दोस्तों, आज हम इस पोस्ट मे पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें? इस सवाल का जवाब ढूँढेंगे, बहुत आसान है पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण इन चार दिशाओं का पता करना। मुख्यरूप से सिर्फ चार दिशाएं होती है? जैसे पूरब पश्चिम उत्तर और दक्षिण। पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें? पूरब
दिशा सबसे पहले हमे देखना है सूरज किस साइड से निकलता है, तो सूरज जिस दिशा से निकलता है वह पूरब दिशा है। सूरज हमेशा पूरब दिशा से ही निकलता है, तो वह हो गई हमारी पूरब दिशा। पश्चिम दिशा सूरज जिस दिशा मे डूबता है वह पश्चिम दिशा है। यदि हम उगते हुए सूरज की तरफ अपना मु करके खड़े होते है तो हमारे पीछे की दिशा को हम पश्चिम दिशा कहेंगे। तो सूरज डूबने वाली दिशा को हम पश्चिम दिशा कहेंगे। उत्तर दिशा यदि हम उगते हुए सूरज की तरफ अपना मु करके खड़े होते है तो हमारे बाएं बाजू की तरफ की दिशा उत्तर दिशा है। तो यहापर हम बाए बाजू की दिशा को उत्तर दिशा कहेंगे। दक्षिण दिशा यदि हम उगते हुए सूरज की तरफ अपना मु करके खड़े होते है तो हमारे दाए बाजू की तरफ की दिशा दक्षिण दिशा है। तो यहापर हम दाएं बाजू की दिशा को दक्षिण दिशा कहेंगे। in short: सूरज उगने वाली दिशा पुरब दिशा है, सूरज डूबने वाली दिशा पश्चिम दिशा है। उगते हुए सूरज के सामने मु करके खड़े होने पर बाए बाजू की दिशा उत्तर दिशा है। उगते हुए सूरज के सामने मु
करके खड़े होने पर दाएं बाजू की दिशा दक्षिण दिशा है। आजतक आपको सिर्फ चार दिशाएं पता होगी, जैसे पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण पर क्या आपको पता है कुल मिलाकर दस दिशाएं होती है, तो हम आपको अधिक जानकारी के लिए नीचे दस दिशाओं के नाम दे रहे है। 1) पूर्व 2) पश्चिम 3) उत्तर 4) दक्षिण 5) दक्षिण-पूर्व 6) दक्षिण-पश्चिम 7) पश्चिमोत्तर 8) पूर्वोत्तर 9) ऊपर की दिशा 10) नीचे की दिशा। दक्षिण-पूर्व (Southeast) पूर्व और दक्षिण के बीच की जो दिशा होती है उसे दक्षिण-पूर्व दिशा कहते है। दक्षिण-पश्चिम (Southwest) दक्षिण और पश्चिम के बीच की जो दिशा होती है उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा कहते है। पश्चिमोत्तर (Northwest) पश्चिम और उत्तर के बीच की जो दिशा होती है उसे पश्चिमोत्तर दिशा कहते है। पूर्वोत्तर (Northeast) उत्तर और पूर्व के बीच की जो दिशा होती है उसे पूर्वोत्तर दिशा कहते है। अब मार्केट मे दिशा बताने वाला compass (दिशादर्शक) भी आसानी से मिलता है। आप compass की मदद से भी दिशाओं पता कर सकते है। आप अपने एंड्रॉयड मोबाईल मे भी play store से compass application डाउनलोड कर सकते है और उसकी मदद से भी दिशाओं का पता लगा सकते है। अन्य पढे: It’s Ok Meaning in Hindi इट्स ओके का मतलब क्या है? हमे आशा है की आपको ऊपर दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी, यदि आप भी ऊपर दी गई जानकारी की मदद से पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें इस सवाल का जवाब ढूंढने मे सक्षम हो गए है, तो आप भी यही तरीका अपने दोस्तों के साथ अपने परिवार के सदस्यों के साथ जरूर शेयर करे और दिशा का पता करने मे उनकी मदद करे। दिशा पता करने के बेस्ट तरीके | दिशा कैसे पता करेंदुनियाँ के किसी भी कोने में जाओ आप हर जगह पर दिशा पता कर सकते हैं। हमने यह आर्टिकल उपयोग करने के लिए बनाया है ऊम्मीद है आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल को अन्त तक जरूर पढिएगा क्योंकि हमने इसमें लगभग सभी संभव तरिके