मृदा के संरक्षण में वे सब विधियाँ आती हैं जिनके द्वारा मृदा अपरदन रोका जाता है। यदि मृदा बह गई है या उड़ गई है तो उसे पुन: स्थापित करना आसान नहीं है। इसलिये मृदा संरक्षण में सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह है कि मृदा अपने ही स्थान पर सुरक्षित बनी रहे। इसके लिये विभिन्न प्रदेशों में कृषि पद्धतियों में सुधार किये गये हैं। पहाड़ी ढलानों पर समोच्चरेखीय जुताई और सीढ़ीदार खेती की जाती है। Show
मृदा संरक्षण की ये बड़ी आसान विधियाँ हैं। वृक्षों की कतार या रक्षक-मेखला बनाकर मरुस्थलीय प्रदेशों में पवन-अपरदन से खेतों की रक्षा की जाती है। हिमालय के ढ़लानों और अपवाह क्षेत्र, झारखण्ड में ऊपरी दामोदर घाटी और दक्षिण में नीलगिरि की पहाड़ियों पर वनरोपण किया गया है। इसके द्वारा धरातलीय जल के तेज बहाव को कम किया गया है जिससे मृदा अपने ही स्थान पर बंधी रहती है। खड्ड अपने विशाल आकार, गहराई और खड़े ढलानों के लिये जाने जाते हैं। भारत में पाई जाने वाली मृदा
मृदा संरक्षण के उपायमृदा संरक्षण के उपाय, mrida sanrakshan ke upay, मृदा संरक्षण के उपायों का वर्णन, मृदा संरक्षण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
इसे सुनेंरोकेंभारत में पाई जाने वाली मृदा मृदा अपरदन के प्रमुख रूप है : खड्ड, अवनालिकायें, भूस्खलन एवं परत-अपरदन। मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं : समोच्चरेखीय जुताई और सीढ़ीदार खेती, वृक्षों की कतार या रक्षक-मेखला बनाना, वनरोपण, अतिचराई को रोकना एवं खादों और उर्वरकों का प्रयोग। मृदा का संरक्षण क्यों आवश्यक है? इसे सुनेंरोकेंकृषि क्षेत्र में मिट्टी का एक विशेष स्थान है. अगर किसानों के खेतों में फसलों के मुताबिक मिट्टी न हो, तो फसलों का अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता है, इसलिए मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है. मिट्टी के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए ही दुनियाभर में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. तीव्र ढालों पर कौन सी विधि मृदा अपरदन को रोकने के लिए सबसे उपयुक्त है?इसे सुनेंरोकें(ii) वेदिका कृषि विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। पढ़ना: हरपीज कितने दिन में ठीक होता है? मृदा संरक्षण क्यों आवश्यक है चार कारण? इसे सुनेंरोकेंवृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण मृदा अपरदन एवं पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए वृक्षों का बचाव करना बेहद जरूरी होता है। मृदा संरक्षण से धरती का पर्यावरण भी संरक्षित होता है। पेड़-पौधे भूमि के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है। भूमि क्षरण से बचाव के क्या तरीके हैं?भू-क्षरण को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित जैविक उपायों का प्रयोग किया जाता है:
मृदा अपरदन क्या है इसको रोकने के उपायों का वर्णन कीजिए? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार कहा जा सकता है कि पहाड़िया और पर्वतीय क्षेत्रों में जहां समोच्च रेखीय जुताई, सीढ़ीनुमा कृषि, घास की पेट्टी, वृक्षारोपण और पशुचारण पर नियंत्रण रख मृदा अपरदन को रोका जा सकता है। वहीं शुष्क और मरुस्थलीय क्षेत्रों में रक्षक मेखला और वृक्षारोपण जैसे तरीके मृदा अपरदन को रोकने में सहायक है। मृदा संरक्षण क्यों आवश्यक है इसके उपाय बताइए?मृदा संरक्षण के चार महत्वपूर्ण कारण
पढ़ना: लिवर सिरोसिस होने में कितना समय लगता है? निम्न में से कौन से भूमि संरक्षण के उपाय हैं? भू-संरक्षण के उपाय
मृदा अपरदन क्या है अपरदन को रोकने और कम करने के कौन कौन से तरीके हैं?अपरदन को रोकने और कम करने के निम्नलिखित तरीके हैं :
मृदा अपरदन को रोकने के कौन कौन से तरीके हैं? अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
मृदा संरक्षण क्यों आवश्यक है कोई चार?इसे सुनेंरोकेंइसका निर्माण खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है. इसके माध्यम से पौधों का विकास होता है, साथ ही मिट्टी कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है. इतना ही नहीं, मिट्टी भोजन, कपड़ा, आश्रय और चिकित्सा समेत कई आवश्यक जीवित कारकों का स्रोत है. ऐसे में मिट्टी का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है. पढ़ना: तुलनात्मक राजनीति का लक्ष्य क्या है? मृदा संरक्षण से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: मृदा संरक्षण (Soil conservation) से तात्पर्य उन विधियों से है, जो मृदा को अपने स्थान से हटने से रोकते हैं। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न विधियाँ अपनाई गई हैं। वन संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?(i) वन संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं :
संरक्षण की परिभाषा क्या है? इसे सुनेंरोकेंसंरक्षण Meaning in Hindi – संरक्षण का मतलब हिंदी में संरक्षण संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] 1. रक्षा करने की क्रिया या भाव ; पूरी देख-रेख 2. अधिकार ; कब्ज़ा 3. अपने आश्रय में रखकर पालन-पोषण करने की क्रिया 4. मृदा संरक्षण से आप क्या समझते हैं इसके उपाय बताइए?मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं - वनों की रक्षा, वृक्षारोपण, बांध बनाना, भूमि उद्धार, बाढ़ नियंत्रण, अत्यधिक चराई पर रोक, पट्टीदार व सीढ़ीदार कृषि, समोच्चरेखीय जुताई तथा शस्यार्वतन। मृदा एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न प्रकार के जीवों का भरण-पोषण करती है।
मृदा क्षरण से आप क्या समझते हैं?भूक्षरण या मृदा-अपरदन का अर्थ है मृदा कणों का बाह्य कारकों जैसे वायु, जल या गुरूत्वीय-खिंचाव द्वारा पृथक होकर बह जाना। वायु द्वारा भूक्षरण मुख्यतः रेगिस्तानी क्षेत्रों में होता है, जहाँ वर्षा की कमी तथा हवा की गति अधिक होती है, परन्तु जल तथा गुरूत्वीय बल द्वारा भूक्षरण पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक होता है।
मृदा संरक्षण क्या है यह क्यों महत्वपूर्ण है?वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए वृक्षों का बचाव करना बेहद जरूरी होता है। मृदा संरक्षण से धरती का पर्यावरण भी संरक्षित होता है। पेड़-पौधे भूमि के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है। इसलिए पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए मृदा संरक्षण बेहद जरूरी है।
मृदा क्षरण क्या है इसे कैसे रोका जा सकता है?मृदा क्षरण को रोकने के लिए वृक्षारोपण, फसल चक्रण, बांध का निर्माण, अतिवृष्टि को रोकना, पट्टी और छत पर कृषि, समोच्च जुताई का उपयोग किया जा सकता है। वनस्पति: यह पौधों द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक जमीनी आवरण है, इस उपाय के कारन पौधों की जड़ें मिट्टी को पकड़ लेती हैं और मृदा क्षरण को रोकती हैं।
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