प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग कब होती है|गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव के कारण|प्रारंभिक गर्भावस्था 4 हफ्तों में भूरे रंग के निर्वहन|pregnancy me bleeding kab hoti hai|pregnancy me bleeding hone par kya kare| spotting during pregnancy| period-like bleeding during early pregnancy Show हर औरत का सपना होता है कि वह मां बने| जैसे ही कोई भी लड़की गर्भवती होती है तो बहुत खुशी होती है कि हम अब एक मां बनने वाले हैं परंतु कई बार क्या होता है कि जैसे ही हमारा प्रेग्नेंसी का दौर शुरू होता है, हमें गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ही रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना शुरू हो जाता है हर औरत का केस जो है वह अलग हो सकता है यानी कि किसी को रुक रुक कर बिल्डिंग हो, किसी को लगातार जो है वह ब्लीडिंग होती रहती है| औरत के शरीर का अपना अपना हिसाब होता है किसी को पहले महीने में ब्लीडिंग होती है किसी को दूसरे महीने में ब्लीडिंग होती है या किसी को फिर तीसरे महीने में ब्लीडिंग होती है, यानी कि सबका अपना-अपना रहता है कि किसको कब गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव हो रहा है आज हम आपको अपने आर्टिकल में बताएंगे गर्भवती महिलाओं को ब्लीडिंग क्यों होती| ब्लीडिंग को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं या यदि आपको ज्यादा ब्लीडिंग हो गई है तो आपके लिए क्या खतरा हो सकता है| इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको हमारे आर्टिकल में मिल जाएंगे कृपया पूरा आर्टिकल ध्यान से नीचे तक पढ़ें| यदि आप तरह की कोई समस्या हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देंगे बाकी आपकी प्रेगनेंसी में जो आपको ब्लीडिंग हो रही है उसकी समस्या का समाधान मिल सके और आप एक स्वस्थ बच्चे की मां जो है वह बन सके| गर्भावस्था में ब्लीडिंग होने के कारणगर्भावस्था में खून का आना ब्लीडिंग होना यह बहुत आम बात है| महिलाओं में इस प्रकार की समस्या जो है वह बनी रहती है, हम यह सोचते हैं कि इस तरह की गर्भावस्था में ब्लीडिंग क्यों हो रही है? आराम नहीं मिल पाना: बहुत सी महिलाओं में ऐसा होता है शुरुआती दिनों में हमें पता नहीं होता है हम गर्भवती हैं| और हम घर का सारा काम करते रहते हैं या फिर हम कहीं जॉब पर जा रहे होते हैं| वहां पर भी हम लगातार जाते रहते जिससे कि हमें आराम नहीं मिल पाता है यह कई बार हमें पता भी होता है कि हम गर्भवती हैं , फिर भी हम परवाह नहीं करते हैं और हम अपने शरीर को आराम नहीं देते हैं जिस भी दिन हम गर्भवती होते हैं तब से लेकर शुरुआत के 3 महीने ऐसे होते हैं कि हमें अपने आपको बॉडी को थोड़ा रेस्ट देना चाहिए ,जो हमारे गर्भ में बच्चा पल रहा है , पूरी तरह से हमारे गर्भ में अच्छे से सेट हो जाए| सारा दिन हमारा गर्भावस्था में काम करते रहना अपने शरीर को आराम ना देना यह एक बहुत बड़ा कारण है जिससे हमें जो है वह ब्लीडिंग हो सकती है, इसी यदि आप चाहती हैं कि हमें ब्लीडिंग ना हो इसलिए अपने शरीर को पूरा आराम दें| गर्भावस्था में यात्रा करना: कई बार हम क्या करते हैं कि हम प्रेग्नेंट होते हैं और फिर भी हम क्या करते हैं ज्यादा सोचते समझते नहीं हैं और कहीं पर भी जाने आने का प्रोग्राम जो है वह बना लेते हैं जोगी गर्भावस्था के लिए बिल्कुल सही नहीं रहता है क्योंकि हम कहीं पर भी यात्रा करेंगे यदि हम गाड़ी बस के जिस