कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

Last Updated on 28/11/2022 by

इस पोस्ट के द्वारा आप जानेंगे कि कलेक्टर को एप्लीकेशन कैसे लिखें जिलाधिकारी को शिकायत पत्र लिखने का तरीका क्या है या  कलेक्टर को शिकायत पत्र कैसे लिखें

इस लेख के द्वारा आपको सुंदर तरीका बताऊंगा कि कैसे हम एक एप्लीकेशन को जमाकर लिखेंगे जिस पर हम अपने जिले के कलेक्टर को समस्याओं को बताते हुए कलेक्टर को शिकायत पत्र यानि कलेक्टर को प्रार्थना पत्र कैसे लिख सकते हैं

कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

इस प्रारूप को देखकर आप कलेक्टर के लिए आवेदन पत्र बना सकते हैं और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करा सकते हैं

इस आवेदन के प्रारूप में कलेक्टर को आवेदन बहुत सारे आवेदन एक साथ मिलकर दे सकते हैं या कोई भी आवेदक अकेले आवेदन देना चाहता है तब भी इस फॉर्मेट में आवेदन को बनाकर कलेक्टर के लिए एप्लीकेशन लिख सकता है जिलाधिकारी को पत्र लिखने मे विषय के रूप में अपने कोई भी समस्याओं को डाल सकते हैं और कलेक्टर को अपनी समस्याओं के बारे में बता कर उनका ध्यान इस ओर आकर्षित कर सकते हैं जानते हैं जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र कैसे लिखते हैं।

जिला कलेक्टर को आवेदन कैसे लिखें

इस फॉर्मेट में पत्र लिखने के लिए आपको ब्लैंक पेपर का इस्तेमाल करना होगा और जिस तरह से हम आवेदन को जमा कर बताएंगे वैसे ही आपको आवेदन को जमाकर लिखना होगा 

जिलाधिकारी को आवेदन पत्र

प्रति

जिला अधिकारी

जिला रायपुर राज्य छत्तीसगढ़

विषय –  जिलाधिकारी को स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था से अवगत कराने विषयक।

महोदय,

         मंदिर चौक के समस्त निवासी आपका ध्यान हमारे वार्ड में संचालित स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था की ओर आकृष्ट कराना चाहते हैं कि मौसम बरसात का चल रहा है जिससे कि लोगों को अनेक स्वास्थ्य समस्याएं हो रही है और जिसका इलाज कराने के लिए मोहल्ला के अनेक लोग स्वास्थ्य केंद्र जा रहे हैं किंतु यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बहुत खराब है यहां पर कर्मचारी समय पर उपस्थित ही नहीं रहते हैं और ठीक से इलाज भी नहीं कर रहे हैं डॉक्टरों से किसी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नहीं मिलती है और कर्मचारी भी समय पर नजर नहीं आते वह मरीजों को समय समय पर दवाई नहीं है करके बहाना बनाकर वापस भेज देते हैं और स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग भी बहुत ही जर्जर हो गई है

अतः महोदय से निवेदन है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की मरम्मत और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति और दवाई आदि की व्यवस्था कराने की कृपा करें।

दिनांक

                                           प्रार्थीगण

                              मंदिर चौक के समस्त निवासी।

इस तरह से इस फॉर्मेट में आप कलेक्टर के लिए आवेदन पत्र बना सकते हैं इस पर विषय में या अपने जिस विषय पर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं उस विषय में डाल सकते हैं और नीचे संदर्भ में भी आप उसी विषय के बारे में डिटेल लिख सकते हैं

ऐसे ही किसी और विषय पर आवेदन लिखने के प्रारूप के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

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शिकायत पत्र लिखना एक ऐसा काम है, जो हम सभी को जीवन में कभी न कभी करना पड़ता है। चाहे आप किसी कंपनी के उत्पाद या सर्विस से असंतुष्ट हो, एक विनम्र शिकायती पत्र से फर्म के साथ इसे परस्पर लाभ का ध्यान रखते हुए सामान्य तौर पर सुलझाया जा सकता है। एक शिकायती पत्र लिखना जटिल और परेशान करने वाला नहीं होना चाहिए - आपको बस सारे तथ्यों को सफाई से आगे रख कर, विनम्रता से उसके समाधान का निवेदन करना है।

