सालिम अली बोध प्रश्न Show प्रश्न 1. प्रश्न 2. (ख) चाचा ने सालिम अली का परिचय किससे कराया था ? (ग) अपोलो स्ट्रीट पर किस सोसाइटी का कार्यालय था? (घ) सालिम अली ने कौन-से पक्षी को खोज निकाला? (ङ) सालिम अली को पक्षी संरक्षण के लिए कौन-सा पुरस्कार मिला था ? (च) इस
पाठ में कौन-कौन सी पुस्तकों का उल्लेख है ?
प्रश्न 3. (ख) ‘बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ में सालिम अली ने क्या-क्या सीखा? (ग) एक भारतीय बालक द्वारा किसी पक्षी के बारे में सवाल किए जाने पर मिस्टर मिलार्ड को क्यों आश्चर्य हुआ? (घ) सालिम अली का अन्य पक्षी प्रेमियों
से टकराव होने का क्या कारण था ? (ङ) सालिम अली के पास कॉलेज की डिग्री नहीं थी परन्तु वे कौन-से गुण थे, जिन्होंने उन्हें असाधारण बनाया ? प्रश्न 4. उत्तर (क) → (2), (ख) → (1), (ग) → (5), (घ) → (3), (ङ)→(4) सालिम अली भाषा-अध्ययन प्रश्न
1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
सालिम अली परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या (1) आश्चर्य की बात यह है कि सालिम अली के पास किसी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी। यद्यपि उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया था मगर बीजगणित से डरकर पढ़ाई छोड़कर भाग खड़े हुए। वह अपने भाई की बुलफ्रेम की माइनिंग में मदद करने बर्मा चले गए, लेकिन यहाँ भी वे असफल रहे। वह बर्मा के जंगलों में बुलफ्रेम के बदले पक्षियों की खोज करने लगे। शब्दार्थ-आश्चर्य = अचम्भा; डिग्री = उपाधि प्रवेश दाखिला; बुलफ्रेम की माइनिंग = बुलफ्रेम नामक कच्ची धातु का खनन; मदद – सहायता; बर्मा – म्यांमार देश; असफल = सफलता न मिलना। सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘सालिम अली’ से अवतरित है। इसके लेखक दिलीप मधुकर साल्वी हैं। प्रसंग-इस गद्यांश में ‘सालिम अली’ के प्रारम्भिक जीवन के विषय में जानकारी दी जा रही है। वे असाधारण पक्षी-प्रेमी थे। व्याख्या-लेखक स्पष्ट करते हैं कि यह बात बड़े अचम्भे की है कि सालिम अली ने विश्वविद्यालय स्तर की किसी भी संस्था से शिक्षा सम्बन्धी कोई भी उपाधि प्राप्त नहीं की। उन्होंने एक कॉलेज में पढ़ने के लिए दाखिला तो ले लिया था लेकिन बीजगणित बहुत ही कठिन विषय लगा। इससे वे भयभीत हो गये और उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। वह अपने भाई के पास बर्मा (आजकल म्यांमार) चले गये। वहाँ वे बुलफ्रम नामक कच्ची धातु के खनन में अपने भाई की सहायता करते थे, लेकिन बर्मा में उन्हें इस काम में भी रुचि नहीं लगी। वे वहाँ बर्मा के जंगलों में पक्षियों की खोज करने के काम में जुट गए। (2) वह घर पेड़ों के बीच बना हुआ था और वहाँ शान्ति थी। जब वर्षा ऋतु आई तो सालिम अली ने देखा कि घर के पास ही बया पक्षियों ने एक पेड़ पर अपनी बस्ती बनाई है। तब बया पक्षी के बारे में लोगों को कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी। इन पक्षियों का अध्ययन करने का सालिम अली के लिए यह सुनहरा अवसर था। तीन-चार महीनों तक वे रोज घण्टों