वैदिक ज्योतिष में किसी भी ग्रह के राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। धनु राशि में धन-संपदा व वैभव के कारक शुक्र और शौर्य व पराक्रम के कारक मंगल की युति बन रही है। मंगल और शुक्र की युति... Show
Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 26 Jan 2022 09:37 AM हमें फॉलो करें इस खबर को सुनें 0:00 / ऐप पर पढ़ें वैदिक ज्योतिष में किसी भी ग्रह के राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। धनु राशि में धन-संपदा व वैभव के कारक शुक्र और शौर्य व पराक्रम के कारक मंगल की युति बन रही है। मंगल और शुक्र की युति का असर सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। हालांकि नीचे बताई गई 3 राशियों को इस युति का विशेष लाभ मिलेगा- मिथुन- आपकी सप्तम यानी वैवाहिक जीवन भाव में मंगल और शुक्र की युति बन रही है। इस दौरान आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहेदा। जीवनसाथी के साथ रिश्ते मधुर होंगे। पार्टनरशिप के कामों में सफलता मिल सकती है। अगर आप नया व्यापार या काम शुरू करना चाहते हैं तो, इसके लिए यह समय उत्तम है। पारिवारिक दृष्टि से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। आने वाले 5 दिन इन राशि वालों के साबित हो सकते हैं लकी, क्या लिस्ट में शामिल है आपकी राशि? वृश्चिक- मंगल और शुक्र की युति आपकी जन्मकुंडली के द्वितीय यानी धन भाव में हो रही है। इस युति के प्रभाव से आपको धन लाभ के योग बनेंगे। इस दौरान आपको शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी व व्यापार में सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। लंबे समय से अटका धन वापस मिल सकता है। वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं, इसलिए आपके लिए यह युति लाभकारी साबित होगी। कुंभ- शुक्र- मंगल की युति कुंभ राशि के जातकों की जन्मकुंडली के एकादश यानी आय भाव में हो रही है। ग्रहों की स्थिति से आपकी आय में वृद्धि होने के आसार हैं। कला, मीडिया, पुलिस और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ हो सका है। नौकरी करने वाले जातकों की पदोन्नति हो सकती है। कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। शनि व शुक्र के बीच मित्रता का भाव है। इसलिए आपको इस युति का लाभ मिलेगा। इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। धनु राशि के व्यक्ति मानवतावादी होते है. उनके स्वभाव में फुर्तीलापन देखने में आता है. इस राशि के व्यक्ति सदैव प्रसन्नचित रहने का प्रयास करते है. वे आशावादी होते है. धनु राशि के व्यक्तियों में उत्तम वक्ता के गुण होते है. इस राशि के व्यक्ति सक्रिय रहते है. वे ईमानदार ओर विनम्र होते है. धनु राशि के व्यक्तियों में आत्मत्याग का भाव स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है. ऎसा व्यक्ति मन में किसी के लिए वैंमनस्य नहीं रखता. धनु राशि का स्वामी कौन है. | Who is the Lord of the Sagittarius signधनु राशि का स्वामी गुरु है, गुरु को वृ्हस्पति के नाम से जाना जाता है. गुरु ग्रह सभी ग्रहों में गुरु का स्थान रखते है. इसके अतिरिक्त सभी नौ ग्रहों में गुरु को सबसे अधिक शुभ ग्रह माना जाता है. कुण्डली के जिन भावों पर गुरु की दृष्टि पडती है. वे सभी भाव भी शुभ हो जाते है. धनु राशि का चिन्ह कौन सा है.