वातावरण का शुद्धिकरण कौन करता है? - vaataavaran ka shuddhikaran kaun karata hai?

पर्यावरण प्रौद्योगिकी (ऍनवायरोटेक के रूप में संक्षेपित) या हरित प्रौद्योगिकी (ग्रीनटेक के रूप में संक्षेपित) या स्वच्छ प्रौद्योगिकी (क्लीनटेक के रूप में संक्षेपित) प्राकृतिक पर्यावरण और संसधानों के संरक्षण और मानव हस्तक्षेप के फलस्वरूप हुए नकारात्मक प्रभावों को रोकने हेतु पर्यावरणीय विज्ञान का एक अनुप्रयोग है। सतत विकास ही पर्यावरणीय प्रौद्योगिकी का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है।

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उदाहरण[संपादित करें]

  • जैवनिस्पंदन (बायोफिल्ट्रेशन)
  • बायोस्फीयर प्रौद्योगिकी
  • जैवोपचारण (बायोरेमेडिएशन)
  • मल से खाद बनाना
  • विलवणीकरण (डिसैलिनेशन)
  • दोहरे-संभरण वाली इलेक्ट्रिक मशीनें
  • ऊर्जा संरक्षण
  • ऊर्जा की बचत करने वाले मॉड्यूल
  • हाइड्रोजन ईंधन सेल
  • महासागरीय ऊष्मीय ऊर्जा रूपांतरण
  • सौर ऊर्जा
  • ऊष्मीय डिपॉलीमराइज़ेशन

पुनर्चक्रण[संपादित करें]

पुनर्चक्रण एक विश्वव्यापी घटना है, यह हरित प्रौद्योगिकी के अंतर्गत किया जाने वाला प्राथमिक अनुप्रयोग है। यह लोगों को पुनः प्रयोग की जा सकने वाली वस्तुओं का पुनर्प्रयोग प्रदर्शित करती है व उन्हें इसके लिए प्रेरित करती है। शासकीय संस्थाओं द्वारा भोजन अथवा पेय के डिब्बों व कागज आदि की बचत को प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे की उन्हें पुनर्चक्रित करके भविष्य में अन्य उपयोगों में लिया जा सके. इस प्रकार से पर्यावरण की रक्षा करते हुए प्रदूषण/कचरे को कम किया जा सकता है।[1]%akshay%

जल शोधन[संपादित करें]

जल शोधन: इसका मूल विचार पूरे पर्यावरण में बहने वाले जल को धूल/जीवाणु/प्रदूषण रहित करना है। पानी के शोधन की यह अवधारणा कई अन्य घटनाओं से उत्पन्न हुई है। जल प्रदूषण इस अवधारणा का मुख्य शत्रु है और दुनिया भर में जल को शोधित करने के लिए कई अभियान व गतिविधियां आयोजित की गयी हैं। वर्तमान में जल के उपयोग के परिमाण को देखते हुए, यह अवधारणा अति महत्वपूर्ण है।[2]

वायु शोधन[संपादित करें]

वायु शोधन: मूलभूत व साधारण हरे पौधों को वायु को स्वच्छ करने के लिए घर के अन्दर भी उगाया जा सकता है क्योंकि सभी पौधे CO2 को हटा कर उसे ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं: डाइपसिस ल्यूटेसेन्स, सान्सेवीरिया ट्रीफैसीयाटा तथा एपीप्रेम्नम ऑरेयम .[3]

मलजल प्रशोधन[संपादित करें]

मलजल प्रशोधन की अवधारणा जल शोधन के बहुत निकट है। चूंकि यह जल में प्रदूषण के स्तर को कम करता है इसीलिए मलजल प्रशोधन एक बहुत महत्वपूर्ण अवधारणा है। जल जितना अधिक प्रदूषित होता है उतना ही अधिक अनुपयोगी होता है, जिन क्षेत्रों में पानी का अधिक उपयोग होता है, वहां न्यूनतम प्रदूषित जल की आपूर्ति की जाती है। यह पर्यावरण संरक्षण, सततता आदि अन्य अवधारणाओं के लिए मार्ग खोलता है।[4]