भी वाहन से जाएंगे उसमें हमारे गर्भाशय के हिलने का खतरा रहता है| और अभी हमारी गर्भावस्था के शुरुआती दिन होते हैं तो हमारा बच्चा जो है वह बिल्कुल अच्छे से बन नहीं पाया होता है और हमें जो है वह हिलने से ब्लीडिंग हो जाती है, अपना हो सके आप यात्रा को नजरअंदाज करें और जब तक आप एक स्वस्थ बच्चे की मां ना बन पाए यात्रा करना छोड़ दें काफी हद तक आप प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग से बच जाओगे| पेट को चोट लगना : कई बार क्या होता है कि हमें गर्भावस्था में पता नहीं चल पाता है और हमें पेट में चोट लग जाती है | जरूरी नहीं है कि चोट इस तरह की होगी कि जो हमें पेट के ऊपर दिखाई देगी, यह पेट के अंदर की चोट भी हो सकती है जैसे कि कई बार क्यों होता है कि घर में छोटे बच्चे होते हैं वो हमारे पेट पर टांगे जो है वह मारते रहते हैं जिसके कारण भी हमें पेट में चोट लग सकती है और गर्भावस्था में ब्लीडिंग हो सकती है या फिर कई बार हम झुक कर कोई काम करते हैं या फिर कोई भारी भजन वाली चीज उठाते हैं जिसे बहुत ज्यादा चांस रहता है कि आपको हमें योनि से रक्तस्राव हो सकता है इसलिए इन सब चीजों से बचें ताकि आपको गर्भावस्था में खून ना आए| भारी सामान उठाना: गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हम क्या करते हैं परहेज नहीं करते हैं हम सोचते हैं कि अभी क्या होगा अभी तो गर्भावस्था के शुरू की ही देने हैं हम घर का सारा काम भी करते रहते हैं और भारी सामान भी साथ में उठा लेते हैं, जैसे हम कभी बाथरूम में नहाने के लिए जाते हैं पानी से भरी बाल्टी उठा लेते हैं, या फिर कपड़े धोने लग जाते हैं इस तरह की काम होते हैं तो हमें गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में नजरअंदाज करने चाहिए, ताकि हमें बिल्डिंग का खतरा ना हो क्योंकि इस तरह का काम करने से भी जो है वह हमारे पेट को चोट लग सकती है और हमें pregnanacy m bleeding ho skte h. एक्टोपिक प्रेगनेंसी:एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक्टोपिक प्रेगनेंसी में जो है वह एक बिल्डिंग का कारण हो सकती है क्योंकि इस अवस्था में ऐसा रहता है कि जो आपका बच्चा होता है वह गर्भाशय में नहीं ठहरता है और फेलोपियन ट्यूब में ठहरता है| यानी कि आपका बच्चा जो होता है विप्रो पर गर्भाशय में नहीं होता है जिसके कारण भी आपको जो है वह ब्लीडिंग होने की संभावना बनी रहती है इसलिए आप जल्दी से जल्दी जल्दी हो सके तो डॉक्टर को अपनी जांच कराएं ऐसी प्रेगनेंसी में साथ आपके पेट में दर्द भी रहती है| गर्भाशय में जुड़वा बच्चों का होना: यदि हमारे गर्भाशय में जुड़वा बच्चे हो तो भी हमें वेडिंग का ज्यादा खतरा बना रहता है| आप जब भी अपना अल्ट्रासाउंड कर आएंगे तो आपको पता चल जाएगा कि पेट में दो जुड़वा बच्चे हैं तभी आपको बहुत ज्यादा आराम की जरूरत होती है यदि फिर भी आपको ब्लीडिंग हो रही है तो आप जल्दी से तुरंत डॉक्टर को दिखाएं कई बार ऐसा होता है कि गर्भाशय पर ज्यादा भार पढ़ रहा होता है जोकि बिल्डिंग का कारण बनता है यदि हमारे गर्भाशय पर ज्यादा भार पढ़ रहा हो, तो कई बार डॉक्टर छोटा सा ऑपरेशन करके गर्भाशय को स्टिच कर देते हैं ताकि गर्भाशय मैं बच्चा टीका रहे और योनि का मुंह जो है वह ना खुले| ब्लीडिंग ना हो इतनी जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास पहुंचे यदि आपको ब्लीडिंग हो रही हो| लो लाइंग प्लेसेंटा में ब्लीडिंग होना: लो लाइंग प्लेसेंटा में ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है मैं आपको यहां पर एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहूंगी जैसे ही हम गर्भवती होते हैं हमें पता नहीं चल पाता है कि हमारी लो लाइंग प्लेसेंटा है यानी कि हमारा बच्चा जो है वह नीचे की तरफ है नीचे की तरफ यानी कि हमारा बच्चा पेट के निचले हिस्से में है जिसके कारण भी हमें ब्लीडिंग होने का बहुत ज्यादा खतरा जो है वह रहता है परंतु हमें यह कम से कम तीसरे महीने में जाकर अल्ट्रासाउंड के दौरान पता चलता है कि हमारी जो है वह लो लाइंग प्लेसेंटा है आप गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ही अपना ध्यान रखें पूरा आराम करें ताकि यदि आपको लो लाइंग प्लेसेंटा होगी तब भी आपको बिल्डिंग का खतरा ना हो धीरे-धीरे जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था के दिन बढ़ते जाते हैं लो लाइंग प्लेसेंटा जो है वह खुद भी खुद ठीक हो जाती है| सीढ़ियां ऊपर नीचे चढ़ना :कई बार क्या होता है हमारा घर ऊपर वाले फ्लोर पर रहता है, और हम बार-बार सीढ़ियां ऊपर नीचे करते रहते हैं ज्यादा बार ऐसा करने से भी जो है वह हमें ब्लीडिंग होने का चांस रहता है इसे यदि आप गर्भवती हैं तो ऐसा ना करें| सीढ़ियां बिल्कुल भी चढ़े ना उतरे| महत्वपूर्ण जानकारी :यहां पर मैं आपको सबसे महत्वपूर्ण जानकारी बताना चाहूंगी अभी मेरा खुद का 2 साल का बेटा है, और जब मुझे प्रेगनेंसी हुई थी तभी डेढ़ महीने के बाद जो है वह मुझे ब्लीडिंग हो गई थी मुझे कारण नहीं पता चल सका कि कारण से ब्लीडिंग हुई पर मुझे लगता है कि शायद मैंने ट्रैवल भी किया था मैंने घर का सारा काम भी किया था, सीढ़ियां का ऊपर नीचे चढ़ना भी एक कारण हो सकता है, जिसके कारण जो है वह ब्लीडिंग हुई और बाद में तीसरे महीने के अल्ट्रासाउंड मैं भी पता चला था कि मेरे जो था बच्चा वह नीचे वाले पेट में था, जोकि गर्भावस्था में ब्लीडिंग होने का बहुत बड़ा कारण रहता है, अब यहां पर ध्यान देने वाली यह बात है कि जैसे ही आपको ब्लीडिंग होती है | आप घर पर बिल्कुल ना रहे हैं तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे ऐसा ना करें कि घर का कोई भी घरेलू उपाय करते रहे और आराम से बैठे रहे हैं जल्दी से जल्दी जो हो सके जो आपकी डॉक्टर उसके पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं मैंने भी ऐसा ही किया था मैं तुरंत डॉक्टर के पास पहुंची उन्होंने मुझे मेडिसिंस और इंजेक्शन दिए और कंप्लीट बेड रेस्ट के लिए कहा, मेडिसिंस और इंजेक्शन के बाद जो है वह मेरी ब्लीडिंग बंद हो गई परंतु ब्लीडिंग के कारण क्या हुआ था मेरी पेट में प्लेसेंटा के पास एक ब्लड क्लोट ,बन गया था जिसको डॉक्टर ने मेडिसिंस देकर ठीक किया | और बाद में मैंने एक बेटे को जन्म दिया मेरा अनुभव यही है कि यदि आप जब भी प्रेग्नेंट होती हैं चाहे आपको ब्लीडिंग हो रही है क्या नहीं हो रही है आप कम से कम 3 महीने जो है बिल्कुल आराम कीजिए कि आपको बाद में किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े| क्योंकि अब हम लोगों के खान इस तरह के हो गए हैं कि हमारी बॉडी प्रॉपर से काम नहीं कर पाती है और हमें गर्भावस्था में मुश्किलें आती हैं नहीं तो पहले के जमाने में ऐसा हुआ करता था कि खाना-पीना अच्छा होता था पौष्टिक होता था, और गर्भावस्था भी बहुत अच्छे से घर पर ही हो जाती थी परंतु अब ऐसा बिल्कुल नहीं है इसलिए अपना ध्यान रखें|
