राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

राजस्थान के एकीकरण का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया जाता है। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर 1956 को पूरा हुआ इसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन लगे।

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आजादी के समय राजस्थान में 19 रियासते की 3 ठिकाने और 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा था।
ठिकाने – लावा, कुशलगढ़, नीमराना ठिकाना।

राजस्थान के एकीकरण के चरण

  • एकीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने वाली पहली रियासत अलवर और अंतिम रियासत सिरोही अजमेर मेरवाड़ा क्षेत्र थे।
  • राजस्थान में सबसे पुरानी रियासत मेवाड़ और सबसे नई रियासत झालावाड़ थी।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर और सबसे छोटी शाहपुरा थी राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक थी।
राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

प्रथम चरण – मत्स्य संघ

तिथि – 18 मार्च 1948
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – अलवर भरतपुर धौलपुर करौली नीमराना ठिकाना।
राजधानी- अलवर
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत (अलवर से)
राजप्रमुख – उदयभान सिंह (धौलपुर शासक)
नामकरण – के. एम्. मुंशी

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

द्वितीय चरण – पूर्व राजस्थान संघ

तिथि – 25 मार्च 1948
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – टोंक (ठिकाना—लावा), बूंदी, कोटा, झालावाड़, शाहगढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा (ठिकाना—कुशलगढ़) और किशनगढ़।
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – गोकुल लाल ओसवा (शाहपुरा)
राजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
उपराजप्रमुख – बहादुरसिंह (बूंदी)

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तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान

तिथि – 18 अप्रैल 1948
सम्मिलित रियासत – उदयपुर रियासत
राजधानी – उदयपुर
उद्घाटनकर्ता – पं. जवाहर लाल नेहरु
प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा (उदयपुर)
राजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)

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चतुर्थ चरण – वृहत राजस्थान

तिथि – 30 मार्च 1949
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – संयुक्त राजस्थान में जयपुर जोधपुर जैसलमेर बीकानेर रियासतें शामिल।
राजधानी – जयपुर
उद्घाटनकर्ता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
महाराजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)

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पंचम चरण – संयुक्त वृहत राजस्थान

तिथि – 15 मई 1949
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ शामिल।
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – वृहद राजस्थान और मत्स्य संघ
प्रथम मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)

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षष्ठम चरण – राजस्थान संघ

तिथि – 26 जनवरी 1950
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – संयुक्त वृहद राजस्थान एवं सिरोही राजस्थान में शामिल।
आज ही के दिन इस भौगोलिक क्षेत्र को आधिकारिक राजस्थान नाम मिला।
राजधानी – जयपुर
मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)

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सप्तम चरण – राजस्थान

तिथि – 1 नवम्बर 1956
अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा व मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का सुनील टप्पा गाँव राजस्थान में शामिल।
सिरोंज उपखण्ड मध्यप्रदेश को दिया गया।
राजधानी – जयपुर
मुख्यमंत्री – मोहन लाल सुखाडिया
प्रथम राज्यपाल – गुरुमुख निहालसिंह

