Ladki ki shadi ki age in India : 1929 के शारदा अधिनियम के 1978 के संशोधन के अनुसार अभी भारत में शादी के लिए कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है। देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम वैध उम्र 18 से 21 साल होगी , कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी हरी झंडी Show
भारत में शादी की उम्रभारत सरकार भारत में महिलाओं की विवाह योग्य आयु में वृद्धि की संभावना देख रही है। बुनियादी शिक्षा और सुविधाओं में वृद्धि के कारण, एक टास्क फोर्स अब 18 से 21 साल की महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र को बदलने की गतिविधि कर रही है। भारत में विवाह की उम्र1978 के बाद से, शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 और पुरुषों के लिए 21 वर्ष हो गई है। यूनिसेफ के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 27% लड़कियों की शादी उनके 18वें जन्मदिन से पहले हो जाती है। 16 Dec 2021 न्यूज़ : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने की योजना की समीक्षा के लगभग एक साल बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है। महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने का उल्लेख प्रधान मंत्री मोदी ने पिछले साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान किया था। उन्होंने कहा, ‘यह सरकार बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंतित है। बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी सही उम्र में हो।” 2020 के बजट को पेश करते समय, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से महिलाओं को मातृत्व में प्रवेश के लिए उपयुक्त आयु पर सिफारिशें प्रदान करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही। टास्क फोर्स महिलाओं के बीच उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, मां के मानसिक स्वास्थ्य, मां और बच्चे के पोषण की स्थिति, जन्म और बच्चे के लिंग अनुपात पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाने के तरीकों का सुझाव देगा। प्रश्न 1 : क्या लड़की की उम्र शादी करने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए?Ans: Yes, सरकार की ऐसी मंशा है कि लड़की की उम्र शादी के लिए बढ़ा दी जानी चाहिए। Q2 : शादी कितनी उम्र में करनी चाहिए?Ans: अभी भारत में शादी के लिए कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है। Q3 : लड़की की शादी की उम्र कितनी होनी चाहिए?Ans : अभी भारत में लड़की की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल है। Q4 : शारदा एक्ट क्या था ?Ans : सन् 1928 में बाल विवाह पर पूर्णतया रोक रोक लगाने हेतु एक कानून पारित किया गया जिसे शारदा एक्ट के नाम से जाना जाता है। भारत में 21 होने जा रही लड़कियों की शादी की उम्र, जानें अन्य देशों में क्या है कानूनकेंद्र सरकार ने देश में समाज सुधार से जुड़ा एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब लड़कों की तरह ही लड़िकयों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल होने जा रही है. भारत में किसी को बालिग कहे जाने की उम्र 18 है लेकिन शादी के मामले में लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल ही रखी गई थी. अब केंद्रीय कैबिनेट ने विवाह के लिए लड़कियों की उम्र भी 21 वर्ष किए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है. मौजूदा सत्र में ही सरकार इस विधेयक को पेश करेगी. देश में विवाह की उम्र में बदलाव 43 वर्ष बाद किया जा रहा है इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था. तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी. The central government has taken a big step related to social reform in the country. The Union Cabinet has approved a proposal to raise the minimum age of marriage for girls to 21 years. That is, now like boys, the official age of marriage of girls is going to be 21 years. Watch Video to Know more. आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें विवाह हेतु कानूनी आयु में बढ़ोतरी
यह एडिटोरियल 06/01/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Minding The Gender Gap” लेख पर आधारित है। इसमें विवाह के लिये कानूनी आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष किये जाने के पक्ष और विपक्ष में दिये जा रहे तर्कों की चर्चा की गई है। संदर्भपुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य आयु में एकरूपता लाने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल का प्रस्ताव निश्चित रूप से ‘सतत् विकास लक्ष्य-5’ को साकार करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है, जहाँ राष्ट्र-राज्यों से लैंगिक समानता की प्राप्ति हेतु नीति-निर्माण की अपेक्षा की गई है। लेकिन केवल अच्छा इरादा ही अनुकूल परिणामों की गारंटी तो नहीं देता। व्यापक सामाजिक समर्थन के बिना लागू किये गए कानून प्रायः अपने उद्देश्यों की पूर्ति में तब भी विफल सिद्ध होते हैं जब उनके घोषित उद्देश्य और तर्क व्यापक सार्वजनिक भलाई का लक्ष्य रखते हों। भारत और न्यूनतम विवाह योग्य आयु
विवाह योग्य कानूनी आयु बढ़ाने के पक्ष में तर्क
विवाह योग्य कानूनी आयु बढ़ाने के विपक्ष में तर्क
आगे की राह
अभ्यास प्रश्न: ‘‘यद्यपि महिलाओं की विवाह योग्य कानूनी आयु को बढ़ाना लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है, लेकिन मौजूदा नीतिगत ढाँचे और कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान देना अधिक महत्त्वपूर्ण है। चर्चा कीजिये। भारत में विवाह की कानूनी आयु क्या है 2022?प्रश्न – लड़की एवं लड़के का शादी के लिए लीगल एज कितना होना चाहिए? उत्तर – भारत में लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष है जबकि लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 वर्ष है। कुछ राज्य एवं धर्म विशेष को छूट प्राप्त है।
भारतीय कानून के अनुसार विवाह की न्यूनतम आयु कितनी है?विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 भी महिलाओं और पुरुषों के लिये क्रमश: 18 और 21 वर्ष की आयु को विवाह हेतु न्यूनतम आयु के रूप में निर्धारित करता है।
महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु कितनी है?भारत सरकार ने पिछले दिनों महिलाओं की शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक संसद में पेश किया। इस कदम के पक्ष और विपक्ष में तमाम बातें कही गईं। बाल विवाह निषेध संशोधन बिल, 2021 में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है। जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही है।
लड़का का शादी कितने साल में होनी चाहिए?इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1936, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954, और हिन्दू मैरिज एक्ट 1955, सभी के अनुसार शादी करने के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की 18 वर्ष होनी चाहिए.
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