बैठे बड़े धैर्य से इन पक्षियों को वहाँ कार्यरत् देखते रहते। सन् 1930 ई. में उन्होंने अपने इस अध्ययन के परिणाम को प्रकाशित किया तो उन्हें पक्षी विज्ञान (ऑरनिथोलॉजी) में खूब ख्याति मिली। शब्दार्थ-वर्षा ऋतु में = बरसात के मौसम में; बस्ती = घोंसले ज्यादा = अधिक; सुनहरा = बहुत अच्छा, महत्त्वपूर्ण; अवसर = मौका; रोज = प्रतिदिन; धैर्य = तसल्ली; कार्यरत् = काम में लगे हुए; परिणाम = नतीजे; प्रकाशित = किताब के रूप में छपवाया। ऑरनिथोलॉजी – पक्षी-विज्ञान; ख्याति = प्रसिद्धि। सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-सालिम अली ने पक्षियों के विषयों में जानकारी । प्राप्त करने में बड़ी रुचि ली। व्याख्या-सालिम अली जिस घर में रहते थे, वह घर ऐसे स्थान पर बना हुआ था जहाँ चारों ओर पेड़ ही पेड़ थे। वहाँ पूर्ण शान्ति थी। जब बरसात का मौसम आया तो सालिम अली ने देखा कि घर के आस-पास के पेड़ों में से एक पेड़ पर बया पक्षियों ने अपने रहने के लिए घोंसले बनाना शुरू कर दिया था। उस समय तक लोग बया पक्षी से सम्बन्धित अधिक जानकारी नहीं रखते थे। यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण अवसर था जबकि सालिम अली बया नामक पक्षियों के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते थे। उस समय (वर्षा ऋतु में) सालिम अली तीन से चार महीने तक प्रतिदिन कई घण्टे तक अकेले बैठे रहते थे और धैर्यपूर्वक. इन पक्षियों के काम को देखते रहते थे। उन्होंने सन् 1930 ई. में अपना अध्ययन पूरा किया और उसके जो नतीजे मिले, उन्हें उजागर कर दिया। इस तरह सालिम अली ने पक्षी-विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी प्रसिद्धि हासिल की। MP Board Class 8th Hindi Solutionsसालिम अली की पक्षियों के बारे में जानने की रूचि कैसे हुई सांवले सपनों की याद पाठ के आधार पर लिखिए?एक बार सालिम अली के बचपन में उनकी एअरगन से घायल होकर एक गौरैया गिर पड़ी। सालिम अली ने इस पक्षी की देखभाल, सुरक्षा और इसके बारे में नाना प्रकार की जानकारियाँ एकत्र करनी शुरू कर दी। इससे उनके मन में पक्षियों के प्रति रुचि उत्पन्न हुई। इस घटना और पक्षियों के बारे में बढ़ती रुचि और जिज्ञासा ने उन्हें पक्षी-प्रेमी बना दिया।
सलीम अली पक्षियों की खोज कैसे करते थे?सालिम अली प्रसिद्ध पक्षी-प्रेमी थे। वे पक्षियों की खोज में दूर-दूर तक दुर्गम स्थानों पर जाया करते थे। वे दूरबीन का प्रयोग दूर-दराज बैठे पक्षियों के सूक्ष्म निरीक्षण के लिए प्रयोग करते थे। वे पारखी दृष्टि के थे ।
सलीम अली पक्षियों को देखने के लिए किसका प्रयोग करते थे और क्यों?उत्तरः पक्षियों को देखने के लिए सालिम अली दूरबीन का उपयोग किया करते थे। सालिम अली की दूरबीन उनकी मौत के बाद ही उतरी।
सालिम अली पक्षियों के बारे में क्या कहा करते थे?उत्तर:- सालिम अनन्य प्रकृति-प्रेमी थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। लेखक के शब्दों में, “उन जैसा 'बर्ड-वाचर' शायद कोई हुआ है।” उनका स्वभाव भ्रमणशील था।
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