साक्षी को समन क्या होता है - saakshee ko saman kya hota hai

न्यायालयों में लंबित आपराधिक वादों के निस्तारण के लिए हरदोई की जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना की ओर से तैयार ‘साक्षी’ समन सूचना प्रबंधन प्रणाली पूरे प्रदेश में लागू होगी। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने एनआईसी व अभियोजन विभाग को इसे लागू करने की तैयारी का निर्देश दे दिया है।

2009 बैच की आईएएस अधिकारी शुभ्रा ने शुक्रवार को मुख्य सचिव के सामने ‘साक्षी’ समन प्रबंधन प्रणाली का प्रजेंटेशन दिया। इसमें उन्होंने हरदोई में आपराधिक वादों के निपटारे में देरी को दूर करने व गवाहों की समय से न्यायालय में उपस्थिति के लिए विकसित सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में समन व गवाह के साथ मुकदमा अपराध संख्या, थाना, न्यायालय का नाम, वाद संख्या, नियत तारीख, धाराएं, पक्षकारों के नाम व गवाह के जिले का पूरा ब्योरा होता है।

इस सॉफ्टवेयर के जरिए मुकदमे के साथ-साथ डिफॉल्टर श्रेणी के समन (कई बार भेजे जाने वाले), विवेचक अधिकारी व चिकित्सक के स्तर पर डिफॉल्टर समनों की अलग-अलग समीक्षा की जा सकती है। मुख्य सचिव ने इस प्रणाली की तारीफ की और उम्मीद जताई कि इसके लागू होने से आपराधिक वादों के निस्तारण में हो रही देरी रुकेगी।

Summons kya hota hai

समन की परिभाषा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में कही भी नहीं दी गयी है किन्तु समन को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है –

समन क्या होता है ?

aसमन न्यायालय ,मजिस्ट्रेट या प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति के नाम जारी की गयी एक आदेशिका है जो एक निश्चित समय और स्थान पर न्यायालय , मजिस्ट्रेट या प्राइवेट व्यक्ति के समक्ष स्वयं उपस्थित होने या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए जारी की जाती है .

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 61 समन के प्रारूप को बताती है

१ – लिखित में

२ – दो प्रतियों में

३ – पीठासीन अधिकारीयों के हस्ताक्षर और

४ – न्यायालय की मुद्रा

समन की तामिल कैसे की जाएगी

१ – समन की तामिल पुलिस अधिकारी द्वारा या राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नियमो के अधीन समन जारी करने वाले न्यायालय के किसी अधिकारी द्वारा या अन्य लोकसेवक द्वारा की जाएगी . (धारा 62(1) )

२ – जिस व्यक्ति पर समन की तामिल की जाना है उसे समन की दो प्रतियों में से एक प्रति प्रदान की जाएगी . तथा तामिल करने वाले अधिकारी द्वारा अपेक्षा करने पर दुसरे प्रति के पृष्ठ भाग पर रसीद हस्ताक्षरित करेगा . (62(2) एवं (3) )

३ – यदि समन किया गया व्यक्ति सम्यक तत्परता के बाद भी नहीं मिलता है तो समन की प्रति उसके कुटुंब के उसके साथ रहने वाले वयस्क पुत्र सदस्य को प्रदान करके तथा अपेक्षा करने पर दुसरे प्रति के पृष्ठ भाग पर रसीद हस्ताक्षरित करके प्राप्त की जाएगी. (धारा 64 )

४ – यदि उपरोक्त धारा 62 और 64 के प्रावधानों के अनुसार समन की तामिल सम्यक तत्परता बरतने पर भी न की जा सके तो तामिल करने वाला अधिकारी समन की दो प्रतियों में से एक समन किये गये व्यक्ति के गृह या वास स्थान के किसी सहज दृश्य भाग में लगाएगा .(धारा 65 )

