हड्डी का बुखार कैसे होता है? - haddee ka bukhaar kaise hota hai?

हड्डी में बुखार होना एक बेहद खराब स्थिति है। अगर आपकी हड्डियों में बुखार का प्रभाव हो गया तो आपको काफी परेशानी पेश आएगी जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। आपका शरीर हड्डियों के ढाँचे पर ही निर्धारित है लेकिन अगर हड्डियों में भी बुखार होने लगा तो आपको मुश्किल नहीं बड़ी परेशानी पेश आ जाएगी।

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हड्डियों से ही शरीर के सभी अंग चलते हैं और इसमें कोई दोराय नहीं कि दोनों में से किसी में भी दिक्कत होगी तो आपको डॉक्टर और फिर वेंटिलेटर तक जाना पड़ सकता है। इंसान के शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों से जुड़े रोग देखने को मिलते हैं जो काफी बड़ी परेशानी का कारण होते हैं।

बुखार का कैल्शियम से लेना नहीं है लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता से इसका लेना देना जरूर है। अगर आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं होगी तो आपको दिक्कत पेश आएगी जिसकी वजह से आपको दवाइयों और शायद दुआओं के सहारे भी रहना पड़ जाए पर ऐसी नौबत ही क्यों आने देनी है।

हड्डी का बुखार के लक्षण

असहनीय दर्द होना

हड्डियों में दर्द असहनीय स्तर पर हो और शरीर में एक हरारत या गर्माहट लगे तो इसको हल्के में ना लें। आपका शरीर ही सबकुछ है और हड्डियों से ही हर दर्द की शुरुआत होती है। आपके शरीर में अगर दर्द हो और वो भी हड्डियों में तो तुरंत किसी एक्सपर्ट के पास जाएं या अस्पताल पहुंचें।

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खाते ही उलटी होना

अगर हड्डियों में दर्द और हरारत के साथ साथ खाते ही उलटी हो रही है तो आपको सबकुछ छोड़कर आज ही अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पेट में दिक्कत अगर बढ़ गई तो आपको हर मुश्किल से भी बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा क्योंकि जब शरीर को उसके मिनरल्स ही नहीं मिलेंगे तो वो आपकी रक्षा कैसे करेगा।

पाँव के तलवे हो जाएं ठंडे

ऐसा नहीं है कि सिर्फ हड्डी के बुखार में ही पाँव के तलवे ठंडे होते हैं क्योंकि ऐसी स्थिति कमजोरी या हड्डियों में कमजोरी होने पर भी हो सकती है। पेट को आप अगर खाने का केंद्र कहते हैं तो पाँव शरीर के बैलेंस को बनाए रखने में मदद करते हैं। आप इन दोनों में से किसी में परेशानी नहीं चाहेंगे।

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Edited by Amit Shukla

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हड्डी का बुखार कैसे होता है? - haddee ka bukhaar kaise hota hai?
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शिशुओं के लिए वायरल और अधिक कष्टदायी होता है। इससे वे पीले तथा सुस्त पड़ जाते हैं। उन्हें श्वसन तथा स्तनपान में कठिनाई होती है। उन्हें उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं। इसके अलावा शिशुओं में न्यूमोनिया, कंठशोथ और कर्णशोथ जैसी जटिलताएँ भी पैदा हो जाती हैं। अन्य रोगों के साथ मिलकर वायरल रोगी की दशा को भी खराब कर देता है। उदाहरण के लिए यदि खाँसी के रोगी बच्चे को वायरल हो जाए तो उसका तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। इसी प्रकार पेचिश और क्षय रोग के मरीजों को इससे विशेष रूप से बचाना चाहिए।

CoronaVirus दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में लोहिया संस्थान के ऑर्थो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वागत महापात्रा ने वाट्सएप पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

लखनऊ, जेएनएन। CoronaVirus: अगर आपने लॉकडाउन का सही से पालन किया है तो खांसी, जुकाम, बुखार व सांस फूलने जैसे लक्षण कोरोना नहीं हैं। यदि किसी भी प्रकार से संक्रमित के संपर्क में आ चुके हैं तो हड्ड‍ियों और मांसपेशियों में दर्द के साथ बुखार व सांस फूलना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। यह कहना है लोहिया संस्थान के ऑर्थो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वागत महापात्रा का। उन्होंने दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में वाट्सएप पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए। 

सवाल : मुझे एक माह से खांसी, जुकाम व बलगम की समस्या है। बुखार भी आ रहा है। कोरोना जांच कराना चाहिए? (राहुल, लखनऊ)

जवाब : आपको खांसी आने का ड्यूरेशन बहुत लंबा है। आमतौर पर कोरोना होने पर दो हफ्ते में ही दिक्कत बढ़ जाती है। इसलिए यह कोरोना तो नहीं, फिर भी आप इसे हल्के में न लें। यह टीबी व सांस से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो सकती है। 

