मुग़ल साम्राज्य का अन्तिम बादशाह कौन था? - mugal saamraajy ka antim baadashaah kaun tha?

1. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिख कर अपने वाक्यों में उनका प्रयोग कीजिये : पहेली, धमनी, लड़ाकू, प्रस्थान, कोरा

2. निम्नलिखित शब्दों के कुछ पर्यायवाची याद करके लिखिये।

  • संचालन
  • फहराना
  • उपेक्षा
  • सहिष्णु

3. आपके अनुसार क्यों अकबर को भारतीय इतिहास में मुख्य स्थान दिया जाता है?

4. नीचे लिखे शब्दों के पर्यायवाची शब्द पाठ में से चुनकर लिखिये:

  • _________ = दाता, दानशील, श्रेष्ठ, ऊँचे दिल का, शिष्ट. उम्दा, उत्कृष्ट
  • _________ = तंगी, संकरापन, नीचता, क्षुद्रता, ओछापन
  • _________ = पुरखा, पूर्ववर्ती, परदादा
  • _________ = ऐक्य, मेल, समानता, बराबरी
  • _________ = मिलाप, संग, संबंध, ताल्लुक, ज्ञान
  • _________ = गुणवर्णन, स्तुति, बड़ाई

2. निम्नलिखित शब्दों के निकटतम विपरीतार्थक शब्द पाठ से चुनिये :

  • _________  = कट्टर, कटु, कड़वा
  • _________ = परवर्ती, वंशज                          

सूक्ष्म अन्तर वाले पर्यायवाची शब्द

मृत्यु, निधन: मृत्यु सब के लिए प्रयुक्त हो सकता है। राम की मृत्यु, पशु की मृत्यु, पक्षी की मृत्यु, कीड़े-मकोड़े की मृत्यु इत्यादि। निधन का प्रयोग विशेष-विशेष मनुष्यों के संबंध में किया जाता है। गाँधी जी के निधन से देश की बड़ी हानि हुई।

राजा, सम्राट: राजा छोटे-बड़े सभी शासकों के लिये प्रयुक्त होता है, पर सम्राट बड़े राज्य वाले के लिये प्रयुक्त होता है। देशी राजाओं का संगठन देश के लिये बड़ा हितकर हुआ है। नेपाल के महाराजा अब वैधानिक शासक के रूप में राज्य करेंगे। सम्राट अशोक बौद्ध थे।

भारत का सामान्य परिचय भारत के राज्यों की अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति भारत के भू-आकृतिक प्रदेश भारत के दर्रे भारत की नदियाँ(हिमालय से निकलने वाली नदियाँ) भारत की नदियाँ(प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र) भारत की प्रमुख झीलें भारत के प्रमुख जल प्रपात भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भारत के प्रमुख बांध भारत के राष्ट्रीय प्रतीक भारत की जलवायु भारत का इतिहास सिन्धु घाटी सभ्यता वैदिक काल प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(जैन धर्म) प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(बौद्ध धर्म) महाजनपद काल भारत पर विदेशी आक्रमण मौर्यकाल मौर्योत्तर काल गुप्त काल गुप्तोत्तर काल दक्षिण भारत का इतिहास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश अरबों का आक्रमण तुर्कों का आक्रमण दिल्ली सल्तनत गुलाम/ममलूक वंश खिलजी वंश तुगलक वंश सैयद वंश लोदी वंश सल्तनतकालीन स्थापत्य कला सल्तनत कालीन प्रशासन सल्तनत कालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य उत्तर भारत के स्वतंत्र राज्य दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (विजयनगर साम्राज्य) दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (बहमनी साम्राज्य) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(सूफी आन्दोलन) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(भक्ति आन्दोलन) बाबर हुमायूँ अकबर सलीम(जहांगीर) शाहजहां औरंगजेब उत्तरकालीन मुगल शासक मुगल शासन प्रणाली मुगलकालीन कला और साहित्य 18वीं शताब्दी में भारतीय समाज भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन नवीन राज्यों का उदय मराठा साम्राज्य भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 1857 का विद्रोह सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-1 सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-2 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-1 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-2 भारतीय राष्‍ट्रीय आंदोलन भारत की प्राकृतिक वनस्पतियां भारत में वन्य जीवन भारत की मिट्टियाँ

भारत जी.के.