  • रियासती सचिवालय की स्थापना
  • मत्स्य संघ का निर्माण – Matsy Sangh ka Nirmaan
  • महात्मा गांधी की हत्या
  • भरतपुर में भी साम्प्रदायिक दंगे
  • कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी के आग्रह
  • पूर्व राजस्थान 25 मार्च, 1948 – Poorv Rajasthan
  • कोटा को राजधानी बनाना
  • संयुक्त राजस्थान 18 अप्रेल, 1948 – Sanyukt Rajasthan
  • वृहत् राजस्थान 30 मार्च, 1949 – Vrhat Rajasthan
  • जिसके प्रावधान निम्न थे
  • संयुक्त वृहत् राजस्थान 15 मई, 1949 – Sanyukt vrhat Rajasthan
  • राजस्थान संघ 26 जनवरी, 1950 – Rajasthan sangh
  • वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956 – Vartamaan Rajasthan
  • FAQ
  • 1. रियासतों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए रियासती विभाग की स्थापना कब की गई ?
  • 2. राजस्थान में कितने ठिकाने थे ?
  • 3. राजस्थान में कुल कितनी रियासतें थी ?
  • 4. राजस्थान में 3 ठिकाने कौन कौन से थे ?
  • 5. राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बङी रियासत कौनसी थी ?
  • 6. राजस्थान का सबसे बङा ठिकाना कौन सा था ?
  • 7. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत के सचिव कौन थे ?
  • 8. राजस्थान का एकीकरण कितने चरणों में हुआ था ?
  • 9. राजस्थान के एकीकरण के 7 चरण कौन-कौन से हैं ?
  • 10. मत्स्य संघ में कौनसी रियासतें शामिल की गई ?
  • 11. मत्स्य संघ का उद्घाटन कब हुआ ?
  • 12. मत्स्य संघ का राजप्रमुख कौन था ?
  • 13. मत्स्य संघ का उपराजप्रमुख कौन था ?
  • 14. मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री कौन था ?
  • 15. मत्स्य संघ के उप प्रधानमंत्री कौन थे ?
  • 16. मत्स्य संघ की राजधानी क्या थी ?
  • 17. राजस्थान के एकीकरण प्रक्रिया के समय मत्स्य संघ की वार्षिक आय कितनी थी ?
  • 18. मत्स्य संघ का उद्घाटन किसने किया ?
  • 19. एकीकरण के प्रथम चरण का नाम ’मत्स्य संघ’ किसके सुझाव पर रखा गया ?
  • 20. पूर्व राजस्थान का निर्माण कब हुआ ?
  • 21. पूर्वी राजस्थान में कौन कौन सी रियासत शामिल थी ?
  • 22. पूर्व राजस्थान का उद्घाटन किसने किया ?
  • 23. राजस्थान संघ का राजप्रमुख किसको बनाया गया ?
  • 24. पूर्व राजस्थान के प्रधानमंत्री कौन थे ?
  • 25. राजस्थान संघ की राजधानी क्या थी ?
  • 26. पूर्व राजस्थान के उपराजप्रमुख किसको बनाया गया ?
  • 27. एकीकरण के किस चरण में कुशलगढ़ ठिकाने का विलय हुआ ?
  • 28. संयुक्त राजस्थान के राजप्रमुख कौन है ?
  • 29. संयुक्त राजस्थान के प्रथम प्रधानमंत्री कौन था ?
  • 30. संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन किसने किया ?
  • 31. राजस्थान के एकीकरण का चैथा चरण का निर्माण कब हुआ ?
  • 32. वृहद राजस्थान के प्रधानमंत्री कौन थे ?
  • 33. वृहद् राजस्थान का निर्माण कब हुआ ?
  • 34. वृहद राजस्थान के राजप्रमुख कौन थे ?
  • 35. वृहद राजस्थान के उपराजप्रमुख कौन थे ?
  • 36. राज्य की सबसे छोटी रियासत कौन सी है ?
  • 37. वृहद राजस्थान की राजधानी क्या थी ?
  • 38. जयपुर में वृहद राजस्थान का विधिवत उद्घाटन किसने किया ?
  • 39. राजस्थान दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है ?
  • 40. संयुक्त वृहद् राजस्थान का निर्माण कब किया गया ?
  • 41. एकीकरण में शामिल राजस्थान की सबसे अंतिम देशी रियासत कौनसी थी ?
  • 42. राजस्थान के एकीकरण के सप्तम चरण में किन क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया ?
  • 43. राजस्थान का एकीकरण पूर्णतः कब सम्पन्न हुआ ?
  • 44. राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद किस संविधान संशोधन द्वारा सृजित किया गया ?
  • 45. राजस्थान का प्रथम राज्यपाल किसको बनाया गया ?
  • 46. राजस्थान के एकीकरण में कितना समय लगा ?
  • 47. विलय-पत्र पर हस्ताक्षर करते समय किसने कहा था कि ’मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ ?’
  • 48. राजस्थान के एकीकरण के समय राज्य की राजधानी के मुद्दे को सुलझाने के लिए किसकी अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया ?
  • 49. ’शंकर राव देव समिति’ कितने सदस्यों की समिति थी ?
  • 50. सिरोही का एकीकरण कितने चरणों में पूरा हुआ ?

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान का एकीकरण (Rajasthan ka ekikaran) केसे हुआ ,इसके बारे में पढ़ेंगे | स्वतंत्रता से पूर्व भारत में 565 देशी रियासतें थीं, जिनमें राजस्थान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने, जिनमें नीमराणा,कुशलगढ़ और लावा इसके अलावा अजमेर-मेरवाङा का छोटा सा क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अंतर्गत था।

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

राजस्थान का एकीकरण – Rajasthan ka Ekikaran

1945 में ब्रिटेन में क्लीमेट एटली के नेतृत्व में लेबर पार्टी की सरकार बनी और एटली ने ब्रिटेन की संसद में 16 जुलाई, 1947 ई. को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित करवा दिया, इसके फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी दासता से मुक्त हो गया।

परंतु भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम की आठवीं धारा 8 ने भारतीय स्वतंत्रता को पुनः संकटग्रस्त कर दिया, क्योंकि आठवीं धारा के अनुसार ब्रिटिश सरकार की भारतीय देशी रियासतों पर स्थापित सर्वोच्चता समाप्त कर दी गई और यह सर्वोच्चता पुनः देशी रियासतों को हस्तांतरित कर दी गई।

इसका अर्थ यह था कि देशी रियासतें स्वयं इस बात का निर्णय करेंगी कि वह भारत में मिलें या पाकिस्तान में मिलें या अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखेगीं। यदि ऐसा होने दिया जाता तो भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी दूरदर्शिता व कूटनीति से इस मामले को हल कर दिया।

रियासती सचिवालय की स्थापना

5 जुलाई, 1947 को सरदार पटेल की अध्यक्षता में रियासती सचिवालय की स्थापना की गई और रियासती विभाग ने निर्णय लिया कि स्वतंत्र भारत में वे ही रियासतें अपना स्वतंत्र अस्तित्व रख सकेंगी जिनकी आय 1 करोङ रुपए वार्षिक हो जनसंख्या 10 लाख या उससे अधिक है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित उक्त मापदंड के अनुसार राजस्थान में केवल जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर ही ऐसी रियासतें थीं जो अपना पृथक अस्तित्व बनाए रख सकती थीं।

