उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत में कई तरह की संस्कृतियां पाई जाती हैं. विभिन्न संस्कृतियों की तरह की भारत में कई तरह की ऋतुएं हैं. खास प्रकार की ऋतु एक साल को कई खंडों में बांटती है. अमूमन ऋतु को 6 भागों में बांटा गया है. वर्षा, ग्रीष्म, शरद, हेमंत, शिशिर, वसंत. हर ऋतु एक अलग ही आनंद और उत्साह लोगों में देखने को मिलता है. आइए आज जानते हैं ऋतुओं के बारे में... Show वसंत ऋतु वसंत ऋतु को अंग्रेजी में स्प्रिंग(spring) कहा जाता है. वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है. इस मौसम में न तो ज्यादा गर्मी पड़ती है और न ही ज्यादा ठंड होती है. पतझड़ के बाद आने वाले वसंत के मौसम में फूलों की नई कलियां खिलती हैं. इस मौसम में मन में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. वसंत ऋतु मार्च-अप्रैल में होता है. ग्रीष्म जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ग्रीष्म यानि की गर्मी का मौसम. इस ऋतु को अंग्रेजी में Summer कहा जाता है. इस मौसम में सूर्य देव धरती पर जमकर अपनी कृपा बरसाते हैं. इसमें दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं. यह ऋतु मई और जून में रहता
है. वर्षा वर्षा को मॉनसून कहा जाता है. भारत के कई हिस्सों में मॉनसून में खूब बारिश होती है. इस मौसम में जितने मेहरबान बादल धरती पर होते हैं. ठीक उसी तरह इस मौसम में कई सारे त्याहोर आते हैं. भाई बहन का त्योहार रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी जैसे कई त्योहार वर्षा ऋतु में मनाए जाते हैं. शरद ऋतु शरद ऋतु में मौसम की गर्मी थोड़ी सी कम हो जाती है. इसे अंग्रेजी में ऑटम कहा जाता है. शारदीय नवरात्र, विजयदशमी जैसे त्योहार शरद ऋतु में ही मनाए जाते हैं. हिंदू माह के अनुसार शरद ऋतु में अश्विन और कार्तिक मास आता है. हेमंत हमेंत ऋतु को अंग्रेजी में विंटर कहा जाता है. नाम से ही स्पष्ट है विंटर यानि की सर्दियां. इस मौसम में रातें बड़ी होती हैं और दिन छोटे होते हैं. इस ऋतु में दीवाली, छठ पूजा, भाई दूज जैसे त्योहार मनाए जाते हैं. शिशिर सर्दियों के बाद कड़क ठंड में पड़ने वाली ऋतु को शिशिर ऋतु कहा जाात है. हिंदू माह के अनुसार, माघ और फाल्गुन का महीना शिशिर ऋतु में ही होता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| FIRST PUBLISHED : March 19, 2020, 14:21 IST पारितंत्र के अनुसार छह ऋतुएँ खगोलीय मौसम के प्रत्येक परिवर्तन पर पृथ्वी का प्रदीपन Fig. 1 ऋतु एक वर्ष से छोटा कालखंड है जिसमें मौसम की दशाएँ एक खास प्रकार की होती हैं। यह कालखण्ड एक वर्ष को कई भागों में विभाजित करता है जिनके दौरान पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के परिणामस्वरूप दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि मौसमी दशाएँ एक चक्रीय रूप में बदलती हैं। मौसम की दशाओं में वर्ष के दौरान इस चक्रीय बदलाव का प्रभाव पारितंत्र पर पड़ता है और इस प्रकार पारितंत्रीय ऋतुएँ निर्मित होती हैं यथा पश्चिम बंगाल में जुलाई से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है, यानि पश्चिम बंगाल में जुलाई से अक्टूबर तक, वर्ष के अन्य कालखंडो की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है। इसी प्रकार यदि कहा जाय कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक ग्रीष्म ऋतु होती है, तो इसका अर्थ है कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक के महीने साल के अन्य समयों की अपेक्षा गर्म रहते हैं। एक ॠतु = २ मास। ऋतु साैर और चान्द्र दाे प्रकार के हाेते हैं। धार्मिक कार्य में चान्द्र ऋतुएँ ली जाती हैं। भारत में परंपरागत रूप से मुख्यतः छः ऋतुएं परिभाषित की गयी हैं।[1] -
ऋतु परिवर्तन का कारण[संपादित करें]ऋतु परिवर्तन का कारण पृथ्वीद्वारा सूर्य के चारों ओर परिक्रमण और पृथ्वी का अक्षीय झुकाव है। पृथ्वी का डी घूर्णन अक्ष इसके परिक्रमा पथ से बनने वाले समतल पर लगभग ६६.५ अंश का कोण बनता है जिसके कारण उत्तरी या दक्षिणी गोलार्धों में से कोई एक गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है। यह झुकाव सूर्य के चारो ओर परिक्रमा के कारण वर्ष के अलग-अलग समय अलग-अलग होता है जिससे दिन-रात की अवधियों में घट-बढ़ का एक वार्षिक चक्र निर्मित होता है। यही ऋतु परिवर्तन का मूल कारण बनता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
शरद ऋतु के बाद कौन सा मौसम आता है?ऋतु को 6 भागों में बांटा गया है. वर्षा, ग्रीष्म, शरद, हेमंत, शिशिर, वसंत.
शीत ऋतु के बाद कौन सी ऋतु आती है?ग्रीष्म ऋतु, वर्ष की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है, जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः उच्च रहता है।
शरद ऋतु कब से कब तक होती है?Autumn in Hindi (शरद, पतझड़)
वर्ष की तीसरी अर्थात् ग्रीष्म तथा शीत ऋतुओं के बीच की ऋतु, जो उत्तरी गोलार्द्ध में 21 सितंबर से 21 दिसंबर तक होती है।
ऋतु कौन कौन से महीने में आती है?ऋतु
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