भारत का सामान्य परिचय भारत के राज्यों की अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति भारत के भू-आकृतिक प्रदेश भारत के दर्रे भारत की नदियाँ(हिमालय से निकलने वाली नदियाँ) भारत की नदियाँ(प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र) भारत की प्रमुख झीलें भारत के प्रमुख जल प्रपात भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भारत के प्रमुख बांध भारत के राष्ट्रीय प्रतीक भारत की जलवायु भारत का इतिहास सिन्धु घाटी सभ्यता वैदिक काल प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(जैन धर्म) प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(बौद्ध धर्म) महाजनपद काल भारत पर विदेशी आक्रमण मौर्यकाल मौर्योत्तर काल गुप्त काल गुप्तोत्तर काल दक्षिण भारत का इतिहास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश अरबों का आक्रमण तुर्कों का आक्रमण दिल्ली सल्तनत गुलाम/ममलूक वंश खिलजी वंश तुगलक वंश सैयद वंश लोदी वंश सल्तनतकालीन स्थापत्य कला सल्तनत कालीन प्रशासन सल्तनत कालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य उत्तर भारत के स्वतंत्र राज्य दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (विजयनगर साम्राज्य) दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (बहमनी साम्राज्य) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(सूफी आन्दोलन) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(भक्ति आन्दोलन) बाबर हुमायूँ अकबर सलीम(जहांगीर) शाहजहां औरंगजेब उत्तरकालीन मुगल शासक मुगल शासन प्रणाली मुगलकालीन कला और साहित्य 18वीं शताब्दी में भारतीय समाज भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन नवीन राज्यों का उदय मराठा साम्राज्य भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 1857 का विद्रोह सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-1 सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-2 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-1 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-2 भारतीय राष्‍ट्रीय आंदोलन भारत की प्राकृतिक वनस्पतियां भारत में वन्य जीवन भारत की मिट्टियाँ

उत्तरकालीन मुगल शासक

औरंगजेब की मृत्यु के बाद जिन 11 बादशाहों ने भारत पर शास किया उन्हें उत्तरकालीन मुगल बादशाह की संज्ञा प्रदान की गयी।

औरंगजेब ने अपनी मृत्यु से पूर्व अपने पूरे साम्राज्य को अपने जीवित तीन पुत्रों में वसीयत के अनुसार विभाजित कर दिया।

वसीयत के अनुसार

औरंगजेंबतीन पुत्रशाहजादा मुअज्जम (बहादुर शाह प्रथम)शाहजादा आजमशाहजादा कामबक्शदिल्ली व आगरा सहीत कुल 11 सुबे प्राप्त हुएगुजरात सहित कुल 8 सूबे प्राप्त हुएहैदराबाद
मुग़ल साम्राज्य का अन्तिम बादशाह कौन था? - mugal saamraajy ka antim baadashaah kaun tha?

उत्तरकालीन मुगल शासकों का क्रम

क्रमनामसमयअन्य नाम1.बहादुर शाह प्रथम1707-12 ई.शाह ए बेखबर2.जहांदार शाह1712-13 ई.लम्पट मुर्ख3.फर्रूखसियर1713-19 ई.घृणित कायर4.रफी उद-दरजात1719 ई. (फरवरी-जून)5.रफी उद-दौला1719 ई. (जून-सितम्बर)6.मुहम्मदशाह1719-48 ई.रंगीला बादशाह7.अहमदशाह1748-54 ई.8.आलममीर-II1754-59 ई.9.शाह आलम-II1759-1806 ई.10.अकबर-II1806-1837 ई.11.बहादुर शाह-II(जफर)1837-1858 ई.

मुगल सल्तनत का अन्तिम बादशाह बहादुर शाह-II या बहादुर शाह जफर था।

बहादुर शाह प्रथम(1707-12 ई.)

मूल नाम - मुअज्जम

अन्य नाम - शाह-ए-बेखबर (खफी खां द्वारा)

जाजऊ का युद्ध (जून 1707)

बहादुर शाह प्रथम ने आगरा के समीप जाजऊ नामक स्थान पर अपने भाई आलम को 18-20 जून 1707 को पराजित कर मार डाला।

जाजऊ के युद्ध के पश्चात बहादुर शाह प्रथम जनवरी 1709 ई. में हैदराबाद पहुंच अपने छोटे भाई कामबक्श व उनके पुत्रों को मार डाला

बहादुर शाह प्रथम ने अपने पिता औरंगजेब की संकीर्णतावादी नीतियों को छोड़कर समन्वयवादी नीतियों का पालन करते हुए राजपूतों व जाटों से अच्छे सम्बन्ध बनाये परन्तु सिखों से मधुर सम्बन्ध नहीं हुए किन्तु किसी प्रकार का विद्रोह भी नहीं हुआ।

1712 ई. में बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु हो गयी जिसके बाद उसका पुत्र जहांदार शाह शासक बना।

जहांदार शाह (1712-13 ई.)

