विषयसूची गुरु दक्षिणा क्या है?इसे सुनेंरोकेंगुरुदक्षिणा का अर्थ है कि गुरु से प्राप्त की गई शिक्षा एवं ज्ञान का प्रचार-प्रसार व उसका सही उपयोग कर जनकल्याण में लगाएँ। मूलतः गुरुदक्षिणा का अर्थ शिष्य की परीक्षा के संदर्भ में भी लिया जाता है। गुरुदक्षिणा गुरु के प्रति सम्मान व समर्पण भाव है। अर्जुन ने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा में क्या दिया?इसे सुनेंरोकें1/6यह थी गुरुदक्षिणा कौरव व पांडव की शिक्षा पूरी होने पर गुरु द्रोणाचार्य ने कहा कि तुम पांचाल देश के राजा द्रुपद को बंदी बनाकर मेरे पास लाओ। राजा द्रुपद को बंदी बनाकर लाना ही मेरी गुरुदक्षिणा है। दक्षिणा क्यों? इसे सुनेंरोकेंक्यों दी जाती है दक्षिणा कहते हैं कि दान करने वाले व्यक्ति को दान किया गया सब कुछ दोगुना होकर मिलता है। किसी जरूरतमंद या गरीब की सहायता करना सबसे ऊपर माना जाता है। दान-दक्षिणा से कभी कोई गरीब नहीं होता बल्कि इससे उसकी समृद्धि में ही बढ़ोत्तरी होती है। गुरु दक्षिणा कैसे ली जाती है? इसे सुनेंरोकेंगुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब अंत में शिष्य अपने घर जाता है तब उसे गुरुदक्षिणा देनी होती है. गुरुदक्षिणा का अर्थ कोई धन-दौलत से नहीं है. यह गुरु के ऊपर निर्भर है कि वह अपने शिष्य से किस प्रकार की गुरुदक्षिणा की मांग करे. गुरु अपने शिष्य की परीक्षा के रूप में भी कई बार गुरुदक्षिणा मांग लेता है. दक्षिणा में क्या देना चाहिए?इसे सुनेंरोकें’दक्षिणा’ (Dakshina) शब्द में भेंट, उपहार, शुल्क, पारिश्रमिक आदि सभी अर्थों का भाव समाहित है. सरल शब्दों में कहें तो किसी के सम्मान में धनराशि देना ‘दक्षिणा’ है. पारिश्रमिक के मुकाबले इसे अधिक दिया जाता है. पारिश्रमिक और ‘दक्षिणा’ (Dakshina) में यही मूल अंतर है. अर्जुन ने गुरु द्रोण के प्रश्न का क्या उत्तर दिया?इसे सुनेंरोकेंजब द्रोणाचार्य ने अर्जुन से प्रश्न किया – अर्जुन तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है? तभी अर्जुन ने उत्तर दिया गुरु जी मुझे तो बस चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है, सिर्फ आंख। गुरुजी खुश हुए और उन्होंने अर्जुन को तीर चलाने के लिए कहा। बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी? इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति आ सकती है। इस कारण कर्णकी शक्ति कम करने की इच्छा से उन्होंने बूढ़े ब्राह्मण का वेश धारण करके अंग नरेश कर्ण से उनका जन्मजातकवच और कुंडल भिक्षा में माँग लिया। भगवान को दक्षिणा क्यों चढ़ाई जाती है? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार भगवान यज्ञ अपनी पत्नी दक्षिणा और पुत्र फल से सम्पन्न होने पर सभी को कर्मों का फल देने लगे. इससे देवताओं को भी यज्ञ का फल मिलने लगा. इसी वजह से शास्त्रों में दक्षिणा के बिना यज्ञ पूरा नहीं होता और कोई फल नहीं मिलता. इसीलिए ऐसा माना गया कि यज्ञ करने वाले को तभी फल मिलेगा जब वो दक्षिणा देगा. गुरु को गुरु दक्षिणा में क्या देना चाहिए?आप तैयार रहें दक्षिणा देने के लिए। अर्थात अपने समस्त अहंकार, घमंड, ज्ञान, अज्ञान, पद व शक्ति, अभिमान सभी गुरु के चरणों में अर्पित कर दें। यही सच्ची गुरु दक्षिणा होगी। आपको तय करना है कि आपको पुट्टल वाला शिष्य बनना है या जो गुरु को ज्ञान का देवता मानता था वैसा शिष्य बनना है।
दक्षिणा में क्या देना चाहिए?'दक्षिणा' (Dakshina) शब्द में भेंट, उपहार, शुल्क, पारिश्रमिक आदि सभी अर्थों का भाव समाहित है. सरल शब्दों में कहें तो किसी के सम्मान में धनराशि देना 'दक्षिणा' है. पारिश्रमिक के मुकाबले इसे अधिक दिया जाता है.
गुरु का हमारे जीवन में क्या महत्व है?गुरु सच्चे पथ प्रदर्शक होता है। हमारे जीवन में गुरु बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. मनुष्य के लिए भगवान से भी बढ़कर गुरु को माना जाता है क्योंकि भगवान हमें जीवन प्रदान करता है। और गुरु हमें शिक्षा देकर इस जीवन को सही ढंग से जीना सिखाते हैं।
गुरु दक्षिणा में कौन सा समास है?गुरु-दक्षिणा — गुरु के लिए दक्षिणा गुरु-दक्षिणा तत्पुरुष समास की परिभाषा के अनुसार जिस पद में द्वितीय पद प्रधान हो, वहां तत्पुरुष समास होता है। गुरु-दक्षिणा में द्वितीय प्रधान है, इसके लिए यहां पर तत्पुरुष समास है।
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