बढ़ते प्रदूषण और तनावभरी जिंदगी में लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है. हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि बच्चों से लेकर बड़ों सभी को सांस से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं. जरा सा कुछ करें कि सांस फूलने लगती है. कई बार खान-पान की लापरवाही से भी सांस की समस्या बढ़ जाती है. अगर आप धूम्रपान करते हैं तो आपको सांस से जुड़ी परेशानी ज्यादा हो सकती है. तम्बाकू में ऐसे तत्त्व होते हैं जो फेफड़ो में जाकर रुकावट पैदा करते हैं. इससे सांस की बीमारी होने लगती है. Show बढ़ते प्रदूषण की वजह से बच्चों को भी सांस की समस्या परेशान करने लगी है. कोरोना से संक्रमित मरीजों के फेफड़े काफी प्रभावित होते हैं. ऐसे में सांस से जुड़ी समस्या और बढ़ जाती है. सांस की बीमारी होने पर आपको अस्थमा, निनोमिया, टीबी आदि होने के कारण समस्या बढ़ जाती है. आप खान-पान से जुड़ी आदतों में बदलाव करके और कुछ चीजों से परहेज करके सांस की समस्या से राहत पा सकते हैं. जानते हैं सांस के मरीजों को कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए. 1- मूंगफली- सांस के मरीज को ज्यादा मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए. कई बार मूंगफली से भी एलर्जी होने लगती है. अस्थमा भी एलर्जी के कारण हो सकता है. तो ऐसे में मूंगफली का सेवन न के बराबर करें, बल्कि किसी भी चीज का सेवन करने से पहले ये जरूर पता करें कि वह नुकसानदायक तो नहीं है. 2- दूध- वैसे तो दूध बहुत फायदेमंद होता है लेकिन अस्थमा के पेशेंट के लिए नुकसानदेह माना जाता है. कई बार दूध पीने बाद, सांस के मरीजों को खासी, गले में तकलीफ और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है. इसलिए दूध का सेवन भी न करें तो अच्छा है. News Reels 3- नमक- हमेशा कहा जाता हैं न कि ज्यादा मात्रा में कोई भी चीज सेहत के लिए खराब ही साबित होती है. ठीक उसी तरह से ज्यादा नमक भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है. नमक के सेवन से गले में सूजन आती है, जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत आती है. 4- अल्कोहल- शराब और बियर दोनों में ही सल्फाइट मौजूद होता है जो सांस लेने में दिक्कत करता है. इसलिए अस्थमा पेशेंट को शराब और बियर दोनों का ही सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए. 5- अंडे- अंडे में कुछ ऐसे तत्त्व मौजूद होते है जिसके कारण फेफड़ो में तकलीफ होने लगती है. इसलिए सांस के मरीजों को अंडे खाना बिल्कुल मना होता है. 6- सोया- सोया भी कई बार एलर्जी का कारण बनता है. अस्थमा पेशेंट के लिए किसी भी चीज से एलर्जी ही सबसे ज़्यादा नुकसानदायक साबित होती है. आपको सोच समझ ही सोया का सेवन करना चाहिए. 7- मछली- जो लोग नॉनवेज नहीं खाते उनके लिए तो सही है, लेकिन नॉनवेज खाने वालों को फिश यानि मछली का सेवन एकदम बंद कर देना चाहिए. अस्थमा के मरीज को मछली से परहेज करने की सलाह दी जाती है. 8- सुपारी- सुपारी का सेवन फेफड़ो की मरीज के लिए नुकसानदायक बताया गया है. अस्थमा पेशेंट को सुपारी का सेवन नियमित तौर पर नहीं करना चाहिए. Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ये भी पढ़ें: वजन कम करने के लिए डाइट में शामिल करें स्प्राउट्स, सेहत को मिलेंगे कई फायदे Check out below Health Tools- Calculate The Age Through Age Calculator नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साल 2016 की रिपोर्ट की मानें दुनियाभर में करीब 34 करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं. अस्थमा या दमा एक Chronic (लंबे समय तक बनी रहने वाली) बीमारी है जिसमें मरीज के वायुमार्ग (airways) में सूजन आ जाती है और वह संकुचित हो जाता है जिस कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, सांस फूलने लगती है और सांस लेने पर घरघराहट (Wheezing) की आवाज भी आती है. जो लोग अस्थमा के मरीज हैं उनके मन में अक्सर यह सवाल आता है कि उन्हें अपनी डाइट में किस तरह का बदलाव करना चाहिए ताकि उनकी बीमारी और न बिगड़े. ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में अस्थमा के मरीजों के लिए सही डाइट प्लान (Diet Plan) क्या होना चाहिए और उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में बता रहे हैं. वैसे तो अस्थमा (Asthma) की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए कोई स्पेशल डाइट प्लान नहीं है लेकिन रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो फेफड़ों की कार्य प्रणाली के साथ ही शरीर के इम्यून सिस्टम (Immune System) को भी बेहतर बनाते हैं जिससे अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. तो वहीं, कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं जिनका सेवन करने से बीमारी के लक्षण और बिगड़ सकते हैं. लिहाजा दमा या अस्थमा के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यहां जानें. अस्थमा के मरीज क्या खाएं1. विटामिन डी से भरपूर चीजें- अस्थमा को लेकर अब तक जितनी भी रिसर्च हुई है उसमें यह बात साबित हो चुकी है कि अगर शरीर में विटामिन डी (Vitamin D) की कमी हो तो वयस्कों और बच्चों में अस्थमा का जोखिम बढ़ जाता है. इतना ही नहीं विटामिन डी लंग फंक्शन को सपोर्ट करने के साथ ही सांस से जुड़े इंफेक्शन जैसे- सर्दी-जुकाम (Common Cold) को भी दूर रखता है. रोजाना विटामिन डी का सप्लिमेंट लेने से गंभीर अस्थमा अटैक (Asthma Attack) का खतरा भी कम हो जाता है. लिहाजा विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे- दही, ऑरेंज जूस, सैल्मन और ट्यूना जैसी मछलियां, मशरूम, अंडे का पीला वाला भाग, चीज और विटामिन डी से फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स आदि का सेवन जरूर करें. 2. ताजे फल और सब्जियां- फल और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ और संतुलित आहार (Balanced Diet) अस्थमा के खतरे को कम करने में मदद करता है. कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि अगर ताजे फल और सब्जियों का सेवन अधिक किया जाए तो बच्चों के साथ ही वयस्कों में भी अस्थमा की बीमारी विकसित होने का खतरा कम हो जाता है. साथ ही जिन लोगों को अस्थमा की बीमारी है वो भी अगर फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें तो उनमें बीमारी के लक्षण जैसे- घरघराहट में भी कमी देखने को मिलती है. सेब, केला, ऐवोकाडो ये कुछ ऐसे फल हैं जिनका सेवन अस्थमा के मरीजों को जरूर करना चाहिए. तो वहीं गाजर, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली और शकरकंद- ये कुछ सब्जियां हैं जिन्हें आपको अपनी डाइट का हिस्सा जरूरी बनाना चाहिए. (और पढ़ें- प्रदूषण या ऐलर्जी ही नहीं इस कारण भी हो सकता है अस्थमा) 3. मैग्नीशियम फूड्स का करें सेवन- एक स्टडी में बताया गया है कि 11 से 18 साल के बीच के वे किशोर बच्चे जिनके शरीर में मैग्नीशियम (Magnesium) का लेवल कम था उनमें फेफड़ों से जुड़ी बीमारी अस्थमा होने का खतरा अधिक था. लिहाजा इस समस्या से बचने के लिए मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स को भी डाइट में शामिल करना जरूरी है. आप चाहें तो पालक, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट, सैल्मन मछली आदि का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है. 