तुलसी माता को जल कैसे दे? - tulasee maata ko jal kaise de?

Tulsi puja: तुलसी का पौधा लगभग प्रत्येक घर में होता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार घर में तुलसी का पौधा होना बेहद शुभ होता है। माना जाता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर रोज सुबह के समय घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाए तो घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही तुलसी की पूजा करने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। लेकिन तुलसी से जुड़ी कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरुरी होता है। तभी हमें शुभ फल की प्राप्ति होती है। तो आइए आप भी जानें प्रतिदिन तुलसी जी की पूजा कैसे करनी चाहिए। तुलसी में जल चढ़ाने की सही विधि क्या है। और नया तुलसी का पौधा आप अपने घर में कब लाएं और कहां रखें। और तुलसी के पत्ते कब नहीं तोड़ने चाहिए। तथा रविवार के दिन तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए अथवा नहीं। और यदि तुलसी का पौधा सूख जाए तो क्या करना चाहिए। तथा तुलसी सेवन करने का सही तरीका क्या है।

तुलसी पूजा की विधि (Tulsi puja ki vidhi)

आप रोज सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। और इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। और उसके बाद तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। सबसे पहले पूर्व दिशा की ओर मुख करके तुलसी को सर्वप्रथम प्रणाम करें। उसके बाद तुलसी जी को शुद्ध जल अर्पित करें। और बाद में शुद्ध घी का दीपक जलाकर आरती करें। और परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करें। और प्रतिदिन सायंकाल में भी तुलसी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।

ऐसी मान्यता है कि जो लोग संध्या के समय दीया-बाती करते हैं उन पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। और तुलसी का पौधा घर में लगाने से घर की नाकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। और वास्तु दोष भी समाप्त होते हैं।

तुलसी में जल चढ़ाने की विधि (Tulsi main jal chadhane ki vidhi)

जल हमेशा तुलसी जी की जड़ में ही देना चाहिए। और तुलसी जी में जल चढ़ाते हुए तुलसी के पौधे की तीन बार परिक्रमा जरुर करें। सबसे पहले आप तुलसी की जड़ में जी चढ़ाएं और फिर एक बार परिक्रमा करें। फिर दोबारा जल चढ़ाकर फिर परिक्रमा करें। और फिर तीसरी बार तुलसी की जड़ में जल चढ़ाकर उसके बाद फिर परिक्रमा करें। और चौथी बार में बचा हुआ पूरा जल तुलसी के अग्र भाग में चढ़ा दें। यही तुलसी में जल चढ़ाने की सही विधि है।

तुलसी का पौधा घर में कब लगाएं (Tulsi ka paudha ghar mein kab lagaen)

तुलसी का पौधा अपने घर में लगाने के लिए कार्तिक का महीना सबसे उत्तम होता है। और इसके अलावा तुलसी का पौधा गुरुवार और शुक्रवार को लगाना भी बेहद शुभ होता है। तुलसी का पौधा शाम को या फिर सुबह के समय लगाएं तो अच्छा रहेगा। तुलसी का पौधा घर के बीच या आंगन में लगाना चाहिए। और अगर आपके घर में आंगन नहीं है तो फिर तुलसी का पौधा बालकनी में उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इसे ऐसी बालकनी में लगाएं जोकि बेडरूम के नजदीक हो। और तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में कभी ना लगाएं। ऐसा करने से दोष लगता है।

तुलसी कब नहीं तोड़नी चाहिए (Tulsi kab nahi todani chahie)

तुलसी के पत्ते रविवार, एकादशी, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, द्वादशी, संक्रांति तथा सांयकाल में तोड़ना अशुभ होता है। ध्यान रखें कि तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह ही तोड़ने चाहिए। दूसरे किसी भी समय में तुलसी के पत्ते तोड़ना सही नहीं माना गया है। आपको बता दें कि तुलसी के पत्ते कभी भी बासी नहीं होते हैं। इन्हें तोड़ने के कई दिन बाद भी इन्हें पूजा में शामिल किया जा सकता है। और इन्हें बार-बार धोकर भी देवताओं को अर्पित किया जा सकता है।

रविवार को तुलसी में दीपक जलाना चाहिए अथवा नहीं (Ravivar ko tulsi mein deepak jalana chaahie athava nahin)

आप लोग रविवार को शाम के समय तुलसी में दीपक जला सकते हैं। लेकिन रविवार को तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। और ध्यान रखें कि रविवार को दीपक जलाते समय आप तुलसी के पौधे को स्पर्श ना करें। संध्या के समय दीया-बाती करने में कोई भी दिक्कत नहीं है।

तुलसी का पौधा सूख जाएं तो क्या करें (tulsi ka paudha sukh jaen to kya karen)

वैसे तो तुलसी के पौधे की भलीभांति देखरेख करनी चाहिए। ताकि आपके घर की तुलसी सूखने ना पाए। अगर कभी आपके घर में तुलसी का पौधा सूख जाए तो आप परेशान ना हों और आप तुलसी का पौधा जड़ सहित बाहर निकाल लें। और उसे किसी नदी अथवा तालाब में प्रवाहित कर दें।

