Pad Kise Kahate Hain: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां पर हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण भाग पद के बारे में विस्तार से जानने वाले है। मुख्य परीक्षाओं मे पद के विषय मे बहुत बार पूछा जाता है। Show यहां पर हम पद को निम्न स्टेप्स में जानेंगे:
पद किसे कहते हैं?पद की परिभाषा (Pad Ki Paribhasha): पद हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है अर्थात शब्द का ही दूसरा अंग पद होता है या हम यह भी कह सकते हैं जब कोई सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, उसे पद कहते हैं। उदाहरण
प्रस्तुत पंक्ति में राज शब्द है और एक वाक्य में परिणत होता है, यह वाक्य अब पद बन जाता है। क्योंकि यह वाक्य के नियम का पालन करता है। पद के प्रकारहिंदी व्याकरण में पद को पांच भागों में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
संज्ञासंज्ञा की परिभाषा की बात करे तो किसी भी व्यक्ति, नाम, जाति, जगह, गुण, द्रव्य, धर्म आदि को संज्ञा कहा गया है। संज्ञा के पांच प्रकार होते हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञा: जो संज्ञा किसी विशेष वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के नाम का बोध कराए, उसे हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जातिवाचक संज्ञा: किसी शब्द से किसी प्राणी, वस्तु की समस्त जाति का बोध हो, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है। भाववाचक संज्ञा: जो संज्ञा शब्द में किसी गुण, दोष, भाव या पदार्थ की अवस्था आदि चीजों का बोध कराए, भाववाचक संज्ञा कहलाती है। समुदायवाचक संज्ञा: जब किसी संज्ञा के शब्द से व्यक्तिओं, वस्तुओं आदि की समूह का बोध हो, उसे समुदायवाचक संज्ञा कहा जाता है। द्रव्यवाचक संज्ञा: वह संज्ञा जो पदार्थ की वस्तु जैसे द्रव्य, धातु आदि का बोध कराए, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। सर्वनामजिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति आदि के नाम हो या संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाए, उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे हम किसी व्यक्ति का नाम न लेकर उसे आप, तुम आदि कहकर संबोधित करते हैं। सर्वनाम को 6 भागों में बाटा गया है, जो निम्न है:
विशेषणजिन शब्दों द्वारा संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता अर्थात उनके गुण, दोष आदि का बोध हो, उसे विशेषण कहते हैं। उदाहरण
प्रस्तुत वाक्य में अच्छा उस व्यक्ति की विशेषता है। विशेषण को पांच भागो में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
क्रियाशब्दो के माध्यम से किसी कार्य को करना या उसका बोध कराना ही क्रिया कहलाता है। उदाहरण
इस वाक्य में गा रही क्रिया है। क्रिया दो प्रकार की होती है, जो निम्न है: ● अकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया: अकर्मक क्रिया वे क्रिया होती हैं, जिनमें क्रिया का फल कर्ता में पड़ता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। सकर्मक क्रिया: सकर्मक क्रिया वो क्रिया होती है, जिन वाक्य में क्रिया के साथ-साथ कर्म का होना भी बहुत जरूरी होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। अव्ययअव्यय की परिभाषा के अनुसार शब्दों के रूप में लिंग वचन, कारक आदि के कारण उसमें कोई विकार उत्पन्न नहीं होता, उसे अव्यय कहते हैं। जैसे: आना-जाना, इधर-उधर, धीरे-धीरे अव्यय के पांच प्रकार होते हैं।
हमने क्या सीखा? हमने यहां पर पद किसे कहते हैं (Pad Kise Kahate Hain), पद की परिभाषा, पद के प्रकार आदि के बारे में विस्तार से पढ़ा है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह अच्छे से समझ आ गये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। यह भी पढ़े
'कानून के शासन' का मतलब है कि सभी कानून देश के सभी नागरिको पर सामान रूप से लोगू होते हैl कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं है चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या धन्नासेठ हो और यहाँ तक कि राष्ट्रीपति ही क्यों न होl किसे भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सज़ा होती हैl सज़ा तक पहुँचने की भी एक तय प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति का अपराध साबित किया जाता हैl कानून के उलंघन का उदाहरण- (I)एक दिन हमारे पड़ोसी बिना हलमेंट के दो पहिये का वाहन सड़क पर चला रहे थे जो कानून का उल्लंघन हैl (2)यदि किसी अधिकारी को कोई रिश्वत देता है तो यह एक अपराध है यह कानून का पूर्ण उल्लंघन हैl 2653 Views घरेलु हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला सगंठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिएl एक महिला संगठन के दफ्तर में कुछ औरतों ने शिकायत की कि उन्हें उनके पति द्वारा मारा-पीटा जाता हैl जब घरेलू हिंसा के पीड़ितों द्वारा शिकायतें बढ़ी तब
