क्या पति और पत्नी के बीच उम्र का अंतर होना चाहिए? - kya pati aur patnee ke beech umr ka antar hona chaahie?

आचार्य चाणक्‍य ने पति-पत्‍नी के रिश्‍ते से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं जो उनके मजबूत रिश्‍ते के लिए बेहद जरूरी हैं.

क्या पति और पत्नी के बीच उम्र का अंतर होना चाहिए? - kya pati aur patnee ke beech umr ka antar hona chaahie?

Chanakya Niti: चाणक्य की नीतियां धर्म और ज्ञान के अधार पर ये बताती है कि क्या सही है और क्या गलत. आचार्य चाणक्य की बताई नीतियां और विचार भले ही थोड़े कठोर लगते हों लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है और इसी व्यवहारिकता की वजह से इनकी आज भी चर्चा होती है. आचार्य चाणक्‍य ने कूटनीति, राजनीति, अर्थशास्‍त्र के अलावा व्‍यवहारिक जीवन की बातों के बारे में भी बताया है. उन्‍होंने पति-पत्‍नी के रिश्‍ते से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं जो उनके मजबूत रिश्‍ते के लिए बेहद जरूरी हैं. ये बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र चाणक्‍य नीति में पति-पत्‍नी के बीच के अंतर पर भी मार्गदर्शन दिया है. साथ ही सम्‍मानजनक सुखी जीवन जीने के लिए बेहद जरूरी बातों का भी उल्‍लेख किया है.

1. ज्यादा अंतर नहीं है सही

आचार्य चाणक्य ने पति पत्नी के रिश्ते को लेकर कहां है कि सफल वैवाहिक जीवन के लिए स्त्री पुरुष दोनों को शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्ट होना जरूरी है. उम्र के बीच दादा अंतर होने से वैवाहिक जीवन में तालमेल बैठाने में परेशानियां पैदा होती हैं. एक वृद्ध पुरुष को जवान महिला से विवाह कभी भी नहीं करना चाहिए . ऐसा विवाह बेमेल होता है और दांपत्य जीवन के लिए जहर के समान है. ऐसी शादियां कभी भी सफल नहीं हो पाती. और पुरुष और स्त्री दोनों का ही जीवन और उनसे जुड़े कई लोगों का भी जीवन बर्बाद हो जाता है. ऐसी स्थिति दांपत्‍य जीवन में जहर घोल देती है और शादी खत्‍म होते देर नहीं लगती है. लिहाजा पति-पत्‍नी की उम्र में ज्‍यादा अंतर नहीं होना चाहिए.

2. नीचा दिखाना गलत

चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी को एक-दूसरे को कभी नीचा नहीं दिखाना चाहिए। इस रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है। सभी को अपनी मर्यादा का पालन करना चाहिए। एक-दूसरे को नीचा दिखाने से वैवाहिक जीवन में कलह पैदा होती है. णक्य के अनुसार, घर परिवार के मामलों में पति-पत्नी के अकेले फैसले नहीं लेने चाहिए, छोटा हो या बड़ा, हर फैसला पति-पत्नी को मिलकर लेना चाहिए.

3. जरूरतों को ना करें नजर अंदाज

चाणक्य का मानना है कि पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र होता है. इस रिश्ते को कायम रखने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे की जरूरतों को समझना जरूरी है. चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी को एक-दूसरे की जरूरतों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के बीच हमेशा प्यार और सौहार्द का रिश्ता बरकरार रहना चाहिए

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विवाह हर व्यक्ति के जीवन का एक ऐसा पड़ाव होता है जो उसके आगामी जीवन की खुशियां और सफलता को निर्धारित करता है. विवाह के महत्व को आंकते हुए अभिभावक पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही इससे संबंधित कोई भी निर्णय लेते हैं. इसमें संबंधित युवक-युवती और उनके परिवार के विषय में अपनी शंकाएं दूर करना सबसे प्रमुख कारक होता है.

