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खाद डालते हुए; खाद एक जैविक उर्वरक है। उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं। उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं। मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सुक्ष्मजीवों के लिए भी ये घातक साबित होते हैं। इसलिए उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का प्रयोग तेजी से लोकप्रीय हो रहा है। भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है।इनका उपयोग हमें बहुत कम करना चाहिए । उर्वरक का वर्गीकरण[संपादित करें]
पौधों के लिये आवश्यक पोषक तत्व[संपादित करें]मुख्य तत्व[संपादित करें]पौधों के लिये तीन प्रमुख पोषक तत्व हैं:
द्वितीयक पोषक तत्व[संपादित करें]
सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्युट्रिएन्ट्स)[संपादित करें]
सीमाएं[संपादित करें]उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं। मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सुक्ष्मजीवों के लिए भी ये घातक साबित होते हैं। भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है। वर्तमान समय में वहाँ पानी का जलस्तर एवं मृदा की पोषकता में भारी कमी देखी गई है। इसके साथ ही मृदा तथा उपज में हानीकारक रसायनों की मात्रा में बहुत वृद्दी पाई गई है। इसलिए उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का प्रयोग तेजी से लोकप्रीय हो रहा है। प्रमुख रासायनिक उर्वरक[संपादित करें]यूरिया[संपादित करें]पहचान विधि :
डाई अमोनियम फास्फेट (डी.ए.पी.)[संपादित करें]पहचान विधि :
सुपर फास्फेट[संपादित करें]पहचान विधि :
जिंक सल्फेट[संपादित करें]पहचान विधि :
पोटाश खाद[संपादित करें]पहचान विधि :
उत्पादन[संपादित करें]विश्व के उर्वरक उत्पादक देश २००२ में सर्वाधिक उर्वरक उत्पादक देशस्रोत: "रिउटर्स : द वर्ड इन फिगर्स् (2005)
भारत के प्रमुख उर्वरक कारखाने[संपादित करें]1. दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड 2. कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड 3. गुजरात नर्मदा घाटी उर्वरक और रसायन लिमिटेड 4. चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड 5. राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक लिमिटेड 6. उर्वरक और रसायन त्रावणकोर लिमिटेड 7. गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड 8. ज़ुअरी एग्रो केमिकल्स लिमिटेड 9. मैंगलोर रसायन और उर्वरक 10. राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड खाद डालने की मुख्य विधियाँ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति से आप क्या समझते हैं?फसलों की अच्छी पैदावार के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश के अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की संख्या आठ हैः जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज, बोरॉन, मॉलिब्डेनम, निकल एवं क्लोरीन।
मृदा में पोषक तत्वों की पुनः पूर्ति कैसे होती है?इसलिए मृदा को इन पोषक तत्त्वों से समृद्ध करने के लिए भूमि में उर्वरक तथा खाद मिलाने की आवश्यकता होती है। उर्वरक एवं खाद्य में नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस जैसे पादप पोषक होते हैं। इस प्रकार उर्वरक एवं खाद को मृदा में मिलाकर मृदा में पोषकों की पुन: पूर्ति कर ली जाती है।
मिट्टी के पोषक तत्व कौन कौन से हैं?क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, चियांकी के मृदा वैज्ञानिक डॉ कुमार शैलेंद्र मोहन ने किसानों को बताया कि मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्व होते है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्सियम, मैग्नीशियम,सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिबडनम, क्लोरीन है।
भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कौन कौन से उपाय किए जा सकते हैं?1 Answer. भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-. भूमि को जोतकर कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाए, जिससे पोषक तत्वों की पूर्ति पर्यावरण से स्वतः होती रहे।. फसल चक्र के नियमों का पालन किया जाए।. भूमि में पोषक तत्वों की तत्काल पूर्ति के लिए विभिन्न रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाए।. |