निकट-दृष्टि दोष या निकट-दर्शिता दृष्टि की अपवर्तन दोष है जिसमें कुछ मीटर निकट रखी वस्तुएँ स्पष्ट दिखती हैं किन्तु दूर की वस्तुएँ सुस्पष्ट नहीं दिखाई देती। नेत्रों में यह दोष उत्पन्न होने का कारण प्रकाश की समान्तर किरणपुंज आँख द्वारा अपवर्तन के बाद दृष्टि पटल पर न बनाकर उसके सामने ही प्रतिबिम्ब बना देना है। ऐसे दोषयुक्त व्यक्ति का दूर-बिन्दु अनंत पर न होकर नेत्र के निकट आ जाता है। Show इसका अंतर्निहित कारण आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन माना जाता है। चक्षु लेंस की अत्यधिक वक्रता अथवा नेत्र गोलक का प्रसारण, इस दोष के संभावित कारण हैं। इस दोष को उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस के उपयोग द्वारा संशोधित किया जा सकता है। निकट-दृष्टि दोष का निवारण[संपादित करें]निकट-दृष्टि दोष में नेत्र का दूर बिन्दु अनन्त से कम दूरी पर हो जाता है। आँख के इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है कि अनन्त पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के दूर बिन्दु से चली हुई प्रतीत हो। तब ये किरणें नेत्र लेंस से अपवर्तित होकर दृष्टि पटल पर मिलती हैं। उपयुक्त फोकस दूरी वाले अवतल लेंस से युक्त चश्में के प्रयोग से निकट-दृष्टि को सुधारा जाता है। इससे दूर की चीजें भी स्पष्ट दिखने लगती हैं। जब नेत्र की गोलकता बढ़ जाती है तो उसका फोकस कम हो जाता है जिससे वस्तुएँ दृष्टि पटल पर न बनकर उससे पहले ही बन जाता हैं। जिससे वस्तुएँ धुंधली मतलब साफ़ नहीं दिखाई देती हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
यह क्या करना है निकट दृष्टि दोष के निवारण के लिए किस लेंस का उपयोग करते हैं ठीक है तो चलिए सबसे पहले समझते हैं कि निकट दृष्टि दोष है क्या ठीक है तू देखे निकट दृष्टि दोष और दोष होता है ठीक है जिससे आनंद से आने वाली प्रकाश की किरण जो है रेटिना के पहले बनता है मनुष्य के आंख के रेटिना के पहले बनता है ऐसे जो निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं कि दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकते ठीक है उसे क्या कहते हैं हम निकट दृष्टि दोष कहते हैं वह मनुष्य जैसे क्या दूर की वस्तु दिखाई नहीं देता उसे 1 घंटे उसके आगे कैसा होता है देखिए मान लीजिए कि कोई वस्तु जो है आनंद पर है ठीक है यह दीजिए कोई वस्तु आनंद पर है उसे एक प्रकाश की किरण समांतर आ रही है अब यह जैसे ही नेत्र लेंस पर पड़ता है यह हमारा क्या है नेत्र लेंस क्या होता है या उत्तल लेंस होता है ठीक है या प्राकृतिक दल लेना मनुष्य में यह पाया जाता है अब यह किरण जो है क्या होती है जो मुख्य के समांतर आप 30 होती है वह फोकस होकर जाती है तो यह देखिए यह फोकस होकर जा रही है लेकिन होता यह है कि इस दशा में जो प्रकाश की किरण है वह कहां मिलते हैं वह जो है रेटिना के पहले यहां पर देख सकते हैं और यहीं पर उनका प्रतिदिन बन जाता है इस प्रकार से इनको जो है बस तो दिखाई नहीं देती ठीक है देखिए यह हमारा क्या रंगला तारे टीना जिसे मैं आ रहा हूं ठीक है यह क्या है रेटीना अगर कोई वस्तु की प्रतिबिंब है वह रेटीना पर बनता है तभी हमें वस्तु दिखाई देती है लेकिन निकट दृष्टि दोष में