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16 Somwar Vrat: 16 सोमवार व्रत शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए खास होता है. 16 Somwar Vrat: हिंदू धर्म में 16 सोमवार व्रत का खास महत्व है. यह व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है. इस व्रत को संकट सोमवार व्रत (Somvar vrat) भी कहा जाता है. संकटों से छुटकारा पाने के सोलह सोमवार का व्रत (16 Somvar Vrat) किया जाता है. मान्यता है कि संकल्प लेकर 16 सोमवार का व्रत करने से भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सावन का पावन महीना आने वाला है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर श्रावण मास में 16 सोमवार का व्रत शुरू कर सकते हैं या नहीं. चलिए जानते हैं इस बारे में. यह भी पढ़ेंकब से शुरू कर सकते हैं 16 सोमवार का व्रत | When to start 16 Somwar Vrat16 सोमवार का व्रत सावन, वैशाख और मार्गशीर्ष के पहले सोमवार से शुरू किया जा सकता है. ऐसे में इस इस व्रत को सावन के पहले सोमवार से भी शुरू किया जा सकते हैं. इस व्रत को 16 सोमवार तक जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि लगातार 16 सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव सहित मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जिसके परिणामस्वरूप भक्तों की इच्छा पूरी होती है. Sawan 2022: पूरे सावन में इन राशि वालों को मिलेगा भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद, जानें कब-कब पड़ने वाला है सोमवार 16 सोमवार व्रत के दौरान क्या खाएं16 सोमवार व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है. ऐसे में आप इस व्रत में सेब, केला, अनार, संतरा का सेवन कर सकते हैं. व्रत के दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. हालांकि कुछ लोग इस व्रत में दिन में फलाहार भी नहीं करते, सिर्फ शाम को एक फलाहार का सेवन करते हैं. 16 सोमवार व्रत की पूजा विधि | 16 Somvar Vrat Puja Vidhiसोमवार व्रत के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत होने के बाद साफ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद घर के पूजा मंदिर या पूजन स्थल को साफ करके वहां दीप जलाया जाता है. सभी देवी-देवताओं को ध्यान करके उन्हें जल से अभिषेक किया जाता है. शिवलिंग पर गंगाजल या कच्चा दूध अर्पित किया जाता है. फिर भगवान शिव को फूल अर्पित किया जाता है. साथ ही उन्हें बेलपत्र भी चढ़ाया जाता है. इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाया जाता है. अंत में भगवान शिव और मां पार्वती की आरती की जाती है. Som Pradosh Vrat 2022: आषाढ़ सोम प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं 4 शुभ योग, जानें पूजा-विधि 16 सोमवार व्रत पूजन सामग्री | 16 Somvar Vrat Pujan Samagri Listपुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री इत्यादि. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) सन टैनिंग को इन घरेलू नुस्खों से भगाएं दूरअगर आप भी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सावन के महीने से सोलह सोमवार व्रत करना चाहती हैं तो यहां इसके नियम जान सकती हैं। Solah Somvar Vrat: इस साल सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से होने वाली है और इस पूरे ही महीने को शिव को समर्पित माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन में श्रद्धा पूर्वक शिव पूजन करता है और सोमवार व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। सोमवार व्रत को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के कृपा दिलाने वाले व्रत को कम से कम 16 सोमवार तक जरूर करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सोमवार व्रत को सावन के पहले सोमवार से भी शुरू किया जा सकता है। 16 सोमवार का व्रत विशेष कामना पूर्ति के लिए किया जाता है जो कि कठिन व्रतों में से एक व्रत माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा एवं विधि विधान से करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 16 सोमवार व्रत की शुरुआत स्वयं माता पार्वती ने की थी इस व्रत को कुंवारी कन्याएं, बालक, महिलाएं एवं पुरुष सभी कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि 16 सोमवार व्रत सावन के सोमवार से कठिन होता है। इसलिए इस व्रत को आप तभी करें जब आपकी शक्ति एवं सामर्थ्य हो। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें सोलह सोमवार व्रत के नियम और पूजा की सही विधि के बारे में। 16 सोमवार शुरू करने का सबसे अच्छा समयआरती दहिया जी बताती हैं कि यदि स्वास्थ्य आपका साथ दे तभी आप सावन के महीने से 16 सोमवार व्रत करने का संकल्प लें। चूंकि इस व्रत को करने के नियम थोड़े से अलग होते हैं और थोड़े कठिन भी इसलिए इस व्रत को शुरू करने का सबसे उत्तम महीना सावन का ही माना जाता है | सावन का महीना पूर्ण रूप से शिव जी की भक्ति अर्चना आराधना और अभिषेक के लिए समर्पित होता है तो आप सावन के पहले सोमवार से इस व्रत को शुरू करे। जिससे आपके जीवन के लिए ये अति उत्तम होगा। पुराणों में बताया गया है कि अन्य दिनों की अपेक्षा सावन में शिव जी की सच्चे मन से पूजा करने पर कई गुना लाभ मिलता है। इसे जरूर पढ़ें:Sawan 2022: कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, सोमवार की तारीखों और महत्व के बारे में जानें सावन सोमवार व्रत विधि
व्रत और पूजन में इस मंत्र का करें जापआप पूजा करते समय इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं इससे आपको भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होगी। ऊं शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्।उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्॥शिव जी को सोमवार को क्या अर्पित करें
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सोलह सोमवार का पूजन शाम के समय प्रदोष काल में किया जाता है यानी कि दिन के तीसरे पहर में 4 बजे के आस- पास आपको ये पूजा शुरू करनी चाहिए। पूजा के बाद सूर्यास्त होने से पहले आपका पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए इस तरीके से पूजन मुख्य रूप से फलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने वाली महिला या पुरुष को केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का दिन चन्द्र का दिन होता है और चंद्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं इसलिए इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है| ऐसी मान्यता है कि यदि कुंवारी लड़कियां इस व्रत को नियमपूर्वक करती हैं तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होने के साथ मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit: freepik.com, pixabay.com क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। 16 सोमवार का व्रत कैसे रखें?सोलह सोमवार व्रत पूजन विधि (Solah somwar vrat puja vidhi)
सूर्योदय से पूर्व पानी में काले तिल डालकर स्नान करें. साफ वस्त्र धारण करें और फिर शिव जी के समक्ष 16 सोमवार व्रत का संकल्प लें. व्रत का संकल्प लेने के लिए हाथ में पान का पत्त, सुपारी, जल, अक्षत और कुछ सिक्के लेकर शिव जी के इस मंत्र का जाप करें.
16 सोमवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?16 सोमवार व्रत के दौरान क्या खाएं
16 सोमवार व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है. ऐसे में आप इस व्रत में सेब, केला, अनार, संतरा का सेवन कर सकते हैं. व्रत के दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. हालांकि कुछ लोग इस व्रत में दिन में फलाहार भी नहीं करते, सिर्फ शाम को एक फलाहार का सेवन करते हैं.
16 सोमवार के व्रत कितने करने चाहिए?ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन में श्रद्धा पूर्वक शिव पूजन करता है और सोमवार व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। सोमवार व्रत को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के कृपा दिलाने वाले व्रत को कम से कम 16 सोमवार तक जरूर करना चाहिए।
16 सोमवार व्रत कब से शुरू करें 2022 date?सोमवार, 28 नवंबर 2022
इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिव भक्त पूरे दिन का व्रत करते है। पूरे दिन का उपवास करके दिन श्याम के समय भोजन करना चाहिए अर्थात् पूरे दिन में एक बार भोजन कर सकते हैं।
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