हाथों पर रचने वाली खूबसूरत मेहंदी के तो आप दीवाने होंगे ही, इसके सेहत और ब्यूटी के फायदे जानेंगे तो और भी पसंद करने लगेंगे इसे। जानिए आपकी सेहत और सौंदर्य को निखारने में कितनी कारगर है यह मेहंदी - Show
1 खून साफ करने के लिए मेहंदी को औषधि के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए रात को साफ पानी में मेहंदी भिगोकर रखें और सुबह इसे छानकर पिएं। 2 घुटनों या जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर मेहंदी और अरंडी के पत्तों को बराबर मात्रा में पीस लें और इस मिश्रण को हल्का सा गर्म करके घुटनों पर लेप करें। 3 सिरदर्द या माइग्रेन जैसी परेशानियों के लिए भी मेहंदी एक बेहतरीन विकल्प है। ठंडक भरी मेहंदी को पीसकर सिर पर लगाने से काफी फायदा होगा। 4 शरीर के किसी स्थान पर जल जाने पर मेहंदी की छाल या पत्ते लेकर पीस लीजिए और लेप तैयार किजिए। इस लेप को जले हुए स्थान पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होगा।
तीज, त्योहार और शादी के फंक्शन में अक्सर भारतीय घरों की महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि मेहंदी की खुशबू से ही तीज-त्योहार और कोई कार्य कितना शुभ होगा इसका पता चल जाता है। मेहंदी हाथों में कितनी लाल रची ये प्यार का महत्व भी बताती है। लेकिन क्या आप जानते है कि मेहंदी सिर्फ लगाने ही नहीं बल्कि खाने के भी काम आती है। मेहंदी का सेवन करने से शरीर को कई बीमारियों से दूर रखा जा सकता है। हालांकि कई लोग आज भी मेहंदी को सिर्फ श्रृंगार का सामान ही मानते हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं मेहंदी के पोषक तत्व और इसको खाने के फायदे के बारे में। मेहंदी में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?मेहंदी के पत्तों की तासीर ठंडी होती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम , कैल्शियम , आयरन , मैग्नीशियम , मेगनीज और फास्फोरस पाया जाता है। विटामिन सी पाए जाने के कारण इसका सेवन करने से हिमोग्लोबीन बढ़ाने और शरीर में खून की कमी को दूर किया जा सकता है। किडनी स्टोन की समस्या से दिलाता है राहतबदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से आजकल कई लोगों को किडनी स्टोन की समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में मेहंदी का सेवन करना किडनी स्टोन से राहत दिलाने में मददगार साबित होता है। मेहंदी के पत्तों में मैलिक एसिड पाया जाता है, जो किडनी में स्टोन नहीं बनने देता है। किडनी स्टोन की समस्या से राहत पाने के लिए 15 से 20 ग्राम मेहंदी के पत्तों को पीसकर इसको आधा लीटर पानी में मिला लें। इस पानी को उबालें और ठंडा होने पर छानकर इसका सेवन करें। सप्ताह में 1 बार इस तरह मेहंदी के पत्तों का सेवन करने से किडनी स्टोन की समस्या नहीं होती है। इसे भी पढ़ेंः वजन घटाने से खूबसूरती बढ़ाने तक, संजीव कपूर से जानें गुलाब का फूल खाने के फायदे बुखार को करता है कममेहंदी के पारंपरिक औषधि के तौर पर भी काम करती है। मेहंदी में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में एंटीपायरेटिक प्रॉपर्टीज में काम करते हैं। बुखार और शरीर का ताप बढ़ने की समस्या में पैरों और हाथों पर मेहंदी के ताजे पत्ते पट्टी की पट्टी बांधने की सलाह दी जाती है। एक रिसर्च के मुताबिक, मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जो बुखार होने पर शरीर के तापमान को कम करने में मददगार साबित होती है। घाव ठीक करने में मददगारमेहंदी में पर्याप्त मात्रा में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अगर घाव या शरीर में किसी तरह का फंगल इंफेक्शन हो गया है, तो इस पर मेहंदी के पत्तों को पीसकर लगाने