राजस्थान का एकीकरण का कार्य 18 मार्च, 1948 से प्रारंभ होकर सात चरणों में होता हुआ 1 नवम्बर, 1956 को पूर्ण हुआ।

अब हम राजस्थान का एकीकरण विस्तार से पढ़ेंगे

मत्स्य संघ का निर्माण – Matsy Sangh ka Nirmaan

प्रथम चरण – मत्स्य संघ

दिनांक 18 मार्च 1948
रियासतें एवं ठिकाने अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली और नीमराना ठिकाना।
प्रधानमंत्री शोभाराम कुमावत (अलवर)
राजप्रमुख उदयभान सिंह (धौलपुर)
नामकरण के. एम्. मुंशी
उद्घाटनकर्ता एन. वी. गाडगिल
राजधानी जयपुर

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

स्वतंत्रता के साथ ही देश का विभाजन होना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इस विभाजन के साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में साम्प्रदायिक दंगे भङक उठे थे। इन दंगों का सीधा प्रभाव राजस्थान की अलवर और भरतपुर रियासतों पर पङा। क्योंकि यहां पर मुसलमानों व मेव जाति का ज्यादा प्रभाव था। अलवर के दीवान बी.एन. खरे व महाराज तेजसिंह थे।

केन्द्र सरकार ने अलवर के महाराजा व दीवान को अपने राज्य में साम्प्रदायिक शांति व कानून व्यवस्था बनाने के लिए जोर दिया और कहा कि अगर आपसे प्रशासन नहीं सम्भाला जा रहा है तो अलवर का प्रशासन केन्द्र को सौंप दीजिए, लेकिन अलवर के महाराजा व दीवान ने आग्रह किया कि कुछ दिनों में ही सारी स्थितियों कों सामान्य कर दिया जाएगा।

महात्मा गांधी की हत्या

लेकिन 30 जनवरी, 1948 का दिल्ली में महात्मा गांधी का हत्या नाथूराम गोडसे के द्वारा कर दी जाती है। नाथूराम गोडसे हिन्दु महासभा के कार्यकर्ता थे। डाॅ. बी. एन. खरे के सम्बन्ध में यह अफवाह फैली की डाॅ. खरे हिन्दू महासभा के सक्रिय कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का केन्द्र बना है तथा अलवर राज्य में गांधी की हत्या के लिए उत्तरदायी कुछ षडयंत्रकारियों को शरण भी प्रदान की हैं।

डाॅ. बी. एन. खरे की कट्टर हिन्दूवादी विचारधारा के कारण ऐसी अफवाहों को काफी बल प्राप्त हो रहा था। अतः भारत सरकार ने अलवर राज्य का प्रशासन तत्काल प्रभाव से अपने हाथ में ले लिया और 7 फरवरी, 1948 को अलवर के महाराजा तेजसिंह व दीवान बी. एन. खरे को तब तक के लिए दिल्ली में रहने का आदेश दिया जब कि उनको विरुद्ध गांधी हत्याकांड में इनके हाथ होने के आरोप की पूरी जांच नहीं हो जाती।

भरतपुर में भी साम्प्रदायिक दंगे

उधर भरतपुर में भी साम्प्रदायिक दंगों से भारत सरकार काफी चिंतित थीं। भरतपुर के खिलाफ केन्द्र कोई कार्यवाही करता इससे पहले ही भरतपुर के महाराजा ब्रिजेन्द्रसिंह केन्द्र से आग्रह करते हैं कि भरतपुर का प्रशासन केन्द्र अपने केन्द्र से आग्रह करते हैं कि भरतपुर का प्रशासन केन्द्र अपने केन्द्र अपने हाथों में ले ले।

केन्द्र के पास अलवर और भरतपुर दो रियासतें आ चुकी थीं। अब अलवर और भरतपुर राज्य की सीमाओं से लगी हुई धौलपुर व करौली दो छोटी-छोटी रियासते थीं। ये चारों रियासतें अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड 1 करोङ वार्षिक आय तथा 10 लाख जनसंख्या के मापदंड को पूरा नहीं करती थीं।

इसलिए यह रियासतें स्वतंत्र अस्तित्व नहीं बनाए रख सकती थीं। अतः सोचा गया कि चारों रियासतों को मिलाकर एक संघ का निर्माण कर लिया जाए। तब भारत सरकार ने 27 फरवरी, 1948 को चारों राज्यों के शासकों की बैठक दिल्ली में आयोजित की।

कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी के आग्रह

जिसमें भारत सरकार ने इन चारों रियासतों को मिलाकर एक संघ बनाने का प्रस्ताव रखा। बैठक में उपस्थित सभी ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। श्री कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी के आग्रह पर इस नए आग्रह इस नए संघ रखा गया।

क्योंकि महाभारत काल में यह क्षेत्र मत्स्य संघ के नाम से विख्यात था। मत्स्य संघ में सम्मिलित चारों राज्यों के शासकों को यह स्पष्ट कर दिया गया कि भविष्य में यह संघ राजस्थान अथवा उत्तरप्रदेश में विलीन किया जा सकता है।

