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केरल में किसानों द्वारा कालीमिर्च की बिक्रीइंदौर| नकदी की जरूरत के लिए कालीमिर्च उत्पादकों ने पिछले दिनों 200 बोरी माल बिक्री हेतु मंडी में लाए बिक्री ऊंचे भावों पर हुई। आचार संहिता लागू होने से सीमा पर सख्त जांच चल रही है, इससे न केवल तस्करी आयात पर रोक लगी है, वरन आड़े-टेढ़े बिलों से जो माल आ रहा था, वह भी बंद हो गया है। यदि उत्पादकों की आगे भी बेचवाली जारी रही तो भावों में कुछ नरमी आ सकती है। व्यापारियों-स्टॉकिस्ट इसलिए भी आश्चर्य चकित है कि इस समय मंडियों में आवक नगण्य हो जाती है। केरल एवं कर्नाटक में पिछले एक माह से भीषण गर्मी पड़ रही है। मौसम असामान्य रूप से गर्म होने की वजह से कालीमिर्च की वर्तमान एवं आगामी दोनों फसलों पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। यद्यपि अप्रैल के प्रारंभिक माह में वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया गया था, लेकिन अभी तक कोई वर्षा नहीं हुई है। यदि आगामी दिनों में वर्षा हो जाती है, तो वर्तमान एवं आगामी दोनों फसलों को लाभ होगा। यदि वर्षा नहीं होती है, तो तेजी भी आ सकती है। 23 मई तक लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे तक सीमाओं पर सख्ती बनी रहने की आशा की जा सकती है। इससे तस्करी आयात पर रोक लगी रहेगी। श्रीलंका से आने वाले कालीमिर्च के भाव 300 से 320 रुपए के बताए जा रहे हैं। किराना बाजार में कालीमिर्च में सुधार की धारणा रखी जाती है। कालीमिर्च कालामोती 330 रुपए बताया गया। नारियल में दो दिन में 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि कर दी गई है। शनिवार को आवक केवल 1 मोटर की रही। खसखस एवं कलौंजी के भावों में तेजी बताई गई। खोपरा गोला-बूरा में साधारण ग्राहकी है। टिपटूर में माल की उपलब्धि कमजोर बिना बिल एवं अंडर बिल के माल की आवक प्रभावित हुई है। इससे भी बाजार में शार्टेज रही। टिपटूर नीलामी में खोपरा गोला की आवक 8 हजार बोरी की रही। टेंडर 166.36 रुपए में गया। भावों में भारी मंदी आ गई। गुजरात तरफ से बिना बिल के जीरे की आवक धड़ल्ले से हो रही है। बेसन के भावों में आंशिक नरमी रही। सियागंज किराना बाजार में शकर 3320 से 3350 गुड़ लड्डू 3300 से 3350 कटोरा 3200 से 3250 भेली 2800 से 2850 हल्दी काढ़ी 11000 से 11500 लाल गाय 130 से 131 पावडर-501 1621 सुपर क्राउन 811 मयूर 1441 खोपरा गोला 212 से 228 खोपरा बूरा व्हील 4550 सनगोल्ड 2575 ताज 2800 साबूदाना 5750 से 5800 मीडियम 5850 से 5900 बेस्ट 6050 से 6200 ग्लास 6850 से 7200 वरलक्ष्मी 6600 1 किलो पैकिंग में 7200 सोल्जर 6200 सच्चामोती रायलर| 7050 1 किलो 7400 सच्चासाबू 7180 1 किलो में 7960 कालीमिर्च गारवल 330 से 335 एटम 345 से 350 मटरदाना 385 से 410 जीरा राजस्थान 180 से 183 ऊंझा हल्का 185 से 188 मध्यम 192 से 198 बेस्ट 205 से 215 सौंफ मोटी 88 से 98 मीडियम 105 से 125 बेस्ट 145 से 200 बारीक 155 से 170 नारियल मद्रास नया पानी 120 भरती 1400 से 1450 160 भरती 1450 से 1475 200 भरती 1450 से 1475 250 भरती 1375 से 1400 लौंग चालू 550 से 580 बेस्ट 585 से 615 दालचीनी 210 बेस्ट 220 जायफल 475 से 550 बेस्ट 625 से 650 जावत्री 1575 बेस्ट 1625 बड़ी इलायची 485 से 660 बेस्ट 685 से 740 पत्थर फूल 360 से 425 बेस्ट 440 बाद्यान फूल 280 से 290 शाहजीरा 330 से 340 ग्रीन 550 तेजपान 80 से 85 तरबूज मगज 172 से 175 नागकेसर 630 से 650 