इस पेज पर हम वृत्त की समस्त जानकारी को पड़ेगें तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने वर्ग और आयत की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को जरूर पढ़े। चलिए आज हम वृत्त की समस्त जानकारी को पढ़ते और
समझते हैं। वृत्त क्या हैंवृत्तवह घिरा हुआ तल जो एक निश्चित बिंदु से हमेशा समदूरस्थ होता हैं वृत्त कहलाता हैं। अर्थात किसी निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता हैं। वृत्त के वक्र समतल आतंरिक एवं बाह्य को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं। वृत्त एक ऐसी बिंदु का बिंदुपथ हैं, जो इस तरह घूमता हैं कि उसकी दूरी एक स्थिर बिंदु से सदैव बराबर रहती हैं स्थिर बिंदु को वृत्त का केंद्र, अचल दूरी को वृत्त की त्रिज्या तथा बिंदु पथ को परिधि कहते हैं। केंद्र से गुजरने वाली वह सीधी रेखा जो वृत्त को दो बराबर भागों में विभक्त करती हैं वृत्त का व्यास कहलाती हैं वृत्त का व्यास उसकी त्रिज्या का दोगुना होता हैं। किसी वृत्त की परिधि की लम्बाई उसकी व्यास की लम्बाई की लगभग 22/7 गुना होती हैं इसे ग्रीक अक्षर π द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं अक्षर π को हिंदी में पाई पढ़ा जाता हैं। जहाँ π = परिधि/व्यास = 22/7 = 3.1428571 होता हैं। वृत्त के सूत्र
वृत्त के भागएक वृत्त में पदों और उनके गुणों के आधार पर अलग-अलग भाग होते हैं चलिए नीचे दिए विभिन्न भागों को पढ़ते और समझते हैं। 1. केंद्र किसे कहते हैंवह बिंदु जो वृत्त के सभी बिंदुओं से समान दूरी पर स्थिर होता है। अर्थात वह निश्चित बिंदु जो वृत्त के मध्य स्थिर होता है केंद्र कहलाता है। 2. त्रिज्या किसे कहते हैंवृत्त में केंद्र से परिधि तक की दूरी को त्रिज्या कहते है। वृत्त में असंख्य त्रिज्याएँ होती है। सभी की लम्बाई आपस में समान होती है। 3. व्यास किसे कहते हैंवृत्त की दो बराबर भागों में बांटने वाली रेखाखंड को व्यास कहते है। अर्थात वृत्त में दो बिंदुओं के बीच की सबसे बड़ी दूरी व्यास कहलाती है। यह वृत्त की सबसे बड़ी जीवा भी होती है जो त्रिज्या की दोगुनी होती है। 4. अर्द्धवृत्त किसे कहते हैंअर्द्ववृत्तकिसी वृत का अर्ध भाग अर्द्धवृत्त कहलाता हैं। इसके चाप के अन्तिम दोनों बिन्दुओं को केन्द्र से जोड़ने वाली रेखाएँ मिल कर एक ऋजु रेखा का निर्माण करती हैं। अर्द्धवृत्त के कोण का मान सदैव 180° होता हैं। यही कोण की रेखा व्यास कहलाती है। जब एक रेखा वृत्त की परिधि के दो बिंदु को मिलाते हुए ऐसे रेखा खीचीं जाये कि वह उस वृत्त के केन्द्र से गुजरे तो उसे व्यास रेखा कहते हैं। अर्द्धवृत्त के सूत्र
5. स्पर्श रेखा किसे कहते हैंकिसी वृत्त के एक बिंदु से गुजरनेवाला रेखा स्पर्श रेखा कहलाती है। अर्थात वह रेखा जो केवल वृत्त के बाह्य बिंदु को स्पर्श करता हो स्पर्श रेखा कहलाता है। 6. चाप किसे कहते हैंपरिधि पर स्थित किन्हीं दो बिंदुओं को मिलाने वाली सीधी रेखा को वृत्त की चाप कहते हैं। 7. जीवा किसे कहते हैंवृत्त के किसी दो हिस्सों में विभाजित करने वाली रेखाखंड जीवा कहलाती है। अथवा वृत्त के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जानेवाली रेखाखंड को जीवा कहते है। 8. त्रिज्याखण्ड किसे कहते हैंत्रिज्याखण्डवृत्त की दो त्रिज्याओं और संगत चाप से घिरे क्षेत्र को त्रिज्याखण्ड कहते हैं। त्रिज्याखण्ड को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया हैं।