क्योंकि आर्थिक दृष्टि से यह संघ आत्मनिर्भर नहीं हो सकेगा। मत्स्य संघ में चार रियासतें अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली का विधिवत् उद्घाटन भारत सरकार के मंत्री श्री एन. वी. गाडगिल के द्वारा 18 मार्च 1948 को किया गया।

अलवर को मत्स्य संघ की राजधानी बनाया गया। अलवर प्रजामंडल के नेता शोभाराम कुमावत मत्स्य संघ के प्रधानमंत्री बने। तथा धौलपुर के उदयभान सिंह को बनाया गया।

पूर्व राजस्थान 25 मार्च, 1948 – Poorv Rajasthan

द्वितीय चरण – पूर्व राजस्थान संघ

दिनांक 25 मार्च 1948
रियासतें एवं ठिकाने टोंक (ठिकाना—लावा), बूंदी, कोटा, झालावाड़, शाहगढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा (ठिकाना-कुशलगढ़) और किशनगढ़।
प्रधानमंत्री गोकुल लाल असावा (शाहपुरा)
राजप्रमुख भीम सिंह (कोटा)
उपराजप्रमुख बहादुरसिंह (बूंदी)
राजधानी जयपुर

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

कोटा के महाराव भीमसिंह ने केन्द्र के सामने हाङौती संघ बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसमें कोटा-बूंदी-झालावाङ, डूंगरपुर, बांसवाङा, शाहपुरा, टोंक व किशनगढ़ के राज्य शामिल हों। लेकिन केन्द्र सरकार ने भीमसिंह जी को समझाया कि आप इस संघ का नाम हाङौती संघ ना दें, कोई और नाम दे दें, जिससे दूसरी रियासतें भी इस संघ में सम्मिलित हो सकें।

तब इसे पूर्व राजस्थान नाम दिया गया। प्रस्तावित इस संघ के क्षेत्र के बीच में मेवाङ की रियासत पङती थी किन्तु रियासती विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार मेवाङ अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखने का अधिकारी था।

इसलिए रियासती विभाग मेवाङ पर प्रस्तावित संघ में विलय के लिए दबाव नहीं डाल सकता था। फिर भी शासकों के आग्रह पर रियासती विभाग ने मेवाङ को नए राज्य में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया किन्तु मेवाङ के महाराणा भूपालसिंह ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि मेवाङ अपना 1300 वर्ष पुराना इतिहास भारत के मानचित्र पर समाप्त नहीं कर सकता। और यदि ये रियासते चाहें तो मेवाङ में अपना विलय कर सकती हैं।

मेवाङ रियासत को छोङकर दक्षिणी पूर्वी रियासतों को मिलाकर पूर्व राजस्थान का निर्माण कर लिया जाए। मेवाङ अपनी इच्छानुसार इसमें बाद में सम्मिलित हो सकता है।

कोटा को राजधानी बनाना

इसी आधार पर 25 मार्च, 1948 को दक्षिणी-पूर्व की 9 रियासतें कोटा, बूंदी, झालावाङ, डूंगरपुर, बांसवाङा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक रियासतों को मिलाकर पूर्व राजस्थान का 25 मार्च, 1948 को केन्द्रीय मंत्री एन. वी. गाडगिल के द्वारा पूर्व राजस्थान का विधिवत् रूप से उद्घाटन किया गया। कोटा को राजधानी बनाया गया।

कोटा महाराव भीमसिंह जी को तथा गोकुललाल असावा को प्रधानमंत्री बनाया गया।

बांसवाङा के महारावल चन्द्रसिंह ने पूर्व राजस्थान के निर्माण के समय विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय यह कहा कि ‘मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।’

संयुक्त राजस्थान 18 अप्रेल, 1948 – Sanyukt Rajasthan

तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान

दिनांक 18 अप्रैल 1948
रियासतें उदयपुर
प्रधानमंत्री माणिक्यलाल वर्मा (उदयपुर)
राजप्रमुख भूपाल सिंह (उदयपुर)
उपराजप्रमुख भीम सिंह (कोटा)
राजधानी उदयपुर

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पूर्व राजस्थान में मेवाङ का विलय होने के पश्चात संयुक्त राजस्थान अस्तित्व में आया। मेवाङ के महाराणा पहले तो विलय के लिए मना कर दिया था, लेकिन बाद में वहां की जनता ने विद्रोह कर दिया था। जनता विलय के पक्ष में थी। तब मेवाङ के महाराणा भूपालसिंह ने केन्द्र के समक्ष तीन शर्तें रखीं।

पहली शर्तः मेवाङ के महाराणा भोपालसिंह को संयुक्त राजस्थान का वंशानुगत राजप्रमुख बनाया जाए।

दूसरी शर्तः उदयपुर को संयुक्त राजस्थान की राजधानी बनाया जाए।

तीसरी शर्तः बीस लाख रुपया वार्षिक प्रीविपर्स के रूप में दिया जाए। जिसमें उदयपुर को राजधानी बनाना स्वीकार कर लिया गया।