बताएँ हैं जो आपको हर परिस्थितियों में दिशा पता करने के लिए काफी हो सकता है। दिशा का पता करने से पहले हम दिशा के बारे कुछ अहम / आवश्यक जानकारी देने जा रहें हैं ताकि दिशा पता करना और आसान हो जाये |इसमे सबसे पहले जानतें हैं दिशा क्या है और इसका महत्व क्या है | दिशा ( Direction )एक ऐसा मैप या साधन जो हमें उत्तर - दक्षिण , पूरब - पश्चिम , उपर - निचे और आगे - पीछे इन सभी को प्रदर्शित करे दिशा कहलाता है | दिशा मुख्यतः चार प्रकार की हैं ( अगर उपर - निचे को छोड़दे तो ) लेकिन इनको अलग - अलग भागो मैं बाँटे तो ये दश प्रकार की हो जाती है | अगर हमें इन चारों के बीच की दिशाओं को बताना है तो चित्रानुसार बतायेंगे। जैसे हमें पश्चिम और उत्तर केे बीच की दिशा को बताना है तो हम उत्तर-पश्चिम कहेेंगे। इसी तरह से बाकि सभी दिशाओं के बारे में हम कहेेंगे। घर बनाने में दिशा का महत्वइसका हर क्षेत्र बडा़ महत्व है , दिशा का ज्योतिष में बडा़ ही महत्व है कब किस दिशा में जाना चाहिए और कब नहीं |किस दिशा में घर का दरवाजा होना चाहिए और किसी दिश में नहीं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे का मुँह दक्षिण दिशा को छोड़कर बाकी सभी दिशाओं में बनाया जा सकता है। अगर बात की जाये कि घर के मुख्य दरवाजे का मुँह किस दिशा में सबसे अधिक लाभदायक होता है तो इसका उत्तर है : उत्तर और पूर्व दिशा। यह दोनों दिशाएँ अतिउत्तम होती हैं । भूलकर भी दक्षिण दिशा में घर के मुख्य दरवाजे का मुँह नहीं बनाना चाहिए । अगर मजबूरन ऐसा करना पड़े तो एक और मुख्य दरवाजा खोलना चाहिए जिससे कि घर पे पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से निजात मिल सके। अगर संभव हो तो उत्तर और पूर्वी दिशा में मुख्य दरवाजा बनायें नहीं तो पश्चिम दिशा में ही दुसरा मुख्य दरवाजा खोलें। किस दिशा में मुख करके पढ़ना चाहिए , किस दिशा मे मुख होना चाहिए जब कोई पूजा किया जाये और किस दिशा में मुख करके सोना चाहिए | ये सब बडी़ ही महत्वपूर्ण बाते हैं जो दिशा के ना मालूम होने पर इनका लाभ आपको नही मिल पाता है | आपको बता दे कि पढ़ने के लिए सबसे अच्छी दिशा ( वास्तुशास्त्र के अनुसार ) उत्तर - पूरब है यानी कि अगर कोई छात्र या छात्रा उत्तर और पूरब के बीच की दिशा में मुख करके पढ़ता है तो उसकी पढा़ई अच्छी होती है और परिणास्वरूप रिजल्ट अच्छा आता है | अगर आपके मन में यह सवाल या जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है कि भला पढा़ई का दिशा से क्या कनेक्शन है तो आपकी जिज्ञासा का उत्पन्न होना जायज / सही है । दरअसल पूर्वोत्तर ( पूर्व और उत्तर दिशा ) दिशा मुख होने से पूर्वोत्तर से चलने वाली शीतल हवा दिलो - दिमाग को तरो ताजा करती है जिससे मुड अच्छा होने लगता है और जब दिलो - दिमाग ताजा हो तो कोई भी बात आसानी से याद करना, समझना, सोचना सरल हो जाता है। तो यही कारण था पूर्वोत्तर दिशा में मुख करके पढ़ने का। दिन में दिशा पता करनाजब दिन में बादल न हो तो दिन में दिशा पता करने के लिए ज्यादा मसक्त करने की जरूरत नहीं पढ़ सकती है, पर जब बादल हो और मौसम खराब हो तो दिशा पता करने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में हमें कुछ टेक्नीक का इस्तेमाल करना पड़ता है। वैसे दिन में हम किसी स्थानीय व्यक्ति की मदत लें तो सबसे आसान होगा और अगर ऐसा करने में आप समर्थ नहीं हैं तो आपको निचे दिए टेक्नीक या आईडिया का इस्तेमाल करना उपयोगी साबित हो सकता है। अगर दिन में हल्की सी भी धूप हो तब भी सही दिशा पता कर सकते हैं। कैसे आइए जानते हैं। इसे निम्नलिखित तरिकों से जाना जा सकता है -
