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हाल ही में एक विख्यात कृषि अर्थशास्त्री ने सुझाव दिया है कि
पशु कृषि/पशुपालन का उपयोग फसल विविधीकरण को बेहतर अवसर प्रदान करते है। परिचय:
प्रकार: लाभ:
चुनौतियाँ:
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आगे की राह:
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस× फसलों के नाम क्या है?भारतीय फसलें तथा उनका वर्गीकरण. रबी फसलें : गेहूँ, जौं, चना, सरसों, मटर, बरसीम, रिजका - हरे चारे की खेती, मसूर, आलू, राई,तम्बाकू, लाही, जई, सूरजमुखी आदि. जायद फसलें : कद्दू, खरबूजा, तरबूज, लौकी, तोरई, मूँग, खीरा, मिर्च, टमाटर, आदि. फसल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?बोआई के आधार पर फसलों को तीन वर्गों में बांटा गया है खरीफ-रबी-जायद, जो क्रमश: बारिश-सर्दी-गर्मी में बोई जाती हैं। खरीफ की फसलों को पानी की अधिक आवश्यकता होती है, जैसे धान, ज्वार, बाजरा। ये फसलें वर्षा ऋतु यानी जुलाई-अगस्त में बोई जाती हैं और जाड़े के प्रारंभ में यानी नवंबर में काट ली जाती हैं।
फसलों को कितने भागों में बांटा गया है?Solution : फसलों को सामान्यतया दो वर्गों में बाँटा गया है <br> (1) खरीफ फसल-यह फसल वर्षा ऋतु में बोयी जाती है, जो सामान्यतया जून से सितम्बर तक की अवधि होती है। इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, कपास आदि की फसलें आती हैं। <br> (2) रबी फसल-यह फसल शीत ऋतु में तैयार होती है।
भारत की मुख्य फसल कौन सी है?धान (चावल)
यह अधिकांश भारतीय लोगों की मुख्य खाद्य फसल है. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धान (चावल) उत्पादक देश है. असम, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में एक साल में धान की तीन फसलें उगाई जाती हैं. ये हैं ऑस, अमन और बोरो.
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