रायपुर। वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के स्थान पर अब नए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में वन विभाग की सचिव आर. संगीता ने वन महकमे के सभी एचओडी को लिखा है कि लंबे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों के कारण जनहित से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। Show उन्होंने आगे लिखा है कि कार्य प्रभावित होने की सूरत में इन कर्मचारियों की वापसी का इंतजार न करते हुए नए कर्मचारियों से काम लिया जाए। इसके लिए जहां जहां अनुमति की आवश्यकता हो, उसकी प्रक्रिया शुरू की जाए। आपको बता दें कि पिछले 29 दिनों से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि उन्हें मानदेय नहीं दिया जाता है, बल्कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर से वेतन भुगतान किया जाता है। कर्मचारी संघ की मांग है कि वन विभाग के 6500 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए। Post navigationदैनिक वेतनभोगी कर्मियों का वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शनदैनिक वन कर्मचारी संघ ने समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को डीएफओ कार्यालय कालसी में धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का यह भी आरोप है...Newswrapहिन्दुस्तान टीम,विकासनगरTue, 05 Oct 2021 04:40 PM दैनिक वन कर्मचारी संघ ने समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को डीएफओ कार्यालय कालसी में धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का यह भी आरोप है वन विभाग उन्हें सेवा से बाहर करने की साजिश कर रहा है। विभाग की ओर से अन्य दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है। डीएफओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि पिछले पंद्रह वर्षों से अधिक की सेवा के बावजूद उन्हें विभाग की ओर से 8200 रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। कई बार पांच से छह माह तक उन्हें मानदेय नहीं मिलता है। ऐसे में परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। कहा कि सोमवार से विभाग ने नए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। जबकि उन्हें वन विभाग के अधीन किए जाने वाले कार्यों की कोई जानकारी नहीं है। नए वेतनभोगी कर्मचारियों को विभाग की ओर से 18 हजार रुपये मासिक वेतन नियत किया गया है। कहा कि पुराने अनुभवी दैनिक कर्मियों को मात्र आठ हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। एक ही कार्य के लिए एक ही संवर्ग के कर्मचारियों के वेतन में बड़ा अंतर पुराने दैनिक कर्मचारियों के साथ अन्याय है। कहा कि विभागीय अधिकारियों से मानदेय बढ़ाने की कई बार मांग की चुकी है, बावजूद उनकी मांगों पर सुनवाई के बजाय विभाग उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की साजिश कर रहा है। कर्मचारियों ने समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग विभाग से की है। धरना प्रदर्शन करने वालों में गीता राम, रूपराम शर्मा, सुमेंद्र पाल, रतन सिंह, दौलत तोमर, गुलशेर, मोहन दास, वीर सिंह, पदम सिंह, सलीम, चैतराम, जीत सिंह आदि शामिल रहे। अब वेतन को नहीं तरसेंगे वन महकमे के अस्थायी कर्मचारी, पीसीसीएफ ने दिए निर्देशवन विभाग में दस हजार से अधिक अस्थाई कर्मचारी हैं। जो उपनल आउटसोर्सिंग तथा दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं। शासन ने भी विभागों को निर्देश दिया है कि अस्थाई कर्मियों के मानदेय जारी करने में नियमों में शिथिलता की जरूरत है। जागरण संवाददाता, नैनीताल। नैनीताल चिड़ियाघर समेत आग बुझाने, कार्ययोजना में रखे गए अस्थाई वन कर्मचारी कोविड काल में पगार के लिए नहीं तरसेंगे। इन कर्मचारियों को कार्यालय मद से पगार का भुगतान किया जाएगा। यहीं नहीं उन्हें राहत एवं बचाव सामग्री भी दी जाएगी। राज्य में वन विभाग में दस हजार से अधिक अस्थाई कर्मचारी हैं। जो उपनल, आउटसोर्सिंग तथा दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं। कोविड काल में इन कार्मिकों की बेवजह छंटनी ना कि जाय, इसको लेकर वन महकमा गंभीर है। शासन ने भी विभागों को निर्देश दिया है कि अस्थाई कर्मियों के मानदेय जारी करने में नियमों में शिथिलता की जरूरत है , तो वह भी अनुमति लेकर कर ली जाय। अब हाल ही में पीसीसीएफ राजीव भरतरी की ओर से डीएफओ व वन संरक्षक को दिशा निर्देश जारी किए हैं। - अस्थायी कर्मचारियों को कोविड-19 बचाव किट का वितरण, जिसमें एन 95 मास्क, सेनेटाइजर व हैण्डवास विटामिन्स व दवाऐं आदि सम्मिलित हों। - चिन्हित स्थानों पर जहां अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, उपकरण उपलब्ध कराना जैसे ऑक्सीमीटर कन्टेक्टलेस थर्मामीटर, इन्हेलर व पीपीई किट आदि। - दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को यथा सम्भव समय पर पारिश्रमिक का भुगतान कराना सुनिश्चित करना। - कोविड–19 से उत्पन्न परिस्थितियों में मानवीय दृष्टिकोण अपनायें तथा पूर्व में कार्य पर लगे हुये दैनिक वेतन भोगी कार्मिकों को उनके कार्य पर बने रहने दिया जाये व अकारण न हटाया जाये। - पीसीसीएफ ने हर वन प्रभाग में इन कार्यों हेतु अधिकतम दो से तीन लाख व्यय की अनुमति दी है। इन कार्यों हेतु पूर्व में निर्गत निर्देशों के अनुसार कार्यालय व्यय मद का उपयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य अधिष्ठान की मानक मद, मशीन उपकरण, सज्जा एवं संयंत्र मानक मद , अन्य मद से औषधि तथा रसायन मदों में आवंटित धनराशि का उपयोग किया जा सकता है। - किसी वन प्रभाग में बजट में धनराशि की कमी होने पर अतिरिक्त धनराशि की मांग इस कार्यालय को प्रेषित की जाये। पीसीसीएफ ने इसके लिए डीएफओ को अधिकृत किया है। Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें Edited By: Prashant Mishra |