रात में दिशा पता करना..आमतौर पर सभी लोग दिन में सूर्य को देखकर ( सुबह या दोपहर बाद ) सही दिशा जान लेते हैं मगर रात की बात की जाये तो बहुत से लोग रात में तो दिशा का पता नही लगा पाते हैं , दरअसल जब हम सबको कहीं नयी जगह जाना पड़ता है तो नयी जगह पर हमें दिशा का पता नहि होता है। यह भी पढ़ें ⬇️⬇️ अपनी असली जन्मतिथि कैसे पता करें ? चलिए जानते हैं । आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो आपको सूर्य और चन्द्रमा सदैव पूर्व से पश्चिम की तरप जाते हुए दिख जायेंग यानी सूर्य और चन्द्रमा पूर्व दिशा से उदित होकर पश्चीम दिशा को अस्त होते हैं| अब यह बात शायद आपके मन में उठ रही होगी कि दुनियाॉ के हर कोने में यानी हर स्थान पर दिशा चन्द्रमा के माध्यम एकसमान क्यों होता है | सभी स्थान से चन्द्रमा को देखने पर ( चन्द्रमा के उदय होते या होने के २ - ३ घन्टे बाद तक ) दिशा लगभग एकसमान हेती है |अत: हम रात मे चन्द्रमा को देखकर दिशा जान सकते हैं | नीचे दिए गये चित्र को देखने से यह पता चलता है कि आधेअधूरे चन्द्रमा को देखकर आसानी से कहीं पर दिशा पता कर सकते हैं। अब यहाँ एक सवाल उठता है कि जब चन्द्रमा ना दिखे तो कैसे दिशा का पता लगेगा | चलिए इस सवाल को भी हल कर लिया जाये | सूर्य और चन्द्रमा के बाद एक ऐसी और चीज( वस्तु ) है जो पूर्व से पश्चिम जाता है , और ये है सप्ततारे( सात तारों का एक समुह ) जो धरती से थोडा़ उत्तर की दिशा में दिखाई देते हैं |
हैं |ये अन्य तारों से कुछ ज्यादा चमकते हैं और इनकी एक और खास बात है | सात तारों में से चार तारे चारपाई / चौकोर आकार की तरह लम्बाई और चौडा़ई जैसी दशा में है और बाकि तीन तारे एक के बाद एक करके होत हैं | इसमे जो चार तारे हैं वो हमेशा पश्च्म कि दिशा में और बाकी तीन तारे पूर्व की दिशा में रहते हैं |इसलिए अब दिशा बहुत आराम से मालूम हो जायेगी | अब अगर मान लिया जाये कि यह तारे भी ना दिखाई दे तो क्या किया जाए । इसका भी जवाब है और वह है दंड चुँंबक तथा कम्पास। चलिए जानते हैं कि दंड चुँंबक तथा कम्पास कैसे दिशा को पता किया जाता है । दंड चुँंबक से दिशा पता करनादंड चुँंबक की सहायता से दिन हो या रात या फिर रात में चन्द्रमा , सप्तर्षि तारे दिखें या ना तब भी दिशा बडी़ आसानी से पता किया जा सकता है। दंड चुँंबक की विशेषता क्या यह जानना चाहिए। क्योंकि विशेषता और गुण की जानकारी से स्पष्टरूप से समझा जा सकता है। दंड चुँंबक के गुणदंड चुँंबक के गुण निम्नलिखित हैं -
दंड चुम्बक से दिशा कैसे पता करें दंड चुँंबक से दिशा पता करना बहुत आसान है। एक दंड चुँंबक लिजिए। इसको बीच में ( केन्द्र पर ) किसी पतले धागे से बाँधकर इसे किसी स्टैंड पर लटका दें । अगर स्टैंड की सुविधा न हो तो अपने हाथ की अगुँली में धागे को फंसाकर लटका दें। अब दुसरे हाथ से दंड चुँंबक की गति को थोड़ा कम करदे ताकि चुँंबक जल्द से जल्द विरामावस्था में आ जाये। हमने ऊपर पढा़ कि दंड चुँंबक सदैव ही विरामावस्था में उत्तर - दक्षिण दिशा में ठहरता है ( जब चुँंबक को किसी धागे की मदत से लटकाया जाता है ) । दंड चुँंबक से दिशा पता करने के लिए विशेष बातेंदंड चुँंबक से दिशा पता करने के निर्देश -