पर्यावरण उपचारिकरण[संपादित करें]

पर्यावरण के सामान्य संरक्षण के लिए प्रदूषकों व संदूषकों को हटाये जाने को पर्यावरण उपचारिकरण कहा जाता है। यह विभिन्न रासायनिक, जैविक तथा बड़े परिमाण के अंतरण की प्रणालियों के द्वारा किया जाता है, इसके साथ ही पर्यावरण की निगरानी भी की जाती है। (एनसाइक्लोपीडिया ऑफ मेडिकल कनसेप्ट्स)[5]

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन[संपादित करें]

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट के शुद्धिकरण, उपभोग, पुनर्प्रयोग, प्रशमन तथा उपचार को कहा जाता है जिसकी निगरानी सरकार अथवा शहर/कस्बों की शासकीय इकाइयों द्वारा की जाती है।[6]

अक्षय ऊर्जा[संपादित करें]

अक्षय ऊर्जा वह ऊर्जा है जिसकी पूर्ति आसानी से हो जाती है। वर्षों से हम ऊर्जा के उत्पादन के लिए लकड़ी, सूर्य, जल, आदि जैसे स्रोतों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसी ऊर्जा जिसे प्राकृतिक साधनों जैसे लकड़ी, सूर्य, हवा जैसी वस्तुओं के द्वारा उत्पादित किया जाता है, उसे ही अक्षय माना जाता है।[7]

ईगेन पूर्वानुमान[संपादित करें]

ईगेन पूर्वानुमान वह प्रक्रिया होती है जिससे भविष्य में किसी इमारत पर पड़ने वाले मौसम के प्रभावों का पूर्वानुमान लगता जा सकता है।[8] मौसम के पूर्वानुमान पर ताप के आधार को समायोजित करके, यह प्रणाली अतिरिक्त ताप के प्रयोग को समाप्त कर देती है, जिसके कारण ऊर्जा का उपभोग तथा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम हो जाता है।[9]

ऊर्जा संरक्षण[संपादित करें]

ऊर्जा संरक्षण ऐसे उपकरणों का प्रयोग है जो ऊर्जा की कम मात्रा का प्रयोग करते हैं जिससे विद्युत् का उपभोग कम हो जाता है। विद्युत् के प्रयोग को कम करने से जीवाश्म ईंधन को जलाये जाने की आवश्यकता कम हो जाती है जिनका प्रयोग उस विद्युत् का उत्पादन करने में किया जाता.

वैकल्पिक और स्वच्छ ऊर्जा[संपादित करें]

सिद्धांत

  • ग्रीन सिंडीकालिज्म
  • निरंतरता
  • स्थायी डिजाइन
  • स्थायी अभियांत्रिकी

वैज्ञानिक हमारे वर्तमान शक्ति उत्पादन के तरीकों से अलग स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों की खोज में लगे हुए हैं। ऐनेरोबिक डाइजेशन (अवायवीय पाचन) जैसी कुछ तकनीकें अपशिष्ट पदार्थों से अक्षय ऊर्जा उतपन्न कर सकती हैं। ग्रीन हाउस गैसों में वैश्विक कमी औद्योगिक स्तर पर ऊर्जा संरक्षण तकनीकों के प्रयोग के साथ ही साथ स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन पर निर्भर है। इनमें शामिल हैं सीसा-रहित पेट्रोल, सौर ऊर्जा तथा वैकल्पिक ईंधन वाले वाहन, जिनमें प्लग-इन हाइब्रिड व हाइब्रिड विद्युत् वाहन सम्मिलित हैं।