  1. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    अपने पत्र में ग्राहक सेवा विभाग को सम्बोधित करें: शिकायत पत्र लिखते हुए, यदि आप इसे कंपनी के ग्राहक सेवा विभाग को भेजते हैं तो आपकी सफलता का यह सबसे बेहतर मार्ग है। ग्राहक सेवा विभाग को इस तरह की शिकायतों से निबटने का अभ्यास होता है, और बहुत संभव है कि आपके पत्र पर क्षमतापूर्ण और प्रभावी कार्यवाही होगी।[१]

    • ग्राहक सेवा प्रबंधक या निर्देशक का नाम ढूंढे और पत्र में उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्बोधित करें। अपने पत्र की शुरुवात Dear Mr, Mrs, Miss or Ms से करें और फिर उनका सरनेम लिखें। अगर आपको ग्राहक सेवा प्रबंधक का नाम नहीं मिलता है तो, सीधे सीधे "Dear Sir or Madam लिखें।[२]
    • ग्राहक सेवा विभाग का पता आपको कंपनी की वेबसाइट, या किसी विज्ञापन सामग्री में, या उत्पाद के पैकेट पर या लेबल पर मिल सकता है।[१]

  2. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    अपने पत्र में जल्दी से मुद्दे पर आ जाएँ: पत्र की पहली लाइन में ही आपके पत्र लिखने का साफ साफ कारण और आपकी शिकायत स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। जितने संभव हो उचित तथ्य उपलब्ध करवायें, आपके द्वारा उत्पाद या सर्विस को ख़रीदने की तारीख, समय और स्थान आदि की जानकारी और कोई सम्बंधित सीरियल नंबर और मॉडल आदि की भी जानकारी दें।[३]

    • पत्र प्राप्त करने वाले को पांच सेकण्ड्स के अंदर पत्र का मुद्दा समझ आ जाना चाहिए, इसलिए लम्बे और असम्बद्ध जानकारी से बचें।[४]
    • आप पहले वाक्य के बाद अगले पैरा में स्थिति की अधिक जानकारी और स्पष्टीकरण लिख सकते हैं, लेकिन पहली लाइन ऐसी होनी चाहिए जो आपकी शिकायत पर यथा संभव संक्षेप में ध्यान आकर्षित करे।[५]
    • उदाहरण के लिए, पहला वाक्य कुछ ऐसा हो सकता है: "मैं यह पत्र आपकी कंपनी से ख़रीदे गए फॉल्टी हेयर ड्रायर की शिकायत करने के लिए लिख रहा हूँ, जिसे मैंने 15th जुलाई को आपके करोल बाग स्थित शोरूम से ख़रीदा था।"

  3. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    स्पष्ट रूप से बताये कि आप किस परिणाम या सुधार से संतुष्ट होंगे: यदि आप उत्पाद को बदलना चाहते हैं, पैसे वापस चाहते हैं, सुधरवाना चाहते हैं या कोई अन्य क्षतिपूर्ति चाहते हैं, तो इसे दुसरे पैराग्राफ में साफ़ शब्दों में लिख दें। इससे आप कम्पनी को कोई प्रतिक्रिया देने से बच जायेंगे, और पत्र प्राप्त करने वाले के पास आपकी शिकायत पर कोई ठोस कदम उठाने का मौका होगा।[६]

    • अपनी टिप्पणियों को लेकर अधिक से अधिक रचनात्मक होने का प्रयास करें, और उन्हें बताये कि कैसे आगे बढ़ के आप कंपनी के साथ सम्बन्ध बनाये रखना चाहते हैं। अगर आप अपने पैसे वापस मांगते हैं, या अन्य कोई क्षतिपूर्ति चाहते हैं, और वही आप उनसे कह रहे हैं कि आप आगे से उनके साथ काम नहीं करना चाहते, तो उनकी आपकी समस्या सुलझाने में रूचि बहुत कम हो जाएगी।
    • यदि आप कम्पनी से कोई बड़ी समस्या को सुलझवाना चाहते हैं, तो अपने पत्र में वह भी लिख दें, पर यह समझें कि ऐसी चीजों में समय लगता है।
    • अपने पहले सम्पर्क में कानूनी कार्यवाही की धमकी न दें। आखिर में आपको ऐसे हल की जरूरत पड़ सकती है, पर पहले अपना शिकायत पत्र भेजें और प्रतिक्रिया का इन्तजार करें।

