बीसवीं शताब्दी के किसान आंदोलन Show 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में हुए किसान आंदोलन का स्वरूप
बीसवीं शताब्दी के किसान आंदोलन
चंपारन सत्याग्रह (1917)
खेड़ा सत्याग्रह (1918)
अवध किसान सभा
एका आंदोलन
बारदोली सत्याग्रह (1928)
तेभागा आंदोलन
अखिल भारतीय किसान सभा
भारत का मजदूर आंदोलन
भारत में कृषक आंदोलन के मुख्य कारण क्या है?भारत में कृषक आंदोलन के मुख्य कारण है किसानों पर होने वाले अत्याचार, अवैध करारोपण, अवैतनिक श्रम, उच्च लगान, मनमानी बेदखली एवं भू-राजस्व। भारत में कृषक की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हो रही है जिसके कारण कृषि श्रमिक कर्ज में डूबते जा रहे हैं।
किसान आंदोलन की शुरुआत कैसे हुई?एका आंदोलन : यह आंदोलन उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ। होमरूल लीग के कार्यकताओं के प्रयास तथा मदन मोहन मालवीय के मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप फरवरी 1918 में उत्तर प्रदेश में 'किसान सभा' का गठन किया गया। 1919 के अंतिम दिनों में किसानों का संगठित विद्रोह खुलकर सामने आया। इस संगठन को जवाहरलाल नेहरू ने अपने सहयोग प्रदान किया।
किसान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?कृषि नीति को बदलने के लिये किये गये आन्दोलन कृषक आन्दोलन (Peasant movement) कहलाते हैं। कृषक आन्दोलन का इतिहास बहुत पुराना है और विश्व के सभी भागों में अलग-अलग समय पर किसानों ने कृषि नीति में परिवर्तन करने के लिये आन्दोलन किये हैं ताकि उनकी दशा सुधर सके।
भारत में कृषक आंदोलन कौन कौन से हैं?नील पैदा करने वाले किसानों का विद्रोह, पाबना विद्रोह, तेभागा आंदोलन, चम्पारण सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह और मोपला विद्रोह प्रमुख किसान आंदोलन के रूप में जाने जाते हैं।
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