कुल उत्पादित विद्युत् का 60% भाग विद्युत् मोटरें प्रयोग कर लेती हैं,[कृपया उद्धरण जोड़ें] विकसित ऊर्जा सक्षम विद्युत् मोटर (तथा विद्युत् जनरेटर) तकनीक, जो कि लागत की दृष्टि से प्रभावशाली हों, के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जैसे कि बिना ब्रश की वाऊंड रोटर वाली डबली-फेड विद्युत् मशीनें तथा ऊर्जा की बचत के भाग, इनकी सहायता से कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) व सल्फर डाई ऑक्साइड (SO2), जो कि जीवाश्म ईंधन प्रयोग किये जाने से वातावरण में चलीं जातीं, की मात्रा में कमी लायी जा सकती है। ग्रीसस्टॉक यॉर्कटाउन हाइट्स, न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाला एक कार्यक्रम है जो पर्यावरण प्रौद्योगिकी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।[10][11][12][13][14]

आलोचना[संपादित करें]

चरम अतिवादी पर्यावरणवाद, जैसा कि ग्रीन ऐनार्की जैसे प्रकाशनों में परिलक्षित होता है, पर्यावरण प्रौद्योगिकी की आलोचना करता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इस दृष्टिकोण से, प्रौद्योगिकी को प्रणाली के रूप में देखा जाता है न कि किसी विशिष्ट भौतिक उपकरण के रूप में. तदनुसार, प्रौद्योगिकी को संसाधनों की उत्पत्ति व निष्कर्षण के ज़रिये पर्यावरण के दोहन की आवश्यकता होती है, साथ ही इसे श्रम, विशेषज्ञता तथा श्रम के विभाजन के जरिये लोगों के दोहन की भी आवश्यकता होती है। इस प्रकार, प्रौद्योगिकी का कोई "प्राकृतिक" स्वरुप नहीं हो सकता है; इनकी उत्पत्ति हमेशा किसी सन्दर्भ में, किसी निश्चित ध्येय तथा प्रकार्य के साथ होती है। हरित प्रौद्योगिकी को इसी दोहन प्रणाली के सुधार के प्रयास के रूप में अस्वीकृत किया गया है, जिसको सिर्फ सतही रूप से पर्यावरण मैत्रिक रूप दिया जा रहा है और इसके बावजूद अरक्षणीय रूप से मानवीय तथा प्राकृतिक दोहन जारी है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • दि ऑल-अर्थ इकोबॉट चैलेंज

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • पर्यावरण प्रौद्योगिकी कार्य योजना - यूरोपीय आयोग - विकि पर्यावरण प्रौद्योगिकी कार्य योजना
  • BiobasedNews.com: पर्यावरण प्रौद्योगिकी व्यापार समाचार और कहानियां और प्रेस विज्ञप्ति के लिए एक व्यापक डेटाबेस
  • EUCETSA - पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रदायक एसोसिएशनों की यूरोपीय समिति (पर्यावरण उद्योग की 1.000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व)
  • संबंधित "नॉर्वे ऑनलाइन " संसाधन
  • नॉर्वे निर्यात - प्रकाशन: नवीनीकृत ऊर्जा तथा पर्यावरण प्रौद्योगिकी
  • हरित प्रौद्योगिकी उद्यमिता अकादमी - जुलाई 7 - 11, 2008
  • कैसे सिलिकॉन वैली विद्युत् कारों का डेट्रायट बन सकती है.
  • ग्रीनरचॉईस उपभोक्ता रिपोर्ट
  • शीर्ष 10 उभरती पर्यावरण प्रौद्योगिकियां. livescience.com.
  • रीड, डैनियल. 2009. राज्यों में पर्यावरण तथा नवीनीकृत ऊर्जा की नव-रचना की क्षमता: राज्यवार श्रेणीक्रम अनुप्रयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं. टेक्सास राज्य विश्वविद्यालय. https://web.archive.org/web/20110615061440/http://ecommons.txstate.edu/arp/291/
  • टेक्सास ए-एंड-एम विश्वविद्यालय-डलास शहरी प्रयोगशाला परियोजना