की सलाह दी जाती है। घाव या किसी भी फंगल इंफेक्शन पर मेहंदी लगाते वक्त ध्यान दें कि आपको पत्ते ही पीसकर लगाने हैं, बाजार में मिलने वाला पाउडर नहीं। पेट की बीमारियों से दिलाता है राहतमेहंदी के कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट से संबंधित बीमारियों को ठीक करने में मददगार साबित होते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए मेहंदी के पत्तों को पीसकर हल्के गुनगुने पानी के साथ पीने की सलाह दी जाती है। इसे भी पढ़ेंः सुष्मिता सेन 46 की उम्र में भी दिखती हैं जवां, जानिए क्या है उनकी खूबसूरती का राज डेड सेल्स को करता है खत्मडेड सेल्स संबंधी समस्या होने पर भी मेहंदी का पानी पीने की सलाह दी जाती है। मेहंदी में पर्याप्त मात्रा में टैनिन और हेनोटैनिक एसिड पाया जाता है, ये दोनों ही तत्व त्वचा पर जमी मृत कोशिकाओं को खत्म कर देता है। समस्याओं से बचने के लिए मेहंदी के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। मेहंदी से सुसज्जित सुंदर हाथ मेहंदी जिसे हिना भी कहते हैं, दक्षिण एशिया में प्रयोग किया जाने वाला शरीर को सजाने का एक साधन होता है। इसे हाथों, पैरों, बाजुओं आदि पर लगाया जाता है। 1990 के दशक से ये पश्चिमी देशों में भी चलन में आया है। मेहंदी का प्रचलन आज के इस नए युग में ही नहीं बल्कि काफी समय पहले से हो रहा है। आज भी सभी लड़कियां और औरतें इसे बड़े चाव से लगाती है, यहाँ तक की लड़कियां और औरतें ही नहीं कई पुरुष भी मेहंदी के बड़े शौकीन होते है हमारी भारतीय परंपरा में मेहंदी का प्रचलन काफी पुराने समय से होता आ रहा है, क्योंकि मेहंदी नारी श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना हर रीति-रिवाज अधुरा माना जाता है। मेहंदी ओलगाने के लिये हिना नामक पौधे/झाड़ी की पत्तियों को सुखाकर पीसा जाता है। फिर उसका पेस्ट लगाया जाता है। कुछ घंटे लगने पर ये रच कर लाल-मैरून रंग देता है, जो लगभग सप्ताह भर चलता है।[1][2][3][4] 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, 4,000 से अधिक वर्षों से मेंहदी का उपयोग त्वचा (साथ ही बालों और नाखूनों) के लिए डाई के रूप में किया जाता रहा है। भारतीय परंपरा में मेहंदी आमतौर पर हिंदू शादियों और त्योहारों जैसे करवा चौथ, वट पूर्णिमा, दिवाली, भाई दूज, नवरात्रि, दुर्गा पूजा और तीज के दौरान लगाई जाती है।[5] दक्षिण एशिया में मुसलमान मुस्लिम शादियों, ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा जैसे त्योहारों के दौरान भी मेहंदी लगाते हैं। चित्र दीर्घा[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
मेहंदी में कौन सा पदार्थ पाया जाता है?Dileep Vishwakarma. ये रसायन है Lawsone या (2-hydroxy-1,4-naphthoquinone) जिसे hennotannic acid भी कहा जाता है और यह मेहंदी के पत्तों में पाई जाने वाली एक लाल या नारंगी रंग की डाई है।
मेहंदी से हमें क्या मिलता है?1 खून साफ करने के लिए मेहंदी को औषधि के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए रात को साफ पानी में मेहंदी भिगोकर रखें और सुबह इसे छानकर पिएं। 2 घुटनों या जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर मेहंदी और अरंडी के पत्तों को बराबर मात्रा में पीस लें और इस मिश्रण को हल्का सा गर्म करके घुटनों पर लेप करें।
मेहंदी क्या चीज से बनता है?एक पुष्पीय पौधा होता है जिसका वैज्ञानिक नाम लॉसोनिया इनर्मिस है। इसे त्वचा, बाल, नाखून, चमड़ा और ऊन रंगने के काम में प्रयोग किया जाटा है। ... मेंहदी (henna) का वानस्पतिक नाम 'लॉसोनिया इनर्मिस' है और यह लिथेसिई कुल का काँटेदार पौधा है।
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