यदि कभी आपके घर में तुलसी का पौधा सूख जाए तो तुरन्त ही उसी गमले में तुलसी का दूसरा नया पौधा लगा देना चाहिए। अथवा उसी गमले में तुलसी के बीज डाल देने चाहिए। ताकि कुछ ही दिनों में नए तुलसी के पौधे उग सकें। तब तक आप उसी तुलसी के गमले की पूजा भी कर सकते हैं। क्योंकि तुलसी के पौधे की लकड़ी, मंजरी और यहां तक कि उसकी मिट्टी भी पूजनीय होती है।

तुलसी सेवन की विधि (Tulsi sevan ki vidhi)

तुलसी के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को कभी भी चबाना नहीं चाहिए। बल्कि तुलसी के पत्तों को निगल कर खाना चाहिए। तुलसी की पत्ति कई रोगों में फायदेमंद होती हैं। लेकिन तुलसी की पत्तियों में पारा धातु मौजूद होता है जोकि चबाते समय दांत पर लग जाता है। और ये धातु दांतों के लिए ठीक नहीं होती है। इसलिए बिना चबाएं तुलसी को निगल कर ही खाना चाहिए। तुलसी का पौधा घर में होने से घर के लोगों को बुरी नजर नहीं लगती है। घर में किसी भी तरह की नाकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है।

भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीहरि विष्णु जी की पूजा भी तुलसी जी के बिना अधूरी मानी जाती है। और वहीं हनुमान जी को भी तुलसी दल बेहद प्रिय हैं। और वहीं भगवान शिव, गणपति जी और माता दुर्गा को तुलसी कभी नहीं चढ़ानी चाहिए।

Tulsi Astro Tips: सनातन धर्म में तुलसी का पौधा जहां घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. वहीं, तुलसी का हरा-भरा पौधा सुख और समृद्धि का प्रतीक है. हिंदू धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. इसलिए तुलसी पूजा को लेकर वास्तु में कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. इन नियमों के अनुसार तुलसी में जल अर्पित करने से ही व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. 

वास्तु में भी तुलसी के कई नियम बताए गए हैं. तुलसी को सही दिशा में रखने पर ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही, तुलसी में जल देते समय भी कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. मान्यता है कि तुलसी की नियमित पूजा से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है. आइए जानते हैं तुलसी में जल देने के कुछ जरूरी नियमों के बारे में. 

तुलसी में जल देने के नियम

- शास्त्रों के अनुसार बिना स्नान करें तुलसी को छुना पाप माना जाता है. इसलिए सदैव स्नान के बाद ही तुलसी में जल अर्पित करें. 

- मान्यता है कि तुलसी में जल अर्पित करने से पहले कुछ खाना नहीं चाहिए. 

- ऐसा भी माना जाता है कि तुलसी में जल अर्पित करते समय बिना सिलाई का एक कपड़ा धारण करें और उसे पहन कर ही जल अर्पित करें. 

- मान्यता है कि तुलसी में रविवार के दिन जल अर्पित न करें. इस दिन तुलसी माता विश्राम करती हैं.  

- ज्योतिष के अनुसार एकादशी के दिन भी तुलसी में जल अर्पित न करें. मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. 

- तुलसी में ज्यादा पानी न डालें. साथ ही, मान्यता है कि सूर्योदय के समय तुलसी में जल देना शुभ माना जाता है.

तुलसी का पौधा इस दिशा में लगाना उत्तम

वास्तु जानकारों का मानना है कि तुलसी का पौधा हमेशा पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए. इसके अलावा, उत्तर-पूर्व दिशा में भी तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है. मान्यता है कि इस दिशा में तुलसी का पौधा रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और पौधा हरा-भरा रहकर शुभ फल देता है. लेकिन भूलकर भी तुलसी के पौधे को दक्षिण दिशा में न रखें. 

जल अर्पित करते समय बोलें ये एक मंत्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को जल अर्पित करते समय ये एक विशेष मंत्र बोला जाए, तो समृद्धि का वरदान 1000 गुना बढ़ जाता है. इतना ही नहीं, इस मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति को रोग, शोक, बीमारी-व्याधि आदि से भी छुटकारा मिल जाता है. 

मंत्र- महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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तुलसी माता को जल कैसे दिया जाता है?

तुलसी में जल अर्पित करने के नियम | Rules for offering water in Tulsi. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिना स्नान किए तुलसी को छूना भी निषेध है. ऐसे में हमेशा स्नान के बाद ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी में जल देने से पूर्व कुछ खाना नहीं चाहिए.

तुलसी को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?

तुलसी को जल चढ़ाते वक्त करें इस मंत्र का उच्चारण नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।

तुलसी के पौधे में पानी कब डालना चाहिए?

Tulsi: तुलसी को अन्य वनस्पतियों में शुभ और मंगलकारी माना जाता है. इसलिए अधिकांश लोग रोज सुबह इसमें जल देते हैं. धार्मिक मान्यता है कि रोज सुबह स्नान के बाद तुलसी में जल (Water in Tulsi) अर्पित करने से जीवन के दुर्भाग्य दूर होते हैं. साथ ही भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की कृपा बनी रहती है.

तुलसी में दीपक कब नहीं चलना चाहिए?

रविवार को तुलसी में दीपक नही चाहिए तथा रविवार के दिन तुलसी माता को जल भी नहीं चढ़ाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार रविवार एकादशी के दिन तुलसी माता को तो न जल चड़ाया जाता है और न दीपक लगाया जाता है।