Note :-
त्रिज्याखण्ड के सूत्र
9. वृत्तखण्ड किसे कहते हैंवृत्त के एक जीवा और सांगत के चाप से घिरा क्षेत्र वृत्तखंड कहलाता है इसे सामान्यतः दो भागों में बाँटा गया है. जैसे :-
10. परिधि किसे कहते हैंवृत्त को घेरने वाली वक्र रेखा की लम्बाई परिधि कहलाती है अर्थात वृत्त के बाहरी घेरे को परिधि कहा जाता हैं 11. छेदक किसे कहते हैंकिसी भी वृत्त के दो बिन्दुओं से गुजरने वाली रेखा छेदक कहलाती है अर्थात वह रेखा जो वृत्त के दो अलग-अलग बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती हो वह छेदक कहलाती हैं वृत्त की विशेषताएँ
व्रत के सवालQ.1 100 यदि किसी वृत्त का परिमाप और क्षेत्रफल का माप समान हो, तो वृत्त का अर्ध व्यास हैं? हल:- प्रश्नानुसार, Q.2 एक व्रत की त्रिज्या को दुगुना कर दिया जाए तो उसका क्षेत्रफल मूल वृत्त के क्षेत्रफल का कितना गुना होगा? हल:- प्रश्नानुसार, Q.3 यदि
किसी व्रत की त्रिज्या दूनी कर दी जाए तो नए वृत्त की परिधि तथा व्यास में क्या अनुपात होगा? हल:- प्रश्नानुसार, Q.4 10 सेंटीमीटर त्रिज्या वाले व्रत की त्रिज्या 4 सेंटीमीटर कम कर दी गई हैं तो क्षेत्रफल हास का प्रतिशत होगा? हल:- प्रश्नानुसार, Q.5 यदि किसी व्रत की त्रिज्या में 50% कमी कर दी जाए तो उसका क्षेत्रफल कम होगा? हल:- प्रश्नानुसार, Q.6 यदि किसी वृत्त की त्रिज्या में 100% की वृद्धि
की जाए, तो उसके क्षेत्रफल में कितने प्रतिशत की वृद्धि होगी? हल:- प्रश्नानुसार, Q.7 यदि एक व्रत के अर्धव्यास में 50% की कमी कर दी जाए तो उसकी परिधि में कमी हो जाएगी? हल:- प्रश्नानुसार, Q.8 40 सेंटीमीटर व्यास वाले एक पहिए द्वारा 176 मीटर दूरी तय करने में लगाए गए चक्करों की संख्या होगी? हल:- प्रश्नानुसार, Q.9 एक वृतीय अंगूठी की आंतरिक तथा बाह्य परिधियां क्रमशः 22 सेंटीमीटर तथा 44 सेंटीमीटर हैं। अंगूठी की चौड़ाई होगी? हल:- प्रश्नानुसार, Q.10 दो समकेंद्रीय व्रतों की परिधियां क्रमशः 352 सेंटीमीटर तथा 262 सेंटीमीटर हैं। उनकी त्रिज्याओं का अंतर होगा? हल:- प्रश्नानुसार, उम्मीद हैं आपको वृत्त की जानकारी पसंद आयी होगीं। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए। वृत की परिधि के आंशिक भाग को क्या कहते हैं?चाप (Arc): वृत्त की परिधि का कोई भी भाग।
वृत्त के अर्थ भाग को क्या कहते हैं?यूक्लिड अल्गोरिथम के अनुसार, Vrit एक ऐसी आकृति है जो एक रेखा से घिरा हुआ एकविमीय समतल होता है. उस समतल पर निश्चित बिंदु से लेकर उस रेखा तक खींची गई सभी रेखाएं बराबर होती हैं. अर्थात, एक समतल पर केंद्र से खींचे गए बिंदुओं को वृत्त के रूप में परिभाषित किया जाता है.
वृत की परिधि क्या कहलाती है?वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई को 'परिधि' कहा जाता हैं।
वृत्त के कितने भाग होते हैं?वृत्त क्या हैं
अर्थात किसी निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता हैं। वृत्त के वक्र समतल आतंरिक एवं बाह्य को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं।
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