  4. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    सभी सपोर्ट डाक्यूमेंट्स की कॉपी लगाएँ: रसीदें, गारंटी, वारंटी, आपके द्वारा भेजे गए चेक्स और ठीक हो तो फोटो और वीडियोस इन डाक्यूमेंट्स में शामिल हो सकते हैं। यह सारे डाक्यूमेंट्स आपके पत्र के साथ संलग्न होने चाहिए।

    • सुनिश्चित करें कि आप आवश्यक डॉक्युमेंट्स की कॉपी भेजें, न कि मूल प्रति। इस से जरूरी जानकारी का खोना या दुरूपयोग टाला जा सकता है, और किसी और को दिखाने के लिए डाक्यूमेंट्स आपके पास उपलब्ध रहते हैं।
    • यह भी सुनिश्चित करें कि आप पत्र के साथ सम्मिलित चीज़ो पत्र में स्पष्ट वर्णन करें। उदहारण के लिए: कृपया मेरे पत्र के साथ संलग्न मेरी ओरिजिनल रसीद, हेयर ड्रायर की गारंटी और सीरियल नंबर प्राप्त करें।"

  5. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    उन्हें मामला सुलझाने के लिए एक सीमित समय दें: ठीक वह समय सीमा बताना जिसके अंदर आप अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं, मददगार होता है। इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी और मामले का निपटारा तेजी से करने में मदद मिलेगी।

    • समय सीमा देना आपके पत्र के खोने या उस पर कार्यवाही करना भूल जाने के जोखिम कम होता है, जो आगे जाकर आपके और कंपनी के बीच असंतोष और भद्दी स्थिति पैदा कर सकता है।[७]
    • सुनिश्चित करें कि आपकी दी हुई समय अवधि उचित और पर्याप्त है। सामान्यतः एक या दो हफ्ते काफी होते हैं, हालाँकि यह आपकी जरूरतों पर भी निर्भर करता है।

  6. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    सम्मान के साथ पत्र समाप्त करें: प्राप्तकर्ता को उनकी सहायता के लिए धन्यवाद कहें, और उन्हें बताये कि वे कब और कैसे समस्या को सुलझाने के लिए आपसे सकते हैं। इससे उनका काम आसान हो जायेगा, और इसकी वजह से आपको बेहतर परिणाम मिलेगा।

    • अगर आप जिन्हे लिख रहे हैं उनका नाम जानते हैं तो पत्र को Yours sincerely के साथ खत्म करें या यदि आपने उन्हें "सर" या "मैडम" लिख के सम्बोधित किया है तो Yours faithfully से पत्र ख़त्म करें। अनौपचारिक अंत से बचे जैसे "बेस्ट" या "योर्स ट्रूली"।[२]

  1. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    विनम्र रहें: आप नाराज हो सकते हैं, और आपके पास नाराज होने के उचित कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अशिष्ट व्यवहार प्राप्तकर्ता को सुरक्षात्मकता में ले जायेगा। सम्मान भरे लहज़े में लिखें और धमकी देने, नाराज होने और व्यंग करने से हर हाल में बचें। याद रखें कि आपका पत्र पढ़ रहा व्यक्ति जो कुछ हुआ उसके लिए सीधे जिम्मेदार नहीं था, और वो एक नाराज और इल्जाम लगाने वाले ग्राहक की अपेक्षा एक दयालु और विनम्र ग्राहक के प्रति ज्यादा क्रियाशील होके उसे खुश करने का प्रयास करेगा।

    • याद रखें कि, आप जिस कंपनी को लिख रहे ही वो जानबूझ के आपको परेशान नहीं करना चाहती। ज्यादातर कंपनी अपने ग्राहकों की संतुष्टि का ध्यान रखती है।
    • बजाय ये सोचने के कि वो दुर्भावना से प्रेरित हैं , प्राप्तकर्ता से अपने मददगार की तरह व्यवहार करके आप अपनी सफलता की सम्भावना बहुत बढ़ा लेंगें।
    • जब आप गुस्से में हों तो मत लिखें। अपना पत्र लिखने के लिए शांत हो जाने तक प्रतीक्षा करें। या अगर आप चाहे तो गुस्से में ही अपना पत्र लिख लें, और इसे एक या दो दिन के लिए अपने पास ही पड़ा रहने दें। इसके बाद आप इस पत्र की भाषा विनम्र करने पर अपने आप ही जरूर सोचेंगे।

