छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 1 ध्वनि प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर कक्षा 8 हिंदी पाठ 1 के प्रश्न उत्तर दिए हुए हैं। छात्र कक्षा 8 हिंदी किताब के प्रश्न उत्तर पाठ 1 ध्वनि के माध्यम से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 8 हिंदी अध्याय 1 सवाल जवाब साधारण भाषा में बनाए गए है। जिससे छात्र class 8 hindi chapter 1 question answer सही से समझ सके। छात्रों के लिए वसंत भाग 3 कक्षा 8 पाठ 1 ध्वनि के प्रश्न उत्तर नीचे दिए हुए हैं। इस आर्टिकल की जरूरी सामग्री
हिंदी 8 वीं कक्षा अध्याय 1 ध्वनि के प्रश्न उत्तर को एनसीईआरटी यानि (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के सहायता से बनाया गया है। कक्षा 8 की हिंदी की किताब के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। देखा गया है कि छात्र कक्षा आठवीं हिंदी गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से कक्षा आठ के हिंदी के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्र ncert solutions for class 8th hindi chapter 1 ध्वनि नीचे देखें। कक्षा : 8 कविता से :-प्रश्न 1 – कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा ? उत्तर :- कवि ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि उसके जीवन में अभी–अभी मृदुल अर्थात् कोमल, दयामय वसंत रूपी प्यारी-सी खुशियों का आगमन हुआ है। उसके मन में नई–नई खुशियों का संचार हुआ है। उसके जीवन में काफी लंबे समय के बाद सुख आए है। कवि की बातों से प्रतीत हो रहा है कि उसका जीवन सुखमय व्यतीत हो रहा है। इसलिए कवि को विश्वास है कि इतना अच्छा समय आने के बाद उसे लगता है कि उसका अंत अभी नहीं होगा। प्रश्न 2 – फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन–कौन सा प्रयास करता है ? उत्तर:- कवि कहता है कि वह फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए उनके आलस को खत्म करेगा। ये फूल सबके जीवन में अनंत तक महकते रहे इसलिए वह अपने जीवन के खुशी रूपी अमृत को उनके लिए सींच देगा जिससे वे अनंत समय तक खिले रहेंगे। प्रश्न 3 – कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य को दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है ? उत्तर :- कवि कहता है कि मैं इन सोई हुई कलियों की तंद्रा और आलस्य को दूर हटाने के लिए अपने कोमल – कोमल प्यारे से सपने अर्पित करना चाहता हूँ। वह उन सोई हुई कलियों पर अपने हाथों से सहलाना चाहता है। उन कलियों के लिए सूर्य प्रकट कर उन्हें जगाना चाहता है। कवि प्रत्येक स्तर पर कलियों की निद्रा को तोड़ना व भगाना चाहता हूँ। कविता से आगे :-प्रश्न 1 – वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है ? आपस में चर्चा कीजिए। उत्तर :- वसंत को ऋतुराज इसलिए कहा जाता है क्योंकि भारत अनेक ऋतुओं का देश है। वसंत में गर्मी, सर्दी, बरसात, पतझड़, वसंत आदि छ: ऋतुएँ आती है। वसंत ऋतु को सब अपना प्रिय मानते है। वसंत ऋतु आते ही सभी झूम उठते है, खुशियों से वसंत का स्वागत करते है। प्रश्न 2 – वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए। उत्तर:- वसंत ऋतु सबकी प्रिय ऋतु है। इस ऋतु में वसंत पंचमी और होली का त्योहार आता है। वसंत पंचमी में सब पतंग उड़ाते है। होली में सभी एक – दूसरे को गुलाल लगाते है। पिचकारी मारते है। सभी इन त्योहारों को खुशियों से मनाते है। हम इनमें से होली के त्योहार का विवरण करेंगे:- होली का त्योहार भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। त्योहार यहाँ की जीवन-शैली का अभिन्न हिस्सा हैं जो जीवन के उत्साह, उल्लास और उमंग को बनाए रखने का काम करते हैं। होली की शुरुआत से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। होली का त्योहार आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं। विष्णुपुराण की एक कथा के अनुसार असुरराज हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में विष्णु पूजा प्रतिबंधित कर रखी थी। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त निकला और दिन-रात उनकी भक्ति में लीन रहता। किसी भी तरह से प्रह्लाद को भगवान की भक्ति करने से रोक पाने में असफल रहने पर प्रह्लाद को मारने का आदेश दिया। हाथी के पैरों तले कुचलने और पहाड़ से फेंककर भी जब प्रहलाद को नहीं मार सका तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई। होलिका को यह वरदान मिला था कि अग्नि में वह नहीं जलेगी। इसलिए लकड़ियों के ढेर पर वह प्रह्लाद को गोद में लेकर बैठ गई और उसमें आग लगा दी गई। इस होलिका की गोद में बैठा बालक प्रह्लाद भगवान का नाम जपता रहा और उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट इच्छाओं के चलते जलकर भस्म हो गई। बुराई पर अच्छाई की जीत की याद में तभी से होली का त्योहार मनाया जा रहा है। होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ लोग बदनाम करने से नहीं चूकते। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। बच्चे अपनी इच्छानुसार रंग और गुलाल और पिचकारी खरीदते हैं और लोगों को रंगों से सराबोर करने का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि होली मिल-जुलकर, प्रेम से रहने और जीवन के रंगों को अपने भीतर आत्मसात करने का त्योहार है। इसलिए रंगों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए और पानी या रंग भरे बैलून चलाने से बचना चाहिए। होली का त्योहार हमें हमेशा सन्मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। होली का त्योहार सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता की भावना प्रबल होती है। प्रश्न 3 – “ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं ? लिखिए। उत्तर :- यह एक कटु सत्य है कि ऋतुओं के आने से सभी के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सर्दियों में सभी ठंड का सामना करते है तो गर्मियों में लोग पसीने से झुलसते है। धूप में काम करते है परेशान होते है। वसंत ऋतु में सब घूमने के इच्छुक होते है क्योंकि ये ऋतु सबको सुहावनी लगती है। कभी बरसात का आगमन होता है जिसमें कोई बरसात के आने से खुश होता है तो कोई अपने घर की टूट–फूट संभालते है। सबकी जिंदगी पर अलग – अलग तरह से असर होना स्वभाविक ही है। अनुमान और कल्पना:-प्रश्न 1 – कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है ? फूटे हैं आमों में बौर भौंर वन – वन टूटे हैं। होली मची ठौर – ठौर सभी बंधन छूटे है। उत्तर :- इन पंक्तियों को पढ़ने से पता चलता है कि यह वसंत ऋतु है क्योंकि इसमें आमों का और होली का वर्णन किया है। प्रश्न 2 – स्वप्न भरे कोमल – कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी – खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा – भरा करना चाहता है। फूलों–पौधों के लिए आप क्या – क्या करना चाहेंगे ? उत्तर:- हम फूलों और पौधों के लिए अच्छे से सुंदर बाग़-बगीचे की व्यवस्था करेंगे। उनका रख – रखाव करेंगे। समय से पानी देंगे। उनका ख्याल इस तरह से रखेंगे कि उनकी सुंदरता का रूप कभी भी खराब न हो। हम सबको इस बात के लिए प्रेरित करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा फूल-पौधे उगाए जिससे सुंदर और सुगंधित वातावरण बना रहे। सभी देख -रेख करे। समय पर सींचे और उन्हें खाद दें। प्रश्न 3- कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिए और लिखिए कि उसके बताए कार्यों का अन्य किन – किन संदर्भों से संबंध जुड़ सकता है ? जैसे नन्हे – मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो। उत्तर :- कवि ने अपनी कविता में मानव–कल्याण की कल्पना की है। कविता में बताए गए तरह–तरह के कार्यों को वह मानव से जोड़ने की कोशिश करता है। वह आलसे से भरी कलियों के माध्यम से निराश एवं हताश लोगों को अपने जीवन का अमृत प्रसन्नता बाँटना चाहता है। इसी प्रकार सोई हुई कलियों के माध्यम से कवि लोगों में जागृति लाना ‘ चाहता है। जैसे वह सोई कलियों पर हाथ सहलाकर उन्हें जगाने का प्रयत्न करता है ठीक उसी प्रकार उसने जीवन में निराश और हताश लोगों में जागृति और क्रांति का भाव पैदा करने का प्रयास किया है। यदि नन्हें – मुन्ने बालक को माँ जगाने के लिए उसे सहलाती है इसी प्रकार माली भी फूलों को अपने हाथ से सहलाता है, उन्हें सींचता और सँवारता है। भाषा की बात :-प्रश्न 1 – ‘हरे – हरे‘, ‘पुष्प – पुष्प‘ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे – हरे ये पात‘ वाक्यांश में ‘हरे – हरे‘ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात‘ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है, जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में ; जैसे वह लंबी–चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है- “तीन बेर खाती तो वे तीन बेर खाती है।“ जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर‘ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है।“ कभी – कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं, जैसे मन का मनका। ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए औरनिम्नलिखित पुनरावृत्त शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए – बातों – बातों में, रह – रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी। उत्तर:-
कुछ करने को :-प्रश्न:-1. वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए। उत्तर:- देखो बसंत ऋतु है आयी। अपने साथ खेतों में हरियाली लायी।। किसानों के मन में हैं खुशियाँ छाई। घर-घर में हैं हरियाली छाई।। हरियाली बसंत ऋतु में आती है। गर्मी में हरियाली चली जाती है।। हरे रंग का उजाला हमें दे जाती है। यही चक्र चलता रहता है।। नहीं किसी को नुकसान होता है। देखो बसंत ऋतु है आयी।। हर जुबा पे है छाई ये कहानी। आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।। दिल को छू जाये मस्त झोका पवन का। मीठी धूप में निखर जाए रंग बदन का।। गाये बुजुर्गो की टोली जुबानी। आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।। झूमें पंछी कोयल गाये। सूरज की किरणे हँसती जमी नहलाये।। लागे दोनों पहर की समां रूहानी। आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।। टिमटिमायें ख़ुशी से रातों में तारे। पिली फसलों को नहलाये दूधिया उजाले।। गाते जाए सब डगर पुरानी। आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।। प्रश्न 2 – शब्दकोश में ‘वसंत‘ शब्द का अर्थ देखिए। शब्दकोश में शब्दों के अर्थों के अतिरिक्त बहुत – सी अलग तरह की जानकारियाँ भी मिल सकती हैं। उन्हें अपनी कॉपी में लिखिए। उत्तर :- वसंत :- ऋतुओं में सबसे प्रिय ऋतु जो चैत और वैसाख के महीने में आती है, बहार का मौसम, बसंत, शीतलता, फूलों का गुच्छा, संगीत के सात सुरों में से दूसरा। कक्षा 8 हिंदी वसंत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें
छात्रों को कक्षा 8 हिंदी अध्याय 1 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 1 ध्वनि के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। हम आशा करते है कि आपको हमारे यह कक्षा 8 हिंदी के प्रश्न उत्तर पसंद आए होंगे। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं। |