इसे सुनेंरोकेंन्यायपालिका की प्रमुख भूमिका यह है कि वह ‘कानून के शासन’ की रक्षा और कानून की सर्वोच्चता को सुनिश्चित करे। न्यायपालिका व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करती है,विवादों को कानून के अनुसार हल करती है और यह सुनिश्चित करती है कि लोकतंत्र की जगह किसी एक व्यक्ति या समूह की तानाशाही न ले ले। Show सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताएं क्या है? इसे सुनेंरोकें- व्यक्ति भारत का नागरिक हो. – कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो. – किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?इसे सुनेंरोकेंभारत के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष होती है कोई भी सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश जब मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होता है तब उसकी जितनी उम्र होती है उसको 65 में से घटाने पर जितना समय शेष होता है उतना ही कार्यकाल उस पदोन्नत न्यायधीश का … पढ़ना: प्रशीतन का क्या अर्थ है? न्यायपालिका हमारे लिए क्यों आवश्यक है? इसे सुनेंरोकेंन्यायपालिका, संप्रभुतासम्पन्न राज्य की तरफ से कानून का सही अर्थ निकालती है एवं कानून के अनुसार न चलने वालों को दण्डित करती है। इस प्रकार न्यायपालिका विवादों को सुलझाने एवं अपराध कम करने का काम करती है जो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। हमे स्वतंत्र न्यायपालिका की आवश्यकता क्यों है?इसे सुनेंरोकें- नागरिकों की स्वतंत्रता एवं अधिकारों की रक्षा – स्वतंत्र न्यायपालिका ही नागरिकों की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की रक्षा कर सकती है। संविधान ने नागरिकों को 6 प्रकार के मौलिक अधिकार दिये हैं जिन पर यदि कोई प्रतिबंध लगाने का प्रयत्न करता है तो न्यायपालिका उसे दण्डित करने का प्रावधान कर सकती है । सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता कौन करते हैं? इसे सुनेंरोकेंभारत का मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय का प्रमुख और मुख्य न्यायाधीश होता है, जिसमें अधिकतम 34 न्यायाधीश होते हैं और इसके पास मूल, अपीलीय और सलाहकार क्षेत्राधिकार के रूप में व्यापक शक्तियाँ होती हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है कि “सरकार के अन्य दो अंग विधायिका और कार्यपालिका, न्यायपालिका के कार्यों में हस्तक्षेप न करके उनके कार्यों में किसी भी प्रकार की बांधा न पहुंचाये, ताकि वह अपना कार्य सही ढंग से करें और निष्पक्ष रूप से न्याय कर सके।” स्वतंत्र न्यायपालिका का महत्व या लाभ
न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए किये गये संवैधानिक प्रावधान
भारत जैसे देश के लिए एक स्वतंत्र न्यायपालिका महत्वपूर्ण है। यह संवैधानिक सर्वोच्चता स्थापित करने और देश के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक अगुआ के रूप में कार्य करता है। Download our APP – Go to Home Page – Buy Study Material – PrevPreviousसंसद सदस्यों के सामूहिक और व्यक्तिगत विशेषाधिकारों को सूचीबद्ध Nextthe importance of independence of the judiciary – Constitutional provisions for fair functioning of the Supreme CourtNext Youth Destination IAS Click to Join Our Current Affairs WhatsApp Group Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilation & Daily Mains Answer Writing Test & Current Affairs MCQ
Yes I Want to Join Whatsapp Group In Our Current Affairs WhatsApp Group you will get daily Mains Answer Writing Question PDF and Word File, Daily Current Affairs PDF and So Much More in Free So Join Now न्यायपालिका हमारे लिए क्यों आवश्यक है?न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका यह है कि वह 'कानून के शासन' की रक्षा और कानून की सर्वोच्चता को सुनिश्चित करे । न्यायपालिका व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करती है, विवादों को कानून के अनुसार हल करती है और यह सुनिश्चित करती है कि लोकतंत्र की जगह किसी एक व्यक्ति या समूह की तानाशाही न ले ले।
न्यायालय की आवश्यकता क्यों पड़ती है?इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक नागरिक को अदालत के माध्यम से न्याय माँगने का अधिकार है। जैसा कि आपने पीछे पढ़ा है, न्यायालय हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर किसी नागरिक को ऐसा लगता है कि उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो वह न्याय के लिए अदालत में जा सकता है।
न्यायपालिका का कार्य क्या है?न्यायपालिका संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करती है। संविधान देश का सर्वोच्च कानून है और इसकी व्याख्या करना और इसकी रक्षा करना न्यायपालिका का दायित्व है। इस उद्देश्य के लिए न्यायपालिका किसी भी कानून की न्यायिक समीक्षा कर सकती है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह संविधान के अक्षर और भावना के अनुसार है या नहीं।
न्यायपालिका के कितने अंग होते हैं?न्यायपालिका में विभिन्न राज्यों में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालय शामिल हैं।
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