पितृ दोष की पूजा में क्या क्या लगता है? - pitr dosh kee pooja mein kya kya lagata hai?

Q1. क्या इस पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?

नहीं, इस अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अनुपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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Q2. इस पूजन का मुहूर्त कैसे निर्धारित किया जाएगा?

पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q3. क्या हर व्यक्ति ये पूजा कर सकता है?

ये पूजा आप कर सकते हैं या नहीं? इस सवाल का उत्तर आपको हमारे विद्वान पुरोहित आपसे बात करने के बाद ही बता पाएंगे। हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी लाइव बात करें।

Q4. इस पूजन के लिए किस सामग्री का उपयोग होता है?

इस पूजन में श्रीफल, धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।

Q5. पूजा सामग्री की व्यवस्था कौन करेगा?

पूजा सामग्री का पूर्ण जिम्मा एस्ट्रोसेज द्वारा किया जाएगा, जिसमें पंडित जी आवश्यकता के अनुसार पूजा से पूर्व समस्त सामग्री की व्यवस्था स्वयं करते हैं।

Q6. इस पूजा को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?

इस पूजा को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-आपका और आपके परिवार के सदस्यों का पूरा नाम , गोत्र , वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।, पूजा करने का उद्देश्य - आप पूजा क्यों कर रहे हैं?

Q7. इस ऑनलाइन पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?

इच्छानुसार आप पूजा की शुरुआत में ही पंडित जी से पूजन-संबंधित मंत्र ले सकते हैं। जिसके बाद जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप अपने समय अनुसार अपने घर में उस मंत्र का निरंतर जाप कर, इस पूजा से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।

Q8. पूजा को संपन्न करने में कितने दिन का समय लगता है?

पूजन-अनुष्ठान को पूरा करना उस पूजा और उसमें शामिल अनुष्ठान पर निर्भर करता है, जिसे हम संपन्न कर रहे हैं। आमतौर पर शुभ दिन व मुहूर्त की उपलब्धता के आधार पर, पूजा करने में लगभग 5 से 10 दिन का समय लगता है। हालांकि जैसे ही आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई ऑनलाइन पूजा बुक करते हैं तो, हमारे द्वारा आपसे संपर्क किया जाता है, जिसमें हमारे विशेषज्ञ आपको पूजा का सम्पूर्ण विवरण देते हुए, आपके द्वारा पूजा समायोजित करने का प्रयास करते हैं।

हम सभी जानते है कि पितृ पक्ष बहुत ही जल्दी आरम्भ होने वाला है और हम यह भी जानते है की पित्तरो का हमारे जीवन पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है, भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक की अवधि को ही पितृपक्ष कहते है।

पितृ दोष की पूजा में क्या क्या लगता है? - pitr dosh kee pooja mein kya kya lagata hai?

पितृ दोष निवारण पूजा

पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण करते है, तर्पण का अर्थ होता है की हम अपने पितरों को भूले नहीं है और वे हमारे लिए सदैव पूजनीय है, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली मे पितृ दोष है तो ऐसे व्यक्ति को हर क्षेत्र में असफलता ही मिलती है।

उसको जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते है, ख़ास कर संतान से सम्बंधित दिक्कते और धन से सम्बंधित दिक्कते बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है इससे मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय पितरों का श्राद्ध कराना है और इसी के साथ अगर आप अपने घर में पितृ दोष निवारण पूजा कराते है तो पितृ दोष से श्रापित जीवन से जल्दी ही मुक्ति मिलती है। यह पूजा महीने में आनेवाली प्रत्येक अमावस्या को करने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

पितृ दोष निवारण पूजा का प्रभाव

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे पितृ दोष निवारण पूजा करने से अवश्‍य ही लाभ होगा। पितृ दोष के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए ही यह पूजा की जाती है।
  • यह पूजा करने से जातक के मन में अध्‍यात्‍म के प्रति रूचि बढ़ती है और उसे आत्‍मिक शांति की प्राप्‍ति होती है।
  • इस पितृ दोष निवारण पूजा के प्रभाव से जीवन की सारी बाधाएं और मुश्किलें दूर होती हैं।
  • संतानहीन जातकों को पितृ दोष निवारण पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
  • गृहस्थ जीवन और कामकाज में आ रही सभी समस्याओ से निजात मिलती है और घर में धन-धान्य और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पितृ दोष की शांति के लिए अपने पितरों को याद करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

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पूजन सामग्री

धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा|

पूजन का समय

आप यह पूजा महीने में आनेवाली अमावस्या को भी करवा सकते है इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान यह पूजा करना सबसे उत्तम माना गया है|

पितृ दोष निवारण पूजन का महत्‍व

यह पूजा कराने से आपके महत्‍वपूर्ण कार्य संपन्‍न होते हैं। संतान की प्राप्ति होती है तथा इस पूजा के प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं वो पूरे हो जाते हैं। शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं। पितृ दोष से मुक्ति मिलती है तथा आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

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यजमान द्वारा वांछित जानकारी

नाम एवं गोत्र, पिता का नाम, जन्‍म तारीख, स्‍थान ||

कैसे प्राप्‍त करें यह सौभाग्‍य?

आप AstroVidhi Customer Care Number 8285282851 पर संपर्क करके पितृ दोष निवारण पूजा करवाने का समय ले सकते हैं। यह पूजा करवाने के लिए गोत्र और पितरों के नाम अवश्‍य ज्ञात होने चाहिए।

पितृ दोष की पूजा कैसे करते हैं?

२) पितृ दोष निवारण पूजा अमावस्या तिथि, या पितृ पक्ष के काल में किसी भी दिन की जा सकती है। इस पूजा का उत्तम काल दोपहर का होता है। ३) पितृ पक्ष में हररोज़ पित्रों की शांति के निमित से जल, जौं और काले तिल एवं पुष्प के साथ पित्रों का तर्पण कराने से पितृ दोष दूर होता हैं

पितृ दोष की पूजा कितने दिन की होती है?

आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पंद्रह दिन पितृपक्ष (पितृ = पिता) के नाम से विख्यात है। इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर पार्वण श्राद्ध करते हैं।

पितरों के लिए कौन सा दीपक लगाना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना गया है.

पितृ दोष की शांति के लिए क्या करना चाहिए?

पितृ दोष शांति के उपाय आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पूर्वजों को मृत्यु तिथि अनुसार तिल, कुशा, पुष्प, अक्षत, शुद्ध जल या गंगा जल सहित पूजन, पिंडदान, तर्पण आदि करने के बाद ब्राह्माणों को अपने सामर्थ्य के अनुसार भोजन, फल, वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करने से पितृ दोष शांत होता है.