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "पुनर्चक्रण 101". मूल से 29 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जनवरी 2011.
  2. पुनर्चक्रण". 15 जून 2009 को पुनःप्राप्त. http://earth911.com/recycling/ Archived 2011-01-29 at the Wayback Machine. "Recycle.gif". 15 जून 2009 को पुनःप्राप्त. http://library.uwf.edu/recycle_logo.gif Archived 2012-11-23 at the Wayback Machine "जल शोधन क्या है". 16 जून 2009 को पुनःप्राप्त, http://www.bionewsonline.com/s/what_is_water_purification.htm Archived 2012-06-21 at the Wayback Machine "निकासी उपचार". 17 जून 2009 को पुनःप्राप्त http://www.euwfd.com/html/sewage_treatment.html Archived 2009-03-26 at the Wayback Machine "पर्यावरण उपचार और जल संसाधन
  3. ताजा हवा को कैसे बढाने के लिए कमल मिएटल Archived 2011-06-06 at the Wayback Machine टेड (TED) (सम्मेलन)
  4. "निकासी उपचार". 17 जून 2009 को पुनःप्राप्त http://www.euwfd.com/html/sewage_treatment.html Archived 2009-03-26 at the Wayback Machine "पर्यावरण उपचार और जल संसाधन
  5. लाइवसाइंस. 27 जून 2009 को पुनःप्राप्त. 10 शीर्ष उभरते पर्यावरण प्रौद्योगिकियां .http://www.reference.md/files/D052/mD052918.html Archived 2011-06-10 at the Wayback Machine
  6. 16 जून 2009 को पुनःप्राप्त. http://www-esd.lbl.gov/ERT/index.html Archived 2009-06-12 at the Wayback Machine "शहरी अपशिष्ट प्रबंधन". 16 जून 2009 को पुनः प्राप्त. http://web.worldbank.org/WBSITE/EXTERNAL/TOPICS/EXTURBANDEVELOPMENT/EXTUSWM
  7. 21 सितंबर 2009 को पुनःप्राप्त. एनआरईएल (NREL) आधिकारिक वेबसाइट Archived 2011-01-29 at the Wayback Machine
  8. टेसलर, आर. (1990-1991) जलवायु और बिल्डिंग ऊर्जा प्रबंधन. ऊर्जा और इमारत, खंड 15-16, पीपी 599 - 608.
  9. संयुक्त राज्य अमेरिका पेटेंट 6098893 Archived 2010-12-16 at the Wayback Machine मौसम पूर्वानुमान आंकड़े को शामिल करते हुए सुविधा नियंत्रण प्रणाली और ऐसे प्रणाली को प्रवर्तन करने के लिए एक विधि (इन्वेन्टर स्टेफन बर्गलंड)
  10. नॉर्मन, जिम. "कहां तेल की कमी कभी नहीं है। Archived 2018-07-07 at the Wayback Machine" न्यूयॉर्क टाइम्स. 13 मई 2007.
  11. टिलमैन, एड्रिएन. "ग्रीज़स्टॉक फेस्टिवल रिटर्न्स, बिगर एंड बेटर Archived 2008-05-18 at the Wayback Machine". 14 मई 2008.
  12. "ग्रीज़स्टॉक 2008 Archived 2008-05-29 at the Wayback Machine". ग्रीज़स्टॉक Archived 2008-05-29 at the Wayback Machine . 20 मई 2008 को पुनःप्राप्त.
  13. मैक्स, जोश. "गैस गजलर्स बिकम वेजी डिलाइट्स एट ग्रीज़स्टॉक इन यॉर्कटाउन हाइट्स Archived 2011-08-05 at the Wayback Machine". डेली न्यूज़ . 13 मई 2008.
  14. "ग्रीज़स्टॉक 2008: वैकल्पिक ईंधन, मज़ा और फ्रेंच फ्राइज़ Archived 2008-05-29 at the Wayback Machine". प्राकृतिक जागरण Archived 2011-02-02 at the Wayback Machine . मई 2008.