मेवाङ के महाराणा को वंशानुगत की जगह आजीवन राजप्रमुख बनाया गया तथा दस लाख रुपए प्रीविपर्स के रूप में 5 लाख रुपए वार्षिक राजप्रमुख के पद का भत्ता और शेष 5 लाख रुपए मेवाङ के राजवंश के पंरपरा के अनुसार धार्मिक कार्यों के खर्च के लिए दिया गया। तथा प्रधानमंत्री माणिक्यलाल वर्मा बनाए गए।

सभी शर्तें पूरी होने के बाद महाराणा ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। तदनुसार 18 अप्रेल, 1948 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संयुक्त राजस्थान का विधिवत् रूप से उद्घाटन किया।

वृहत् राजस्थान 30 मार्च, 1949 – Vrhat Rajasthan

चतुर्थ चरण – वृहत राजस्थान

दिनांक 30 मार्च 1949
रियासतें एवं ठिकाने संयुक्त राजस्थान + जयपुर जोधपुर जैसलमेर बीकानेर रियासतें
प्रधानमंत्री हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
राजप्रमुख मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
महाराजप्रमुख भूपाल सिंह (उदयपुर)
उपराजप्रमुख भीम सिंह (कोटा)
राजधानी जयपुर

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संयुक्त राजस्थान में बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर व जोधपुर को मिलाकर वृहत राजस्थान का निर्माण किया गया था। इन चारों रियासतों के विलय में सरदार वल्लभ भाई पटेल व वी. पी. मेनन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थीं।

इनमें सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड को पूरा करती थी। यानी की वो अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रख सकती थीं। ऐसी परिस्थिति में भारत सरकार ने अत्यंत सावधानी से कार्य किया। विलय के लिए जोधपुर बीकानेर और जैसलमेर के शासकों को समझाया गया कि इन राज्यों की सीमाएं पाकिस्तान से मिली हुई हैं।

जहां से सैदव आक्रमण का भय बना रहता है। फिर इन तीन राज्यों का बहुत बङा क्षेत्र थार के रेगिस्तान का अंग था। तथा यातायात एवं संचार के साधनों की दृष्टि से भी यह क्षेत्र काफी पिछङा हुआ था।

जिसका विकास करना इन राज्यों की आर्थिक सामर्थ्य के बाहर था। तब जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह को भी विलय के लिए तैयार करना आसान कार्य नहीं था। पंरतु सरदार वल्लभ भाई पटेल व वी. पी. मेनन के प्रयासों से इन सभी रियासतों का कुटनीतिक तरीके से कुछ न कुछ देकर विलय कर लिया गया। इन रियासतों के संदर्भ में वी. पी. मेनन ने एक रिपोर्ट 28 मार्च, 1949 को प्रस्तुत की।

जिसके प्रावधान निम्न थे

  1. जयपुर को राजस्थान की राजधानी बनाया जाए। जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह को राजप्रमुख बनाया जाए। उदयपुर के महाराणा भूपालसिंह को महाराज प्रमुख बनाया जाए।
  2. जोधपुर में उच्च न्यायालय बनाया जाए। जोधपुर को सेना का प्रमुख केन्द्र बनाया जाए। स्कूल शिक्षा का केन्द्र बीकानेर, खनिज विभाग उदयपुर, सिंचाई विभाग भरतपुर में रखा जाए। वी. पी. मेनन की रिपोर्ट को सभी ने स्वीकार कर लिया और मेवाङ के महाराणा भूपालसिंह राजस्थान के पहले महाराज प्रमुख बना दिए गए।
  1. जयपुर के महाराजा मानसिंह वृहत राजस्थान के राजप्रमुख बनाए गए। जयपुर राजधानी बना दी गई और हीरालाल शास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया गया।
  2. 30 मार्च, 1949 के दिन जयपुर के सिटी पैलेस भवन में सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा वृहद राजस्थान का विधिवत् उद्घाटन कर दिया गया।

संयुक्त वृहत् राजस्थान 15 मई, 1949 – Sanyukt vrhat Rajasthan

पंचम चरण – संयुक्त वृहत राजस्थान

दिनांक 15 मई 1949
रियासतें एवं ठिकाने वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ शामिल।
मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री
राजप्रमुख मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
राजधानी जयपुर

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

जैसा कि पूर्व में बताया जा चुका है कि मत्स्य संघ के निर्माण के समय मत्स्य संघ में सम्मिलित होने वाले चारों राज्यों अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर के शासकों को यह स्पष्ट कर दिया गया कि भविष्य में मत्स्य संघ राजस्थान अथवा उत्तरप्रदेश में विलीन किया जा सकता है।

शंकरदेव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। जिसके आधार पर मत्स्य संघ का विलय राजस्थान में हो गया।

राजस्थान संघ 26 जनवरी, 1950 – Rajasthan sangh

षष्ठम चरण – राजस्थान संघ

दिनांक 26 जनवरी 1950
रियासतें एवं ठिकाने संयुक्त वृहद राजस्थान एवं सिरोही राजस्थान संघ में शामिल।
मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
राजधानी जयपुर

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

संयुक्त वृहत्तर राजस्थान में सिरोही (माउंट आबू व देलवाङा वाले भाग को छोङकर) का विलय कर लिया गया।

वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956 – Vartamaan Rajasthan

सप्तम चरण – राजस्थान

दिनांक 1 नवम्बर 1956
रियासतें अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा व मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का सुनील टप्पा राजस्थान में शामिल।
सिरोंज उपखण्ड मध्यप्रदेश में मिलाया गया।
मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया
राज्यपाल गुरुमुख निहालसिंह
राजधानी जयपुर

राजस्थान संघ का निर्माण कब हुआ - raajasthaan sangh ka nirmaan kab hua

1956 में फजल अली के नेतृत्व में राज्यों का पुनर्गठन किया गया। फजल अली की सिफारिशों को भारत सरकार ने स्वीकार कर ली तथा राज्य पुनर्गठन अधिनियम-1956 पास किया गया जो 1 नवम्बर 1956 से लागू हुआ। इस अधिनियम के अंतर्गत अजमेर-मेरवाङा (केन्द्रशासित प्रदेश) व मध्यप्रदेश की मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील का सुनेलटप्पा वाला भाग तथा सिरोही का आबू तहसील वाला भाग राजस्थान में मिलाया गया।

झालावाङ जिले का सिंरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश में मिला दिया गया। इस दिन राजस्थान अ श्रेणी के प्रांतों की सूची में आ गया। ठिकाने-नीमराणा का विलय अलवर, कुशलगढ़ का विलय बांसवाङा तथा लावा का विलय-जयपुर के साथ हुआ।

FAQ

1. रियासतों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए रियासती विभाग की स्थापना कब की गई ?

उत्तर – भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् एक प्रमुख चुनौती देश की 562 देशी रियासतों को एक साथ लाकर एकीकृत भारत का निर्माण करना था। इस कार्य के लिए 5 जुलाई 1947 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में रियासती विभाग की स्थापना की गई और सचिव वी.पी. मेनन को बनाया गया।


2. राजस्थान में कितने ठिकाने थे ?

उत्तर – स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 रियासतें थी तथा 3 ठिकाने एवं अजमेर-मेरवाङा एक केन्द्रशासित प्रदेश था।


3. राजस्थान में कुल कितनी रियासतें थी ?

उत्तर – स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 रियासतें और 3 ठिकाने तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाङा था।


4. राजस्थान में 3 ठिकाने कौन कौन से थे ?

उत्तर – स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजस्थान में 3 ठिकाने थे – लावा (टोंक), कुशलगढ़ (बांसवाङा), नीमराणा (अलवर)।


5. राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बङी रियासत कौनसी थी ?

उत्तर – राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बङी रियासत जोधपुर और सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी।


6. राजस्थान का सबसे बङा ठिकाना कौन सा था ?

उत्तर – राजस्थान का सबसे बङा ठिकाना कुशलगढ़ था।


7. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत के सचिव कौन थे ?

उत्तर – स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत के सचिव वी. पी. मेनन थे।


8. राजस्थान का एकीकरण कितने चरणों में हुआ था ?

उत्तर – राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ था।


9. राजस्थान के एकीकरण के 7 चरण कौन-कौन से हैं ?

उत्तर – राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ।
प्रथम चरण – मत्स्य संघ (18 मार्च 1948)
दूसरा चरण – पूर्व राजस्थान (25 मार्च 1948)
तीसरा चरण – संयुक्त राजस्थान (18 अप्रैल 1948)
चैथा चरण – वृहद राजस्थान (30 मार्च, 1949)
पांचवा चरण – संयुक्त वृहद् राजस्थान (15 मई, 1949)
छठा चरण – राजस्थान संघ (26 जनवरी, 1950)
सातवां चरण – वर्तमान राजस्थान (1 नवम्बर 1956)


10. मत्स्य संघ में कौनसी रियासतें शामिल की गई ?

उत्तर – राजस्थान के एकीकरण के प्रथम चरण में 18 मार्च, 1948 को भरतपुर, अलवर, करौली, धौलपुर रियासतें और नीमराणा ठिकाने को मिलाकर मत्स्य संघ का निर्माण किया गया।


11. मत्स्य संघ का उद्घाटन कब हुआ ?

उत्तर – मत्स्य संघ का उद्घाटन 18 मार्च 1848 में हुआ था।


12. मत्स्य संघ का राजप्रमुख कौन था ?

उत्तर – धौलपुर रियासत के राजा उदयभान सिंह को मत्स्य संघ का राजप्रमुख का पद प्रदान किया गया।


13. मत्स्य संघ का उपराजप्रमुख कौन था ?

उत्तर – मत्स्य संघ का उपराजप्रमुख गणेशपाल देव (करौली) को बनाया गया।


14. मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री कौन था ?

उत्तर – मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री अलवर के शोभाराम कुमावत को बनाया गया।


15. मत्स्य संघ के उप प्रधानमंत्री कौन थे ?

उत्तर – मतस्य संघ के उप प्रधानमंत्री युगल किशोर चतुर्वेदी को बनाया गया।


16. मत्स्य संघ की राजधानी क्या थी ?

उत्तर – मत्स्य संघ की राजधानी अलवर को बनाया गया।


17. राजस्थान के एकीकरण प्रक्रिया के समय मत्स्य संघ की वार्षिक आय कितनी थी ?

