दिल्ली सल्तनत काल के प्रमुख राजवंश एवं शासकों की सूची: (Delhi Saltnat Rulers and History in Hindi) दिल्ली सल्तनत काल का इतिहास: दिल्ली सल्तनत (1210 से 1526 तक) भारत पर शासन करने वाले 5 वंश के सुल्तानों के शासनकाल को कहा जाता है। दिल्ली सल्तनत पर राज पाँच वंशों में चार वंश मूल रूप तुर्क थे जबकि अंतिम वंश अफगान था। ये पाँच वंश गुलाम वंश (1206-1290), ख़िलजी वंश (1290- 1320), तुग़लक़ वंश (1320-1423), सैय्यद वंश (1424-1452), तथा लोदी वंश (1452-1526) हैं। Show मोहम्मद ग़ौरी का गुलाम कुतुब-उद-दीन ऐबक इस वंश का पहला सुल्तान था। ऐबक का साम्राज्य पूरे उत्तर भारत तक फैला था। इसके बाद ख़िलजी वंश ने मध्य भारत पर कब्ज़ा किया परन्तु भारतीय उपमहाद्वीप को संगठित करने में असफल रहा। इस सल्तनत ने न केवल बहुत से दक्षिण एशिया के मंदिरों का विनाश किया साथ ही अपवित्र भी किया, पर इसने भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली सल्तनत मुस्लिम इतिहास के कुछ कालखंडों में है जहां किसी महिला ने सत्ता संभाली। 1526 में मुगल सल्तनत द्वारा इस इस साम्राज्य का अंत हुआ। मध्यकालीन भारत का इतिहास दिल्ली सल्तनत Delhi SultanateFebruary 20, 2015February 22, 2015 admin 83350 Views 2 Comments दिल्ली सल्तनत (1206ई.-1526 ई.) गुलाम वंश (1206-1290 ई.) कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई.)
इल्तुतमिश (1210-1236 ई.)
रजिया सुल्तान (1236-1240 ई.)
नसिरुद्दीन महमूद (1246 से 1226 ई.)
बलबन (1265 ई. से 1285 ई.)
खिलजी वंश (1290 ई. से 1320 ई.) जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290 ई. से 1296 ई.)
अलाउद्दीन खिलजी (1296 ई. से 1316 ई.)
मुबारक शाह खिलजी (1316 ई. – 1320 ई.)
तुगलक वंश 1320 ई. – 1411 ई. गयासुद्दीन तुगलक (1320 ई. से 1325 ई.)
मुहम्मद बिन तुगलक (1325 ई. से 1351 ई.)
फिरोज शाह तुगलक (1356-1388 ई.)
सैय्यद वंश (1414-1451 ई.) खिज्र खां (1414-1421 ई.)
मुबारक शाह (1421-1434 ई.)
लोदी वंश (1451-1526 ई.) बहलोल लोदी
सिकंदर लोदी (1489-1517 ई.)
इब्राहिम लोदी (1517-1526 ई.)
प्रशासन व्यवस्था
न्याय और दण्ड व्यवस्था
आर्थिक व्यवस्था
सामाजिक जीवन
पुस्तकलेखकपुस्तकलेखककिताब-उल-हिन्दअलबरूनीतारीख-ए-यामिनीउतबीताज-उल-मासिरहसन निजामीतबकोत दासिरीमिन्हाजुसिराजकिरान उस सादेनअमीर खुसरोतुगलक नामाअमीर खुसरोतारीख-ए-फिरोजशाहीजियाउद्दीन बरनीतारीख-ए-मुबारकशाहीयहियाबिन अहमद सरहिन्दीपृथ्वीराज रासोचंद बरदाईराज-तरंगिणीकल्हणबाबरनामाबाबरहुमायूंनामागुलबदन बेगमकानून-ए-हुमायूंनीखोंदमीरतारीख-ए-शेरशाहीअब्बास खां सरावनीअकबरनामाअबुल फज़लमुंतखाब-उल-तवारीखअब्दुल कादिर बदायूंनी सिख गुरु गुरु नानकसिख मत के समर्थकगुरु अंगगुरुमुखी लिपि का प्रचार प्रसारगुरु अमर दासलंगर की परिपाटी को जनप्रिय बनायागुरु रामदासअमृतसर का निर्माण, आदि ग्रन्थ की रचना कीगुरु गोविन्द सिंहअंतिम गुरु : खालसा का निर्माणविजयनगर साम्राज्य
दिल्ली सल्तनत का प्रथम राजा कौन था?कुछ ऐतेहासिक ग्रंथों में सल्तनत काल को 1192-1526 (334 वर्ष) तक बताया गया है। 1206 में गोरी की हत्या कर दी गई। गोरी की हत्या के बाद उसके एक तुर्क गुलाम (या ममलूक, अरबी: مملوك) कुतुब-उद-दीन ऐबक ने सत्ता संभाली और दिल्ली का पहला सुल्तान बना।
दिल्ली सल्तनत का अंतिम वंश कौन था?दिल्ली सल्तनत पर राज पाँच वंशों में चार वंश मूल रूप तुर्क थे जबकि अंतिम वंश अफगान था। ये पाँच वंश गुलाम वंश (1206-1290), ख़िलजी वंश (1290- 1320), तुग़लक़ वंश (1320-1423), सैय्यद वंश (1424-1452), तथा लोदी वंश (1452-1526) हैं।
दिल्ली सल्तनत में कौन कौन से राजवंशों ने शासन किया है?पांच राजवंशों ने क्रमिक रूप से दिल्ली सल्तनत पर शासन किया: – मामलुक वंश (1206-1290), खिलजी वंश (1290–1320), और तुगलक वंश (1320-1414), सैय्यद वंश (1414-1451), और लोदी राजवंश (1451–1526).
दिल्ली सल्तनत में कितने राजवंश?ऐसी स्थिति में, मोहम्मद गौरी द्वारा भारत में जीते गए प्रदेशों पर कुतुबुद्दीन ऐबक का शासन स्थापित हो जाता है और इसी के साथ 1206 ईस्वी में भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना होती है। दिल्ली सल्तनत के सिंहासन पर कुल 5 राजवंशों ने शासन किया था। ये पांच राजवंश क्रमशः थे- गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैयद वंश और लोदी वंश।
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