माँग की लोच से आप क्या समझते हैं इसे कैसे मापा जाता है? - maang kee loch se aap kya samajhate hain ise kaise maapa jaata hai?

उत्तर- माँग की लोच मापने की चार प्रमुख रीतियाँ हैं –

1. इकाई रीति - यह रीति मार्शल द्वारा प्रतिपादित है। इस रीति के अनुसार, माँग और मूल्य के सापेक्षिक परिवर्तन से लोच की इकाई तय की जाती है । माँग में अनुपात से अधिक वद्धि होने पर लोच ‘इकाई से अधिक' तथा अनुपात से कम वृद्धि होने पर लोच ‘इकाई से कम’ मानी जाती है ।

(अ) माँग की लोच इकाई के बराबर - जब किसी वस्तु की माँग में ठीक उसी अनुपात में परिवर्तन हो, जिस अनुपात में उसके मूल्य में परिवर्तन हुआ है, तब उस वस्तु की माँग लोच ‘इकाई के बराबर' कही जाती है।

उदाहरणार्थ - यदि वस्तु का मूल्य दुगुना हो जाये; तब माँग आधी हो जाती हैं । ऐसी अवस्था में जितना रुपया वस्तु खरीदने में व्यय किया जाता हैं। (प्रति इकाई मुल्य + खरीदी जाने वाली इकाइयों की कुल मात्रा) वह सदैव समान रहती है, चाहे वस्तु के मूल्य में कितनी वृद्धि या कमी क्यों न हो। प्रायः सुखकर वस्तुओं की माँग लोचदार होती है इसका मापन संकेत लोच = 1 होता हैं।

(ब) माँग की लोच इकाई से अधिक - जब मूल्य में उपस्थित परिवर्तन से अधिक परिवर्तन वस्तु की माँग में होता है, तब वस्तु की मॉग की लोच को इकाई से अधिक कहा जाता है। उदाहरण के लिये, मूल्य में 20 प्रतिशत कमी होने पर माँग में 50 प्रतिशत वृद्धि हो जाए या वस्तु में 20 प्रतिशत वृद्धि होने पर मॉग में 50 प्रतिशत कमी हो जाये । ऐसी दशा में वस्तु के खरीदने में जितना रुपया व्यय किया जाता है वह मूल्य के बढने पर घट जाता हैं तथा मूल्य घटने पर बढ जाता हैं । प्रायः विलास-वस्तुओं की माँग अधिक लोचदार होती है। इस प्रकार की लोच का मापन संकेत लोच > 1 होता हैं ।

(स) माँग की लोच इकाई से कम - जब मूल्य में उपस्थित परिवर्तन से कम परिवर्तन वस्तु की माँग में होता है, तब वस्तु की माँग की लोच इकाई से कम कही जाती है। उदाहरण के लिये मूल्य में 50 प्रतिशत की कमी होने पर माँग में केवल 20 प्रतिशत ही वृद्धि हो या मूल्य में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो जाने पर माँग में केवल 20 प्रतिशत की कमी हो । ऐसी अवस्था में वस्तु के खरीदने में जो रुपया व्यय किया जाता है, वह मूल्य के बढ़ने पर बढ़ जाता है और मूल्य के घटने पर घट जाता है । प्रायः आवश्यक वस्तुओं की माँग कम लोचदार होती है। इसका मापन-संकेत लोच <1 होता है।

2. प्रतिशत रीति - माँग की लोच मापने की दूसरी विधि के प्रतिपादक फ्लक्स हैं । फ्लक्स ने भी माँग की लोच को इकाई के बराबर, इकाई से अधिक तथा इकाई से कम तीन श्रेणियों में विभाजित किया है, किन्तु उनका आधार भिन्न रखा है। उनकी रीति के अनुसार पहले यह देखना होता है कि मूल्य में जो परिवर्तन हुआ है, वह पहले मूल्य का कितना प्रतिशत है। इसके बाद माँग में जो परिवर्तन हुआ है, वह पिछली माँग का कितना प्रतिशत है। आनुपातिक या प्रतिशत विधि के अनुसार माँग की लोच ज्ञात करने का सूत्र निम्न प्रकार है -

माँग की लोच से आप क्या समझते हैं इसे कैसे मापा जाता है? - maang kee loch se aap kya samajhate hain ise kaise maapa jaata hai?