एक नए कानून की आवश्यकता महसूस हुई कि गईl विभिन्न मंचों ने घरेलू हिंसा का मुद्दा उठाया।1999 में वकीलों, कानून, विद्यार्थियों और समाज वैज्ञानिकों के संगठन 'लॉयर्स कलेक्टिव' ने राष्ट्रव्यापी चर्चा के बाद घरेलू हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार कियाl इस विधयक को बहुत सारे लोगो को पढ़ाया गयाl 2002 में संसद में विधेयक पेश किया गयाl विधेयक का विरोध महिलाओं के समूह द्वारा किया गया था।एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया जिसमें ऑन-लाइन याचिका 587 Views
अपने शब्दों में लिखिए कि इस अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य(पृष्ठ 44 -45) से आप क्या समझते है: अपनी बातों को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष सुरु कर दियाl यह समानता का संघर्ष था उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिसका पालन करना उनकी मजबूरी हो वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित होंl अंग्रेजो ने भारत पर काफी लम्बे समय तक राज किया उनका शासन पूरी तरह से मनमानेपन पर आधारित थाl भारतीय राष्ट्रीय इससे तंग आ चुकी थीl अंग्रेजी सरकार कभी भी अपने अनुसार कानून को बदल देते थेl उनका कहना था कि वे ऐसा भारत में व्यवथा लाने के लिए करते है जबकि सच्चाई यह थी कि वे भारतीय जनता को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए ऐसा करते थेl 1870 का राजद्रोह एक्ट अंग्रेजी शासन के मनमानेपन की मिसाल थी इसके मुताबिक कोई भी यदि ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे बिना मुकदमा चलाये गिरफ्तार कर लिया जा सकता थाl महात्मन गांधी सहित सभी भारतीय रॉयल एक्ट के सख्त खिलाफ थेl भारतीय राष्ट्रीयवादियों ने अंग्रेजो के इस मनमानेपन का विरोध किया अपनी बात मनवाने के लिए संघर्ष कियाl उन्होंने समानता के लिए आवाज उठाईl वे उन कानूनों का पालन नहीं करना चाहते थे जिनमें उन्हें दबाया जाये या जिन्हे उन्हें केवल मजबूरी में स्वीकारना पड़े बल्कि वे सभी भारतीयों के लिए ऐसा कानून चाहते थे जहां सभी के लिए सामान रूप से न्याय होंl इसके लिए राष्ट्रीयवादी अंग्रेजो द्वारा बनाए गए कानूनों को तोड़ने लगे ,नियमो का उलघंन करने लगेl 359 Views इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते है कि भारत में कानून का शासन अंग्रेजो ने शुरू किया था इसके कारणों में से दो कारण बताइएl इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते है कि भारत में कानून का शासन अंग्रेजो ने शुरू किया था, क्योंकि- (1)औपनिवेशिक कानून मनमानेपन पर आधारित था।1870 में राजद्रोह एक्ट पारित किया। इस एक्ट के तहत अगर कोई भी व्यक्ति ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे मुकदमा चलाए बिना ही गिरफ्तार किया जा सकता थाl (2)ब्रिटिश भारत में कानूनी मामलों के विकास में भारतीय राष्ट्रवादियों ने एक अहम भूमिका निभाई थीl 519 Views पद से आप क्या समझते हैं?Explanation: जब कोई सार्थक शब्द वाक्य मेँ प्रयुक्त होता है तब उसे 'पद' कहते हैँ। व्याकरण के नियमोँ के अनुसार विभक्ति, वचन, लिँग, काल आदि की योग्यता रखने वाला वर्णोँ का समूह 'पद' कहलाता है। जैसे– राम विद्यालय जायेगा।
पद किसे कहते हैं पद के कितने भेद होते हैं?PAD KI PARIBHASHA!
जब दो या उससे अधिक व्यंजन मिलते हैं, तो शब्द बनाता है। किंतु जब इसी शब्द को हैं किस वाक्य में उपयोग किसी वाक्य में करते है तक इसे पद कहते हैं। अन्य शब्दों में– जब भी किसी शब्द का प्रयोग वाक्य के तहत किया जाता है, तो वह पद कहलाता हैं। एवं शब्द विभक्त रहित होते है, लेकिन पद विभक्त सहित होते है।
पद क्या है उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?जब कोई सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब उसे 'पद' कहते हैं। पर जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है, तो इसका रूप भी बदल जाता है, इसलिए वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द को 'पद'कहा जाता है। राम आम खा रहा है। इस में राम, आम, खा रहा है ये सभी पद है।
पद परिचय से आप क्या समझते हैं?जब वाक्य में कई शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं तो उन्हें पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है। जिसे हम अपना परिचय देते हैं ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने भी शब्द प्रयुक्त होते हैं उन सभी का भी परिचय होता है। पद परिचय को 'पदनिर्देशित', 'पदच्छेद', 'पदविन्यास' भी कहा जाता हैं।
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