गर्भावस्था में ब्लीडिंग होने पर क्या करना चाहिए जैसे ही आपको गर्भावस्था के चाहे शुरुआती महीना है चाहे लास्ट के दिन है आपको यदि गर्भावस्था में खून के धब्बे आते हैं तो अब तुरंत जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर के पास पहुंचे यदि हो सकता है आप तुरंत डॉक्टर के पास ना पहुंचे तो आपकी ब्लीडिंग हो सकता है ज्यादा बढ़ जाए और आपका अबॉर्शन हो इससे अच्छा है कि यदि आपको ब्लीडिंग होने ही लगी है और अब जल्दी से जल्दी तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच जाएं मैं आपका अच्छे से इलाज करेगा और आपकी बिल्डिंग जो है वह रुक जाएगी और आप एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाएंगे| जैसे ही हम डॉक्टर के पास जाते हैं, हर महिला का अपना-अपना कारण हो सकता है कि उसको ब्लीडिंग क्यों हो रही है डॉ बिल्डिंग का कारण देखकर उसे इंजेक्शन या फिर मेडिसन देते हैं या फिर कंपलीट बेड रेस्ट को बोल देते हैं, मेरी गर्भावस्था के केस में ऐसा था, डॉक्टर ने मेडिसिंस दी थी और हफ्ते का एक इंजेक्शन लगता था ,यह सब की अवस्था अलग-अलग हो सकती है कि किसको कौन सी मेडिसन देनी है या फिर इंजेक्शन लगना है परंतु यहां पर मैं आप सब महिलाओं को यह बात बताना चाहूंगी यदि आपको डॉक्टर कंप्लीट बेड रेस्ट के लिए बोलती है तो प्लीज उसको फॉलो कर लीजिए क्योंकि कई बार क्या होता है कि हम यह सारी चीजें नहीं कर पाते हैं और हमारा अबॉर्शन हो जाता है फिर हमें सारी जिंदगी पछतावा होता है यानी कि कई बार बहुत सारी कॉम्प्लिकेशंस आ जाती है कि हम दोबारा कंसीव नहीं कर पाते हैं, इसलिए जैसे-जैसे आपको डॉक्टर बता रहा है मेडिसिन इंजेक्शन आपको दे रहा है वह प्रॉपर टाइम पर ले और अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ रूप दें| अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है? फर्टिलाइजेशन यानी गर्भधारण होने के 10 से 12 दिन के बाद जब भ्रूण यूट्रस में इम्प्लांट होने लगता है उस दौरान भी हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे पीरियड्स समझा जा सकता है। लेकिन ये मुश्किल से 2 या 3 दिन तक ही रहता है, पीरियड्स की तरह 5 से 7 दिन नहीं। bleeding with clots during pregnancy (first trimester) होने पर क्या मुझे अल्ट्रासाउंड करवाने होंगे? जी हां बिल्कुल जैसे ही आपको ब्लीडिंग होती है डॉक्टर आपका एक अल्ट्रासाउंड लेंगे या वेजाइनल अल्ट्रासाउंड भी कर सकते हैं ताकि उनको गर्भावस्था मे ब्लीडिंग होने का कारण पता चल सके| और डॉक्टर आपका सही से इलाज कर सकें| बिल्डिंग होने के बाद भी क्या हमारा बच्चा स्वस्थ रहेगा जी हां बिल्कुल यदि आपको ब्लीडिंग होती भी है यदि आप सही समय पर डॉक्टर के पास पहुंच जाते हैं डॉक्टर इलाज करता है तो आप बिल्कुल एक स्वस्थ बच्चे को ब्लीडिंग होने के बाद भी जन्म दे सकते हैं मेरी भी बिल्डिंग हुई थी मैंने भी एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है इसलिए कृपया घबराए नहीं| प्रेगनेंसी में कितने दिन तक ब्लीडिंग हो सकती है?फर्टिलाइजेशन यानी गर्भधारण होने के 10 से 12 दिन के बाद जब भ्रूण यूट्रस में इम्प्लांट होने लगता है उस दौरान भी हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे पीरियड्स समझा जा सकता है। लेकिन ये मुश्किल से 2 या 3 दिन तक ही रहता है, पीरियड्स की तरह 5 से 7 दिन नहीं। प्रेगनेंसी में अगर ब्लड आ जाए तो क्या करना चाहिए? डॉक्टर को कब दिखाएं गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों या प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर ब्लड टेस्ट और योनि की जांच कर के ब्लीडिंग के कारण का पता लगा सकते हैं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज ही नहीं होता है। प्रेग्नेंट महिला को ब्लड क्यों आता है? क्या प्रेग्नेंट होने के बाद भी ब्लड आता है?