उत्तर – राजस्थान के एकीकरण प्रक्रिया के समय मत्सय संघ की वार्षिक आय 184 लाख रूपये थी।


18. मत्स्य संघ का उद्घाटन किसने किया ?

उत्तर – मत्स्य संघ का उद्घाटन एन. वी. गाडगिल द्वारा किया गया।


19. एकीकरण के प्रथम चरण का नाम ’मत्स्य संघ’ किसके सुझाव पर रखा गया ?

उत्तर – के. एम. मुंशी ने मत्स्य संघ का नामकरण किया।


20. पूर्व राजस्थान का निर्माण कब हुआ ?

उत्तर – राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण में 25 मार्च, 1948 को पूर्वी राजस्थान का निर्माण किया गया।


21. पूर्वी राजस्थान में कौन कौन सी रियासत शामिल थी ?

उत्तर – संयुक्त राजस्थान में 9 रियासतें – कोटा, बूंदी, झालावाङ, टोंक, डूंगरपुर, बांसवाङा, प्रतापगढ़, किशनगढ़ व शाहपुरा तथा एक कुशलगढ़ (बांसवाङा) ठिकाना।


22. पूर्व राजस्थान का उद्घाटन किसने किया ?

उत्तर – पूर्व राजस्थान का उद्घाटन एन. वी. गाडगिल द्वारा किया गया।


23. राजस्थान संघ का राजप्रमुख किसको बनाया गया ?

उत्तर – राजस्थान संघ का राजप्रमुख कोटा महारावल भीमसिंह को बनाया गया।


24. पूर्व राजस्थान के प्रधानमंत्री कौन थे ?

उत्तर – पूर्व राजस्थान का प्रधानमंत्री शाहपुरा रियासत के गोकुल लाल असावा को बनाया गया।


25. राजस्थान संघ की राजधानी क्या थी ?

उत्तर – राजस्थान संघ की राजधानी कोटा को निर्धारित किया गया।


26. पूर्व राजस्थान के उपराजप्रमुख किसको बनाया गया ?

उत्तर – उपराजप्रमुख का पद बूंदी के महाराव श्री बहादुर सिंह को प्रदान किया गया।


27. एकीकरण के किस चरण में कुशलगढ़ ठिकाने का विलय हुआ ?

उत्तर – पूर्वी राजस्थान/द्वितीय चरण में कुशलगढ़ ठिकाने का विलय हुआ।


28. संयुक्त राजस्थान के राजप्रमुख कौन है ?

उत्तर – 18 अप्रैल, 1948 को पूर्व राजस्थान में उदयपुर रियासत को सम्मिलित कर संयुक्त राजस्थान का निर्माण किया गया। राजप्रमुख का पद उदयपुर के महाराणा भूपालसिंह को प्रदान किया गया।


29. संयुक्त राजस्थान के प्रथम प्रधानमंत्री कौन था ?

उत्तर – संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री माणिक्य लाल वर्मा को नियुक्त किया गया।


30. संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन किसने किया ?

उत्तर – संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु द्वारा किया गया।


31. राजस्थान के एकीकरण का चैथा चरण का निर्माण कब हुआ ?

उत्तर – संयुक्त राजस्थान में जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और जयपुर रियासतों को मिलाकर 30 मार्च, 1949 को वृहद राजस्थान का निर्माण किया गया।


32. वृहद राजस्थान के प्रधानमंत्री कौन थे ?

उत्तर – वृहद राजस्थान का प्रधानमंत्री जयपुर के पण्डित हीरालाल शास्त्री को बनाया गया।


33. वृहद् राजस्थान का निर्माण कब हुआ ?

उत्तर – संयुक्त राजस्थान में जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और जयपुर रियासतों को मिलाकर 30 मार्च 1949 को वृहद् राजस्थान का निर्माण किया गया।


34. वृहद राजस्थान के राजप्रमुख कौन थे ?

उत्तर – जयपुर के महाराजा मानसिंह द्वितीय को राजप्रमुख का पद सौंपा गया।


35. वृहद राजस्थान के उपराजप्रमुख कौन थे ?

उत्तर – कोटा के महाराव भीमसिंह को उप-राजप्रमुख के पद पर बने रहने दिया।


36. राज्य की सबसे छोटी रियासत कौन सी है ?

उत्तर – भारत के एकीकरण के समय कुल 562 रियासत थी। क्षेत्रफल में सबसे बङी रियासत हैदराबाद थी व क्षेत्रफल में सबसे छोटी रियासत बिलवारी (मध्यप्रदेश) थी।


37. वृहद राजस्थान की राजधानी क्या थी ?

उत्तर – वृहद राजस्थान की राजधानी जयपुर को बनाया गया।


38. जयपुर में वृहद राजस्थान का विधिवत उद्घाटन किसने किया ?

उत्तर – 30 मार्च 1948 को वृहद राजस्थान का निर्माण किया गया तथा इसका उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किया गया।


39. राजस्थान दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है ?

उत्तर – 30 मार्च, 1948 को वृहद राजस्थान का निर्माण किया गया था तथा 30 मार्च को ही राजस्थान दिवस मनाया जाता है।


40. संयुक्त वृहद् राजस्थान का निर्माण कब किया गया ?