क्या होता है जो प्रतिदिन भाव रेट पहले बनता है ठीक है यह हो गया कि निकट दृष्टि दोष से पीड़ित मुझसे की आंख में इस प्रकार से होता है अब देखें अब मान लीजिए कि कोई वस्तु जो है क्या है बहुत दूर स्थित है मैं तो कोई फोकस पीते थे ठीक है और वह जो है क्या होता है कि स्पष्ट दिखाई उसको नहीं देता ठीक है पहले दिखाई दे रहा था अब नहीं देगा निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति शिथिल अवस्था में देखने बिंदु एक टकी दिखाई देता है ना मतलब वह जो है क्या है कि दूर की वस्तु को नहीं देख सकते उनका जो क्षमता है वह सिर्फ एक बिंदु तक मतलब प्राथमिक फोकस तक बस दिखाई देगा ठीक है अब देखे इसका निवारण कैसे कर सकते हैं हम इसका निवारण से कर सकते हैं कोई भी आनंद से प्रकाश की ओर जा रही है वह कहां बनना चाहिए उसका प्रतिबिंब का बनना चाहिए टीना पर ठीक है तो इसके लिए क्या करेंगे हम एक अवतल लेंस लगा देते हैं यह देखी अवतल लेंस अवतल लेंस में होता क्या है कि जो को जो किरण है क्या रही है आनंद से कोई किरण जो आ रही है वह जो है या फिर कोई किरण फोकस पर है वह भी क्या हो जाती है पहले जो है नेत्र लेंस में जाती है यह देखिए पहले अवतल लेंस में कई अवतल लेंस में जाने के बाद क्या हो जाता है या यह प्रकाश की किरण जो है जब जाती हैं ना मैं सब फैल जाती तो होता यह है कि इस बार जो है नितिन की क्षमता से क्या हो जाता है बदल जाता है जहां पर देख सकते हैं अवतल लेंस का उपयोग करके दूर बिंदु को अनंत पर स्थापित किया जा सकता है कोई भी बिंदु है वह आनंद से पहले आया फिर अवतल लेंस में उसका क्या बना ही देखिए यह जो है यह प्रकाश की किरण अवतल लेंस में क्या हो गई समांतर हो गई पहले जो किरण फोकस पर थी और समानता हो गई अब वह समांतर किरण जो है कहां पर पड़ी मानव ने मानव नेत्र के अवतल लेंस पर पड़ी अब हुआ है जो है अंतिम उसका प्रतिबिंब जो है देख सकते हैं आप रेटिना पर बनता है और इस प्रकार जो है हमारा निकट दृष्टि दोष अवतल लेंस के द्वारा क्या हो जाता है दूर किया जाता है ठीक है तो हमारा उत्तर होगा उत्तल लेंस के द्वारा निकट दृष्टि दोष दूर किया जाता है धन्यवाद निकट दृष्टि दोष में कौन सा लेंस लगाना चाहिए?सही उत्तर अवतल लेंस है। यह निकट दृष्टिदोष का एक नेत्र विकार है। निकट दृष्टि दोष में, प्रकाश रेटिना पर के बजाय, के सामने केंद्रित होता है।
निकट दृष्टि दोष दूर करने के लिए चश्मे में कौन सा लेंस प्रयोग किया जाता है?निकट दृष्टिदोष (मायोपिया): इसमें किसी भी चीज का प्रतिबिंब रेटिना के आगे बन जाता है, जिससे दूर का देखने में दिक्कत होती है। इसे ठीक करने के लिए माइनस यानी कॉनकेव लेंस की जरूरत पड़ती है।
दूर दृष्टि दोष में कौन सा लेंस पाया जाता है?इस दोष का संशोधन आँखों के आगे उत्तल लेंस युक्त चश्मे के प्रयोग से किया जाता है।
निकट दृष्टि दोष का दूसरा नाम क्या है?निकट दृष्टि दोष को चिकित्सीय भाषा में मायोपिया कहते हैं, इसमें दूर की चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में परेशानी आती है। मायोपिया में आंख की पुतली (आई बॉल) का आकार बढ़ने से प्रतिबिंब रेटिना पर बनने के बजाय थोड़ा आगे बनता है।
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