3. बिन्दु रीति - बोल्डिग ने माँग की लोच मापने के लिये एक और ढंग बताया है। इस विधि के अन्तर्गत माँग - रेखा के किसी भी बिन्दु पर माँग की लोच जानने के लिये माँग-रेखा के उस बिन्दु से नीचे वाले अंश को, उस बिन्दु के ऊपर वाले अंश से भाग दिया जाता है ।

4. चाप विधि - यद्यपि माँग की लोच मापने के लिये बिन्दु - पद्धति पर्याप्त सन्तोषजनक है, तथापि इस पद्धति द्वारा माँग की लोच मापना कठिन है; क्योंकि व्यावहारिक जगत में मूल्य तथा माँगी गई मात्रा में सूक्ष्म परिवर्तनों की माँग सारणियाँ बहुत कम उपलब्ध होती हैं, जिसमें 'माँग तथा मूल्य में पर्याप्त घट - बढ़ होती है। उदाहरण के लिये, वस्तु का मूल्य एक रुपये से बढ़कर दो रुपये हो जाता है। प्रारम्भिक मूल्य में 100 प्रतिशत की वृद्धि मूल्य में पर्याप्त बड़ा परिवर्तन है। ऐसी स्थिति में माँग की लोच मापने के लिए मूल्य एवं माँग की पुरानी तथा नई संख्याओं के मध्य बिन्दुओं का प्रयोग किया जाना चाहिये। इस प्रकार की माप-विधि चाप लोच' के नाम से प्रसिद्ध है। चाप दो बिन्दुओं के मध्य मॉग - वक्र के भाग स्पष्ट करता है। इसे ज्ञात करने का सूत्र निम्नलिखित है ।

माँग की लोच से आप क्या समझते हैं इसे कैसे मापा जाता है? - maang kee loch se aap kya samajhate hain ise kaise maapa jaata hai?

माँग की लोच की परिभाषा दें। माँग की लोच को कैसे मापा जा सकता है?

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लिखित उत्तर

Solution : वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन तथा वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात ही मांग की लोच कहलाता है। वस्तु पर किया गया व्यय वस्तु की क्रय की गई मात्रा तथा प्रति इकाई कीमत के गुणनफल के बराबर होती है। वस्तु की मांग व कीमत में विपरीत संबंध होता है। <br> वस्तु की कीमत में परिवर्तन से वस्तु पर होने वाला व्यय बढ़ेगा या घटेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि कीमत परिवर्तन की वस्तु की मांग पर प्रतिक्रिया कितनी है। यदि मांग में प्रतिशत कमी, कीमत में प्रतिशत वृद्धि से ज्यादा होती है तो वस्तु पर होने वाला व्यय बढ़ जायेगा। यदि मांग में प्रतिशत कमी, कीमत में प्रतिशत वृद्धि के समान होती है तो वस्तु पर होने वाला व्यय समान रहेगा। <br> इसी प्रकार कीमत में कमी होने पर, माँग में वृद्धि के कारण वस्तु पर व्यय में परिवर्तन को समझाया जा सकता है। <br> यदि वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से ज्यादा होता है, तो वस्तु की माँग लोचदार तथा यदि मांग में प्रतिशत परिवर्तन कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से कम होता है तो वस्तु की मांग बेलोचदार होती है। <br> यदि वस्तु पर होने वाला व्यय वस्तु की कीमत में परिवर्तन की समान दिशा में होता है तो माँग बेलोचदार तथा इसके विपरीत यदि वस्तु पर होने वाले परिवर्तन की दिशा, कीमत परिवर्तन की दिशा के विपरीत होती है तो माँग की लोच अधिक होती है।

मांग की लोच की माप कैसे की जाती है?

Solution : वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन तथा वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात ही मांग की लोच कहलाता है। वस्तु पर किया गया व्यय वस्तु की क्रय की गई मात्रा तथा प्रति इकाई कीमत के गुणनफल के बराबर होती है। वस्तु की मांग व कीमत में विपरीत संबंध होता है।

मांग की लोच से आप क्या समझते हैं इसके प्रकारों को समझाइए?

-माँग की लोच का अर्थ-वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से उसकी माँग में कितना परिवर्तन होगा, इस बात की जानकारी हमें माँग की लोच से होती है। माँग की लोच को माँग की मूल्य सापेक्षता भी कहते हैंमाँग की लोच वस्तु के मूल्य में परिवर्तन के कारण उसकी माँग में होने वाले परिवर्तन की मात्रक है।

मांग की आय लोच क्या है इसे कैसे मापे?

वस्तु की आय लोच को वस्तु की मांगी गई मात्रा की आय में हुए परिवर्तन के कारण अनुक्रियाशीलता को मांग की आय लोच कहते हैं । वस्तुत: आय लोच वस्तु की मात्रा एवं कीमत के परिवर्तन की अनुक्रियाशीलता (Responsiveness) है। मान लीजिए क्रेता की आय में 10 प्रतिशत वृद्धि होने पर उसकी वस्तु की मांग में 20 प्रतिशत वृद्धि हो जाती है।

माँग की कीमत लोच से आप क्या समझते हैं मांग की कीमत लोच की विभिन्न श्रेणियों की व्याख्या कीजिए?

Solution : मॉग की कीमत लोच की परिभाषा-वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन तथा वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात ही मांग की लोच कहलाता है। वस्तु पर किया गया व्यय वस्तु की क्रय की गई। मात्रा तथा प्रति इकाई कीमत के गुणनफल के बराबर होती है। वस्तु की मांगकीमत में विपरीत संबंध होता है