जहांदार शाह के समय सारी शक्तियां उसके वजीर जुल्फिकार खां(ईरान का रहने वाला) के हाथों में थी।

जहांदार शाह लाल कुमारी नामक वेश्या पर आसक्त रहता था तथा उसे हस्तक्षेप करने का आदेश दे रखा था। इसलिए जहांदार शाह को लम्पट मूर्ख भी कहा जाता है।

सैयद बंधु अब्दुल खां तथा हुसैन अली ने अजीम-उस-शान के पुत्र फर्रूखसियर के द्वारा 1713 ई. में जहांदार शाह की हत्या करवा दी।

फर्रूखसियर (1713-19 ई.)

सैयद बन्धुओं ने फर्रूखसियर को बादशाह बनाया था। फर्रूखसियर ने अब्दुल खां को अपना वजीर तथा हुसैन अली को मीरबक्श का पद प्रदान किया था।

बादशाह बनने के पश्चात फर्रूखसियर ने जजिया कर पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन 1717 ई. में पुनः जजिया कर को लागू भी कर दिया।

फर्रूखसियर असाध्य रोग (फोड़ा) से पीड़ित था जिसका उपचार सर्जन डा. विलियम हैमिल्टन ने किया था।

1717 ई. में उसने ईस्ट इंण्डिया कम्पनी को पश्चिम बंगाल में व्यापार करने का फरमान जारी कर दिया इस व्यापार के बदले में कम्पनी फर्रूखसियर को 3000 रू/वर्ष कर देने का वादा किया।

फर्रूखसियर को घृणित कायर भी कहा जाता है।

1719 ई. में सैयद बन्धुओं ने गला दबाकर बादशाह की हत्या कर दी।

फर्रूखसियर की मृत्यु के बाद क्रमश रफी उद दरजात व रफी उद दौला बादशाह बने परन्तु दोनों भाइयों की बीमारी के कारण मृत्यु हो गयी।

मुहम्मद शाह (1719-48 ई.)

मूल नाम - रोशन अख्तर

1720 ई. में - सैयद बन्धुओं का अन्त व जजिया कर को पूर्णत समाप्त कर दिया।

1739 ई. में - नादिरशाह का आक्रमण

इसे सुन्दर युवतियों के प्रति रूझान के कारण रंगीला बादशाह भी कहा जाता है।

सन् 1736 ई. में नादिरशाह फारस/ईरान/पर्शिया का शासक बना।

1738 ई. में अफगानिस्तान व पश्चिमी पंजाब को अपने अधिकार में कर पेशावर के मार्ग से भारत में प्रवेश किया।

करनाल का युद्ध (15 मार्च 1739 ई.)

यह युद्ध पूर्वी पंजाब में (अब हरियाणा) करनाल नामक स्थान पर नादिर शाह व मुहम्मद शाह के बीच लड़ा गया।

इस युद्ध में मुहम्मद शाह की पराजय हुई तथा नादिरशाह ने इसे कैद कर लिया और दिल्ली पहुंच विश्व प्रसिद्ध सिंहासन तख्त-ए-ताउस(मयूर सिहंासन) पर अधिकार करके 15 दिनों तक शासन करने के पश्चात दिल्ली को बरबाद कर तख्त-ए-ताऊ सिंहासन, कोहिनूर हीरा तथा लगभग 70 करोड़ रू लेकर फारस चला गया तथा मुहमदशाह को आजाद कर दिया।

मुहम्मद शाह ने पुनः जीवन पर्यंत 1748 तक शासन किया।

तथ्य

तख्त-ए-ताऊस(मयूर सिंहासन) पर बैठने वाला अन्तिम मुगल शासक मुहम्मदशाह था।

अहमदशाह (1748-54 ई.)

मुहम्मद शाह के बाद अहमदशाह शासक बना।

अहमदशाह के शासन काल में 1748 ई. में ईरान के शाह अहमदशाह अब्दाली का भातर पर प्रथम आक्रमण हुआ था।

आलममीर द्वितीय (1754-59 ई.)

इसके समय की प्रमुख दो घटनाएं -

  1. ब्लैक होल की घटना (20 जून, 1756 ई.)
  2. प्लासी का युद्ध (23 जून, 1757 ई.)