सौंठ 225 से 280 खसखस चालू 340 से 385 बेस्ट 440 से 480 एक्स्ट्रा बेस्ट 625 से 650 धौली मूसली 750 से 800 पीला पावडर 760 से 780 सिंदूर 6200 पूजा बादाम 70 से 75 बेस्ट 140 रुपए। मसालों के बाजार भाव विस्तार से देखें दिसंबर में नई फसल की कटाई शुरू होने पर कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है. प्रसाद ने कहा, "अगर अगले साल काली मिर्च की कीमतें 200 रुपये तक पहुंच जाएंगी तो हमें आश्चर्य नहीं होगा." ज्यादा मजदूरी लागत और घटती उत्पादकता से परेशान किसानों ने पहले ही अन्य फसलों का रुख करना शुरू कर दिया है. किसान अब उन फसलों का रुख कर रहे हैं जो इलायची की तरह बेहतर कीमतें देती हैं. प्रसाद ने अपने 10 एकड़ के काली मिर्च के बागान के कुछ हिस्सों में इलायची उगाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि 5 किलो पहले के मुकाबले, मुझे काली मिर्च की बेल से 2 किलो उत्पादन मिल रहा है. हमारे इलाके में इलायची की सबसे ज्यादा खेती हो रही है. इलायची की खेती अब भी 70 फीसदी इलाकों में हो रही है. इससे अच्छी कमाई होती है. बाजार में इलायची की कीमत लगभग 2,500 रुपये प्रति किलोग्राम है. इसे भी पढ़ें:पहली बार 170 रुपये किलो पर पर पहुंचा लाल मिर्च का भाव, जानिए क्यों पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक में काली मिर्च का उत्पादन 50,000 से 60,000 टन के बीच स्थिर रहा है. इसके बाद केरल शीर्ष उत्पादक है. पिछले साल भारी बारिश और बाढ़ के कारण केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में कम उत्पादन हुआ था. वैश्विक बाजार में भारतीय काली मिर्च की सबसे अधिक कीमत है. वियतनाम, ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख उत्पादकों की काली मिर्च की कीमत 150 से 160 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि मलेशियाई काली मिर्च लगभग 250 रुपये प्रति किलो है. परिणामस्वरूप, भारत में काली मिर्च का आयात बढ़ गया है. भारत द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयात मूल्य 500 रुपये प्रति किलोग्राम है. एक निर्यातक बाफना एंटरप्राइजेज के सीईओ जोजन मलायिल ने कहा, “मुंबई, चेन्नई और तूतीकोरिन बंदरगाहों के माध्यम से बहुत सारी काली मिर्च भारत आ रही है.” यह आसियान देशों के लिए 50 प्रतिशत से अधिक आयात शुल्क के बावजूद हो रहा है." अक्टूबर तक, वियतनाम ने 2.48 लाख टन काली मिर्च का निर्यात किया है. हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें. 1 किलो काली मिर्च का रेट क्या है?एमसीएक्स के अनुसार, आज काली मिर्च की कीमत आईएनआर 32,665/100 किलोग्राम है।
केरल में काली मिर्च का क्या भाव है?07 दिसम्बर 2022 भारत में काली मिर्च का भाव –. काली मिर्च कौन से राज्य में होती है?काली मिर्च का पौधा त्रावणकोर और मालाबार के जंगलों में बहुलता से उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त त्रावणकोर, कोचीन, मलाबार, मैसूर, कुर्ग, महाराष्ट्र तथा असम के सिलहट और खासी के पहाड़ी इलाकों में बहुतांश में उपजाया भी जाता है।
काली मिर्च सबसे ज्यादा कौन सी होती है?भारत में उत्पादित कुल काली मिर्च में से 98 प्रतिशत का उत्पादन अकेले केरल राज्य में होता है. इसके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है. दुर्लभ काली मिर्च की खेती महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में पाई जाती है.
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