अब हम आधुनिक तकनीक द्वारा दिशा पता करेंगे और वह तरीका है एंड्रॉयड मोबाइल। मोबाइल फोन में आजकल ऐसे - ऐसे एप आने लगे हैं जिनकी मदद से दिशा तो क्या लगभग हर तरह की जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती है। ऐसे ही एक एप की बात हम कर रहे हैं। एक बात मैं यहाँ जरूर कहना चाहता हूँ कि इन सभी तरिकों का समय - समय पर महत्व है । ऐसा नहीं है कि जब हमारे पास मोबाइल है तो हमें सिर्फ मोबाइल वाले तरिके को ज्यादा महत्व देना चाहिए। दरअसल अगर मानलो किसी कारणवश मोबाइल चार्ज न हो या खराब हो तो क्या करेंगे इस परिस्थिति में तो कहने का मतलब यह है कि सभी तरिकों को जानना चाहिए । चलिए फिर देखते हैं। कम्पास द्वारा दिशा पता करनाकम्पास एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो दिशा पता करने के लिए ही बनाया गया है। इसको बाजार से आसानी खरीदा जा सकता है। अगर आप बिना खरीदे इसका उपयोग करना चाहते हैं तो आपके पास एक एंड्रॉयड ऑपरेटिंग वाला मोबाइल होना चाहिए। क्योंकि एंड्रॉयड मोबाइल फोन में कम्पाक को डाउनलोड करके इसका उपयोग किया जा सकता है। अगर आप कंपास को डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें ➩ कम्पास डाउनलोड करें विधि ( method)दिशा पता करने के लिए अपने मोबाइल में कम्पास को open ( खोलें )। अब मोबाइल की स्किन आसमान या उपर की तरफ रखें । आपको चित्रानुसार मोबाइल स्किन पर दिखेगा। इसमें S दक्षिण को, N उत्तर को, E पूर्व को और W पश्चिम दिशा को प्रदर्शित करेगा । SE दक्षिण - पूर्व को , NE उत्तर - पूर्व को, SW दक्षिण - पश्चिम को और NW उत्तर - पश्चिम दिशा को प्रदर्शित करेगा । अगर मान लिजिए ऊपर बताए गए कोई भी परिस्थिति संभव ना हो सके तो अब आपको निचे दी जा रही है ऐसी जानकारी जो आपको दिशा बता ही देगी। Dish / DTH की छतरी से दिशा पता करनादिशा पता करने के जितने भी तरिके हैं उन सभी में सबसे सरल और सुलभ है यह तरीका । क्योंकि dish / DTH की छतरी हम लगभग हर जगह ( भारत में ) पा सकते हैं। अब आती है बारी कि कैसे पता करें तो इसका उत्तर है dish / DTH का मुँह।
दिशा पता करने के लिए बस हमें छत या बिल्डिंग पर लगे dish / DTH छतरी को देखना है कि उसका मुँह किधर है बस समझो काम हो गया। दरअसल हर dish / DTH छतरी का मुँह थोड़़ा - सा भाग पूर्व में होता है तो ज्यादातर (75%) भाग दक्षिण दिशा में ही होता है। छतरी को अगर हम आगे से देख रहें हैं तो छतरी का दाहिना सिरा हल्का - सा (25%) पूर्व और बाँया सिरा लगभग (90%) दक्षिण में होता है। आप मोटे तौर पे यह मान सकते हैं कि छतरी का मुह दक्षिण दिशा में ही होता है। उम्मीद है अब दिशा आसानी से और लगभग हर व्यक्ति किसी भी समय में कर सकता है।
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पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशाओं का पता कैसे लगाएं?पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें?. पश्चिम जिस दिशा में सूर्य अस्त होता है अर्थात सूरज डूबता है, वह पश्चिम दिशा होती है। ... . उत्तर अगर आप पूर्व की तरफ मुँह करके खड़े हो जाये तो आपके बाएं हाथ की तरफ उत्तर दिशा होगी। ... . दक्षिण अगर आप पूर्व की तरफ मुँह करके खड़े हो जाये तो आपके दाएं हाथ की तरफ दक्षिण दिशा होगी।. मोबाइल से दिशा कैसे जाने?दिशा पता करने के लिए अपने मोबाइल में कम्पास को open ( खोलें )। अब मोबाइल की स्किन आसमान या उपर की तरफ रखें । आपको चित्रानुसार मोबाइल स्किन पर दिखेगा। इसमें S दक्षिण को, N उत्तर को, E पूर्व को और W पश्चिम दिशा को प्रदर्शित करेगा ।
कौन सी दिशा किस तरफ है?यदि आप सूर्य की तरफ मुख कर के खड़े होंगे तो आपका मुख पूर्व की ओर होगा, दक्षिण दिशा आपके दाएँ हाथ की तरफ होगी, बाएँ हाथ की तरफ उत्तर होगा और पश्चिम आपकी पीठ की ओर होगी।
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