ब्लैक होल ट्रैजेडी(कालकोठरी की त्रासदी)

इस घटना का उल्लेख कार्यवाहक बंगाल के गवर्नर जेड हाॅलवेल ने किया था।

हाॅलवेल के अनुसार बंगाल के नवाब सिराजुदौला ने 20 जून, 1756 ई. को मुर्शिदाबाद में 18 फीट लम्बी व 14 फीट चौड़ी कोठरी में 146 अंग्रेजों को बंद कर दिया जिसमें पुरूष, महिला व बच्चे शामिल थे।

21 जून 1756 ई. को सुबह जब कोठरी को खोल गया तो मात्र 23 लोग जिन्दा बचे जिसमें से मैं भी था।

आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार हाॅलवेल की यह एक मनगढ़ंत कहानी थी।

प्लासी का युद्ध (23 जून 1756 ई.)

यह युद्ध पं. बंगला में प्लासी नामक स्थान पर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला व अंग्रेज सेनापति राबर्ट क्लाइव के बीच लड़ा गया जिसमें नवाब की हार हुई।

शाह आलम द्वितीय (1759-1806 ई.)

मूल नाम - अली गौहर

पानीपत का तीसरा युद्ध

यह युद्ध 14 जनवरी, 1761 ई. में अहमद शाह अब्दाली व मराठों के बीच लड़ा गया। जिसमें अहमदशाह अब्दाली की विजय हुई।

बक्सर का युद्ध

यह युद्ध अक्टूबर 1764 ई. को शाह आलम द्वितीय, बंगाल के नवाब मीर कासिम तथा अवध के नवाब सुजाउदौला की संयुद्ध सैना (त्रिगुट) और ईस्ट इंडिया कंपनी के सेनापति हेक्टर मुनरो के बीच हुआ। इसमें त्रिगुट की हार हुई और मुगल शासक शाह आलम को पेशन भोगी बनाकर इलाहाबाद में रखा गया।

1765 ई. में अंग्रेजों ने शाह आलम से बिहार, बंगाल व उड़ीसा की दीवानी 26 लाख रू/वर्ष के कर पर प्राप्त कर ली। मराठों के सहयोग से शाह आलम-II 1772 ई. में इलाहाबाद से दिल्ली गया।

गुलाम कादिर खां ने 1806 ई. में शाह आलम-II की हत्या करवा दी।

तथ्य

पानीपत के तृतीय युद्ध में मराठों की सेना को वजीर इमाद उल मुल्क का समर्थन मिला तथा इब्राहीम खां गार्दी ने मराठों की ओर से तोपखाने का नेतृत्व करते हुए भाग लिया।

अहमदशाह अब्दाली का वास्तविक नाम अहमद खां था। इसने आठ बार भारत पर आक्रमण किया।

अकबर द्वितीय (1806-37 ई.)

अकबर-II अंग्रेजों के संरक्षण में बनने वाला प्रथम बादशाह था।

अकबर-II ने राजा राम मोहन राय को ‘राजा’ की उपाधि प्रदान की।

बहादुर शाह-II या बहादुर शाह जफर (1837-58 ई.)

यह अन्तिम मुगल बादशाह था।

1857 ई. के विद्रोह का नेतृत्व इसने दिल्ली से किया था जिसके कारण 1858 ई. में अंग्रेजों द्वारा इसे कैद करके रंगून भेज दिया गया।

मुग़ल वंश का अन्तिम शासक कौन था?

आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मौत 1862 में 87 साल की उम्र में बर्मा (अब म्यांमार) की तत्कालीन राजधानी रंगून (अब यांगून) की एक जेल में हुई थी, लेकिन उनकी दरगाह 132 साल बाद 1994 में बनी. इस दरगाह की एक-एक ईंट में आखिरी बादशाह की जिंदगी के इतिहास की महक आती है.

भारत का अंतिम मुस्लिम शासक कौन था?

आज भारत के आखिरी मुगल बादशाह मिर्जा अबू जफर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह जफर यानी बहादुर शाह जफर का जन्मदिन है. कहा जाता है कि बहादुर शाह जफर को नाममाज्ञ बादशाह की उपाधि दी गई थी. 1837 के सितंबर में पिता अकबर शाह द्वितीय की मौत के बाद वह गद्दीनशीं हुए.

मुगल साम्राज्य का बादशाह कौन था?

मुगल साम्राज्य 1526 में शुरू हुआ, मुगल वंश का संस्थापक बाबर था, अधिकतर मुगल शासक तुर्क और सुन्नी मुसलमान थे. मुगल शासन 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक चला और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ. (1) बाबर ने 1526 ई से 1530 ई तक शासन किया. (2) 24 फरवरी, 1483 ई.