राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार ने विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर आज ’आर्द्रभूमि, नदियों और लोगों को जोड़ना: चुनौतियां, अनुभव और अवसर’ विषय पर एक वेबिनार की अध्यक्षता की। वेबिनार का आयोजन एनएमसीजी और वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। हर साल 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों और पृथ्वी के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। Show ईरान का शहर रामसर में 2 फरवरी 1971 को आर्द्रभूमि पर आयोजित सम्मेलन में इसे स्वीकार करने की तिथि को भी यह चिह्नित करता है। दो घंटे तक चलने वाले इस सत्र में विशेषज्ञों और चिकित्सकों सहित विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाया गया ताकि इस बात पर विचार-विमर्श किया जा सके कि आर्द्रभूमि का संरक्षण क्यों और कैसे किया जाए। वेबिनार पैनल में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. राजीव सिन्हा, भारतीय वन्यजीव संस्थान से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. बी.सी. चैधरी, इंडिया वाटर फाउंडेशन, के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार, उत्तर प्रदेश के वित्त सचिव श्री संजय कुमार, एफडब्ल्यूएस, भारतीय वन्यजीव संस्थान की डीन डॉ. रुचि बडोला, वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के निदेशक डॉ. रितेश कुमार ने गंगा नदी के किनारे बाढ़ग्रस्त मैदानों के संरक्षण के संबंध में उत्तर प्रदेश के अनुभवों को लेकर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए एक बेसिन-व्यापी दृष्टिकोण को शामिल करते हुए प्रबंधन रणनीति को दर्शाया और मौजूदा नियामक व्यवस्था के तहत अच्छी तरह से सीमांकित संस्थागत तंत्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। पैनल परिचर्चा के बाद दर्शकों के साथ बातचीत की गई। कार्यक्रम के तहत आर्द्रभूमि पर एक दिलचस्प प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई। पूरी दुनिया में 2 फरवरी को विश्व क्या होता है आर्द्रभूमि दिवस? आइए जानते हैं इतिहास प्राकृतिक स्त्रोतों की खराब स्थितियों को देखते हुए वेटलैंड दिवस मनाने का फैसला किया गया था। 2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर मेंवेटलैंड कन्वेंशन को फॉलो किया गया और वेटलैंड के संरक्षण के लिए संधि बनाकर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद से हर साल सरकारी एजेंसियों, वेटलैंड से होने वाले लाभ - आर्द्रभूमि के बहुत सारे फायदे हैं। इससे जल प्रदूषण मुक्त रहता है। प्रदूषित पानी को साफ करती है। World Wetlands Day 2022: आर्द्रभूमि – वेटलैंड्स (wetlands) ऐसे स्थान होते है जो हर समय संतृप्त यानी जलमग्न रहते है और जैवविविधता ऐसे क्षेत्रों में बढ़ती जाती है। वैज्ञानिकों का ये अनुमान है की कुछ समय से यह स्थान सिकुड़ते जा रहे है। आर्द्रभूमि में पूरे वर्ष मिट्टी की सतह पर या उसके आस-पास पानी मौजूद रहता है। ऐसे स्थान पर पानी की लंबी उपस्थिति से हाइड्रोफाइट्स के विकसित हो जाते हैं। साथ ही यह विशिष्ट आर्द्रभूमि मिट्टी के विकास को बढ़ावा देती है। ऐसी आर्द्रभूमि में दलदल, बाड़ या ऐसी ही जमीन शामिल हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) हर साल 2 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 2022 वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के 51 साल पूरे हो गए हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 की अंतर्राष्ट्रीय थीम ‘लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि कार्रवाई (Wetlands Action for People and Nature)’है। इस दिन का उद्देश्य लोगों और हमारे ग्रह के लिए आर्द्रभूमि द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। आर्द्रभूमि के प्रकार:तटीय आर्द्रभूमि: मैंग्रोव्स, एस्टुरीज, खारे पानी की दलदली भूमि, लैगून आदि। विश्व आंद्र भूमि दिवस क्यों मनाया जाता है?विश्व में जितनी भी आंद्र भूमि है उसकी पहचान करना और दुनिया को उसके बारे में बताना। थीम (Theme) 2022विश्व वेटलैंड्स दिवस 2022 की थीम Wetlands Action for People & Nature रखी गई है जिसका हिंदी में अर्थ होता है लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि कार्रवाई। मानव और ग्रह स्वास्थ्य के लिए आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कार्यों के महत्व पर प्रकाश डालता है। शुरुआतविश्व वेटलैंड्स दिवस मनाने की शुरुआत 2 फ़रवरी 1971 के दिन रामसर, ईरान में कैस्पियन सागर से हुई लेकिन फिर भी इसके पहले कार्यक्रम को होने ने 26 साल लगे जो 2 फरवरी 1997 में हुआ। उद्देश्यविश्व में आंद्र भूमि को विलुप्त होने से बचाना आर्द्रभूमि क्यों महत्वपूर्ण हैं?• यह जलीय और स्थलीय दोनों प्रजातियों के लिए सहायक होती है भारत के कुछ सबसे मंत्रमुग्ध कर देने वाले आर्द्रभूमि हैं:• उत्तराखंड में आसन संरक्षण रिजर्व आर्द्रभूमि सतही जल से प्रदूषकों को हटाकर जल की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। आर्द्रभूमि द्वारा प्रदान की जाने वाली तीन प्रदूषक हटाने की प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण हैं: तलछट फँसाना, पोषक तत्व निकालना और रासायनिक डेटोक्सिफिकेशन। अंत में यह कहा जा सकता है कि आर्द्रभूमि हमारी धरती माता के गुर्दे हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर हमें उनकी रक्षा, संरक्षण और पोषण करना है। हर साल 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन आर्द्रभूमि पर सम्मेलन की वर्षगांठ का भी प्रतीक है जिसे 1971 में एक अंतर्राष्ट्रीय संधि के रूप में अपनाया गया था। विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 का थीम क्या है?यह दिवस पहली बार वर्ष 1997 में मनाया गया था। वर्ष 2022 के लिये थीम: 'वेटलैंड एक्शन फॉर पीपल्स एंड नेचर।
रामसर दिवस कब मनाया जाता है?यह दिन 2 फरवरी 1971 को ईरानी शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्नित करता है। रामसर कन्वेंशन के नाम से जाना जाता है।
भारत भूमि दिवस कब मनाया जाता है?आर्द्र भूमि दिवस कब मनाया जाता है? 2 फरवरी 1971 को कैस्पियन सागर के तट पर ईरानी शहर रामसर में आर्द्र भूमि समझौते को मंजूरी दी गई. यह इस वर्ष रामसर समझौते की 40वीं वर्षगांठ मनाई गई. वर्ष 2011 के विश्व आर्द्र भूमि दिवस का नारा है, जल और आर्द्रभूमि के लिए वन तथा विषय जल और आर्द्रभूमि है.
विश्व की सबसे बड़ी रामसर साइट कौन सी है?सूचीबद्ध आर्द्रभूमि का सबसे बड़ा क्षेत्र बोलीविया है, जिसमें लगभग 148,000 वर्ग किलोमीटर (57,000 वर्ग मील) है। रामसर साइट सूचना सेवा (आरएसआईएस) एक खोज योग्य डेटाबेस है जो प्रत्येक रामसर साइट पर जानकारी प्रदान करता है।
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