  2. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    संक्षिप्त बनें: ग्राहक सेवा प्रतिनिधि को एक दिन में 100 जितने पत्र मिलते है, इसलिए जरूरी है कि आप सीधे मुद्दे की बात करे, ताकि उन्हें पढ़ते ही समझ आ जाये कि उन्हें किस समस्या हल करना है। अगर आपका पत्र लम्बा और विवरणों से भरा हुआ है तो पढ़ने वाला आपके पत्र को पूरा नहीं पढ़ेगा और उसे अनुमान ही नहीं लगेगा कि आपकी समस्या क्या है और आप उसे कैसे सुलझवाना चाह रहें हैं।[१]

    • अनावश्यक विवरण देने से बचें।
    • अपने पत्र को एक पेज तक सीमित रखें, या 200 शब्दों तक सीमित करें।

  3. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    साधिकार (authoritative) बनें: अपने पत्र में साधिकार होने से आपका पत्र सही लहजे में लिखा जा सकेगा और इससे कम्पनी समझ लेगी कि यह शिकायत गंभीरता से लेनी होगी। यह अधिक गंभीर शिकायतों के मामलों में, जिनका बड़ा वित्तीय प्रभाव हो सकता है, और भी ज्यादा सच है।[१]

    • साधिकार होने में कई बातें सम्मिलित है जैसे भाषा की गुणवत्ता, आपका अपने अधिकारों को लेकर ज्ञान और कम्पनी की जिम्मेदारियां, इसके अतिरिक्त आपके पत्र का पेशेवर ढंग से रखा जाना।[१]
    • ये सब बातें आपको विश्वसनीय बनाती हैं, जिसका आपके पत्र के जवाब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

  4. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    अपने पत्र का प्रारूप स्वच्छ और सही रखे: जैसा ऊपर कहा गया है कि यदि आपका पत्र पेशेवर प्रारूप में होता है तो इसका सकारात्मक प्रभाव आपकी शिकायत को लिए जाने के तरीके पर पड़ेगा। ठीक पत्र की बॉडी के ऊपर पेपर के ऊपरी दायें कोने पर अपना नाम, पता और तारीख लिखें, इसके बाद प्राप्तकर्ता का नाम, कंपनी के नाम के साथ ऊपरी बाएं कोने पर लिखें।

    • हमेशा अपना पत्र कंप्यूटर पर टाइप करें, इस से यह पढ़ने में आसान और देखने में ज्यादा साफ दिखेगा। अगर आपको पत्र हाथ से लिखना ही पड़े, तो सुनिश्चित करें कि आपकी लिखावट साफ़ और स्पष्ट हो, और इसमें काटे हुए शब्द और स्याही के धब्बे न हों।
    • अपने हस्ताक्षर करने के लिए आपका आज्ञाकारी (Yours faithfully या Yours sincerely) के नीचे खाली जगह छोड़ें, जहाँ आप अपने हाथ से हस्ताक्षर कर सकें। इस जगह के नीचे आपको अपना नाम भी लिखना चाहिए, ताकि पढ़ने में आसानी हो।
    • अपने पत्र को साफ़ रखे और आवश्यक जगह छोड़ें, कोशिश करें कि सभी पैराग्राफ लगभग एक ही माप के हों।

  5. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    स्पेलिंग और व्याकरण चेक करें: आपकी शिकायत कैसे ली गई है इस पर गलत स्पेलिंग और व्याकरण का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सुनिश्चित करे कि कंप्यूटर से पत्र प्रिंट करने के पहले आप स्पेलिंग चेक करें, या भेजने के पहले किसी और को अपना पत्र पढ़वा कर देख लें।[८]

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    अपनी दी हुई समय सीमा के पूरा होने तक प्रतीक्षा करें: धैर्य रखे और और आपके द्वारा शुरुवाती पत्र में दी हुई समय सीमा के पूरा न होने तक आगे कोई कार्यवाही न करें। अगर वह तारीख निकल जाती है और आपको अब तब कोई जवाब नहीं मिला है, तो आप किसी फ़ोन कॉल या ईमेल करके पता लगाने की कोशिश कर सकते है कि पत्र पहुंचा भी है या नहीं। कंपनी को बेनिफिट ऑफ़ डाउट देना सबसे अच्छा तरीका है।