विवाह से संबंधित एक और बड़ी प्राथमिकता यह भी है कि युवती की उम्र युवक से कम हो. इसके पीछे कई पारिवारिक मान्यताएं विद्यमान हैं. कुछ लोगों का मानना है कि अगर युवती की आयु अधिक होगी तो इससे पति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, कई लोग यह भी मानते हैं कि अगर पत्नी की आयु पति से बड़ी होगी तो उन दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित होना असंभव है. हालांकि इन सब मान्यताओं का कोई ठोस आधार नही दिया गया. लेकिन एक लंबे समय से ऐसी मानसिकता हमारे मस्तिष्क में घर किए हुए है.

बदलते दौर के साथ ऐसी मानसिकता भी फीकी पड़ जाती है. वर्तमान समय में कई ऐसे मामले हमारे सामने हैं जिनमें पति की आयु पत्नी से कम है, या फिर दोनों की आयु में ज्यादा अंतर नहीं है.

एक नए रिसर्च के अनुसार वैवाहिक संबंध में अगर पत्नी की उम्र पति से पांच वर्ष कम होती है तो दंपत्ति एक-दूसरे के साथ ज्यादा प्रसन्न रहते हैं. इसके अलावा ऐसे जोड़े अपेक्षाकृत अधिक समझदार भी कहे जा सकते हैं.

जेनेवा स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा किए एक सर्वेक्षण में यह बात प्रमाणित हुई है कि पत्नी अगर अपने पति से 27 प्रतिशत समझदार होती है तो ऐसे वैवाहिक संबंध सफल संबंधों की श्रेणी में आते हैं.

19 से 75 आयु वर्ग के जोड़ों पर किए गए इस रिसर्च से शोधकर्ताओं ने एक और बात प्रमाणित की है कि वैवाहिक संबंध में पत्नी का ज्यादा पढ़ी-लिखी होना फायदेमंद होता है.

इस विदेशी अध्ययन को अगर भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखा जाए तो यहां वैवहिक संबंध में उम्र का महत्व कहीं अधिक है. इसके पीछे जो पारिवारिक मान्यताएं हैं, भले ही वह थोड़ी रुढ़िवादी प्रतीत होती हों, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर भी इस व्यवस्था को तर्क संगत करार दिया गया है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि लड़कियां, लड़कों की अपेक्षा शारीरिक और मानसिक रूप से जल्दी परिपक्व हो जाती हैं. एक औसत 20 साल की लड़की की सोचने-समझने की क्षमता एक 25 साल के लड़के के बराबर होती है. ऐसे में अगर वैवाहिक दंपत्ति समान आयु के होते हैं तो निश्चित तौर पर उनके बीच सामंजस्य बैठ पाना कठिन हो सकता है. अगर किसी कारणवश उन दोनों के बीच मतभेद उत्पन्न होते हैं, तो उसका निपटारा कर पाना मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए इस समस्या से निपटने का एकमात्र विकल्प यही है कि विवाह सूत्र में बंधने वाली लड़कियों की उम्र लड़कों से कम हो. इसका अंतर न्यूनतम पांच वर्ष का होना चाहिए.

विवाहित युवती और युवक के बीच उम्र का फासला दोनों के आपसी संबंधों को मजबूती देने के साथ-साथ दोनों के स्वाभिमान और अधिकारों को भी आहत होने से बचाता है. परिणामस्वरूप उन दोनों के बीच सामंजस्य और प्रेम बना रहता है.

पति पत्नी की उम्र में कितना फर्क होना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि शादी के लिए लड़के-लड़की की उम्र का अंतर बहुत मायने रखता है. उनके अनुसार पति उम्र में पत्नी से बड़ा होना चाहिए और दोनों के बीच 4-5 साल का अंतर होना चाहिए.

भारत में शादी के लिए कितनी उम्र का अंतर स्वीकार्य है?

अभी भारत में महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और पुरुषों की 21 वर्ष है। कानून में बदलाव के बाद अब महिला और पुरुष दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष हो जाएगी।

पति की आयु कितनी होती है?

अगर द्वितीयेश शुभ स्थिति में हो या अपने स्थान से द्वितीय स्थान को देख रहा हो, तो पति दीर्घायु होता है। अगर द्वितीय भाव में शनि स्थित हो या गुरु सप्तम भाव या द्वितीय भाव को देख रहा हो, तो भी पति की आयु 75 वर्ष की होती है।

शादी के लिए सही उम्र क्या है?

बाल विवाह निषेध संशोधन बिल, 2021 में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है। जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही है।