उत्तर – 15 मई 1949 को राजस्थान के एकीकरण के पांचवे चरण में चैथे चरण के संयुक्त राजस्थान में मत्स्य संघ को मिलाकर ’संयुक्त वृहद राजस्थान’ का निर्माण किया गया।


41. एकीकरण में शामिल राजस्थान की सबसे अंतिम देशी रियासत कौनसी थी ?

उत्तर – राजस्थान के एकीकरण के छठें चरण में संयुक्त वृहद राजस्थान में सिरोही (आबू और देलवाङा को छोङकर) को मिलाकर राजस्थान संघ का निर्माण 26 जनवरी 1950 को किया गया।


42. राजस्थान के एकीकरण के सप्तम चरण में किन क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया ?

उत्तर – 1 नवम्बर 1956 को एकीकरण के सप्तम चरण में राजस्थान संघ में अजेमर-मेरवाङा, आबू, देलवाङा तथा सुनेल टप्पा क्षेत्र को मिलाया गया।


43. राजस्थान का एकीकरण पूर्णतः कब सम्पन्न हुआ ?

उत्तर – राजस्थान का पूर्ण रूप से एकीकरण 1 नवम्बर 1956 को सम्पन्न हुआ।


44. राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद किस संविधान संशोधन द्वारा सृजित किया गया ?

उत्तर – 7 वें संविधान संशोधन, 1956 द्वारा अब राजप्रमुख का पद तो समाप्त कर दिया गया और उसके स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया। सरदार गुरुमुख निहालसिंह को राजस्थान का प्रथम राज्यपाल बनाया गया।


45. राजस्थान का प्रथम राज्यपाल किसको बनाया गया ?

उत्तर – सरदार गुरुमुख निहालसिंह को राजस्थान का प्रथम राज्यपाल बनाया गया।


46. राजस्थान के एकीकरण में कितना समय लगा ?

उत्तर – राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में 18 मार्च, 1948 से प्रारम्भ होकर 1 नवम्बर, 1956 को पूर्ण हुआ और इस पूरी प्रक्रिया में 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा।


47. विलय-पत्र पर हस्ताक्षर करते समय किसने कहा था कि ’मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ ?’

उत्तर – महारावल चन्द्रवीर सिंह (बाँसवाङा)


48. राजस्थान के एकीकरण के समय राज्य की राजधानी के मुद्दे को सुलझाने के लिए किसकी अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया ?

उत्तर – राजस्थान के एकीकरण समय राज्य की राजधानी का सबसे बङा मुद्दा था और इसे सुलझाने के लिए बी. आर. पटेल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।


49. ’शंकर राव देव समिति’ कितने सदस्यों की समिति थी ?

उत्तर – शंकर राव देव समिति 3 सदस्यों की समिति थी – शंकर राव देव, आर.के. सिद्धावा तथा प्रभुदयाल।


50. सिरोही का एकीकरण कितने चरणों में पूरा हुआ ?

उत्तर – सिरोही का एकीकरण एक बार तो छठें चरण में 26 जनवरी 1950 को आबू और देलवाङा को छोङकर सम्पूर्ण सिरोही का विलय गया था और दूसरी बार 1 नवम्बर 1956 को सप्तम चरण में आबू और देलवाङा का राजस्थान में विलय किया गया था।

आज की पोस्ट में हमने राजस्थान का एकीकरण (Rajasthan ka Ekikaran) पढ़ा ,आप इस पोस्ट पर अपने विचार रखें 

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राजस्थान संघ का गठन कब हुआ?

राजस्थान भौगोलिक संघ की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी।

राजस्थान के 7 चरण कौन कौन से हैं?

राजस्थान का एकीकरण.
प्रथम चरण - मतस्य संघ 17/18 मार्च, 1948. ... .
दुसरा चरण- पूर्व राजस्थान 25 मार्च 1948. ... .
तीसरा चरण- संयुक्त राजस्थान 18 अप्रैल, 1948. ... .
चैथा चरण- वृहद राजस्थान 30 मार्च, 1949. ... .
पांचवा चरण- संयुक्त वृहद् राजस्थान 15 मई, 1949. ... .
छठा चरण- राजस्थान संघ 26 जनवरी, 1950. ... .
सतंवा चरण- वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956..

राजस्थान का पुराना नाम क्या है?

आजादी से पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता है. जार्ज थॉमस ने साल 1800 ईसा में 'राजपूताना' नाम दिया था. कर्नल जेम्स टॉड ने 1829 ईसा में अपनी पुस्तक 'द एनाल्स एंड एक्टीविटीज ऑफ राजस्थान' में किया. कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को दी सेन्ट्रल वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया कहा है.

संयुक्त राजस्थान का निर्माण कब हुआ?

एक अंग्रेज शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा थे। रियासतों की समस्या से निपटेन के लिए भारत सरकार ने 27 जून, 1948 को रियासती विभाग की स्थापना की। राजस्थान का एकीकरण का कार्य 18 मार्च, 1948 से प्रारम्भ होकर सात चरणों में 1 नवंबर, 1956 को पूरा हुआ