    • यदि आपको अब तक अपने पत्र के बारें कोई जानकारी नहीं मिली है या जानकारी तो मिली है पर स्थिति पर आपकी संतुष्टि के अनुरूप कार्यवाही नहीं हुई है, तो आप किसी बड़े अधिकारी तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं।

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    प्रबंध की सीढ़ियों के अनुरूप आगे बढ़ें: यदि आपको ग्राहक सेवा निर्देशक से बात करके सफलता नहीं मिली, तो पता करें कि उनसे ऊपर का अधिकारी कौन है और उन से संपर्क करके देखें। जैसे जैसे आप सीढ़ी के ऊपरी पायदान पर जाते हैं चाहे तो ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से सुपरवाइजर, सुपरवाइजर से निर्देशक, निर्देशक से मुख्य कार्यकारी तक, तो पहले वाले स्तर पर हुए अपने पत्राचार को सलग्न करते जाएँ। इससे आपके कंपनी के नए प्रतिनिधि को सारी जानकारी एक बार में मिल जाएगी और बहुत संभव है की बिना विवाद के आपका मामला सुलझ जाये।

    • सीधे ऊपर के अधिकारी से संपर्क करने से अच्छा है कि पहले ग्राहक सेवा विभाग से ही संपर्क साधा जाये: इसका कारण है की ग्राहक सेवा विभाग इस तरह की शिकायतों को सँभालने में अधिक अभ्यस्त होता है और वैसे भी ऐसा कोई शिकायत पत्र मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजने पर भी वह पत्र ग्राहक सेवा विभाग में ही वापस भेज दिया जाएगा।[१]
    • यदि ऐसी स्थिति होती है, तो ग्राहक सेवा विभाग के कर्मचारी भी आपको प्रतिकूल ढंग से देखेंगे, क्योंकि आपने सीधे उनके ऊपरी अधिकारीयों तक पहुचने की कोशिश की है।[१]
    • याद रखें कि यदि आप मैनेजिंग डायरेक्टर या सीईओ को लिख रहें है, तो पत्र ज्यादा साफ़, संक्षेप और अच्छे से लिखा हुआ होना चाहिए, क्योंकि उन्हें घटना का पहले से कोई ज्ञान नहीं होता।

  3. कैसे शिकायत पत्र लिखने के लिए? - kaise shikaayat patr likhane ke lie?

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    अगर आप कानूनी कार्यवाही करना चाहते हैं, किसी वकील से मिलें: उसे पता होगा कि इस केस में कैसे आगे बढ़ना है। दिमाग में रखें कि कानूनी कार्यवाही आपका अंतिम कदम होना चाहिए। और आपके पत्र में इस बात का जिक्र आपके कंपनी से समझौते पर और क्षतिपूर्ति पाने पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा और अगर आपकी कोई गलती है तो आपको नुक्सान भी झेलना पड़ सकता है।

