1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? Show लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2: इस कहानी से क्या सन्देश मिलता है? प्रश्न 3: साँप का निवास कहाँ था? वह अपने जीवन से सन्तुष्ट था या नहीं यदि था तो क्यों? प्रश्न 4: साँप
मन-ही-मन क्यों हँस रहा था? प्रश्न 5: गुफा के अंदर का दृश्य कैसा था? प्रश्न
6: बाज के मरने के बाद साँप बेचैन क्यों हो गया? प्रश्न 7: लहरों द्वारा गाया जाने वाला गीत किसके लिए था? दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2: साँप ने बाज को उड़ने के लिए
कैसे उत्साहित किया? प्रश्न 3: साँप सबसे बड़ा सुख किसे समझता था? प्रश्न 4: बाज ने साँप को अपनी जिन्दगी के बारे में कौन सी बातें बताईं? प्रश्न 5: बाज के हवा में कूदने पर क्या हुआ? अपने शब्दों में लिखिए। प्रश्न 6: लहरें अपने गीत में क्या गा रही थीं? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।
प्रश्न 7: आकाश के असीम विस्तार में उड़ान भरने के प्रति साँप की सोच किस प्रकार की थी? मूल्यपरक प्रश्न The document Important Questions: बाज़ और सांप Notes | Study Hindi Class 8 - Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Class 8. All you need of Class 8 at this link: Class 8 साँप मन ही मन क्यों हँस रहा था?प्रश्न 4: साँप मन-ही-मन क्यों हँस रहा था? उत्तर: साँप मन-ही-मन बाज को मूर्ख समझते हुए उसकी मूर्खता पर हँस रहा था। वह सोच रहा था कि आखिर उड़ने और रेंगने में कौन-सा भारी अंतर है।
बाज और सांप की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?मित्र 'बाज और साँप' पाठ मनुष्य को शिक्षा देता है कि उसको जीवन में स्वतंत्रता और संघर्ष के मूल्य को समझना चाहिए। जो मनुष्य जीवन में अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूक रहता है और संघर्ष करने से डरता नहीं है, वह आगे चलकर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।
सांप किसकी कृपा से बच गया?वो तो ईश्वर की उस पर कृपा रही कि वह मरते-मरते बच गया नहीं तो आज उस बाज़ के साथ मृत्यु को प्राप्त करता। अब तो साँप इस बात पर और भी अटल हो गया था कि उसकी गुफा से अधिक सुरक्षित जगह कहीं नहीं है और न ही गुफा से ज्यादा सुख और कहीं मिल सकता है। साँप के लिए यही बहुत था कि वह धरती पर रेंग लेता है।
साँप को अपनी गुफ़ा इतनी प्रिय क्यों थी?अपनी गुफा में बैठा हुआ साँप सब कुछ देखा करता - लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी-मेढ़ी बल खाती हुई नदी की गुस्से से भरी आवाज़ें। वह मन ही मन खुश होता था कि इस गर्जन - तर्जन के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है। कोई उसे दुख नहीं दे सकता। सबसे अलग, सबसे दूर, वह अपनी गुफा का स्वामी है।
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