हां, सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की वेबसाइट http://ildc.in साइट से सार्वत्रिक हिन्दी फॉन्ट कोड एवं भंडारण कोड परिवर्तक फोंट कनवर्टर के माध्यम से नॉन यूनिकोड फोंट की सामग्री को यूनिकोड में बदला जा सकता है । यह सॉफ्टवेयर निशुल्क है । Show ftp पर रखे गए हैं जहां से डाउनलोड कर अपने कंप्यूटर में डाल लेवें यह क्रमशः कंप्यूटर पर यूनीकोड का प्रयोग समर्थित करने, कंप्यूटर में यूनीकोड फोंट (सभी भाषाएं) व कृतिदेव में बनी फाइलों को यूनिकोड में बदलने के काम आते हैं। राजभाषा विभाग भारत सरकार के गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक विभाग है। राजभाषा के बारे में संवैधानिक और विधिक प्रावधानों के अनुपालन तथा संघ के कार्यालयीन प्रयोजनों के लिए हिन्दी के प्रयोग को बढावा देने के लिए जून १९७५ में, गृह मंत्रालय के एक स्वतन्त्र विभाग के रूप में राजभाषा विभाग की स्थापना की गयी थी। तभी से यह विभाग संघ के कार्यालयीन प्रयोजनों हेतु हिन्दी के प्रगामी प्रयोग के लिए प्रयासरत है। भारत सरकार (कार्य व्यवहार आबण्टन) नियम १९६१ के अनुरूप इस विभाग को निम्नलिखित कार्यों का दायित्व सौंपा गया है-
भारत के संविधान का अनुच्छेद 343 (1) निर्दिष्ट करता है कि केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा हिंदी होगी और उसी की लिपि देवनागरी होगी। इसका अंतिम उद्देश्य यह है कि केंद्र सरकार का पूरा काम हिंदी में होगा। संवैधानिक प्रावधानों के अनुपालन में, केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को, जो हिंदी का ज्ञान नहीं रखते हैं, को हिंदी सिखाने का कार्य जुलाई, 1952 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। तत्पश्चात, 12 जून, 1955 को राष्ट्रपति के पत्र (जो गृहमंत्री को संबोधित किया गया था) में दिए गए सुझावों पर अमल करते हुए यह तय किया गया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हिंदी सिखाने का कार्य गृह मंत्रालय के जिम्मे सौंपा जाए। तदनुसार, 1955 से हिंदी शिक्षण योजना के तहत हिंदी कक्षाएं गृह मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यालयीन समय के दौरान चलाई जा रही हैं। प्रारंभ में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हिंदी सीखना वैकल्पिक था। इसके बाद, अप्रैल, 1960 में राष्ट्रपति के आदेशों के अनुसार, केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों (तृतीय श्रेणी से नीचे के कर्मचारियों को छोड़कर, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों और काम करने वाले कर्मचारियों के लिए) में सेवाकालीन प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया। इसके साथ ही, निम्न श्रेणी लिपिक / टंकक और आशुलिपिकों के लिए हिंदी टंकण और हिंदी आशुलिपि में प्रशिक्षण भी अनिवार्य किया गया था। 1974 के बाद से, केंद्र सरकार और उसके संलग्न और अधीनस्थ कार्यालयों के मंत्रालयों के कर्मचारियों के अलावा केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित और स्वामित्व निगमों, निकायों, कंपनियों, उपक्रमों, बैंकों आदि के कर्मचारियों के लिए भी हिंदी, हिंदी टंकण और हिंदी आशुलिपि में प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिए गए हैं। फरवरी 1993 से, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के उन कर्मचारियों के लिए सेवा प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है, जिन्हें डेस्क जॉब करना आवश्यक है। राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी में कंप्यूटर के विभिन्न प्रशिक्षण सत्र चलाए जा रहे हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटरों पर हिंदी का कार्य बढ़ाया जाना है। केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कम्प्युटर पर काम स्व-सीखने हेतु 'हिंदी शब्द संसाधन' पुस्तक तैयार की गई है। यह पुस्तक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। सी डैक ने राजभाषा विभाग की वैबसाइट पर भाषा प्रशिक्षण पर आधारित लीला सॉफ्टवेयर को अंग्रेजी के अलावा 14 अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध करा दिया है। हिंदी भाषा के 16 प्रशिक्षण केंद्रों पर कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है। केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो[संपादित करें]राजभाषा हिंदी के प्रगामी प्रयोग में अनुवाद की महत्वपूर्ण और अपरिहार्य आवश्यकता है। वर्ष 1960 में शिक्षा मंत्रालय के अधीन केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना करके असांविधिक (non-statutory) साहित्य के हिन्दी अनुवाद का कार्य आरम्भ किया गया। लेकिन राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन का दायित्व गृह मंत्रालय के अधीन होने के कारण केंद्र सरकार के असांविधिक प्रक्रिया साहित्य के अनुवाद का दायित्व भी गृह मंत्रालय को सौंपा गया। तदनुसार 1 मार्च, 1971 को गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की स्थापना की गई और केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों, उपक्रमों आदि के असांविधिक प्रक्रिया साहित्य का अनुवाद कार्य केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो को सौंपा गया। वर्तमान में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो, राजभाषा विभाग के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा है। अनुवाद प्रशिक्षणअनुवाद में सरलता, सहजता और शब्दावली की एकरूपता सुनिश्चित करने तथा अनुवाद-कौशल विकसित करने के लिए वर्ष 1973 से अनुवाद प्रशिक्षण का कार्य ब्यूरो को सौंपा गया। इस प्रकार ब्यूरो अनुवाद प्रशिक्षण देने का कार्य भी करता है। केंद्र सरकार के स्तर पर असांविधिक प्रक्रिया साहित्य के अनुवाद और अनुवाद कौशल-विकास के प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो भारत सरकार की एकमात्र मानक संस्था है। राजस्थान में राजभाषा विभाग की स्थापना कब हुई?राजभाषा संबंधी सांविधायनक और कानूनी व्यिस्थाओं का अनुपायन करने एिं संघ के सरकारी कामकाज में ह ंदी के प्रयोग को बढािा देने के शयए गृ मंत्रायय के एक स्ितंत्र विभाग के रूप में जून, 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना की गई थी।
राजभाषा को कब पारित किया गया?संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकारा गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के सम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये 14 सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राजभाषा की परिभाषा क्या है?किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाषा कहते हैं। यह भाषा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है।
भारत सरकार की राजभाषा कौन सी है?संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है {संविधान का अनुच्छेद 343 (1)} । परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है (राजभाषा अधिनियम की धारा 3) ।
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