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सेहत के लिए नुकसानदायक हैं जरूरत से ज्यादा मल्टी-विटामिन्स
| Updated: 27 Jul 2020, 5:59 pm एक स्टडी में सामने आया है कि ज़रूरत से ज़्यादा मल्टी-विटमिन्स या हेल्थ सप्लिमेंट्स लेने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है।
2012 के राष्ट्रीय आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका में 52 पर्सेंट आबादी ये सप्लिमेंट्स लेती है। 31 पर्सेंट आबादी मल्टी-विटामिन लेती है, जबकि 19 पर्सेंट आबादी विटामिन डी, 14 पर्सेंट आबादी कैल्शियम तो वहीं 12 पर्सेंट आबादी विटामिन सी लेती है। कैंसर और न्युट्रिशन डेटा को लेकर रिसर्च करने वाली यूरोपियन प्रॉस्पेक्टिव इन्वेस्टिगेशन कंपनी के आंकड़ों से भी यह बात ज़ाहिर हुई कि वहां कि आबादी भी सप्लिमेंट्स लेती है, जैसे कि डेनमार्क में 51 पर्सेंट पुरुष तो 66 पर्सेंट महिलाएं सप्लिमेंट्स का सेवन करती हैं। डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि भारत में सप्लिमेंट्स के सेवन को लेकर कोई आकंड़ा मौजूद नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि उनके पास आने वाले करीब 40 पर्सेंट मरीज़ पुराने प्रस्क्रिप्शन के साथ आते थे, जिनमें ढेर सारे सप्लिमेंट्स लिखे होते थे। फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट (Fortis Escorts Heart Institute) के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ और मैक्स साकेत में एन्डोक्रनालजी के डायरेक्टर डॉ. सुजीत झा ने भी सप्लिमेंट्स के बढ़ते इस्तेमाल के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 'भारत में हेल्थ सप्लिमेंट्स को ड्रग नहीं माना जाता, बल्कि उन्हें फूड सप्लिमेंट्स के तौर पर देखा जाता है और शायद इसीलिए उनका बढ़-चढ़कर प्रचार किया भी किया जाता है। इनमें से कुछ सप्लिमेंट्स का प्रचार हमारे बॉलिवुड स्टार्स भी करते हैं।' 1 गिलास दूध में होते हैं इतने पोषक तत्व एक्सपर्ट्स की मानें तो चूंकि ये सप्लिमेंट्स मेडिकल स्टोर या केमिस्ट काउंटर पर आसानी और ढेर सारी मात्रा में मिल जाते हैं, इसलिए लोगों को लगता है कि ये हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हैं और ड्रग कंपनियां लोगों की इन्ही भावनाओं का गलत फायदा उठा रही हैं। उन्हें विश्वास दिलाया जाता है कि अगर वे मल्टी-विटमिन्स लेंगे तो कम थकान महसूस करेंगे और फिजिकली फिट रहेंगे। विटमिन ई से निखारें अपना सौंदर्य रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में nutraceutical industry यानी ये हेल्थ सप्लिमेंट बनाने वाली इंडस्ट्री का बिजनस करीब 2.2 मिलियन डॉलर है जबकि आहार संबंधी सप्लिमेंट्स 32 पर्सेंट मार्केट कवर करते हैं। एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रफेसर डॉ. संदीप मिश्रा कहते हैं कि अब लोगों को आगाह किए जाने की ज़रूरत है कि वे ज़रूरत से ज़्यादा सप्लिमेंट्स न खाएं। ये तभी मदद कर सकते हैं जब किसी विटामिन या मिनरल की हमारे शरीर में कमी है, वरना इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादक्या रोजाना मल्टीविटामिन लेना अच्छा है?आपको नियमित रूप से और सही समय पर मल्टीविटामिन लेने चाहिए। कुछ मल्टीविटामिन को भोजन के बाद लेना सबसे अच्छा माना जाता है, जबकि अन्य मल्टीविटामिन को खाली पेट लेना सही होता है। ऐसा माना जाता है कि एक विशेष समय पर कुछ मल्टीविटामिन लेने से प्रतिकूल प्रभाव का खतरा कम हो सकता है।
ज्यादा मल्टीविटामिन खाने से क्या होता है?जरूरत से ज्यादा मल्टीविटामिन खाने के नुकसान-
बिना किसी डॉक्टरी परामर्श के मल्टीविटामिन का सेवन हाइपरविटामिनोसिस यानी शरीर में विटामिन की अधिकता से होने वाला रोग, पेट से संबंधित समस्याएं, डायरिया जैसी दिक्कतें बढ़ा सकता है।
क्या मल्टीविटामिन खाने से वजन बढ़ता है?बिना डॉक्टर की सलाह लिए मल्टीविटामिन्स ले रहे हैं तो सावधान हो जाएं। लंबे समय तक इन गोलियों का सेवन भी मोटापे का कारण बन सकता है। दरअसल, इससे मेटाबॉलिज्म अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे भूख अधिक लगती है और वजन बढ़ने लगता है।
मल्टी विटामिन की गोली खाने से क्या होता है?मल्टीविटामिन तेजी से हेल्दी बनाती है
इम्यूनिटी एक दिन में नहीं बनती। बल्कि इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के लिए डाइट ही एकमात्र विकल्प है। जो आप नियमित रूप से पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेते हैं, तो इससे धीरे धीरे आपकी इम्यूनिटी बेहतर हो जाती है।
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