सवाल : मुझे पांच दिनों से 102 डिग्री बुखार है। जांच में न्यूट्रोफिल्स व सीआरपी बढ़ा है। कोरोना तो नहीं? (नितिन, विकास नगर, लखनऊ)

जवाब : कोरोना में बुखार के साथ सूखी खांसी भी आती है। साथ ही सूंघने व स्वाद की क्षमता भी लगभग खत्म हो जाती है।  सामान्य सीजनल फीवर में भी न्यूट्रोफिल व सीआरपी बढ़ता है। पैरासिटामॉल लेते रहें। ठीक हो जाएगा। 

सवाल : हड्डियों में दर्द के साथ बुखार आना भी कोरोना हो सकता है? (संतोष, वाराणसी)

जवाब : अगर पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने की कोई हिस्ट्री है तो हड्डियों और मांसपेशियों का दर्द भी कोरोना का लक्षण हो सकता है, लेकिन तब इसके साथ बुखार व सांस फूलने की भी दिक्कत होगी। 

सवाल : मुझे हाथ पैर में दर्द व खुजली के साथ छींक बहुत आ रही है। कोरोना तो नहीं? (भूमि पांडेय, सुलतानपुर)

जवाब : यह सीजनल एलर्जी है। उसकी वजह से खुजली व छींक का लक्षण है। अगर आप किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आईं तो कोरोना की बहुत कम संभावना है। एंटीएलर्जिक दवाएं लें, ठीक हो जाएगा।

सवाल : कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं? (रूबी राजपूत, हरदोई)

जवाब : सामान्य इम्युनिटी बढ़ाने में ड्राईफ्रूट्स का बहुत बड़ा रोल है। इसके अलावा हाई प्रोटीन युक्त चीजें, जिसमें दाल, अंडा इत्यादि आते हैं भी लेना चाहिए। विटामिन सी भी इम्युनिटी को जबरदस्त बढ़ता है। इसके अलावा नियमित रूप से प्राणायाम या एक्सरसाइज जरूर करें। नुकसानदायक चीजें जैसे सिगरेट, एल्कोहल आदि का सेवन न करें।

सवाल : 28 अप्रैल को मेरी भाभी को सुबह पेट दर्द व दस्त के साथ पूरे शरीर में लाल चकत्ते पड़ गए। ये कोरोना तो नहीं? (कृष्णकुमार गुप्ता, अयोध्या)

जवाब : अभी तक कोरोना में किसी को ऐसे प्राथमिक लक्षण नहीं हैं। यह फूड प्वाइजनिंग व लेटने के दौरान एकतरफा व तकिया इत्यादि से हो सकता है। 

सवाल : क्या सांस लेने से भी कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है? (सरोज राजवंशी, लखनऊ)

जवाब : अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं, जहां किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने आसपास खांसा व छींका है और आप वहां बगैर मास्क के सांस ले रहे हैं तो कोरोना हो सकता है। वैसे किसी खुले जगह में हैं तो इसका खतरा नहीं है।

सवाल : सब्जी लेते समय मेरा हाथ बेचने वाले से टच हो गया था। क्या उसे कोरोना हुआ तो मुझे भी हो सकता है? (बसंत सिंह, विक्रमखंड, लखनऊ)

जवाब : अगर आपने साबुन से हाथ धुलने या उसे सैनिटाइज करने के पहले हाथ को अपने मुंह, नाक व आंख पर नहीं लगाया है तो इसकी संभावना कम है। यदि ऐसा नहीं किया है तो आप भी खतरे में हैं। 

सवाल : कोरोना वायरस कितने समय तक और कितने तापमान में जीवित रह सकता है? (समीर, रायबरेली)

जवाब : तापमान को लेकर अभी तक जितनी स्टडी हुई है उसमें अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस तापमान पर कोरोना निष्क्रिय हो जाएगा। अभी देखा जाए तो कोरोना ठंडी व गर्मी वाले दोनों जगहों पर मिल रहा है। इसलिए ऐसा अनुमान है कि यदि उबलने वाला तापमान हो तो शायद कोरोना सक्रिय न हो पाए। हालांकि इस पर बहुत च्यदा स्टडी नहीं है। 

सवाल : करीब 30 दिनों से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। क्या बिना बुखार व खांसी के भी कोरोना हो सकता है? (धीरज, बंगला बजार, लखनऊ)

जवाब : 30 दिन का समय लंबा है। अगर आपको सांस संबंधी कोई पुरानी बीमारी है तो उसकी दवा लेते रहें। यदि ऐसा नहीं है तो यह भले कोरोना नहीं, लेकिन लक्षण गंभीर बीमारी के हो सकते हैं। जांच अवश्य करा लें।

सवाल : मुझे रोज ऑफिस जाना पड़ता है व लोगों से मिलना भी पड़ता है। बुखार व अपच की समस्या बनी है। ये कोरोना हो सकता है? (रिचा शुक्ला, मोतीझील)

