भगवान शिव के रूद्र अवतार हैं हनुमानUpdated on 14 Apr, 2022 06:15 AM IST BY TRIPURITIMES.COM Show भगवान शिव को अनंत कहा गया है और हनुमान जी को इनका रूद्र अवतार माना गया है। शिव के हनुमान रूप में जन्म लेने की कथा इस प्रकार है। भगवान शिव भक्तों की पूजा से जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं और हर युग में अपने भक्तों की रक्षा के लिए अवतार लिए हैं। भगवान शिव ने 12
रूद्र अवतार लिए हैं जिनमें से हनुमान अवतार को श्रेष्ठ माना गया है। मंगलवार का दिन भगवान रूद्र के 11वें अवतार हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन संकट हरने वाले भगवान बजरंगबली की पूजा-उपासना की जाती है। इन्हें बल, बुद्धि और विद्या का दाता भी कहा जाता है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी का विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही कई शास्त्रों, पुराणों एवं वेदों में भी हनुमान जी की महिमा का बखान है। इन्हें कई नामों से जाना जाता है। इनके प्रिय नाम हनुमान जी, बजरंगबली, पवनसुत, मारुतनंदन हैं। धार्मिक मान्यता है कि बजरंगबली अजर-अमर हैं।
उन्हें अमरता का वरदान मिला है। उनकी गिनती आठ अजर-अमरों में होती है। आइए, रुद्रावतार हनुमान जी की जन्म कथा जानते हैं- क्या है कथा सनातन शास्त्रों में हनुमान जी के जन्म को लेकर कई किदवंती है। इनमें एक कथा बेहद लोकप्रिय है। एक बार की बात है जब स्वर्ग में दुर्वासा द्वारा आयोजित सभा में स्वर्ग के राजा इंद्र भी उपस्थित थे। उस समय पुंजिकस्थली नामक अप्सरा ने बिना किसी प्रयोजन के सभा में दखल देकर उपस्थित देवगणों का ध्यान भटकाने की कोशिश की। इससे क्रुद्ध होकर ऋषि दुर्वासा ने पुंजिकस्थली को बंदरिया बनने का श्राप दे दिया। यह सुन पुंजिकस्थली रोने लगी। तब ऋषि दुर्वासा ने कहा कि अगले जन्म में तुम्हारी शादी बंदरों के देवता से होगी। साथ ही पुत्र भी बंदर प्राप्त होगा। अगले जन्म में माता अंजनी की शादी बंदर भगवान केसरी से हुई। कालांतर में माता अंजनी के घर हनुमान जी का जन्म हुआ। एक अन्य किदवंती है कि राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाया था। इस यज्ञ से प्राप्त हवि को खाकर राजा दशरथ की पत्नियां गर्भवती हुई। इस हवि के कुछ अंश को एक गरुड़ लेकर उड़ गया और उस जगह पर गिरा दिया। जहां माता अंजना पुत्र प्राप्ति के लिए तप कर रही थी। माता अंजनी ने हवि को स्वीकार कर ग्रहण किया। इस हवि से माता अंजनी गर्भवती हो गई। कालांतर में माता अंजनी के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ। रंगीन दुनिया
हनुमान परमेश्वर की भक्ति की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हैं। वह कुछ विचारों के अनुसार
भगवान शिवजी के ११वें रुद्रावतार, सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। होम /न्यूज /धर्म /Sawan 2021: सावन के मंगलवार को पढ़ें भगवान शिव के रुद्र अवतार हनुमान जी की ये अद्भुत कथा सावन के पहले मंगलवार को पढ़ें रुद्र अवतार हनुमान जी कथा Sawan 2021 Worship Rudra Avatar Lord Hanuman: भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ही शिव जी (Lord Shiv) ने उनकी सेवा के लिए हनु ...अधिक पढ़ें
Sawan 2021 Worship Rudra Avatar Lord Hanuman: आज सावन का पहला मंगलवार और मंगला गौरी व्रत भी है. हिंदू धर्म के अनुसार, मंगलवार हनुमान जी (Lord Hanuman) का दिन है. इसलिए आज के दिन लोग बजरंगबली (Bajrang Bali Worship) की पूजा अर्चना कर रहे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं. यानी कि शिव जी का अंश हैं. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ही शिव जी (Lord Shiv) ने उनकी सेवा के लिए हनुमान रूप में जन्म लिया था जबकि विष्णु जी (Lord Vishnu) ने राम भगवान के रूप में. आइए पढ़ें ये रोचक कथा... शिव के रुद्र अवतार हनुमान की पौराणिक कथा: यह भी पढ़ें: Happy Sawan 2021 Wishes: सावन में करीबियों को भेजें ये मैसेज, बढ़ेगा प्यार एक अन्य, पौराणिक कथा के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगव... विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम की सेवा करने के लिए अवतार लिया था. आपके शहर से (पटना)पटना
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ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Religion, Sawan 2021 FIRST PUBLISHED : July 27, 2021, 06:42 IST हनुमान जी कौन से रुद्र हैं?उसी समय भगवान शंकर ने भी अपना रूद्र अवतार लिया था और इसके पीछे वजह थी कि उनको भगवान विष्णु से दास्य का वरदान प्राप्त हुआ था. हनुमान उनके ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं. इस रूप में भगवान शंकर ने राम की सेवा भी की और रावण वध में उनकी मदद भी की थी. हनुमानजी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव...
हनुमान जी को रूद्र अवतार क्यों कहा जाता है?वायुदेव ने शिव जी के बीज को वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया और इस तरह अंजना के गर्भ से वानर रूप हनुमान का जन्म हुआ, इसलिए उन्हें शिव का 11 वां रूद्र अवतार माना जाता है।
क्या हनुमान शिव के अवतार है?पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं. यानी कि शिव जी का अंश हैं. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ही शिव जी (Lord Shiv) ने उनकी सेवा के लिए हनुमान रूप में जन्म लिया था जबकि विष्णु जी (Lord Vishnu) ने राम भगवान के रूप में. आइए पढ़ें ये रोचक कथा...
रुद्र की उत्पत्ति कैसे हुई?रुद्र को 'कृतवास' भी कहा गया है। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है कि 'रुद्र' की उत्पत्ति सभी देवताओं के उग्र अंशों से हुई है। यजुर्वेद के 'शतरुद्रिय प्रकरण' में इसे 'पशुपति', 'शम्भू', 'शंकर', 'शिव' कहा गया है। रुद्र अनैतिक आचरणों से सम्बद्ध माने जाते थे।
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