बिहार विधान परिषद के सदस्य कौन कौन है? - bihaar vidhaan parishad ke sadasy kaun kaun hai?

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केशव सुमन सिंह

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: May 26, 2022, 3:09 PM

विधान परिषद सात सीटों पर चुनाव की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी घोषणा जारी की है। विधान परिषद के सातों सदस्यों का कार्यकाल 21 जुलाई को पूरा हो रहा है। इन सातों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया दो जून से शुरू कर दी जाएगी। लेकिन जेडीयू को सबसे ज्‍यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। जेडीयू की 5 सीट खाली हो रही है। जिनमें से के एक सीट ही उसे मिल पाएगी। वहीं आरजेडी को दो सीटें मिलेंगी।

बिहार विधान परिषद के सदस्य कौन कौन है? - bihaar vidhaan parishad ke sadasy kaun kaun hai?

पटना : बिहार विधान परिषद की सात सीटों पर चुनाव की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी घोषणा जारी की है। विधान परिषद के सातों सदस्यों का कार्यकाल 21 जुलाई को पूरा हो रहा है। इन सातों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया दो जून से शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए मतदान की तारीख 20 जून तय की गई है। बिहार विधानसभा कोटे से निर्वाचित जिन 7 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें अर्जुन सहनी, मो कमर आलम, गुलाम रसूल, रोजिना नाजिश, रणविजय कुमार सिंह, मुकेश सहनी और सीपी सिन्हा उर्फ चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा का नाम शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि विधानसभा कोटे की इन सातों सीटों पर नामांकन दो जून से आरंभ होगा। नामांकन नौ जून तक चलेगा। नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गई है। सातों सीटों के लिए मतदान 20 जून को सुबह नौ बजे से चार बजे तक किया जाएगा। मतों की गणना 20 जून को ही शाम पांच बजे से होगी। लेकिन इन सबके बीच बीजेपी को सबसे ज्‍यादा नुकसान होने जा रहा है। वहीं महागठबंधन का संख्‍या बल भी परिषद में बढ़ेगा।

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विधान परिषद सदस्‍यों के चुनाव का गणित
विधान परिषद की 7 सीटें खाली हुईं हैं। एक सदस्‍य को परिषद में भेजने का गणित ये है कि एक सदस्‍य के लिए 31 विधायकों के वोट की आवश्‍यकता होगी। अब बात करते हैं गणित की विधान परिषद की 7 सीटें खाली हो रहीं हैं। 7 सीटों में 1 जोडें तो 8 होगा। बिहार विधानसभा के सीटों की संख्या 243 है। अब इसे 8 से भाग देने पर परिणाम 30.35 आएगा। ऐसे में एक MLC को जीत के लिए 31 विधायकों के वोट की जरूरत होगी। अब इस हिसाब से JDU के पास 45 विधायक हैं। ऐसे में जेडीयू के खाते में 1 MLC की सीट ही आएगी। वहीं, BJP के पास 77 विधायक हैं। ऐसे में उन्‍हें दो MLC इनके वोट से मिलेगा। RJD के पास भी 76 विधायक हैं। ऐसे में इनके खाते में 2 भी दो एमएलसी आएंगे। तीसरे MLC के लिए RJD या फिर कांग्रेस प्रयास कर सकती है। वहीं, NDA के तरफ से भी एक सीट पर दावा किया जा सकता है, क्योंकि BJP के पास 15, JDU के 14 और HAM के चार और एक निर्दलीय वोट अतिरिक्त वोट है। इसलिए चौथा NDA के खाते ही जाएगा। इसके बावजूद JDU को यदि एक और सीट मिल भी जाती है तो भी तीन सीटों का नुकसान होगा।

