“जनसंचार का अर्थ है जन संचार माध्यमों - जैसे रेडियो, दूरदर्शन, प्रेस और चलचित्र द्वारा सूचना, विचार और मनोरंजन का प्रचार-प्रसार करना।” Show जनसंचार का अर्थजनसंचार का अर्थ संचार शब्द संस्कृत की ‘चर्’ धातु से निकला है, जिसका अर्थ चलना या संचरण करना है। अंग्रेजी में इसके लिए कम्युनिकेशन शब्द चलता है संचार के साथ ‘जन’ शब्द जुड़ने से ‘जनसंचार’ शब्द बनता है। ‘जन’ का अर्थ भीड़, समूह तथा जन समुदाय से है। मनुष्य के सन्दर्भ में ‘जन’ का अर्थ हे बड़ी संख्या में एकत्र लोग। ‘‘यदि ‘जन’ शब्द को संचार का विशेषण माने तो इसका अर्थ होगा - ‘‘बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करना या सम्मिलित करना। अर्थात् जब संचार की प्रक्रिया या संदेशों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर होती है तो वह जनसंचार कहलाता है। जनसंचार की परिभाषा1. जोसेफ डिनिटी - “जनसंचार बहुत से व्यक्ति में एक मशीन के माध्यम से सूचनाओं, विचारों और दृष्टिकोणों को रूपांतरित करने की प्रक्रिया है।”
2. डी.एस. मेहता - “जनसंचार का अर्थ है जन संचार माध्यमों - जैसे रेडियो, दूरदर्शन, प्रेस और चलचित्र द्वारा सूचना, विचार और मनोरंजन का प्रचार-प्रसार करना।”
3. जार्ज ए. मिलर - “जनसंचार का अर्थ सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना है।”
4. जवरीमल्ल पारेख - “जनसंचार का अर्थ है जन के लिए संचार के माध्यम।
5. टीड - का कहना है कि संचार का लक्ष्य समान विषयों पर मस्तिष्क को में मेल स्थापित करना है।
6. लारेंस ए एप्ली - के अनुसार संचार वह प्रक्रिया है - जिससे एक व्यक्ति अपने विचारों से दूसरे को अवगत कराता है।
7. लुई ए. एलन - का कहना है कि एक व्यक्ति के मस्तिष्क को दूसरे से जोड़ने का पुल संचार है।
8. थियो हेमन - का कथन है कि एक व्यक्ति से दूसरे की संरचनाएँ एवं समझ हस्तांतरित करने की प्रक्रिया संचार है। जनसंचार के माध्यमसमाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, फिल्म, कम्प्यूटर आदि। आमतौर पर जनसंचार शब्द का प्रयोग टीवी, रेडियो, समाचार-पत्र, पत्रिका, फिल्म या संगीत रिकार्ड आदि के माध्यम से सूचना, संदेश, कला व मनोरंजन सामग्री के वितरण को दर्शाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर समाचार-पत्र, पत्रिका, पुस्तक, रेडियो, टीवी, फिल्म, संगीत रिकार्ड आदि को जनमाध्यम की श्रेणी में शामिल किया जाता है। जनसंचार की विशेषताएं
जनसंचार के कार्यजनसंचार के तीन मूलभूत काम माने जाते हैं:
1. सूचित करना - सूचनाओं का प्रसारण समाचार माध्यमों का प्राथमिक कार्य है। समाचार-पत्र, रेडियो और टीवी विश्वभर की खबरें उपलब्ध करवाकर हमारा सूचना स्तर बढाने में सहायता करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से समाचार की अवधारणा में फर्क आता जा रहा है। समाचार माध्यम अब किसी घटना को ‘जैसे का तैसा’ बताने का कार्य नहीं करते हैं। समाचारों का वर्णन करने से लेकर इनमें मानवीय अभिरुचि, विश्लेषण और फीचराइजेशन को भी अब शामिल कर लिया गया है। पत्रकार आज सिर्फ पत्रकार ही नहीं रह गए हैं। वे आज समाचार विश्लेषक बन गए हैं, जो किसी भी महत्वपूर्ण समाचार के आगामी प्रभावों के बारे में चर्चा करते हैं। आजकल समाचार माध्यमों में ‘साफ्ट स्टोरीज’ पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। समाचार माध्यम आज हमें किसी भी घटना, विचार, नीति, परिवर्तन, दर्शन आदि को समझने में भी सहायता करते हैं।