वातावरण का शुद्धिकरण कौन करता है? - vaataavaran ka shuddhikaran kaun karata hai?

२०वीं सदी के मध्य तक मनुष्य ने तकनीक के प्रयोग से पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलना सीख लिया था।

वातावरण का शुद्धिकरण कौन करता है? - vaataavaran ka shuddhikaran kaun karata hai?

एकीकृत परिपथ (IC) के आविष्कार ने कम्प्यूटर क्रान्ति को जन्म दिया ।

प्रौद्योगिकी, व्यावहारिक और औद्योगिक कलाओं और प्रयुक्त विज्ञानों से संबंधित अध्ययन या विज्ञान का समूह है। कई लोग तकनीकी और अभियान्त्रिकी शब्द एक दूसरे के लिये प्रयुक्त करते हैं। जो लोग प्रौद्योगिकी को व्यवसाय रूप में अपनाते है उन्हे अभियन्ता कहा जाता है। आदिकाल से मानव तकनीक का प्रयोग करता आ रहा है। आधुनिक सभ्यता के विकास में तकनीकी का बहुत बड़ा योगदान है। जो समाज या राष्ट्र तकनीकी रूप से सक्षम हैं वे सामरिक रूप से भी सबल होते हैं और देर-सबेर आर्थिक रूप से भी सबल बन जाते हैं।

ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये कि अभियांत्रिकी का आरम्भ सैनिक अभियांत्रिकी से ही हुआ। इसके बाद सडकें, घर, दुर्ग, पुल आदि के निर्माण सम्बन्धी आवश्यकताओं और समस्याओं को हल करने के लिये सिविल अभियांत्रिकी का प्रादुर्भाव हुआ। औद्योगिक क्रान्ति के साथ-साथ यांत्रिक तकनीकी आयी। इसके बाद वैद्युत अभियांत्रिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी तथा अन्य प्रौद्योगिकियाँ आयीं। वर्तमान समय कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी का है।

प्रौद्योगिकी का प्रभाव[संपादित करें]

समाज[संपादित करें]

1) प्रौद्योगिकी, व्यापार के माध्यम से लोगों तक पहुँचती है

आदमी को व्यापार से नई खोजों की उम्मीद है। समाज या राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि लाभ के लिए व्यापार पर निर्भर करता है।

2) उपभोक्ताओं की उच्च उम्मीद

जब प्रौद्योगिकी बढ़ता है तब उपभोक्ताओं की उम्मीद भी उत्पादों की विविधता, अच्छी गुणवत्ता और सुरक्षा की तरह बढ़ जाती है।

3) प्रणाली जटिलता

प्रौद्योगिकी जटिलता का कारण है। आधुनिक तकनीक बेहतर है और तेजी से काम करते हैं। लेकिन अगर वे बिगड़ जाते है तो उन्हें मरम्मत करने के लिए विशेषज्ञों की सेवाओं की जरूरत है।

4) सामाजिक परिवर्तन

कोई नया आविष्कार, नए रोजगार के अवसर खोल सकता है। इस के कारण श्रमिकों के लिए अवकाश के समय बढ़ जाती है।

अर्थव्यवस्था[संपादित करें]

1) बढ़ती उत्पादकता

प्रौद्योगिकी, उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है।

2) अनुसंधान और विकास पर खर्च करने की जरूरत

अनुसंधान और विकास के लिए धन का आवंटन करते समय, समय एक महत्वपूर्ण कारक है।

3) जॉब अधिक बौद्धिक हो जाते हैं

नौकरियां अधिक बौद्धिक और उन्नत हो गई हैं। नौकरियों के लिए अब शिक्षित या कुशल श्रमिकों के सेवाओं की आवश्यकता है।

4) उत्पादों और संगठनों के बीच प्रतियोगिता

एक नए उत्पाद की शुरूआत एक और संगठन की गिरावट का कारण है।

5) बहुराष्ट्रीय कम्पनी की स्थापना

बहुराष्ट्रीय कंपनियों की शुरूआत सबसे अच्छा उदाहरण है।

शिक्षा[संपादित करें]