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जेडीयू को होगा नुकसान
बताते चलें कि, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। इसका दर्द एक बार फिर जेडीयू के लिए उभरता नजर आएगा। तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद वह कमजोर हुई है। अब विधान परिषद में भी संख्या बल में कम होने जा रहा है। जुलाई में विधान परिषद की 7 सीटें खाली हो रही है। इन सात सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें JDU की खाली हो रही है। इनमें से 5 JDU से, एक भाजपा से और एक VIP के खाते से खाली हो रही है। VIP संस्थापक मुकेश सहनी अभी बीजेपी के कोटे से विधान पार्षद हैं। JDU से मोहम्मद कमर आलम, गुलाम रसूल बलियावी, रणविजय कुमार सिंह, रोजिना नाजिश, सीपी सिन्हा रिटायर्ड हो रहे हैं। वहीं, बीजेपी के कोटे सेअर्जुन साहनी की सदस्यता खत्म हो रही है। संख्या बल के अनुसार JDU को एक सीट आसानी से मिलती दिख रही है। वहीं, विपक्ष यानी महागठबंधन को सीधे 3 सीटों का फायदा हो रहा है।

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बिहार विधान परिषद सदस्य की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव

पटना। बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या बढ़ सकती है। अभी कुल 75 सदस्य हैं जिसमें दो सीटें खाली हैं। संविधान की धारा 171 के अनुसार विधानसभा में कुल सदस्य संख्या के अधिकतम एक तिहाई सदस्य विधान परिषद में हो सकते हैं। इस लिहाज से 243 सीटों वाली बिहार विधान सभा के एक तिहाई यानि 81 सदस्य परिषद में हो सकते हैं। यानि अभी छह सीटों की गुंजाइश है। विधान परिषद सभापति ताराकांत झा ने बताया कि बिहार पुनर्गठन विधेयक के तहत अविभाजित बिहार विधान परिषद के 96 में से 75 सदस्य विभाजित बिहार विधान परिषद में रह गए। उन्होंने कहा कि पहले भी 325 सदस्यीय विधानसभा के एक तिहाई यानि 108 सदस्य विधान परिषद में हो सकते थे। सभापति ने कहा कि यह बिहार के साथ शुरू से हुई हकमारी को दर्शाता है क्योंकि विधानमंडल की सदस्य संख्या निर्धारित करने का अधिकार संसद को ही है। उन्होंने कहा कि अभी विधान परिषद की मौजूदा सदस्य संख्या को बढ़ाने पर विचार चल रहा है। प्रक्रिया पर मंथन विधान परिषद की सदस्य संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव किस रूप में केंद्र को भेजा जाए, इस पर मंथन चल रहा है। जानकारों के मुताबिक बिहार पुनर्गठन विधेयक के तहत बिहार विधान परिषद की मौजूदा संख्या निर्धारित हुई थी, इसलिए उक्त विधेयक में भी संशोधन करना होगा। इसके पहले राज्य कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कराकर दोनों सदनों से पारित कराने की प्रक्रिया करनी पड़ सकती है। हालांकि विधि विशेषज्ञों की राय के बाद ही प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय होगा। क्यों हुई जरूरत अभी विप में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के 6 यानी 12, स्थानीय निकायों से निर्वाचित 24, राज्यपाल द्वारा मनोनीत विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले 12 और विधानसभा सदस्यों से निर्वाचित होनेवाले 27 सदस्य होते हैं। बिहार बंटवारे के बाद एंग्लो इंडियन समुदाय से मनोनीत होनेवाले एक सदस्य का कोटा झारखंड चला गया। इस समुदाय को विप में प्रतिनिधित्व देने की मांग हो रही है। अधिवक्ताओं, किसानों समेत दूसरे वर्ग से प्रतिनिधित्व देने की मांग उठ रही है।

बिहार में विधान परिषद के सदस्यों की संख्या कितनी है?

अभी बिहार विधान परिषद् में 27 सदस्‍य बिहार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से, 6 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से, 6 स्‍नातक निर्वाचन क्षेत्र से, 24 स्‍थानीय प्राधिकार से तथा 12 मनोनीत सदस्‍य हैं ।

बिहार विधान परिषद के सभापति कौन है?

पवन कुमार पाण्डेय प्रभारी सचिव, बिहार विधान सभा, पटना । पटना, दिनांक- 16 नवम्बर, 2022 ई० । भारत के संविधान के अधीन गठित सप्तदश बिहार विधान सभा के सप्तम सत्र (दिसम्बर, 2022) का औपबंधिक कार्यक्रम ।

विधान परिषद का सदस्य क्या है?

विधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतन्त्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमण्डल का अंग है।

विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?

विधान परिषद का प्रत्येक सदस्य छह वर्ष के कार्यकाल के लिए कार्य करता है।