सलाह

  • ऐसी कई कंस्यूमर वेबसाइट हैं, जहाँ आप अपनी शिकायत कर सकते हैं और यह भी पता लगा सकते हैं कि क्या उसी कंपनी के साथ आपके जैसे और भी लोगों के प्रकरण हैं।
  • लिखने के पहले थोड़ा समय निकाल कर जो हुआ है उस पर सोचें। जब आप पूरी बात पर विचार कर लेते हैं और जान जाते है की आप क्या चाहते हैं और इसके बारे में कैसे कहना चाहते हैं, तब आप पत्र लिखने के लिए तैयार होंगे।
  • सुनिश्चित करें की आपके पत्र में आपका नाम, पता , ईमेल और फ़ोन नंबर (यदि संभव हो घर, ऑफिस और मोबाइल) हो। यह भी सुनिश्चित करें कि आप पत्र पढ़ने वाले की जानकारी भी मांगे ताकि आप दोनों आपकी शिकायत के हल की प्रगति को लेकर संपर्क में रह सकें।
  • अपने पत्र को एक बार फिर पढ़ें और पत्र में सब सच, ईमानदार और जांच के योग्य है इसे लेकर सकारात्मक रहें।
  • लिखित में शिकायत करने का प्रभाव, ऑफिस की ईमेल, फैक्स या उनकी वेबसाइट या ब्लॉग पर कमेंट करने से कही ज्यादा मजबूत होता है। अधिकतर कंपनियां औपचारिक शिकायतों को प्राथमिकता देती हैं।
  • अपने सभी पत्राचार की प्रतियां अपने साथ रखे और पत्रों को भेजने की तारीखों का भी हिसाब रखें।
  • गवाहों के शपथ पत्र न भेजे। अगर आपको लगे कि इस बात पर आप कोर्ट में हार सकते है, तो आप अपने गवाहों के स्टेटमेंट और उनके नाम भी साथ में रख सकते हैं। याद रखें कोर्ट महंगा हो सकता है। ज्यादातर विवादों का अनौपचारिक निपटान या ज्यादा हुआ तो मध्यस्तता से किया जाना चाहिए।
  • अगर आप किसी विशिष्ट व्यक्ती की शिकायत लिख रहे हैं, तो अपने पत्र को उस व्यक्ति की कमियाँ उजागर करने तक ही सीमित करें और पूरे संगठन को नीचे दिखने की कोशिश न करें। अगर आप कंपनी की किसी नीति की शिकायत कर रहे हैं तो नीति या सुननेवाले को अपमानित न करें। साधारण तौर पर अपनी समस्या लिखें और बताएं कि आप उसे कैसे सुलझवाना चाहते हैं।

चेतावनी

  • ऐसा कोई भी पत्र लिखना जिसमे शारीरिक हिंसा, सम्पति के नुकसान, स्वास्थ्य या सुरक्षा पर हमले की धमकी दी गई हो, गैर कानूनी है। धमकी को उत्पीड़न और कोर्ट में कार्यवाही का आधार माना जा सकता है, इसके लिए जुर्माना और जेल हो सकती है। खुद को इस सबसे बचाये और धमकी को अपने दिमाग से निकाल दें। उन्हें न तो लिख के रहे और नाही भेजे।

विकीहाउ के बारे में

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शिकायत कैसे लिखा जाता है?

संक्षिप्त – शिकायती पत्र का मुख्य विषय अत्यधिक विस्तार की अपेक्षा संक्षिप्त रखा जाना चाहिए। अनावश्यक बातों को नहीं लिखना चाहिए। स्वच्छ – शिकायती पत्र जिसे भी लिखे जाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप जिस कागज पर पत्र लिख रहे है वह स्वच्छ अर्थात कही से कटा फटा ना हो, गंदा ना हो।

कोई शिकायत पत्र कैसे लिखें?

अपने पत्र को किसी विशिष्ट व्यक्ति को संबोधित करें और औपचारिक रूप से बताएं कि आप शिकायत कर रहे हैं। पहले व्यक्ति में लिखें और सरल भाषा का प्रयोग करें ताकि आपके संदेश को आसानी से समझा जा सके। अपनी शिकायत के लिए सभी आवश्यक जानकारी दें। जिसमें ग्राहक सेवा जैसे संपर्क नंबरों के लिए खरीद/सेवा की तारीख और फोन नंबर शामिल हैं।

कैसे शिकायत की एक जोरदार शब्दों में पत्र लिखने के लिए?

अपने पत्र के साथ-साथ अपनी परेशानी से जुड़े सबूतों को भी संलग्न करें ताकि आपकी समस्या का समाधान जल्दी हो सके। ... .
सेवा में,.
विधायक या वार्ड पार्षद महोदय/महोदया,.
वार्ड नंबर 3, आगरा नगर निगम,.
विषय : नये/ख़राब स्ट्रीट लाइट के संबंध में।.
श्री मानजी,.
मैं विवेक गुप्ता, बार्ड नंबर 3 का निवासी हूँ।.

पत्र कैसे लिखा जाता है?

पत्र लेखन कैसे लिखते हैं? सरलता से पत्र लिखेंपत्र लेखन हमेशा सरल, सीधा और स्पष्ट भाषा में होना चाहिए । पत्र लेखन में कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए। पत्र लेखन में अपना उद्देश्य अच्छे से लिखेंपत्र में अपना उद्देश्य को अच्छे से समझाएं, उसमें किसी भी प्रकार की शंका या जिज्ञासा नहीं होनी चाहिए।