दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

Dara Singh Death Anniversary: भीम काय शरीर, बाजुओं इतना दम की लोहा भी मोम की तरह पिघल जाए... आप उन्हें रुपहले परर्दे के शौकीन उन्हें हनुमान नाम से भी जानते हैं। जी हां, यहां बात हो रही है भारत की आन, बान और शान पहलवान दारा सिंह की। कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलियाई मशहूर पहलवाना किंग कॉन्ग ने उन्हें चुनौती थी और जब रिंग में दारा ने अपनी बाजुओं में उसे जकड़ लिया तो वह रहम की भीख मांगने लगा। बता दें कि आज ही के दिन 2012 को उनका मुंबई में निधन हो गया था।

Dara Singh Death Anniversary: 200 किलो के किंग कॉन्ग की खूब पिटाई

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

Dara Singh Death Anniversary: किंग कॉन्ग और उनके बीच फाइट 12 दिसंबर, 1956 को हुई थी। 28 वर्षीय दारा की तूती बोल रही थी और इस बात से विश्व चैंपियन किंग काफी जलन की भावना रखता था। उसके और भारत के हनुमान के बीच रिंग में जो हुआ वह इतिहास बन गया। 130 किलो के दारा ने अपने से लगभग दोगुने 200 किलो के किंग कॉन्ग की जमकर कुटाई की थी। उन्होंन न केवल किंग को उठा-उठाकर पटका, बल्कि खूब लात-घूसे भी मारे।

Dara Singh: ऐसे बने थे पहलवान

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

Dara Sigh Death Anniversary: दारा सिंह रंधावा का जन्म 19 नवंबर, 1928 को पंजाब के अमृतसर के धरमूचक में हुआ था। उनके पिता का नाम सूरत सिंह रंधावा और मां का नाम बलवन्त कौर था। दारा सिंह बचपन से ही पहलवानी के दीवाने थे। बचपन से ही दारा सिंह अपने छोटे भाई के साथ मिलकर आसपास के जिलों में कुश्ती समारोहों में जाया करते। दोनों ने कई पहलवानों को धूल चटाई।

​सिंगापुर और मलेशियाई चैंपियनों को पीटा

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

1947 में दारा सिंह अपनी पहलवानी का लोहा मनवाने सिंगापुर पहुंचे। दारा सिंह ने यहां मलेशियाई चैंपियन तरलोक सिंह को पछाड़कर अपनी ख्याति फैलाई। यहीं से दारा सिंह के करियर का नया सफर शुरू हुआ।

​कॉमनवेल्थ चैंपियन बने, चुनौती देने वालों की खैर नहीं

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1954 में भारतीय कुश्ती चैंपियन बने। इसके बाद वह कॉमनवेल्थ चैंपियन बने। दारा सिंह अपनी पहलवानी से नाम कमा रहे थे तो कुछ लोगों को यह नागवार गुजर रहा था। कनाडा ने चैंपियन जॉर्ज गार्डियंका और न्यू जीलैंड के पहलवान जॉन डिसिल्वा ने 1959 में कोलकाता में दारा सिंह को खुली चुनौती दे डाली। फिर क्या था दारा ने दोनों को पटकनी दे डाली।

​500 फाइट लड़ीं कभी कोई हरा नहीं सका

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

कुश्ती के साथ-साथ दारा सिंह फिल्मों में भी काम करते रहे। 1952 में दारा सिंह की पहली फिल्म संगदिल थी। लेकिन 1962 में आई फिल्म किंग कॉन्ग ने उन्हें असल पहचान दिलाई। यह फिल्म भी कुश्ती पर ही आधारित थी। दारा सिंह ने करीब 100 फिल्मों में काम किया। 1968 में दारा सिंह ने फ्रीस्टाइल कुश्ती के अमेरिकी चैंपियन लाऊ थेज को हरा दिया। और इसी जीत के साथ वह विश्व चैंपियन बन गए। 1983 में उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया। दारा सिंह ने करीब 500 प्रोफेशनल कुश्तियां लड़ीं और उन्हें एक में भी हार का सामना नहीं करना पड़ा।

​रुस्तमे-हिंद और रुस्तमे-पंजाब बाद में बने सांसद

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

दारा सिंह को 1954 में रुस्तमे-हिंद और 1966 में रुस्तमे-पंजाब के टाइटल से नवाजा गया। 1996 में उनका नाम रेसलिंग ऑब्जर्वर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। 2003 से 2009 तक दारा सिंह राज्य सभा के सांसद भी रहे।

​इसलिए कहे जाने हैं भारत के हनुमान

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

दारा सिंह की बात हो और रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में उनके निभाए हनुमान के किरदार को भला कौन भूल सकता है। इसी की बदौलत वह घर-घर में लोकप्रिय हो गए थे।

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आज दारा सिंह भले ही हमारे बीच न हों लेकिन उनसे जुड़ी तमाम ऐसी बातें है जिनकी छाप हमारे दिल पर है. कुश्ती खेली तो ऐसी कि 500 मैचों में उन्हें कोई हरा नहीं पाया और अभिनय किया तो ऐसा कि आज भी लोग रामायण के भगवान हनुमान को भुलाए नहीं भूलते. पंजाब का यह शेर आज भी कई लोगों के जेहन में एक मीठी याद बनकर ताजा है. जानिए, दारा सिंह के बारे में कुछ बेहद खास बातें.