1) एक कमरे कक्षाओं की गिरावट

शिक्षा प्रक्रिया विशाल होता जा रहा है।

2) केंद्रीकृत दृष्टिकोण से पारी

शिक्षा के क्षेत्र में शक्तियों का समान वितरण।

3) ई-शिक्षा

इंटरनेट का उपयोग करके सीखने की प्रणाली शुरू की गई है।

वातावरण[संपादित करें]

1) पारिस्थितिक संतुलन

प्रौद्योगिकी से पर्यावरण पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ते हैं।

2) प्रदूषण

वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के कारण बढ़ गए हैं।

3) नए रोग

प्रौद्योगिकी के कारण नए रोग फैल जाते है।

4) प्राकृतिक संसाधनों की कमी

तकनीकी क्रांति के कारण प्राकृतिक संसाधनों दुर्लभ होते जा रहे हैं।

5) पर्यावरण का विनाश और वन्यजीवन

वन्यजीव प्रजातियों के विलुप्त होना पर्यावरण के लिए खतरा है।

कारखाना स्तर[संपादित करें]

1) संगठनात्मक संरचना

उदाहरण: लाइन ऑफ़ कमांड, स्पान ऑफ़ कण्ट्रोल आदि।

2) जोखिम का डर

उदाहरण: तकनीक में परिवर्तन का डर

3) परिवर्तन के लिए प्रतिरोध

कर्मचारी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में परिवर्तन का विरोध करते हैं।

4) सम्पूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन (टोटल क्वालिटी कन्ट्रोल)

उदाहरण: दोष के बिना उत्पादन

5) लचीला विनिर्माण प्रणालियाँ

उदाहरण: असेंबली लाइन इंडस्ट्री

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • प्रौद्योगिकीय क्रमविकास (टेक्नॉलोजिकल इवोल्यूशन)
  • प्रौद्योगिकीय परिवर्तन (टेक्नॉलोजिकल चेंज)
  • औद्योगिक प्रविधि (इन्डस्ट्रियल टेक्नॉलोजी)
  • सम्यक प्रौद्योगिकी (Appropriate technology)
  • प्रौद्योगिकी विसरण (टेक्नॉलोजी डिफ्यूजन)
  • प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण
  • प्रौद्योगिकीय राष्ट्रवाद
  • प्रौद्योगिकी शिक्षा
  • प्रौद्योगिकी का इतिहास

प्रोद्योगिकी हस्तांतरण

वायु को शुद्ध करने के प्राकृतिक साधन कौन से हैं?

एलोवेरा सूर्य की किरणों को तेजी से ग्रहण करता है. ऐरेका पाम- इस पौधे को लिविंग रूम प्लांट भी कहा जाता है. ये पौधा हवा से फार्मेल्डिहाइड, कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को दूर कर शुद्ध ऑक्सीजन देता है. घर की हवाओं की शुद्धिकरण के लिए कम से कम इसके 4 पौधे लिविंग रूम में लगाएं.

वायु का शुद्धिकरण कैसे होता है?

फ़िल्टर आधारित शुद्धीकरण में वायुवाहित कणों को वायु से अलग किया जाता है। एक फ़िल्टर से हवा को बलपूर्वक पास कराया जाता है और कणों को फ़िल्टर द्वारा हवा से अलग कर दिया जाता है।

सबसे शुद्ध हवा कौन सा पेड़ देता है?

देवदार की एक ख़ासियत ये भी है कि ये सदाबहार पेड़ है. इसलिए ये हर समय हवा साफ़ करने का काम करता रहता है.

2 हवा शुद्ध कौन करता हैं?

पौधे वातावरण के लिए फेफड़ों का काम करते हैं। ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं और वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड सोख कर हवा को शुद्ध बनाते हैं। पौधों की पत्तियां भी सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे खतरनाक तत्व अपने में समा लेती हैं और हवा को साफ बनाती हैं