पीपल पर जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए? - peepal par jal chadhaate samay kya bolana chaahie?

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पीपल पर जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए? - peepal par jal chadhaate samay kya bolana chaahie?

ऐसे करें पीपल की पूजा
प्रतिदिन या शनिवार के दिन सूर्योदय के कुछ समय पूर्व एवं सूर्यास्त के तुरंत बाद अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना से दोनों ही समय पीपल वृक्ष के पास जाकर पहले सरसों के तेल का एक दीपक व सुंगंधित धुप जलावें, फिर हल्दी, कुमकुम, चावल, पुष्प से पूजन कर शक्कर मिला मीठा जल एक लोटा चढ़ावें। जल चढ़ाने के बाद थोड़ा सा शक्कर या गुड़ का प्रसाद पीपल की जल में चढ़ा दें। अब पीपल पेड़ की 11 परिक्रमा पित्रों का आशीर्वाद प्राप्त हो इस भाव से करें। उक्त क्रम दोनों समय करना है, कुछ ही दिनों में लाभ दिखाई देने लगेगा।

पीपल पर जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए? - peepal par jal chadhaate samay kya bolana chaahie?

पुण्‍यकारी है पीपल का पेड़
हिन्दू धर्म में पीपल का पेड़ अधिक पूजनीय माना गया है, इस पेड़ पर देवताओं का वास माना गया है। पीपल को विश्ववृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है। श्रीमद्भागवत गीता में स्‍वयं भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि ‘वृक्षों में मैं पीपल हूं’। शास्‍त्रानुसार पीपल की जड़ में ब्रह्मा, तने या मध्य भाग में भगवान विष्णु और पीपल के अग्र भाग में भगवान शिव स्‍वयं वास करते हैं। इसके फलों में सभी देवताओं का वास होता माना गया है। अथर्ववेद और छान्दोग्योपनिषद् में पीपल के पेड़ के नीचे देवताओं का स्वर्ग बताया गया है।


इस दिन जल चढ़ाना है वर्जित
इसी कारण वश ऐसा कहा गया है कि पीपल के पूरे पेड़ की पूजा होनी चाहिए, विधि-विधान और नियम पूर्वक पीपल की पूजा करने से मन की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। जो भी इन नियमों के तहत पीपल की पूजा नहीं करता है उसे जीवन भर कष्ट ही भोगना पड़ता है। अमावस्या और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान चालिसा का पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, शनिवार को रात के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली आती है। मनुष्य को सभी जगह सफलता भी मिलती है। जबकि रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके जीवन में कंगाली आ जाती है। रविवार के दिन कभी भी पीपल के पेड़ पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

पीपल की पूजा करते समय बोलें ये मंत्र, ऐसा करने से दूर होते हैं सभी ग्रहों के दोष

उज्जैन. श्रीमद्भागवत में श्रीकृष्ण ने पीपल को स्वयं का ही एक स्वरूप बताया है। इसी वजह से पीपल की पूजा से सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं, सुख, ऐश्वर्य की प्राप्त हो सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, पीपल की पूजा से सभी ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं। यहां जानिए पीपल की पूजा की सामान्य विधि…

- सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र पहनें। पीपल की जड़ में गाय का दूध, तिल और चंदन मिला हुआ पवित्र जल अर्पित करें।
- जल अर्पित करने के बाद जनेऊ फूल व प्रसाद चढ़ाएं। धूप-बत्ती व दीप जलाएं। आसन पर बैठकर या खड़े होकर ये मंत्र बोलें-
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
- मंत्र जाप के बाद आरती करें। प्रसाद ग्रहण करें। पीपल की जड़ में अर्पित थोड़ा सा जल घर में लाकर छिड़कें। इस प्रकार पीपल की पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

पीपल के उपाय जानने के लिए आगे की स्लाइड्स देखें...

1. ज्योतिष में बताया गया है कि पीपल का एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। जैसे-जैसे यह वृक्ष बड़ा होगा आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी।
 

2. यदि कोई व्यक्ति किसी पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है और नियमित रूप से उस शिवलिंग का पूजन करता है तो समस्याएं समाप्त हो सकती हैं। इस उपाय से बुरा समय धीरे-धीरे दूर हो सकता है।
 

3. शनि दोष, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए प्रति शनिवार पीपल पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए।
 

4. शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक लगाना चाहिए।
 

5. कलयुग में हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। यदि पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह उपाय शुभ फल प्रदान करने वाला है।
 

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पीपल की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

"ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें. नियमित धन लाभ के लिए- शनिवार को पीपल का एक पत्ता उठा लाएं. उस पर सुगंध लगाएं.

पीपल पर जल चढ़ाते हुए कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

पीपल पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए? मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।। आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।

पीपल में जल कितने बजे तक चढ़ाना चाहिए?

पीपल के वृक्ष पर जल सूर्योदय के बाद ही चढ़ाना चाहीए। जिससे आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि सदा बनी रहे। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करता है उसकी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही शत्रुओं का नाश भी होता है।

पीपल की पूजा कितने बजे तक करनी चाहिए?

इसलिए सूर्योदय से पहले न तो पीपल की पूजा करनी चाहिए और न ही इस वृक्ष के पास जाना चाहिए, ऐसा करने से घर में दरिद्रता चली आती है। हमेशा सूर्योदय के बाद ही पीपल की पूजा करें।