4. साबुत अनाज खाएं- साबुत अनाज जैसे- ओट्स, कुट्टू का आटा, दलिया, साबुत गेंहू से बना पास्ता आदि अस्थमा के लक्षणों को कम करने में अहम रोल निभाते हैं. साल 2017 में हुई एक स्टडी में बताया गया है कि अस्थमा के जो मरीज स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करते हैं जिसमें साबुत अनाज (Whole Grain) की भी अच्छी मात्रा शामिल है उनमें अस्थमा के लक्षण कम दिखते हैं और वे बेहतर तरीके से अपनी बीमारी को कंट्रोल कर पाते हैं. (और पढ़ें- किन वजहों से फैलती है अस्थमा की बीमारी, जानें) अस्थमा के मरीज क्या न खाएंअमेरिकन
लंग एसोसिएशन (ALA) ने कुछ ऐसे फूड्स और ड्रिंक्स की पहचान की है जिनका सेवन अस्थमा के मरीजों को बिलकुल नहीं करना चाहिए वरना उनकी बीमारी के लक्षण और ज्यादा बिगड़ सकते हैं- 2. गैस वाली चीजें- अगर अस्थमा के मरीज एक बार में बहुत अधिक भोजन कर लें या फिर ऐसी चीजें खाएं जिससे पेट में गैस (Stomach Gas) बनती हो तो इससे डायफ्राम पर दबाव बढ़ता है जिससे छाती में जकड़न महसूस होती है और अस्थमा अटैक ट्रिगर होता है. लिहाजा अस्थमा के मरीजों को बीन्स, पत्ता गोभी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, प्याज, लहसुन और बहुत ज्यादा तली भुनी चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. (और पढ़ें- पेट में गैस की समस्या के घरेलू नुस्खे) 3. फास्ट फूड से करें परहेज- साल 2013 में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि जिन बच्चों और टीनएजर्स ने हफ्ते में 3 बार से अधिक फास्ट फूड (Fast Food) का सेवन किया उनमें अस्थमा के गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा अधिक था. सेहत से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. सांस फूलने में क्या नहीं खाना चाहिए?जरा सा कुछ करें कि सांस फूलने लगती है.. मूंगफली- सांस के मरीज को ज्यादा मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए. ... . दूध- वैसे तो दूध बहुत फायदेमंद होता है लेकिन अस्थमा के पेशेंट के लिए नुकसानदेह माना जाता है. ... . नमक- हमेशा कहा जाता हैं न कि ज्यादा मात्रा में कोई भी चीज सेहत के लिए खराब ही साबित होती है.. सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या खाना चाहिए?अगर श्वास तंत्र में किसी तरह की सूजन या हल्के दर्द के चलते सांस लेने में परेशानी आती है तो अदरक (Ginger) बेहद फायदेमंद साबित होता है. आप अदरक को गर्म पानी में डालकर उसकी चाय बनाकर पी सकते हैं. इससे आपको राहत महसूस होगी.
सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?सांस फूलता है तो डाइट में ऑयली, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की चीजों का सेवन कम करें। ताज़े फ़ल, सब्जियां और अंकुरित अनाज का इस्तेमाल करें। तुलसी सांस के रोग में भी फायदेमंद है तुलसी के पत्तों का रस शहद में डालकर पीने से आराम मिलता है। अदरक चबाने या गर्म पानी में डालकर पीने से श्वांस नलिका में संक्रमण खत्म हो जाता है।
सांस लेने में तकलीफ के लिए सबसे अच्छा खाना कौन सा है?विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ जैसे जैतून का तेल, मूंगफली, सेब, वनस्पति तेल का सेवन करें। यह अस्थमा के उपचार में मददगार है। विटामिन बी से भरपूर मेवों, अंकुरित अनाज और फलियों का सेवन छाती की जकड़न, खांसी, सांस लेने में तकलीफ की समस्या को दूर करता है।
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