2. मनोरंजन करना - जनसंचार का एक अत्यधिक प्रचलित कार्य लोगों का मनोरंजन करना भी है। रेडियो, टीवी और फिल्म तो सामान्यतया मनोरंजन का ही साधन समझे जाते हैं। समाचार-पत्र भी कामिक्स, कार्टून, फीचर, वर्ग पहेली, चक्करघिन्नी, सूडोकू आदि के माध्यम से पाठकों को मनोरंजन की सामग्री उपलब्ध करवाते हैं। रेडियो आमतौर पर संगीत के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करता है। हास्य नाटिका, नाटक, वार्ता इत्यादि के माध्यम से भी रेडियो मनोरंजन उपलब्ध करवाता है। टीवी तो मनोरंजन का सबसे बडा साधन बन चुका है। गंभीर विषयों जैसे कि समाचार, प्रकृति, वन्य जीवन से जुडे हुए चैनल भी हास्य की सामग्री प्रसारित करते हैं। सभी जन माध्यमों में से शायद फिल्म ही ऐसा है, जो सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए बना है। वृत चित्र, शैक्षणिक फिल्मों और कला फिल्मों को छोड कर बाकी सभी फिल्में मनोरंजन ही उपलब्ध करवाती हैं।
3. लोगों को किसी काम के लिए प्रोत्साहित करना - किसी वस्तु, सेवा, विचार, व्यक्ति, स्थान, घटना इत्यादि के प्रति लोगों को समझाने या प्रोत्साहित करने के लिए भी जन माध्यमों को औजार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अलग-अलग जनमाध्यमों की अलग-अलग प्रकृति व पहुंच होती है (प्रसार, पाठक संख्या, श्रोता संख्या, दर्शक संख्या इत्यादि)। विज्ञापनदाता और विज्ञापन एजेंसियां इन माध्यमों की प्रकृति को पहचानते हैं। संदेश की प्रकृति और लक्षित समूह को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाता है कि उसे किस माध्यम से प्रसारित किया जाए। हालांकि संचार शास्त्री किसी भी एक परिभाषा पर सहमत नहीं हो पाए हैं। संचार की बहुप्रचलित परिभाषा के अनुसार ‘संचार वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यवस्था के दो या अधिक तत्व किसी वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अन्योन्यक्रिया करते हैं।’ एक प्रक्रिया के तौर पर यह निरंतर गतिशील, परिवर्तनशील व अंतहीन है। हमने भूतकाल में जो कुछ पढा, सुना और देखा है, वह आज भी कुछ हद तक हमें प्रभावित करता है। प्रतिदिन हम हजारों संदेश प्राप्त करते हैं। उन पर प्रक्रिया होने के बाद उनका मूल्यांकन होता है। इस मूल्यांकन के आधार पर हम कुछ संदेशों को खारिज कर देते हैं और कुछ को अपने मस्तिष्क में संग्रहित सूचना, विचार, मत इत्यादि के साथ जमा कर लेते हैं। यह सभी सूचनाएं हमें किसी न किसी स्तर पर प्रभावित करती रहती हैं। आज हम संचार के माध्यम से जो कुछ भी सीख रहे हैं, शर्तिया तौर पर भविष्य में हमारे व्यवहार पर कहीं न कहीं उसका असर देखने को मिलेगा। जनसंचार की बाधाएं
जनसंचार की बाधाओं को दूर करने के उपाय -
जनसंचार क्या है और उसके माध्यम?जनसंचार शब्द अंग्रेजी भाषा के Mass Communication का हिन्दी पर्यायवाची है। इसका अभिप्राय: बहुल मात्रा में या भारी मात्रा में या भारी आकार में बिखरे लोगो या अधिक मात्रा में लोगों तक संचार माध्यम से सूचना या सन्देश पहुंचाना है। एक साथ एक बहुत बड़े मिश्रित जनसमूह को सन्देश पहुंचाना जनसंचार कहलाता है।
जनसंचार क्या है जनसंचार के प्रमुख माध्यम कौन कौन से हैं?जनसंचार माध्यमों के वर्तमान प्रचलित रूपों में प्रमुख हैं- समाचारपत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा और इंटरनेट। इन माध्यमों के ज़रिये जो भी सामग्री आज जनता तक पहुँच रही है, राष्ट्र के मानस का निर्माण करने में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
जनसंचार के कितने माध्यम होते हैं?जनसंचार के दो माध्यम है , परंपगत माध्यम और आधुनिक माध्यम।
जनसंचार क्या है उत्तर?चर का अर्थ होता हैं चलना. जनसंचार को अग्रेजी में मास कम्युनिकेशन (mass communication) भी कहा जाता हैं. जनसंचार में उन सभी माध्यमो को शामिल किया जाता हैं. जिससे कोई व्यक्ति या संस्थान एक बड़ी संख्या के लोगो से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं. तथा ऐसे संसाधनों और तरीको का अध्ययन ही जनसंचार कहा जाता हैं.
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