प्रेग्नेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे ‘स्पॉटिंग’ (spotting) कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आसपास होती है, जब आपके पीरियड का समय होने वाला होता है। क्या प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में ब्लीडिंग होती है?कई बार हल्के रक्तस्त्राव की वजह पता लगाना मुश्किल होता है। अगर, रक्तस्त्राव कम होता है और जल्दी सब सही हो जाता है, तो इस बात की पूरी संभावना होती है कि सब ठीक-ठाक है और आपका शिशु भी सुरक्षित है। प्रेग्नेंसी में क्यों होती है ब्लीडिंग किसी को पहले तीन महीने में ब्लीडिंग होती है, तो उसका मतलब है कि इंटरनल कोई ब्लड क्लॉटिंग हो रही है, प्रेग्नेंसी कमजोर हो या फिर नाल अच्छी तरह से बच्चेदानी के साथ ना जुड़ी या चिपकी हो, जिसके कारण कोई जमाव होने के कारण शुरुआत में ब्लीडिंग हो सकती है| प्रेगनेंसी में अगर ब्लड आ जाए तो क्या करना चाहिए? गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों या प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर ब्लड टेस्ट और योनि की जांच कर के ब्लीडिंग के कारण का पता लगा सकते हैं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज ही नहीं होता है। 2 महीने की प्रेगनेंसी में ब्लड क्यों आता है? जब आप लगभग छह या सात सप्ताह की प्रेगनेंट होती हैं तब आपकी प्रेगनेंसी में थोड़ा बदलाव आता है। इस दौरान प्लेसेंटा का विकास होता है और यह प्रेगनेंसी के हार्मोन को बनाने का काम खुद करता है। जिसके कारण आपकी योनि से हल्का रक्तस्राव हो सकता है और यह तीन दिन से ज्यादा नहीं रहता है। 1 महीने की प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग क्यों होती है?प्रेग्नेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे 'स्पॉटिंग' (spotting) कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आसपास होती है, जब आपके पीरियड का समय होने वाला होता है।
प्रेगनेंसी में कितने दिनों तक ब्लीडिंग हो सकती है?फर्टिलाइजेशन यानी गर्भधारण होने के 10 से 12 दिन के बाद जब भ्रूण यूट्रस में इम्प्लांट होने लगता है उस दौरान भी हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे पीरियड्स समझा जा सकता है। लेकिन ये मुश्किल से 2 या 3 दिन तक ही रहता है, पीरियड्स की तरह 5 से 7 दिन नहीं।
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग हो तो क्या करें?गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों या प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर ब्लड टेस्ट और योनि की जांच कर के ब्लीडिंग के कारण का पता लगा सकते हैं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज ही नहीं होता है।
क्या प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है?प्रेगनेंट होने पर ओवुलेशन नहीं होता है और न ही पीरियड आते हैं। पीरियड्स तभी आते हैं जब आप प्रेगनेंट नहीं होती हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है, लेकिन यह मासिक चक्र की वजह से नहीं होगा। कुछ महिलाओं को तो स्तनपानी करवाने के दौरान भी पीरियड्स नहीं आते हैं।
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