Solution : धनायन बनने में प्रायः बाहा इलेक्ट्रॉन कोश समाप्त हो जाता है तथा प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक हो जाता है। Na परमाणु और `Na^(+)` आयन में क्रमशः 3 व 2 कोश है। Show आयन (ion) ऐसे परमाणु या अणु है जिसमें इलेक्ट्रानों और प्रोटोनों की संख्या समान होती है। इससे आयन में विद्युत आवेश (चार्ज) होता है। अगर इलेक्ट्रॉन की तादात प्रोटोन से अधिक हो तो आयन में ऋणात्मक (नेगेटिव) आवेश होता है और उसे ऋणायन (anion, ऐनायन) भी कहते हैं। इसके विपरीत अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से कम हो तो आयन में धनात्मक (पोज़िटिव) आवेश होता है और उसे धनायन (cation, कैटायन) भी कहते हैं एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटोन में बराबर का विद्युत आवेश (चार्ज) होता है। इसलिये किसी आयन का अवेश उसमें मौजूद प्रोटोनों की संख्या को उसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनों से घटाकर बताया जाता है। अगर प्रोटोनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश धनात्मक (पोज़िटिव) होता है और अगर इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश ऋणात्मक (नेगेटिव) होता है।
एक आयन मूल परमाणु से बड़ा क्यों है?चूंकि एक ऋणायन में इलेक्ट्रोन की संख्या, प्रोटॉन की संख्या से अधिक होती है इसलिए प्रभावी नाभिकीय आवेश कम हो जाता है तथा एंट्राएलेक्टनिक प्रतिकर्षण बढ़ जाता है। इस कारण आकार में फैलाव होता है।
Na आयन का आकार na परमाणु से छोटा होता है क्यों कारण?सोडियम आयन में प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ जाने से परमाणु आकार छोटा होता है जबकि क्लोराइड आयन में एक कक्षा बढ़ जाने से प्रभावी नाभिकीय आवेश घट जाता है जिसके कारण आयन का आकार बढ़ जाता है ।
Na व Na में किसका आकार बड़ा है और क्यों?UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : सोडियम (Na) का आकर मैगनीशियम (Mg) के आकार से बड़ा होता है।
समझाइए कि धनायन छोटे क्यों होते हैं और ऋणायन बड़े क्यों होते हैं?Solution : धनायन जनक परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन की कमी द्वारा बनते हैं। अतः इनकी त्रिज्याएं जनक तत्वों से छोटी होती हैं। दूसरी ओर, ऋणायन तब बनते हैं जब जनक परमाणु एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन को ग्रहण कर लेते हैं। अतः इनकी त्रिज्या जनक परमाणुओं से बड़ी होती हैं।
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