Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 साथी हाथ बढ़ाना Textbook Exercise Questions and Answers. गीत के बारे में साथी
हाथ बढ़ाना प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 1. साथी हाथ बढ़ाना के प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 2. साथी हाथ बढ़ाना HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 Questions And Answers प्रश्न 3. Saathi Haath Badhana Question Answer HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 4. गीत से आगे 1. अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते दस शब्द अपने शब्द-भंडार में जोड़ो। 2, ‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक’ कक्षा, मोहल्ले और गाँव के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम इस वाक्य की सच्चाई को महसूस कर पाते हो और कैसे? 3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो? 4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ 5. यदि तुमने ‘नया दौर’ फिल्म देखी है
तो बताओ कि यह गीत फिल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? फिल्म देखो और बताओ। भाषा की बात 1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
(ख) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता: अकेला
व्यक्ति मुश्किल काम नहीं कर सकता। एक-एक मिलकर ग्यारह होते हैं: एकता में बहुत ताकत होती है। 2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ: (ख) हाथ साफ करना: गायब कर देना। (ग) हाथ-पैर फूलना: घबरा जाना। (घ) हाथों-हाथ लेना: स्वागत करना। (ङ) हाथ लगना: अचानक मिल जाना। HBSE 6th Class Hindi साथी हाथ बढ़ाना Important Questions and AnswersSaathi Haath Badhana Class 6 HBSE Hindi Solutions
Vasant Chapter 7 प्रश्न 1. साथी हाथ बढ़ाना शब्दार्थ HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 2. Saathi Haath Badhana Prashn Uttar HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 3. Saathi Haath Badhana Class 6 Summary HBSE Hindi Solutions Vasant Chapter 7 प्रश्न 4. साथी हाथ बढ़ाना काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. साथी हाथ बढ़ाना शब्दार्थ: बोझ-भार (Burden)। कदम-पैर (Feet)। राह-रास्ता (Path)। सागर-समुद्र (Sea)। परबत-पर्वत (Mountain)। सीस-सिर (Head)। फौलादी-मजबूत (Strong)। प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ साहिर लुधियानवी के गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से अवतरित हैं। इनमें आपसी सहयोग की भावना पर बल दिया गया है। व्याख्या: परिश्रम करने वाले लोगों ने जब-जब भी आपस में मिलकर कदम आगे बढ़ाया है, तब-तब उनके लिए समुद्र ने रास्ता छोड़ा है, पर्वतों ने अपना सिर झुका दिया है अर्थात् शक्ति और संगठन के सामने ताकतवर भी झुक जाते हैं। मिलकर काम करना सफलता की गारंटी देता है। तब व्यक्ति का सीना फौलाद की तरह मजबूत बन जाता है। संगठित व्यक्ति चट्टान को भेदकर भी रास्ता बना लेता है। अतः मिल-जुलकर काम करो। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए: 1. इस कविता में क्या प्रेरणा दी गई है? 2. मेहनत करने वालों के लिए कौन रास्ता छोड़ देता है? 3. हमारे सीने कैसे हैं? 4. ‘सागर’ का कौन-सा शब्द पर्यायवाची नहीं है? 2. मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना शब्दार्थ: लेख-भाग्य का लिखा (Fortune)। गैरों-दूसरों (Others)। खातिर के लिए (For)। मंजिल-ध्येय (Aim)। रस्ता-रास्ता (Path)। नेक-भला (Good)। प्रस्तुत: प्रस्तुत काव्यांश साहिर लुधियानवी के गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से लिया गया है। इसमें मेहनत करने पर बल दिया गया है। व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. मेहनत को क्या बताया गया है? 2. ‘गैर’ शब्द कैसा है? 3. मंजिल को कैसी बताया गया है? 3. एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया शब्दार्थ: कतरा-बूंद (Drop)। दरिया-नदी (River)। जर्रा-रेत का कण (Small piece of sand)। सेहरा-रेगिस्तान (Desert)। राई-छोटा दाना (Small peace)। परबत-पहाड़ (Mountain)। इंसाँ-इंसान/आदमी (Man)। किस्मत-भाग्य (Luck)। प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश प्रसिद्ध गीतकार साहिर लुधियानवी द्वारा रचित ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से अवतरित है। छोटी-छोटी वस्तुएँ मिलकर बड़ा रूप ले लेती हैं। व्याख्या: साथी हाथ बढ़ाना Summary in Hindiसाथी हाथ बढ़ाना कविता का सार इस गीत में साहिर लुधियानवी ने आपस में मिल-जुलकर काम करने की प्रेरणा दी है। यह फिल्म में भी गाया गया था। कवि बताता है कि अकेला व्यक्ति तो काम करते हुए थक जाता है अतः हमें एक-दसरे का काम में हाथ बंटाना चाहिए। मिलकर बोझ उठाने से काम का बोझ घट जाता है। जब-जब मेहनत करने वालों ने काम करने के लिए अपना कदम आगे की ओर बढ़ाया है, तब-तब सारी मुसीबतों को पीछे हटना पड़ा है। सामूहिक रूप से काम करने पर व्यक्ति में असीम ताकत का संचार हो जाता है। हमें मेहनत करने से नहीं डरना चाहिए। कल तक हम दूसरों के लिए काम करते थे, आज अपने लिए भी करना होगा। सभी साथियों का सुख-दुख साँझा है। हमें अपनी मंजिल पर निरंतर आगे बढ़ते चले जाना है। एक-एक बूंद पानी मिलने से नदी बन जाती है। थोड़ी-थोड़ी चीज जोड़ने से बड़ा संग्रह हो जाता है। हम अपने परिश्रम से अपने भाग्य को भी नियंत्रण में ला सकते हैं। हम चट्टानों में भी रास्ता कब निकाल सकते हैं?हम कब चट्टानों से भी रास्ता निकाल सकते हैं ? Answer: जब बाँहों में फ़ौलाद की ताकत और सीने में फ़ौलादी इरादे हों, तब हम चट्टानों से भी रास्ता निकाल सकते हैं।
लोग चाहे तो कहाँ रास्ता पैदा कर सकते हैं?उत्तर: इंसान चाहे तो चट्टानों ने भी रास्ता निकाल सकता है।. उत्तर: मेहनत करके ही हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं, इसलिए हमें मेहनत से नहीं डरना चाहिए।. उत्तर: हमारी मंजिल सच की मंजिल है और हमारा रास्ता भलाई का रास्ता है।. उत्तर: मिलजुल कर काम करने से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है।. मिलकर कदम बढ़ाने से कौन अपने आप रास्ता छोड़ देता है?यदि मेहनत करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है, पर्वत भी उनके समक्ष झुक जाते हैं अर्थात् आने वाली बाधाएँ स्वयं ही टल जाती हैं। इसी हिम्मत के कारण मनुष्य पर्वत को काटकर मार्ग बना पाया, सागर में पुलों का निर्माण कर पाया, चाँद तक पहुँच गया।
2 साथी हाथ बढ़ाना गीत के आधार पर एक एक कतरा मिलकर क्या बन जाता है?लघु उत्तरीय प्रश्न अंक Page 3 गीत 'साथी हाथ बढ़ाना' के गीतकार कौन हैं उत्तर गीत 'साथी हाथ बढ़ाना' के गीतकार साहिर लुधियानवी जी हैं। उत्तर "एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया" इन पंक्तियों के द्वारा कवि कहना चाहता है की कतरा कतरा मिलकर दरिया बन जाता है।
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