५ – निगमित निकाय और सोसायटियो पर समन की तामिल – निगमित निकाय , कंपनी या सोसायटियों पर समन की तामिल ऐसे निकाय के सचिव , स्थानीय प्रबंधक या प्रधान अधिकारी पर तामिल करके की जाएगी या ऐसे निकाय के मुख्य अधिकारी को रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा भेजे गये पत्र द्वारा की जाती है .(धारा 63 )

६ – सरकारी सेवक पर समन की तामिल – जहाँ समन किया गया व्यक्ति सरकारी       सेवक है वहां समन की दो प्रतियों  उसके कार्यालय के प्रधान को भेजा जायेगा और वह प्रधान एक प्रति को हस्ताक्षरित रसीद करके उसे न्यायालय को लौटा देगा . ऐसा हस्ताक्षर सम्यक तामिली का साक्ष्य  .(धारा 66)

समन क्या होता है

७ – साक्षी पर समन की तामिल – किसी  पर समन की तामिल व्यक्तिगत रूप से करने के अतिरिक्त साक्षी के निवास स्थान या कारोबार का स्थान या वह स्थान जहाँ अभिलाभ के लिए वह कार्य करता है रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा भेज कर समन की तामिल की जाएगी . यदि डाक कर्मचारी का प्रष्ठांकन की साक्षी ने समन लेने  इनकार किया      है तो तो समन जारी करने वाला न्यायालय यह घोषित कर सकेगा की समन की तमिल सम्यक रूप से कर दी गयी है .(धारा 69)

८ – स्थानीय सीमओं के बहार समन की तामिल – जब न्यायालय अपनी स्थानीय अधिकारिता के बहार समन की तामिल चाहता है तो वह दो प्रतियों में से ऐसे समन को उस मजिस्ट्रेट को भेजेगा जिसकी अधिकारिता के अन्दर समन की तमिल की जानी है या समन किया गया व्यक्ति निवास करता है . (धारा 67)

९ – जबकि समन की तामिल कराने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामिल का सबुत – जब समन की तामिल स्थानीय अधिकारिता के बहार की गयी है या समन की तमिली करने वाला अधिकारी न्यायालय में उपस्थित नहीं है तब अधिकारी द्वारा दिया गया शपथपत्र की समन की तामिल हो गयी है और समन की दूसरी प्रति जिसका प्रष्ठंकित होना तात्पर्यित है साक्ष्य में ग्राह्य होगी जब तक की तत्प्र्तिकुलित साबित न कर दिया जाये .(धारा 68)

  • जमानत किसे कहते हैं
  • अगिम जमानत कैसे मिलती है
  • सदोष अवरोध क्या है
  • बल्वा क्या है
  • दंगा क्या होता है
  • मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना
  • आपराधिक षडयंत्र क्या है
  • दुष्प्रेरण क्या है
  • उद्दापन क्या है
  • लूट क्या है
  • अपहरण क्या है 
  • डकैती क्या है
  • चोरी क्या है जानिए
  • दहेज़ क्या है जानिए
  • दहेज प्रथा कब और कहां से शुरू हुई
  • दहेज़ मृत्यु क्या है जानिए
  • हत्या और आपराधिक मानव वध में अंतर
  • 1857 की क्रांति की पूरी जानकारी

समन का मतलब क्या होता है?

समन किसे कहते हैं? जब कोई अदालती कार्यवाही किसी पीड़ित पार्टी द्वारा किसी प्रतिवादी (अभियुक्त) के खिलाफ शुरू की जाती है तो बोलचाल की भाषा में इसे “समन” भेजना कहा जाता है. इस प्रकार “समन” एक कानूनी नोटिस है, जो सिविल और आपराधिक कार्यवाही के मामले जारी किया जाता है.

समन क्या है और इसकी तामील कैसे करवाई जाती है?

(1) प्रत्येक समन (Every summons) की तामील (served) पुलिस अधिकारी (police officer) द्वारा या ऐसे नियमों के अधीन जो राज्य सरकार (State Government) इस निमित्त बनाए, उस न्यायालय (Court) के, जिसने वह समन जारी किया है, किसी अधिकारी (officer) द्वारा या अन्य लोक सेवक (public servant) द्वारा की जाएगी.