भारत में कौन सा क्षेत्र सबसे अधिक बिजली की खपत करता है? - bhaarat mein kaun sa kshetr sabase adhik bijalee kee khapat karata hai?

वाशिंगटन। ऊर्जा खपत में लगातार बढ़ोतरी के चलते भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश बन गया है। इस मामले में भारत अब केवल अमेरिका, चीन और रूस से ही पीछे है। हालांकि, प्रति व्यक्ति ऊर्जा इस्तेमाल अभी भी विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है। अमेरिकी एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन [ईआइए] ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

सोमवार को जारी हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 में भारत पेट्रोलियम उत्पादों की खपत के मामले में चौथे स्थान पर रहा। पहले तीन स्थानों पर अमेरिका, चीन और जापान रहे। भारत फिलहाल अपनी जरूरतों के लिए आयातित कच्चे तेल खासकर पश्चिम एशिया से आयातित तेल पर निर्भर है। देश में 5.5 अरब बैरल तेल के भंडार हैं। यह भंडार मुख्य रूप से देश के पश्चिमी तट पर स्थित हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयले के विकल्प के रूप में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल हो रहा है। प्राकृतिक गैस की घरेलू मांग पूरी करने के लिए आयात पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। देश में अब तक कुल 438 खरब घन फुट प्राकृतिक गैस के भंडार मिले हैं। ईआइए के मुताबिक भारत वर्ष 2011 में दुनिया का छठवां सबसे बड़ा तरल प्राकृतिक गैस [एलएनजी] आयातक देश बन गया। मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों ने एलएनजी को गैस में बदलने की इकाइयों पर निवेश बढ़ाना शुरू कर दिया है।

कोयले को ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा कोयले का भंडार है। कोयला क्षेत्र पर सरकार का एकाधिकार बरकरार है। इसकी सबसे ज्यादा खपत बिजली क्षेत्र में हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के कारण देश में बिजली की भारी कमी है। इससे बड़े स्तर पर ब्लैकआउट जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। बढ़ती ईधन सब्सिडी, आयात पर बढ़ती निर्भरता और ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों की अनिश्चितता के कारण सरकार मांग को पूरा नहीं कर पा रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि कोयला उत्पादन जैसे कुछ क्षेत्र निजी और विदेशी निवेश के लिए बंद हैं। हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि मंत्रालय देश को वर्ष 2030 तक ऊर्जा संपन्न बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसके तहत हाइड्रोकार्बन्स का उत्पादन बढ़ाने, कोलबेड मीथेन और शेल गैस स्त्रोतों का दोहन, विदेशों में अधिग्रहण और ईधन सब्सिडी कम करने पर जोर दिया जाएगा।

किसी राज्य की आर्थिक और सामाजिक तरक्की तभी हो सकती है जब वहां भरपूर बिजली हो। बिहार ने बिजली के क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल की है। साल 2012-13 में बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली खपत मात्र 145 यूनिट...

भारत में कौन सा क्षेत्र सबसे अधिक बिजली की खपत करता है? - bhaarat mein kaun sa kshetr sabase adhik bijalee kee khapat karata hai?

Malayपटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोTue, 25 Feb 2020 09:20 AM

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किसी राज्य की आर्थिक और सामाजिक तरक्की तभी हो सकती है जब वहां भरपूर बिजली हो। बिहार ने बिजली के क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल की है। साल 2012-13 में बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली खपत मात्र 145 यूनिट थी जो छह साल बाद 2018-19 में यह दोगुनी से अधिक 345 यूनिट तक पहुंच गई।

बिजली की खपत में वृद्धि का मूल कारण उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि होना है। समय से पहले हर गांव और हर घर तक बिजली जाने के कारण उपभोक्ताओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई। साल 2014-15 में बिहार में 55 लाख से अधिक उपभोक्ता थे जो 2018-19 में यह बढ़कर एक करोड़ 45 लाख हो गए। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने संचरण-वितरण नेटवर्क में व्यापक सुधार किया। 2012-13 में मात्र 2650 मेगावाट बिजली की जरुरत थी। 2018-19 में यह बढ़कर 5300 मेगावाट हो गई। यानी छह वर्षों में ही 100 प्रतिशत मांग बढ़ी। मांग के अनुसार बिहार में बिजली की आपूर्ति भी हो रही है। 2012-13 में 1802 मेगावाट बिजली दी गई तो 2018-19 में 5139 मेगावाट तक पहुंच गई। यानी 2012-13 में मांग के अनुसार बिहार में 848 मेगावाट बिजली की कमी रहती थी। जबकि 2018-19 में मात्र 161 मेगावाट की ही कमी रह गई। 

बिजली खपत करने में पटना अव्वल है। यहां 523 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई। दूसरे स्थान पर गया में 163 करोड़ यूनिट तो तीसरे स्थान पर रहे नालंदा में 112 करोड़ यूनिट की खपत हुई। वहीं सबसे कम शिवहर में 8.6 करोड़ यूनिट की खपत हुई। इसके बाद अरवल में 16.6 करोड़ यूनिट तो शेखपुरा में 19 करोड़ यूनिट की खपत हुई।

हर घर बिजली पहुंचने के बाद अब बिहार में तेजी से बिजली की मांग बढ़ी है। आकलन के अनुसार 2019-20 में 2309 करोड़ यूनिट बिजली खपत होने का अनुमान है। 2020-21 में 2697 करोड़ यूनिट तो 2021-22 में 3230 करोड़ यूनिट बिजली खपत होने का अनुमान किया गया है। बिजली देने के लिए सरकार न केवल कोयला से बिजली उत्पादन पर काम कर रही है बल्कि पनबिजली व सौर ऊर्जा पर भी काम हो रहा है। अगले तीन सालों में 5733 मेगावाट बिजली कोयले से उत्पादित होगी। जबकि पनबिजली 729 मेगावाट,  सौर ऊर्जा 1338 मेगावाट तो पवन ऊर्जा 1558 मेगावाट बिजली होगी।

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भारत में कौन सा क्षेत्र सबसे अधिक बिजली का खपत करता है?

असम में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 341 KWH (किलो वॉट हॉवर) है.

भारत में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादक राज्य कौन सा है?

देश में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन वाला प्रदेश महाराष्ट्र है, जहां कोयले आधारित इकाइयों की क्षमता 25,386 मेगावाट है। दूसरे नम्बर पर 23,128 मेगावाट के साथ छत्तीसगढ़ है।

भारत में बिजली का सबसे बड़ा उपभोक्ता कौन सा राज्य है?

गुजरात में प्रति व्यक्ति खपत सबसे ज्यादा 16 राज्यों में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति बिजली की खपत गुजरात में होती है। गुजरात में प्रति व्यक्ति 2378 यूनिट बिजली की खपत होती है। वहीं हरियाणा में 2082 यूनिट प्रति व्यक्ति बिजली की खपत होती है। वहीं भारत में प्रति व्यक्ति औसतन 1181 यूनिट बिजली की खपत होती है।

भारत में विद्युत उत्पादन में सबसे अधिक हिस्सा किसका है?

Detailed Solution. भारत की 65% से अधिक विद्युत उत्पादन क्षमता, तापीय बिजली संयंत्रों के कारण है, साथ ही देश के तापीय बिजली का लगभग 85% उत्पादन कोयले पर आधारित है।