| Who is the Lord of the Sagittarius signधनु राशि का चिन्ह धनुधारी है. सामान्य जीवन में इस राशि के व्यक्ति अपने जीवन लक्ष्य के प्रति सतर्क रहने वाले होते है. अपने लक्ष्य से उनकी निगाह हटती नहीं है. तथा धनु राशि के व्यक्तियों को खेल-कूद में स्वभाविक रुचि होती है. धनु राशि के लिए कौन से ग्रह शुभ फल देने वाले ग्रह होते है. | Who is the Lord of the Sagittarius signधनु राशि के लिए सूर्य, मंगल ग्रह शुभ फल देते है. सूर्य, मंगल व चन्द्र तीनों ग्रह धनु राशि के स्वामी सूर्य के मित्र है. और मित्र ग्रह होने के कारण वे इस राशि के लिए शुभफल देने वाले ग्रह होते है. धनु (♐︎) (ग्रीक: Toxótēs, लैटिन: धनु) नौवां ज्योतिषीय संकेत है, जो नक्षत्र धनु से जुड़ा है और राशि चक्र के 240-270 डिग्री तक फैला हुआ है। उष्णकटिबंधीय राशि चक्र के तहत, सूर्य लगभग 22 नवंबर और 21 दिसंबर के बीच और 18 दिसंबर से 15 जनवरी तक नाक्षत्र राशि के तहत इस राशि को स्थानांतरित करता है। ग्रीक पौराणिक कथाओं ने धनु को सेंटोर चिरोन के साथ जोड़ा, जिन्होंने तीरंदाजी में ट्रोजन युद्ध के एक ग्रीक नायक अकिलीज़ का उल्लेख किया। धनु, आधा मानव और आधा घोड़ा, पौराणिक कथाओं का केंद्र है, एक विद्वान मरहम लगाने वाला जिसकी उच्च बुद्धि पृथ्वी और स्वर्ग के बीच एक सेतु बनाती है। धनु को धनुर्धर के रूप में भी जाना जाता है, जिसे धनुष और तीर के प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है। एक मध्ययुगीन धनु चर्च ऑफ नॉट्रे-डेम, सब्लिएरेस, फ्रांस में पाया गया मेष और सिंह के साथ, धनु अग्नि त्रिकोण का एक हिस्सा है और साथ ही प्रजनन त्रिमूर्ति का अंतिम भी है। यह मिथुन और कन्या को भी तीसरे परिवर्तनशील संकेतों के रूप में अनुसरण करता है, जो ऐसे संकेत हैं जो परिवर्तनशील गुणवत्ता की विशेषता रखते हैं। जब धनु को एक धनुर्धर के रूप में चित्रित किया जाता है, तो उसे मानव के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, लेकिन जब एक सेंटौर के रूप में प्रतिनिधित्व किया जाता है, तो वह अमानवीय (पशुधन) होता है। हालांकि, ज्योतिषीय चिन्ह का मानव या पशु के रूप में वर्गीकरण व्याख्या के लिए व्यावहारिक परिणाम नहीं देता है। एक धनुर्धर के रूप में, धनु को निशान मारने में कभी असफल नहीं होने के लिए कहा जाता है और यह चित्रण भविष्यवाणी की शक्ति को दर्शाता है, इसलिए, यह दावा है कि इस चिन्ह में द्रष्टा और भविष्यद्वक्ता पैदा हुए हैं। यह ईरानी शहर, इस्फ़हान का हथियारों का कोट है।[5] युवाओं के पथ प्रदर्शक स्वामी विवेकान्द धनु लग्न के जातक थे, तो आपके दिमाग में धनु लग्न अथवा धनु राशि से प्रभावित जातकों की छवि तुरंत बन जाएगी। धनु राशि का स्वामी गुरु है। इन जातकों की खासियत यह होती है कि ये विपरीत परिस्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। ये जातक बहुत अधिक सोचते हैं। इस कारण निर्णय करने में देरी भी करते हैं, लेकिन एक बार जिस निर्णय पर पहुंच जाए उससे डिगते नहीं हैं। सत्य के साथ रहते हैं और किसी के साथ अन्याय हो रहा हो तो उसके साथ जा खड़े होते हैं। अच्छे चेहरे मोहरे, सुगठित शरीर, लम्बा चौड़ा ललाट, ऊंची और घनी भौंहों वाले आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर ही समझा जा सकता है कि यह धनु लग्न या धनु राशि प्रधान व्यक्ति है। ये निडर, साहसी, महत्वाकांक्षी, अति लोभी और आक्रामक होते हैं। इन लोगों को जिंदगी में अनायास लाभ नहीं होता है। ये तेजी से मित्र बनाते हैं और लम्बे समय तक उसे निभाते भी हैं। अगर किसी व्यक्ति की धनु राशि या धनु लग्न की कन्या से विवाह हो तो उसे भाग्यशाली समझना चाहिए। क्योंकि ऐसी कन्या अपने पति को समझने वाली और सही परामर्श देने वाली होती है। शुभ रंग श्वेत, क्रीम, हरा, नारंगी और हल्का नीला बताया गया है। शुभ अंक छह, पांच, तीन और आठ हैं।
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