जैसे सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, सहकारी क्षेत्र को शामिल किया जाता है तथा इनके प्रभावी प्रचालन हेतु प्रयास किये जाते हैं। समाज एवं सरकार को इन क्षेत्रों से लाभ मिलता है।
  7. आर्थिक नियोजन – मिश्रित अर्थव्यवस्था में पूँजीवाद एवं समाजवाद दोनों के गुण पाये जाते हैं तथा लोक क्षेत्र च निजी क्षेत्र का अस्तित्व होता है।

    मिश्रित अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ होता है?

    एक मिश्रित अर्थव्यवस्था एक ऐसी अर्थव्य्वस्था है जो अलग-अलग मार्केट एवं आर्थिक योजनाओं का मिश्र्ण है, जिस्में निजी क्षेत्र और राज्य अर्थ्व्य्वस्था का निर्देशन करते हैं; या फिर एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिस्में सार्वजनिक स्वामित्व तथा निजी स्वामित्व का मिश्रण हो; या जिस्में आर्थिक हस्तक्षेपवाद का मिश्रण मुक्त मार्केटों के सहित ...

    मिश्रित अर्थव्यवस्था के उदाहरण क्या है?

    भारत मिश्रित अर्थव्यवस्था का सबसे अच्छा उदाहरण है। यहाँ भारत की रेलवे प्रणाली पर विचार करें उसी का एक उदाहरण है, वास्तव में ऐसा होता है कि रेलगाड़ियों का स्वामित्व सरकार के पास होता है लेकिन रेलवे स्टेशनों का स्वामित्व भी पूँजीपति के पास होता है।

    मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है pdf?

    मिश्रित अर्थव्यवस्था का अभिप्राय है सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के बीच भेद तथा सद्भाव कायम करना । इसके तहत बाजार क्रियाविधि को स्वतंत्र संचालन की इजाजत नहीं दी जाती, तथा सरकार निजी क्षेत्र में हस्तक्षेप अथवा नियंत्रण इस तरह से जारी रखती है ताकि दोनों क्षेत्र एक दूसरे को सुदृढ़ बनाने लगें।

    मिश्रित अर्थव्यवस्था का जनक कौन है?

    एडम स्मिथ को मिश्रित अर्थव्यवस्था के जनक के रूप में जाना जाता है।