पूर्ति क्या है पूर्ति के नियम को लिखे? - poorti kya hai poorti ke niyam ko likhe?

विषयसूची

  • 1 पूर्ति क्या है पूर्ति के नियम को लिखिए?
  • 2 मांग और पूर्ति का सिद्धांत क्या है?
  • 3 पूर्ति की लोच से आप क्या समझते हैं?
  • 4 पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्व कौन कौन से हैं?
  • 5 गिफिन विरोधाभास क्या है?

पूर्ति क्या है पूर्ति के नियम को लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंपूर्ति का नियम क्या है? उत्तर- पूर्ति का नियम- पूर्ति और कीमत के सम्बन्ध को ही ‘पूर्ति का नियम’ कहते हैं। अन्य बातों के यथास्थिर रहने पर, किसी वस्तु या सेवा की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी पूर्ति में वृद्धि हो जाती है और कीमत में कमी होने पर पूर्ति में भी कमी हो जाती है। इसे ही पूर्ति का नियम कहते हैं।

प्रश्न 2 एक फर्म को कीमत स्वीकारक कब कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंएक फर्म को मूल्य स्वीकारक फर्म कब कहा जाता है? – उत्तर-एक फर्म को मूल्य स्वीकारक फर्म तभी माना जाएगा जब वस्तु की कीमत बाजार माँग और बाजार पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है और फर्मों द्वारा इस मूल्य परं कितनी भी वस्तुओं का विक्रय किया जा सकता है Page 11 एवं कोई भी फर्म कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती है।

मांग और पूर्ति का सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकें1890 में अल्फ्रेड मार्शल द्वारा पूर्ति और मांग का सिद्धांत दिया गया था। आर्थिक प्रणाली और इसके कार्य की समझ में मांग और आपूर्ति का सिद्धांत एक केंद्रीय अवधारणा है। एक वस्तु या सेवा की मांग की गई मात्रा वह राशि है जो उपभोक्ता किसी विशेष समय अवधि के दौरान, एक विशेष मूल्य पर खरीदने की योजना बनाते हैं।

मांग सिद्धांत किसका है?

इसे सुनेंरोकें1890 अल्फ्रेड मार्शल ने अर्थशास्त्र के सिद्धांत लिखा, जहां उन्होंने बताया कि कैसे आपूर्ति और मांग, उत्पादन की लागत और मूल्य लोच एक साथ काम करते हैं। मार्शल ने आपूर्ति-और-मांग वक्र विकसित किया जिसका उपयोग अभी भी उस बिंदु को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है जिस पर बाजार संतुलन में है।

पूर्ति की लोच से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें”पूर्ति की लोच कीमत में थोड़े-से परिवर्तन के उत्तर में पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की माप है। श् यह कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती है।”

पूर्ति के आवश्यक तत्व कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. की कीमत वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है। जब वस्तु की कीमत बढ़ती है तो उसकी पूर्ति बढ़ जाती है तथा कीमत में कमी होने पर उसकी पूर्ति घट जाती है। कार्य में प्रयुक्त साधनों की कीमत जब बढ़ जाती है तो इससे उत्पादन लागत में वृद्धि हो जाती है।

पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्व कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकें(1) वस्तु की कीमत :- किसी वस्तु की कीमत पूर्ति को प्रभावित करने वाला प्रमुख तत्व हैं। जब वस्तु की कीमत अधिक होगी तो पूर्ति भी उत्पादक के द्वारा अधिक की जायेगी व कीमत कम होने पर पूर्ति भी कम की जायेगी। (2) अन्य वस्तुओं की कीमत :- अन्य वस्तुओं की कीमत भी वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करती हैं।

मांग को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

मांग को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की चर्चा नीचे की गई है:

  1. दी गई वस्तु की कीमत यह दी गई वस्तु की मांग को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
  2. संबंधित सामानों की कीमत:
  3. उपभोक्ता की आय:
  4. स्वाद और प्राथमिकताएं
  5. भविष्य में कीमत में बदलाव की उम्मीद

गिफिन विरोधाभास क्या है?

इसे सुनेंरोकें(iv) गिफिन का विरोधाभास- ‘गिफिन’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम इंगलैण्ड के अर्थशास्त्री रॉबर्ट गिफिन द्वारा किया गया। उनके अनुसार दो प्रकार की वस्तुएं होती हैं। सामान्य वस्तुएँ। गिफिन या घटि Page 5 (a) सामान्य वस्तुएं- उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिन वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है, वे सभी सामान्य वस्तुएँ कहलाती हैं।

पूर्ति में परिवर्तन के क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंयदि अन्य कारकों के समान रहने पर कीमत में वृद्धि होने से वस्तु – की पूर्ति बढ़ जाती है तो इसे पूर्ति में विस्तार कहते हैं, जबकि वस्तु की कीमत समान रहने पर यदि अन्य कारकों में अनुकूल परिवर्तन होने से पूर्ति बढ़ जाती है तो इसे पूर्ति में वृद्धि कहते हैं।

पूर्ति का नियम क्या है?

पूर्ति का नियम क्या है? उत्तर- पूर्ति का नियम- पूर्ति और कीमत के सम्बन्ध को ही 'पूर्ति का नियम' कहते हैं। अन्य बातों के यथास्थिर रहने पर, किसी वस्तु या सेवा की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी पूर्ति में वृद्धि हो जाती है और कीमत में कमी होने पर पूर्ति में भी कमी हो जाती है। इसे ही पूर्ति का नियम कहते हैं।

पूर्ति क्या?

पूर्ति शब्द का अर्थ किसी वस्तु की उस मात्रा से लगाया जाता है, जिसे को विक्रेता 'एक निश्चित समय' तथा 'एक निश्चित कीमत' पर बाजार में बेचने के लिए तैयार रहते हैं।

अर्थशास्त्र में पूर्ति क्या है?

अर्थशास्त्र में पूर्ति शब्द का अर्थ किसी वस्तु की उस मात्रा से होता है जिसे कोई विक्रेता, एक निश्चित समय और एक निश्चित कीमत पर बाज़ार में बेचने के लिए तैयार हो जाता है

पूर्ति कितने प्रकार की होती है?

लोचदार पूर्ति (Elastic supply).
अधिक लोचदार पूर्ति (Highly elastic supply).
पूर्णतया लोचदार पूर्ति (Perfectly elastic supply).
बेलोचदार पूर्ति (Inelastic supply).
पूर्णतया बेलोचदार पूर्ति (Perfectly inelastic supply) •.