दारा सिंह के एक छोटे भाई सरदारा सिंह थे जिन्हें लोग रंधावा के नाम से ही जानते थे. दारा सिंह और रंधावा दोनों ने मिलकर पहलवानी करनी शुरू कर दी और धीरे-धीरे गांव के दंगलों से लेकर शहरों तक में ताबड़तोड़ कुश्तियां जीतकर अपने गाँव का नाम रोशन किया.

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

पांच सौ मुकाबले खेले, हारा एक भी नहीं: दारा ने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को हरा कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी. 1968 में वे अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने थे. उन्होंने 55 की उम्र तक पहलवानी की और 500 मुकाबलों में किसी एक में भी हार का मुंह नहीं देखा.

दारा सिंह को हमेशा किंग कॉन्ग के साथ हुए उनके मुकाबले के लिए जाना जाता रहेगा. इतिहास के सबसे हैरतअंगेज मुकाबलों में से एक इस मुकाबले में दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी किंग कॉग को सर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था. महज 130 किलो के दारा सिंह द्वारा लगाया गया ये दांव देखकर दर्शकों ने दांतो तले उंगलियां दबा ली थी.

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

दारा के इस दांव के बाद किंग कॉन्ग रेफरी पर चिल्लाने लगा था. किंग के अनुसार यह नियमों के खिलाफ था. जब रेफरी ने दारा को ऐसा करने से रोका तो दारा ने किंग कॉन्ग को उठाकर रिंग से बाहर फेंक दिया था और किंग दर्शकों से महज कुछ ही कदम की दूरी पर जा कर गिरे थे. दारा सिंह, किंग कॉन्ग और फ्लैश गॉर्डन ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 50 के दशक में कुश्ती की दुनिया में राज किया था. दारा और किंग का मैच देखने के लिए दर्शकों का भारी हुजूम उमड़ पड़ता था.

दारा सिंह ने 1983 में उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला खेला और जीत के बाद संन्यास ले लिया था. ये टूर्नामेंट दिल्ली में हुआ था. अपराजित रहने वाले और कुश्ती के कई दिग्गज नामों को धूल चटाने वाले दारा सिंह ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1952 में फिल्म संगदिल से की थी. उन्होंने आगे जाकर कई फिल्मों में अभिनय किया और कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी कीं. फिल्म निर्देशक मनमोहन देसाई ने एक बार उनके लिए कहा था कि मैं अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म मर्द बना रहा था और मैं सोच रहा था कि उनके पिता का रोल कौन निभा सकता है? मुझे लगा कि अगर मैं अमिताभ को मर्द की भूमिका में ले रहा हूं तो जाहिर है मर्द का बाप तो दारा सिंह ही होना चाहिए.

दारा सिंह की मृत्यु कब और कैसे हुई? - daara sinh kee mrtyu kab aur kaise huee?

दारा सिंह मे बॉलीवुड के टॉप सितारों के साथ काम किया था. दारा सिंह ने कई बड़ी फिल्मों जैसे मेरा नाम जोकर, अजूबा, दिल्लगी, कल हो न हो और जब वी मेट जैसी फिल्मों में काम किया था. उन्होंने कई हिंदी और पंजाबी फिल्में बनाई जिसमें उन्होंने खुद मुख्य भूमिका निभाई थी. 1980 और 90 के दशक में दारा सिंह ने टीवी का रूख किया था. अपने समय के ऐतिहासिक सीरियल रामायण में भगवान हनुमान की भूमिका निभाकर वे घर-घर में जबरदस्त पहचान बनाने में कामयाब हुए थे.

खेल और सिनेमा के अलावा दारा सिंह ने राजनीति में भी हाथ आजमाया. वे देश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें राज्यसभा के लिए किसी राजनीतिक पार्टी ने नामित किया था. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2003-2009 तक राज्य सभा का सदस्य बनाया.

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FIRST PUBLISHED : July 12, 2019, 05:53 IST

दारा सिंह की मौत कैसे हुई थी?

दिल का दौरा

दारा सिंह अभी जिंदा है क्या?

12 जुलाई 2012दारा सिंह / मृत्यु तारीखnull

दारा सिंह पहलवान क्या खाता था?

डाइट में क्या लेते थे दारा सिंह वे रोजाना 100 ग्राम बादाम खाते थे। मुरब्बा और शुद्ध घी भी उनकी डाइट में शामिल था। वे रोजाना दो लीटर दूध पीया करते थे। आधा किलो मीट खाते थे।

दारा सिंह की कितनी उम्र हो गई?

83 वर्ष (1928–2012)दारा सिंह / मृत्यु के समय उम्रnull