जवाब : अगर ऑफिस में कोई पॉजिटिव है या किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो संभावना है। यदि आपको पता है कि किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आए तो सीजन फीवर है। घबराने की जरूरत नहीं है। 

सवाल : पूरे विश्व में कोरोना की दवा नहीं है तो मरीज ठीक कैसे हो रहे हैं। लोगों का संशय दूर करें। (उमेश, लखनऊ)

जवाब : किसी भी वायरल इंफेक्शन में अगर शरीर की इम्युनिटी मजबूत है तो वह कंट्रोल हो जाता है। इनकी इम्युनिटी ठीक है वह कोरोना को मात दे रहे हैं। 90 फीसद लोग बिना किसी दवा के ठीक हो रहे हैं। 

सवाल : मैं डायबिटिक हूं। पिछले तीन दिनों से लगता है कि गले व सीने में कुछ फंसा है। बेचैनी भी है। कोरोना तो नहीं? (सुभाष दीक्षित, सीतापुर)

जवाब : डायबिटिक में इम्युनिटी कम होने पर सामान्य तौर पर संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है। अगर किसी के संपर्क में नहीं आए तो ऐसा कुछ नहीं है। डायबिटिक होने पर गले में संक्रमण हो जाता है। यह ठीक हो जाएगा। 

सवाल : तीन दिनों से मेरे गले में खराश है। पेट भी ठीक नहीं रहता। ये कोरोना के लक्षण तो नहीं? (सुरेश, रायबरेली) 

जवाब : अगर आप किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आए व हाइजीन का पालन कर रहे हैं तो संभावना कम है। यदि लॉकडाउन का पालन नहीं कर पाए और फीवर व सांस लेने में तकलीफ बढ़ रही है तो कोरोना हो सकता है। 

सवाल : हफ्तेभर पहले गला बैठ गया। अभी गले में कफ है व खांसी आती है। ये कोरोना तो नहीं है? (अहमद, मिल्कीपुर, अयोध्या)

जवाब : अगर किसी संक्रमित के संपर्क में आए हों। मंडी या कहीं भीड़ में पिछले 10-15 दिनों में गए हैं तो सचेत होने की जरूरत है। अन्यथा सीजनल समस्या है। गुनगुने नमक-पानी का गरारा करें।

सवाल : हाल ही में मैंने कोरोना पॉजिटिव के परिवार वालों को क्वारंटाइन करने में प्रशासन की मदद की थी। अब मुझे रात में खांसी आ रही है। कोरोना हो सकता है? (चंदन तिवारी, गोंडा)

जवाब : आप प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पॉजिटिव के संपर्क में आ चुके हैं। इसलिए आपको सबसे पहले खुद को क्वारंटाइन करना चाहिए व कोरोना जांच जल्द से जल्द कराना चाहिए। 

सवाल : मुझे भोजन करने के बाद तीन-चार दिनों से गले में खराश हो रही है। ये कोरोना तो नहीं है? (विकास त्रिपाठी, लखनऊ)

जवाब : अगर संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं तो सामान्य व सीजनल है। 

Edited By: Divyansh Rastogi

हड्डी में बुखार हो तो क्या करना चाहिए?

पैरासिटामॉल लेते रहें। ठीक हो जाएगा। जवाब : अगर पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने की कोई हिस्ट्री है तो हड्डियों और मांसपेशियों का दर्द भी कोरोना का लक्षण हो सकता है, लेकिन तब इसके साथ बुखार व सांस फूलने की भी दिक्कत होगी।

हड्डी के बुखार के लक्षण क्या होते हैं?

हड्डी की टीबी के संकेत और लक्षण:.
जोड़ों में दर्द।.
कुट्ट रोग। ( रीढ़ की हड्डी की टीबी).
पीठ दर्द।.
कार्पल टनल सिंड्रोम।.
कशेरुक डिस्क का कुशनिंग।.
वक्षीय क्षेत्र में बेचैनी।.
कार्पल हड्डी में दर्द। ( कार्पल टनल सिंड्रोम).
कलाई का दर्द। ( कशेरुका अस्थि दोष के मामले में).

अंदरूनी बुखार को कैसे ठीक करें?

इन घरेलू उपचार से आप इस इंफेक्शन से राहत पा सकते हैं....
हल्दी और सौंठ का पाउडर अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं. ... .
तुलसी का इस्तेमाल तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं. ... .
धनिया की चाय ... .
मेथी का पानी ... .
नींबू और शहद.

हड्डी में इन्फेक्शन कैसे होता है?

आमतौर पर यह इन्फैक्शन त्वचा में रहने वाले ई- कोलाई बैक्टीरिया की वजह से ही होता है और रक्त वाहिनियों के जरिये यह बैक्टीरिया रीढ़ की हड्‌डी तक फैल जाता है। यहीं से यह बैक्टीरिया वर्टिब्रल डिस्क में फैलने लगता है, जिससे डिस्क और उसके आस-पास के हिस्सों में इन्फेक्शन होने लगता है और डिसाइटिस होने का खतरा पैदा हो जाता है।