विशेषज्ञों का कहना है कि मल्टी-डिसिप्लीनरी (बहुविषयी) शिक्षा अब समय की जरूरत है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में लंबे समय तक प्रिंसिपल रहे डॉ. पी. सी. जैन बताते हैं कि नई
शिक्षा नीति अधिक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देती है। शिक्षा व्यवस्था में लकीर का फकीर होकर नहीं चला जा सकता और बहु-विषयक शिक्षा व्यवस्था में साइंस का स्टूडेंट भी आर्ट्स के विषय पढ़ सकता है। उनका कहना है कि आईएएस के एग्जाम में साइंस, कॉमर्स बैकग्राउंड के बहुत सारे स्टूडेंट समाजशास्त्र, भूगोल, राजनीति विज्ञान जैसे विषयों के साथ तैयारी करते हैं और पास भी हो रहे हैं। डॉ. जैन बताते हैं कि आईआईएम में पहले जहां 90 फीसदी तक इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स ही एग्जाम पास कर पाते थे,
वहीं अब सभी स्ट्रीम के उम्मीदवार आईआईएम में जा रहे हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि देश में बहु- विषयक शिक्षा व्यवस्था काफी कारगर साबित हो रही है। आईएएस के मेन एग्जाम के लिए इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स भी आर्ट्स के विषय चुनते हैं। इससे उन्हें दो तरह से फायदा हो जाता है। तकनीकी के विषय की गहरी समझ होने से ह्यूमैनिटी (मानविकी) के विषयों को समझने में तो उन्हें आसानी होती ही है, साथ ही रीजनिंग और एप्टिट्यूड जैसे विषय भी वे आसानी से समझ पाते हैं। UPSC Success Story: दुनिया को देख नहीं सकतीं, 4 असफलताओं के बाद अब UPSC में मारी बाजी डीयू के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के रिटायर प्रिंसिपल डॉ. एस. के. गर्ग नए ट्रेंड के बारे में कहते हैं कि अब करीब-करीब सभी आईआईएम में इंजीनियरिंग के साथ-साथ आर्ट्स, कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स की भी संख्या बढ़ रही है। पेपर के पैटर्न में भी जरूरी बदलाव हो रहे हैं, ताकि एक ही स्ट्रीम के उम्मीदवारों को ज्यादा फायदा न हो, बल्कि सभी स्ट्रीम वालों को बराबरी का मौका मिले। उनका कहना है कि सिविल सर्विसेज के विभिन्न चरणों के एग्जाम में आर्ट्स के विषय की सबसे ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है और इसका फायदा आर्ट्स स्टूडेंट्स को मिलता है। इतिहास, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान, भूगोल, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जैसे विषयों को स्टूडेंट्स चुन रहे हैं। इनमें से ज्यादातर विषय यूपीएससी के वैकल्पिक विषयों की लिस्ट में भी हैं। अब स्कूलों में भी स्टूडेंट्स को विषयों का ऐसा कॉम्बिनेशन चुनने का मौका दिया जा रहा है कि साइंस के स्टूडेंट भी आर्ट्स के कुछ विषयों की पढ़ाई साथ-साथ कर सकते हैं। हिंदी के सीनियर प्रफेसर वीरेंद्र भारद्वाज कहते हैं कि आईएएस के एग्जाम में आर्ट्स विषयों के साथ तैयारी करने वाले सामाजिक ताने-बाने को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। समाज में बहुत बदलाव हो रहे हैं और आर्ट्स विषयों की पढ़ाई एक नई सोच को जन्म देती है और एग्जाम में वह अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से लिख सकते हैं। सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों और यूपीएससी कोर्स के विषयों को देखते हुए, आर्ट्स वाले छात्रों के लिए निश्चित तौर पर इसे एक एडवांटेज के तौर पर देख सकते हैं। छात्र ये विषय पहले ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ चुके होते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें यूपीएससी के लिए कौन सा सब्जेक्ट बेस्ट है?इतिहास, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान, भूगोल, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जैसे विषयों को स्टूडेंट्स चुन रहे हैं। इनमें से ज्यादातर विषय यूपीएससी के वैकल्पिक विषयों की लिस्ट में भी हैं।
यूपीएससी में सबसे अधिक स्कोरिंग वैकल्पिक विषय कौन सा है?यदि हम तकनीकी रूप से समझें तो गणित सबसे अधिक स्कोरिंग विषय होगा, लेकिन कोई भी बिना किसी पूर्व अध्ययन पृष्ठभूमि के इसमें सफलता नही पा सकता।
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